अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 : थीम इतिहास महत्व उद्देश्य | International women's day 2022 Theme History in Hindi

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 : थीम इतिहास महत्व उद्देश्य  
(International women's day 2022 Theme History in Hindi )

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 : थीम इतिहास महत्व उद्देश्य | International women's day 2022 Theme History in Hindi



अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कब मनाया जाता है


प्रतिवर्ष 8 मार्च को

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस प्रथम बार कब मनाया गया था
  • सर्वप्रथम वर्ष 1909 में यू.एस. द्वारा राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया।
  • वर्ष 1911 में  कुछ यूरोपियन देशों द्वारा प्रथम बार अंतरराष्ट्रीय  महिला दिवस मनाया गया।
संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा- 1977
  •  1977 में  संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रथम बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया।

राष्ट्रीय महिला दिवस
  • भारत में 13 फरवरी को राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। यह दिन सरोजिनी नायडू की जयंती का दिन है। यह दिन पहली बार 13 फरवरी 2014 को दिवंगत सरोजिनी नायडू की 135 वीं जयंती के दिन मनाया गया था।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास 


  • 1908  न्यूयॉर्क शहर में काम के कम घंटोंबेहतर वेतन  और वोटिंग के अधिकार की मांग के लिए 15 हजार महिलाएं सड़कों पर प्रदर्शन किया।
  • इस प्रदर्शन के एक साल बाद 1909 यूनाईटेड स्टेट ऑफ अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने प्रथम बार राष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने की घोषणा की.
  • क्लारा जेटकिन सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा महिला दिवस को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने का विचार प्रस्तुत किया गया था।
  • अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को पहली बार 1996 में ‘‘ अतीत का जश्नभविष्य की योजना‘‘ थीम के तहत मनाया गया था.


अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 की थीम

  • साल 2022 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम “‘Break the Bias’.” रखी गई है. 

  • पूर्वाग्रह को खत्म करें  


अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2021 की थीम

  • साल 2021 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम “Women in leadership: an equal future in a COVID-19 world” रखी गई है. 
  • यह थीम कोरोना महामारी के दौरान श्रमिकोंइनोवेटर आदि के रूप में दुनिया भर में लड़कियों और महिलाओं के योगदान को रेखांकित करती है.


अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2020 का विषय

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2020 का विषय है, “मैं पीढ़ीगत समानतार महिलाओं के अधिकारों को महसूस कर रही हूँ।” (I am Generation Equality: Realizing Women’s Rights)

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस उद्देश्य

  • पीढ़ीगत समानता अभियान के तहत हर लिंगआयुनस्लधर्म और देश के लोगों को एक साथ लाया जा सके तथा ऐसे अभियान चलाए जाए ताकि लैंगिक-समानता युक्त दुनिया का निर्माण हो सके।
  • लिंग आधारित हिंसा को समाप्त करनाआर्थिक न्याय और अधिकारों की प्राप्तिशारीरिक स्वायत्ततायौन तथा प्रजनन स्वास्थ्य के अधिकारजलवायु न्याय के लिये नारीवादी कार्यवाही तथा लैंगिक समानता के लिये प्रौद्योगिकी और नवाचारों का उपयोग जैसे लक्ष्यों की प्राप्ति की दिशा में छोटे-छोटे कार्यों द्वारा व्यापक परिवर्तन लाया जा सकता है।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस उत्सव की अब तक की  थीम


वर्ष                          उत्सव की थीम
1996  भूतकाल का जश्नभविष्य की योजना
1997महिला और शांति की मेज
1998महिला और मानव अधिकार
1999महिलाओं के खिलाफ हिंसा मुक्त विश्व
2000शांति के लिये महिला संसक्ति
2001महिला और शांति विरोध का प्रबंधन करती महिला
2002आज की अफगानी महिला वास्तविकता और मौके
2003लैंगिक समानता और शताब्दी विकास लक्ष्य
2004महिला और HIV AIDS
20052005 के बाद लैंगिक समानताय एक ज्यादा सुरक्षित भविष्य का निर्माण कर रहा है
2006निर्णय निर्माण में महिला
2007लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ हिंसा के लिये दंडाभाव का अंत 
2008महिलाओं और लड़कियों में निवेश
2009महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा को खत्म करने के लिये महिला और पुरुष का एकजुट होना
2010बराबर का अधिकारबराबर के मौके सभी के लिये प्रगति
2011शिक्षाप्रशिक्षण और विज्ञान और तकनीक तक बराबरी की पहुँचरू महिलाओं के लिये अच्छे काम के लिये रास्ता
2012ग्रामीण महिलाओं का सशक्तिकरणगरीबी और भूखमरी का अंत
2013
वादावादा होता है महिलाओं के खिलाफ हिंसा खत्म करने का अंत आ गया है
2014वादावादा होता हैर महिलाओं के समानता सभी के लिये प्रगति है
2015महिला सशक्तिकरण- सशक्तिकरण इंसानियत इसकी तस्वीर बनाओ
2016इसे करना ही होगा
2017परिवर्तन के लिए साहसिक
2018समय अब है ग्रामीण और शहरी कार्यकर्ता महिलाओं के जीवन में परिवर्तन
2019बैलेंस फार बैटर (अच्छाई के लिए संतुलन)
2020मैं पीढ़ीगत समानतार महिलाओं के अधिकारों को महसूस कर रही हूँ

भारतीय इतिहास की प्रमुख महिलाएं

सावित्रीबाई फुले


  • सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले भारत की प्रथम महिला शिक्षिकासमाज सुधारिका एवं मराठी कवयित्री थीं. उन्होंने अपने पति ज्योतिराव गोविंदराव फुले के साथ मिलकर स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए. वह प्रथम महिला शिक्षिका थीं. उन्हें आधुनिक मराठी काव्य का अग्रदूत माना जाता है. 1852 में उन्होंने बालिकाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की थी. सावित्रीबाई पूरे देश की महानायिका हैं. उनको महिलाओं और दलित जातियों को शिक्षित करने के प्रयासों के लिए जाना जाता है. सावित्रीबाई ने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जीया जिसका उद्देश्य था विधवा विवाह करवानाछुआछूत मिटानामहिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना

डॉक्टर आनंदी गोपाल जोशी


  • आनंदी पहली भारतीय महिला थींजिन्होंने डॉक्टरी की डिग्री हासिल की।
  • डॉक्टर आनंदी गोपाल जोशी का जन्म एक मराठी परिवार में 31 मार्च, 1865 को कल्याणथाणेमहाराष्ट्र में हुआ था। माता-पिता ने उनका नाम यमुना रखा। उनका परिवार एक रूढ़िवादी मराठी परिवार थाजो केवल संस्कृत पढ़ना जानता था। उनके पिता जमींदार थे। सिर्फ 9 साल की उम्र में उनकी शादी गोपालराव जोशी से हुई थी।
  • 883 में आनंदी गोपाल ने अमेरिका (पेनसिल्वेनिया) की जमीन पर कदम रखा। उस दौर में वे किसी भी विदेशी जमीन पर कदम रखने वाली पहली भारतीय हिंदू महिला थीं।
  • उन्नीस साल की उम्र में साल 1886 में आनंदीबाई ने एम.डी कर लिया। डिग्री लेने के बाद वह भारत लौट आई।
  • डॉक्टर आनंदी 1886 के अंत में भारत लौट आईं और अल्बर्ट एडवर्ड अस्पतालप्रिंसलि स्टेट ऑफ कोल्हापुर में एक महिला डॉक्टर के रूप में प्रभार संभाला।
  •  26 फरवरी, 1987 को मात्र 21 साल की उम्र में उनका निधन हो गया।

जस्टिस एम. फातिमा बीवी पहली महिला न्यायाधीश


  • जस्टिस एम. फातिमा बीवी ना सिर्फ भारत बल्कि पूरे एशिया की पहली ऐसी महिला रहीं जिन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद को शोभित किया था। इसके साथ ही मुस्लिम समाज की भी पहली ऐसी महिला थीं जिन्होंने इस बड़े ओहदे को प्राप्त किया था।
इन्दिरा गांधी प्रथम महिला प्रधानमंत्री 

  • इन्दिरा गांधी को भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री होने का गौरव प्राप्त है। वर्ष 1966 से 1977 तक वे इस बद पर बनी रहीं। इसके अलावा भारत रत्न प्राप्त करने वाली भी यह पहली भारतीय महिला थीं।
प्रथम महिला राष्ट्रपति

  • सत्ता और संचालन के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को उचित ना समझने वाले भारत के सर्वोच्च पद पर भी एक महिला आसीन रही हैं। प्रतिभा देवी सिंह पाटिल उसी महिला का नाम है जिन्होंने देश की प्रथम नागरिक यानि भारत की पहली महिला राष्ट्रपति होने का सम्मान हासिल किया है।


Women History in Hindi

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