जेंडर अर्थ व परिभाषा | जेंडर एवं सेक्स में अंतर | Women Empowerment in Hindi

 जेंडर अर्थ व परिभाषा , जेंडर एवं सेक्स में अंतर 

जेंडर अर्थ व परिभाषा | जेंडर एवं सेक्स में अंतर  | Women Empowerment in Hindi


जेंडर एवं सेक्स में अंतर

 

  • बोल-चाल की भाषा में प्रायः लोग जेंडर तथा सेक्स शब्द का प्रयोग एक ही अर्थ में करते हैं। जबकि यह कई अर्थों में भिन्न है। महिलाओं के मुद्दों पर कार्य करने से पूर्व इस विभेद को समझना आवश्यक है।

 

  • जेंडर एवं सेक्स में अंतर जानने के लिए हमें पहले स्त्री को वैज्ञानिक एवं सामाजिक संदर्भ में समझना होगा शाब्दिक अर्थों में जेंडर एवं सेक्स का अर्थ एक ही है लिंग लैंगिक असमानता की बात आती है तो जेंडर शब्द का इस्तेमाल किया जाता है सेक्स शब्द का उपयोग क्यों नहीं किया जाता? जबकि दोनों के अर्थ एक ही हैं। यह सवाल स्वाभाविक है। इसके लाक्षणिक अर्थ के अनुसार सेक्स शब्द प्राणिशास्त्रीय रूप में और जेंडर का उपयाग व्यापक सामाजिक संदर्भों में होता है।

 

जेंडर एवं सेक्स की जैविक एवं सामाजिक पृष्ठभूमि को समझने के लिए प्राणीशास्त्रीय तथ्यों के आधार पर विश्लेषण किया जाना आवश्यक है-

 

मनुष्येतर प्राणी और वनस्पति जगत में लिंग की स्थिति

  • प्राणी और वनस्पति जगत दो लिंगों की संभावनाओं में हमेशा नहीं बंटे होते। कुछ जीव बारी-बारी से नर एवं मादा होते हैं। कुछ एक एवं बहुकोषीय जीव या पादप एक लिंगी होते हैं जैसे अमीबा शैवाल केंचुआ आदि।

 

स्तनधारी जीवों की लैंगिक स्थिति 

स्तनधारी जीवों में लैंगिक विभिन्नताएं कई प्रकार की होती है। यहां हम मनुष्यों के संदर्भ में बात करेंगे- 

गुणसूत्र : 


  • स्तनधारी जीवों में प्रजनन के लिए मादा एवं नर होना आवश्यक है। मादा एवं नर का निर्धारण गुणसूत्रों के आधार पर तय होता है। मनुष्यों में 46 प्रकार के गुणसूत्र पाये जाते हैं। जो 23 जोड़े की संख्या में में होते हैं। 


  • मादा लिंग के निर्धारण के लिए XX तथा नर लिंग के निर्धारण के लिए XY गुणसूत्र उत्तरदायी होते हैं। मुनष्यों में लिंग निर्धारण में इन्हीं नर XY गुणसूत्रों की भूमिका होती है। यदि मादा के अंडाणु में XY गुणसूत्र वाले शुक्राणु का मेल होता है तो नर लिंग बनता है और XX गुणसूत्र मेल होता है तो मादा लिंग का निर्माण होता है। 
  • 1969 में अपराधशास्त्रीयों ने Y गुणसूत्र के बारे में नई खोज के बारे में बताया कि हिंसक अपराधों में लिप्त लोगों में XYY गुणसूत्र पाये जाते हैं जो उन्हें अधिक आकामक और विध्वंसक प्रवृत्ति वाली मानसिकता का बनाते हैं।

 

हार्मोन 

  • शारीरिक रचनाओं के निर्माण के लिए हार्मोन उत्तरदायी होते हैं। पुरुषों में टेस्टोस्टीरॉन और एंड्रोजन हार्मोन होता है जो नर लिंग के गुणों में वृद्धि करता है। उसी प्रकार महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन पाया जाता है जो उनमें मादा लिंग के गुणों की वृद्धि करता है। यह हार्मोन महिलाओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित करता है साथ ही धमनियों को लचीला बनाये रखता है जिससे उनमें दिल की बीमारियों की संभावना कम हो जाती है। गुणसूत्रों के लिंग निर्धारण के पश्चात् गर्भाशय में ही शारीरिक ढांचे का निर्माण प्रारंभ हो जाता है। जिसमें महिलाओं के शरीर के विशेष अंगों का निर्माण होता है जैसे हार्मोन, गर्भाशय, योनि, स्तन आदि।

 

  • केश एवं हड्डियाँ नर एवं मादा के भेद में हड्डियों का ढाँचा भी एक अंतर बताया जाता है। ढाँचे के आधार पर शक्ति का निर्धारण नहीं किया जा सकता। 1995 में अमेरिकी सेना द्वारा स्त्री के शारीरिक बल का अध्ययन कराया गया। जिनमें विभिन्न क्षेत्रों की बेडौल शरीर वाली महिलाओं का चयन किया गया। इन महिलाओं ने प्रशिक्षण के बल पर मात्र 6 माह में पुरुष सैनिकों के बराबर शारीरिक कुशलता हासिल कर ली।

 

मस्तिष्क : 

  • 1966 में इलीनॅर मैक्काबी ने पचास वर्षों के परीक्षणों को अपनी पुस्तक 'द डेवलपमेंट ऑफ सेक्स डिफरेंस में लड़के और लड़कियों पर किये संपूर्ण बुद्धि परीक्षण के परिणामों का विवरण दिया जिसमें दोनों के मानसिक एवं बौद्धिक स्तर में अंतर नहीं पाया गया।

 

प्रजनन

  • स्त्री और पुरुष की शारीरिक संरचना में यही एक बुनियादी अंतर है। महिलाओं में यह एक अतिरिक्त विशेषता है जो पुरुषों में नहीं पायी जाती वह है- गर्भाशय गर्भाशय की दीवार 28 दिन बाद टूटती है और वह प्रतिमाह रक्तस्राव के जरिये महिला के शरीर से बाहर निकल जाता है। इसी दरमियान वह गर्भवती हो जाती है तो इस प्रक्रिया में रोक लग जाती है। मासिक धर्म एक जैविक प्रक्रिया है। लेकिन इसे पवित्रता और अपवित्रता से जोड़कर समाज में कई तरह की भ्रांतियां व्याप्त हैं। किशोरावस्था से प्रजनन संबंधी तैयारी जैविक रूप से प्रारंभ हो जाती है जैसे लड़कियों में मासिक धर्म प्रारंभ होना, स्तनों का विकास आदि । लड़कों में यह दाढ़ी मूंछ का उगना आवाज का भारी हो जाना तथा शुक्राणुओं का निर्माण, स्वप्नदोष आदि के रूप में प्रकट होते हैं।

 

  • उपरोक्त संदर्भों से स्पष्ट है कि लिंग या सेक्स के निर्धारण में कोई अंतर नहीं है साथ ही स्त्री पुरुषों में जैविक दृष्टिकोण से भी अन्तर सिर्फ शारीरिक बनावट में है। फिर ऐसी क्या बात है कि लैंगिक असमानता विश्व में एक बड़ा मुद्दा है और आँकड़े दर्शाते हैं कि किस प्रकार महिलाओं के साथ लैंगिक भेदभाव है जो उनके गरिमामयी जीवन जीने के अधिकारों का भी हनन हो रहा है।

 

जेंडर अर्थ व परिभाषा

 

  • जेंडर अंग्रेजी भाषा का शब्द है जिसका अर्थ सेक्स से अलग है। यह शब्द 1970 के दशक में सामान्य प्रचलन में आया। इस शब्द का प्रयोग एक विश्लेषणात्मक वर्ग की तरह किया गया। जिससे महिला-पुरुषों के मध्य जैव शारीरिक भेदों व उनके आधार पर पुरूषोचित और स्त्रियोचित व्यवहार की व्याख्याओं में अंतर किया जा सके। महिला व पुरुष के मध्य जैव- शारीरिक भेद पूरी दुनिया में लगभग समान हैं। परन्तु विभिन्न समाजों में पुरुषोचित और स्त्रियोचित व्यवहारों की व्याख्या में बहुत अंतर पाया जाता है। जेंडर एक सामाजिक-सांस्कृतिक संप्रत्यय है। अर्थात् सामाजिक रूप से पुरूष अथवा महिला होने के क्या मायने हैं? समाज पुरुष व महिला में किस प्रकार भेद करता है? उनसे किस प्रकार की प्रत्याशाएं रखता है? समाज यह तय करता है कि स्त्री और पुरुषों को किस प्रकार की भूमिकाएं निभानी है।

 

जेंडर एवं सेक्स में अंतर

 

सेक्स

  • प्राकृतिक एवं प्राणीशास्त्रीय 
  • सार्वभौम लिंगों के मध्य जैव- शारीरिक अंतर व प्रजनन कार्य की प्रकृति पूरे विश्व में एक जैसी है।
  • लिंग में कोई परिवर्तन नहीं होता। चिकित्सा विज्ञान की मदद से लिंग परिवर्तन अपवाद हो सकते हैं।

जेंडर 

  • सामाजिक सांस्कृतिक 
  • स्थानीय पुरुषोचित एवं स्त्रियोचित - गुणों के मानकों की प्रकृति स्थानीय होती है। मातृसत्तात्मक एवं पितृसत्तात्मक समाज इसका उदाहरण हैं। 
  • जेंडर का स्वरूप परिवर्तनशील होता है। यह सामाजीकरण की एक प्रक्रिया है।


जेंडर शब्द का इस्तेमाल

  • सामाजिक पृष्ठभूमि में जब लैंगिक भेदभाव की बात की जाती है तो जेंडर शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। यहां पर जेंडर शब्द का उपयोग करने के पीछे की वजहों पर हमें जाना होगा। लैंगिक असमानता की बात आप तब तक नहीं कर सकते जब तक उसमें दोनों जेंडर की व्यापकता को नहीं समझते और उसे शामिल नहीं करते। इनमें से एक शासक और शोषक है जबकि दूसरा दमित और शोषित है।

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