नागरिक समाज (सिविल सोयसायटी) की पृष्ठभूमि | Civil Society Background

 

नागरिक समाज (सिविल सोयसायटी) की पृष्ठभूमि
Civil Society Background
नागरिक समाज (सिविल सोयसायटी) की पृष्ठभूमि | Civil Society Background


 

नागरिक समाज की पृष्ठभूमि

 

नागरिक समाज का अर्थ, नागरिक (CIVIL) और समाज (SOCIETY) दो शब्दों से मिलकर बना है। सिविल का अर्थ है -

  • नागरिक इसके अन्य धर्म भी है। नागरिकों से सम्बन्धित, दीवानी मामले नम्र और सहयोग करने वाला व्यक्ति, उत्तरदायी और संस्कृत व्यक्ति। सर्वप्रथम प्राचीन रोमन विचारकों ने राज्य के अर्थ में नागरिक समाज (Civil Society) शब्द का प्रयोग किया और इसे एक ऐसा समाज कहा जिसके सदस्य नागरिक के रूप मिलजुल कर रहते हैं तथा में नागरिक कानूनों का पालन करते है। 
  • सभ्य एवं संस्कृति जीवन व्यतीत करते है। 17वीं शताब्दी में जॉन लॉक ने 'नागरिक समाज' को 'राजनैतिक समाज' के समीपवर्ती माना और राज्य के सदस्यों के प्राकृतिक अधिकारों की चर्चा करते हुए कहा कि नागरिक समाज मानव समुदाय अनुशासन, व्यवस्था और सुरक्षा स्थापित करने का साधन है। 

  • मॉर्क्स ने राज्य और नागरिक समाज को पूंजीपतियों के संरक्षक के रूप में प्रस्तुत किया, जिसमें व्यक्ति को नागरिक के रूप में मान्यता दी जाती है, परन्तु आर्थिक शक्ति बुजुर्ग वर्ग के हाथों में केन्द्रित होने के कारण सारा कानून केवल इस वर्ग के हितों को बढ़ावा देत है। 
  • 20वीं शताब्दी ने एंटोनियों ग्रामशी ने अपने मार्क्सवादी विश्लेषण में नागरिक समाज में परिवार, पाठशाला और धार्मिक संस्थाओं को सम्मिलित किया है और इनको पूंजीवादी समाज को वैधता प्रदान करने वाली संरचना के रूप में विश्लेषित किया है। नागरिक समाज को राज्य में अलग-अलग भिन्न मानने का कार्य सर्वप्रथम राजनीतिक दार्शनिक जी0डब्ल्यू0एफ0 रिंग ने किया है।
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  • वस्तुतः नागरिक समाज की अवधारणा एक गतिशील विचार और इसके साथ सामाजिक आन्दोलन का विचार भी जुड़ा हुआ, जिसे नागरिकता के गत्यात्मक पक्ष के रूप में भी देखा गया है। जिसके साथ दायित्व व अधिकार जुड़े होते है। 
  • आजकल नागरिक समाज शब्द का प्रयोग मुख्यतः स्वैछिक्क समितियों (नागरिक समाज संगठन और गैर सरकारी संगठन के लिए किया जाता है। इन समितियों का मूल मुद्दा, गरीबों, उत्पीड़ितों और शोषक वर्ग की समस्या के लिए विरोध प्रकट करना है।
  •  वास्तव में आधुनिक समाजों के तीन मुख्य क्षेत्र माने जाते हैं- 1. सरकार, 2. बाजार, 3. नागरिक समाज। यही नागरिक समाज पहले के दो क्षेत्र सरकार और बाजार दर अपनी जागरूकता से नियंत्रण करता है। 
  • दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि नागरिक समाज की धारणा आर्थिक क्षेत्र में बाजार या राजनीतिक क्षेत्र में लोकतंत्र दोनों का पोषण करती है और वर्तमान अनेक गैर-सरकारी संगठन तथा अन्य संगठन नागरिक समाज के उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु क्रियाशील है।


नागरिक समाज (सिविल सोयसायटी) विषय सूची- 





सिविल सोसाइटी (नागरिक समाज) का अर्थ , प्रकृति और परिभाषा 

लोकतंत्र और नागरिक समाज  (सिविल सोसायटी)

नागरिक समाज (सिविल सोसायटी) और राज्य 

नागरिक समाज (सिविल सोसायटी) अवधारणीकरण- प्रमुख अंशदाता

श्रेष्ठ राजनीतिक अर्थशास्त्री 

हेजलः नागरिक समाज (सिविल सोसायटी) और राज्य

नागरिक समाज (सिविल सोसायटी) के बारे में मार्क्स के विचार 

नागरिक समाज (सिविल सोसायटी) के बारे में ग्रामस्की के विचार 




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