आचरण संहिता क्या होती है |आचरण संहिता की आवश्यकता |Code of Conduct in Hindi

  आचरण संहिता क्या होती है |आचरण संहिता की आवश्यकता

आचरण संहिता क्या होती है |आचरण संहिता की आवश्यकता |Code of Conduct in Hindi



आचरण संहिता क्या होती है 

  • जबकि आचरण संहिता (Code of Conduct) लोक सेवकों के आचरण एवं व्यवहार से संबंधित होता है। इसके लिए सरकार के द्वारा एक क्रमिक प्रक्रिया से आचरण नियमों को विकसित किया गया है। इसमें सरकार के द्वारा सिविल सेवकों के व्यवहारों की अपेक्षाओं को ध्यान में रखते हुए आचरण नियमावली तैयार की जाती है। कि लोक सेवकों के द्वारा कौन-कौन सा व्यवहार किया जाना और कौन-कौन सा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। आचरण संहितासिविल सेवकों के व्यवहारों की स्पष्ट व्याख्या वस्तुनिष्ठता के आधार पर करता है।

 

आचरण संहिता की आवश्यकता

 

  • शासन का उद्देश्य जनकल्याण है और लोक प्रशासन उन उद्देश्यों की प्राप्ति का साधन है। इसी रूप में प्रशासन को नैतिक कार्य तथा लोक प्रशासक को एक नैतिक अभिकर्ता माना जाता है। जन कल्याण रूपी उद्देश्य की प्राप्ति हेतु साधन की पवित्रता आवश्यक है। गाँधीजी का स्पष्ट कथन है कि जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में साध्य और साधन की पवित्रता आवश्यक है।

 

  • लोक कर्मचारियों को अनुशासन में बनाये रखनेउन्हें अपने दायित्वों का पालन करनेउनकी पदेन शक्तियों का दुरुपयोग रोकनेवैधानिक रूप से उन्हें अपने कार्यों के प्रति जवाबदेह ठहराने तथा उनके आचार व्यवहार के नियमन हेतु सरकार द्वारा बनाये गये नियमों के समूह को सिविल सेवा आचरण संहिता कहते हैं।

 

  • आचार्य कौटिल्य का कथन है कि- 'यथा राजा तथा प्रजा'। इस कथन का लोक प्रशासन की दृष्टि से अर्थ है कि लोक सेवकों को अपने कार्य व्यवहार का नैतिक स्तर ऐसा रखना चाहिए कि जनसाधारण के लिए अनुकरणीय आदर्श हो ।

 

  • प्रशासनिक सुधार आयोग का मानना है कि प्रशासन द्वारा उत्तम नीति से कार्य करना केवल इस बात पर ही निर्भर नहीं है कि इसके कर्मचारी अति योग्य होअपितु इस बात पर भी निर्भर है कि वे अपने वैयक्तिक आचरण को उच्च स्तर पर बनाये रखें और सरकारी कर्मचारियों के नियमों एवं अनुशासन का पूरा पालन करे। अतः इसके लिए आवश्यक है कि सरकारी कर्मचारियों को ठीक ढंग से काम करने के बारे में सुस्पष्ट रीति से प्रतिपादित किये गए नियमों की एक संहिता हो तथा इस बात की व्यवस्था की जाए कि जो कर्मचारी इन नियमों से तनिक भी विचलित होउसे दंडित किया जाए। अतः लोक सेवक अपने कर्त्तव्यों का पालन पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी से करे इसके लिए स्पष्ट आचार संहिता का होना आवश्यक है।

 लोक सेवकों के लिए आचार संहिता की आवश्यकता के कारण

लोक सेवकों के लिए आचार संहिता की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से हैं 

1. ईमानदारी एवं पूर्णनिष्ठा से कर्त्तव्यपालन हेतु

  • प्रशासनिक नैतिकता के लिए आवश्यक है कि लोक सेवक अपने कर्तव्यों का पालन पूर्ण निष्ठासच्चरित्रता और ईमानदारी से करें।

 

2. प्रशासनिक कार्यकुशलता के लिए

  • आचरण संहिता प्रशासनिक कार्य कुशलता की कुंजी है। आचार संहिता के कारण लोक सेवक अपने दायित्वों के सजगचुस्त और दुरूस्त रहते है तथा इसके भय से वे कर्त्तव्य विमुख और उच्छृंखल होने की बजाए अपने कार्य के प्रति सचेत रहते हैं।

 

3. राजनीतिक तटस्थता और निष्पक्षता के लिए

  •  आचरण संहिता नियमों के माध्यम से यह अपेक्षा की जाती है कि वे अपने कार्यकरण में राजनीतिक रूप से तटस्थ या निरपेक्ष रहेंगे तथा नीति निर्धारण एवं नीति क्रियान्वयन संबंधी अपने दायित्वों का निर्वहन निष्पक्षतापूर्वक करेंगे। उन्हें किसी भी राजनीतिक दल या व्यक्ति विशेष के पक्षधर होकर कार्य करने की अपेक्षा सरकारी नीतियों के अनुरूप कार्य करना चाहिए।

 

4. नैतिक आचरण के विकास हेतु

  • आचरण संहिता इसलिए भी आवश्यक है ताकि लोक सेवकों में नैतिक आचरण की भावना का विकास हो सके। लोक सेवकों से यह अपेक्षा की जाती है कि वे जनसाधारण के लिए कार्य करते हुए एक ऐसा श्रेष्ठ आदर्श प्रस्तुत करें जिसका अनुसरण जनता द्वारा किया जा सके।

 

5. सत्ता के दुरुपयोग को रोकने के लिए

  • लार्ड एक्टन के अनुसार सत्ता व्यक्ति को भ्रष्ट बनाती है। अतः सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की पदेन शक्ति को नियंत्रित करनेविवेकाधीन शक्तियों को नियंत्रित करने तथा सत्ता के दुरुपयोग की संभावना को रोकने हेतु आचार संहिता नियम आवश्यक है।

 

6. सार्वजनिक सम्पत्ति के दुरुपयोग को रोकने के लिए

  • अधिकारियों की स्वविवेकीय शक्तियों में वृद्धि ने पद के दुरुपयोग के साथ-साथ सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान / दुरुपयोग को रोकने हेतु प्रशासनिक नैतिकता बनाए रखने संबंधी नियमों का होना आवश्यक है।

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