विश्व बैंक समूह सामान्य ज्ञान | World Bank GK in Hindi | IBRD&IMF


World Bank GK in Hindi

विश्व बैंक समूह 

  • अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (International Bank for Reconstruction and Development-IBRD) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund-IMF) की स्थापना एक साथ वर्ष 1944 में अमेरिका के न्यू हैम्पशायर में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन (Breton Woods Conference) के दौरान हुई थी।
  • ब्रेटन वुड्स सम्मेलन को आधिकारिक तौर पर संयुक्त राष्ट्र मौद्रिक और वित्तीय सम्मेलन (United Nations Monetary and Financial Conference) के रूप में जाना जाता है।
  • 1 से 22 जुलाई, 1944 तक 44 देशों के प्रतिनिधि इस सम्मलेन में शामिल हुए थे।
  • इसका तात्कालिक उद्देश्य द्वितीय विश्वयुद्ध और विश्वव्यापी संकट से जूझ रहे देशों की मदद करना था।

 अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक को ही विश्व बैंक कहा जाता है।
  • इसका मुख्यालय अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन DC (पूर्व में District of Colombia) में है।
  • विश्व बैंक संयुक्त राष्ट्र से जुड़ी एक अहम संस्था है और यह कई संस्थाओं का समूह है। इसीलिये इसे विश्व बैंक समूह (World Bank Group) भी कहा जाता है।
  • वर्तमान में विश्व बैंक में 189 देश सदस्य हैं। 
  • विश्व बैंक का सदस्य बनने के लिये किसी भी देश को पहले अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम का सदस्य बनना ज़रूरी होता है।
  • इसका मुख्य उद्देश्य सदस्य राष्ट्रों को पुनर्निमाण और विकास के कार्यों में आर्थिक सहायता देना है।
  • यह एक अग्रणी विकास संस्थान हैजो विकासशील देशों में गरीबी से लड़ने तथा सतत् विकास को बढ़ावा देने के लिये ऋणगारंटीजोखिम प्रबंधन उत्पादों और विश्लेषणात्मक तथा सलाहकार सेवाएँ देने का काम करता है।
  • इसके सदस्य देश संयुक्त रूप से इसके लिये ज़िम्मेदार होते हैं कि कैसे इसका वित्तपोषण किया जाता है और इसका पैसा कैसे खर्च किया जाता है।
  • विश्व बैंक का प्रयास सतत गरीबी में कमी के उद्देश्य से सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों तक पहुँचने पर केंद्रित हैं।

विश्व बैंक अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष दोनों में अंतर

  • विश्व बैंक नीति सुधार कार्यक्रमों और परियोजनाओं के लिये ऋण देता है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष केवल नीति सुधार कार्यक्रमों के लिये ही ऋण देता है।
  • इन दोनों संस्थाओं में एक अंतर यह भी है कि विश्व बैंक केवल विकासशील देशों को ऋण देता है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के संसाधनों का इस्तेमाल निर्धन राष्ट्रों के साथ-साथ धनी देश भी कर सकते हैं।

विश्व बैंक समूह में शामिल संस्थान

विश्व बैंक समूह निम्नलिखित पाँच अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का एक ऐसा समूह है जो सदस्य देशों को आर्थिक-वित्तीय सहायता और वित्तीय सलाह देता है:

  1. International Bank for Reconstruction and Development-IBRD
  2. International Finance Corporation-IFC

  3. International Development Association-IDA

  4. Multilateral Investment Guarantee Agency-MIGA

  5.  International Centre for Settlement of Investment Disputes-ICSID 

1. पुनर्निर्माण और विकास के लिये अंतर्राष्ट्रीय बैंक (International Bank for Reconstruction and Development-IBRD)

  • IBRD की स्थापना वर्ष 1945 में हुई थी और वर्तमान में इसके 188 सदस्य हैं।
  • IBRD का उद्देश्य मध्यम विकास वाले देशों और ऋणग्रस्त गरीब देशों में ऋण, गारंटी और गैर-उधार सेवाओं के माध्यम से सतत् विकास को बढ़ावा देना है, जिसमें विश्लेषणात्मक और सलाहकार सेवाएँ शामिल हैं।
  • IBRD उन सदस्य देशों के स्वामित्व में है जिनकी मतदान शक्ति देश की सापेक्ष आर्थिक शक्ति के आधार पर इसकी पूंजी सदस्यता से जुड़ी हुई है।
  • IBRD दुनिया के वित्तीय बाज़ारों से अपना अधिकांश धन जुटाता है और वर्ष 1959 से इसने AAA रेटिंग बनाए रखी है। 
  • IBRD और IDA मिलकर विश्व बैंक का स्वरूप लेते हैं, जो विकासशील देशों की सरकारों को वित्तपोषण, नीति सलाह और तकनीकी सहायता प्रदान करता है।
  • यह विश्व बैंक के परिचालन खर्चों को वहन करता है तथा बेहद गरीब देशों के लिये IDA को धन प्रदान करता है। 

2. अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (International Finance Corporation-IFC)

  • वर्ष 1956 में स्थापित IFC 184 सदस्य देशों के स्वामित्व में है, जो सामूहिक रूप से नीतियों को निर्धारित करता है।
  • यह 100 से अधिक विकासशील देशों में उभरते बाज़ारों में कंपनियों और वित्तीय संस्थानों को रोज़गार सृजित करने, कर राजस्व जुटाने, कॉर्पोरेट प्रशासन और पर्यावरण प्रदर्शन में सुधार करने तथा उनके स्थानीय समुदायों में योगदान करने में सहायता देता है।
  • यह विकासशील देशों में विशेष रूप से निजी क्षेत्र पर केंद्रित सबसे बड़ा वैश्विक विकास संस्थान है।
  • IFC अंतर्राष्ट्रीय पूंजी बाज़ार में ऋण दायित्वों को पूरा करने के माध्यम से लगभग सभी ऋण गतिविधियों के लिये धन जुटाता है। 
  • वर्ष 1989 के बाद से IFC ने अपनी AAA रेटिंग बनाए रखी है।
  • यह आमतौर पर 7 से 12 साल की परिपक्वता वाले व्यवसायों और निजी परियोजनाओं को ऋण देता है।
  • इसके द्वारा किये जाने वाले निवेशों के लिये समान ब्याज दर की नीति नहीं है।
  • IFC अंतर्राष्ट्रीय लेन-देन के जोखिम को कम करने के लिये अपने वैश्विक व्यापार वित्त कार्यक्रम के माध्यम से 80 से अधिक देशों में 200 से अधिक अनुमोदित बैंकों के व्यापार भुगतान दायित्वों की गारंटी देता है।

3. अंतर्राष्ट्रीय विकास संघ (International Development Association-IDA)

  • IDA की स्थापना वर्ष 1960 में हुई थी और वर्तमान में इसके 173 देश सदस्य हैं।
  • IDA विश्व बैंक का वह हिस्सा है जो दुनिया के सबसे गरीब देशों की मदद करता है
  • 173 शेयरधारक देशों द्वारा प्रबंधित IDA का उद्देश्य आर्थिक विकास को बढ़ावा देना, असमानताओं को कम करना और लोगों की जीवन स्थितियों में सुधार के लिये अनुदान प्रदान करना है।
  • यह दुनिया के 75 सबसे गरीब देशों में बुनियादी सामाजिक सेवाओं हेतु सहायता प्रदान करने वाले सबसे बड़े स्रोतों में से एक है, इनमें से 39 अफ्रीका में हैं।
  • IDA रियायती शर्तों पर ऋण देता है अर्थात यह शून्य या बहुत कम ब्याज शुल्क लेता है और पुनर्भुगतान 30 से 38 वर्ष तक किया जा सकता है, जिसमें 5 से 10 साल की छूट अवधि भी शामिल है। 
  • यह समानता, आर्थिक विकास, रोज़गार सृजन, उच्च आय और बेहतर जीवन स्थितियों का समर्थन करते हुए सहायता प्रदान करता है। 
  • प्राथमिक शिक्षा, बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं, स्वच्छता और स्वच्छ पानी, कृषि, व्यापार जलवायु सुधार, बुनियादी ढाँचा और संस्थागत सुधारों के लिये भी IDA सहायता करता है। 

4. निवेश विवादों के निपटारे के लिये अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (International Center for Settlement of Investment Disputes-ICSID)

  • वर्ष 1966 में स्थापित ICSID एक स्वायत्त अंतर्राष्ट्रीय संस्था है। 
  • ICSID अभिसमय एक बहुपक्षीय संधि है जिसे विश्व बैंक के कार्यकारी निदेशकों द्वारा तैयार किया गया है ताकि बैंक के निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य को आगे बढ़ाया जा सके। 
  • इसका प्राथमिक उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय निवेश विवादों के सुलह और मध्यस्थता के लिये सुविधाएँ प्रदान करना है।
  • अधिकांश देशों ने अंतर्राष्ट्रीय निवेश संधियों और कई निवेश कानूनों और अनुबंधों में निवेशक-राज्य विवाद निपटान के लिये एक मंच के रूप में ICSID को मान्यता दी है। 
  • इसका नेतृत्व महासचिव द्वारा किया जाता है जो कार्यवाही के लिये तकनीकी और प्रशासनिक सहायता प्रदान करता है। इसके महासचिव को पंचाट न्यायाधिकरण या सुलह आयोग का गठन करने का अधिकार है। अधिकांश मामलों में न्यायाधिकरण में तीन मध्यस्थ होते हैं: निवेशक द्वारा नियुक्त, राज्य द्वारा नियुक्त और दोनों पक्षों के समझौते द्वारा नियुक्त। 

5. बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी (Multilateral Investment Guarantee Agency-MIGA)

  • 12 अप्रैल, 1988 को विश्व बैंक समूह के नए सदस्य के रूप में MIGA की स्थापना की गई। 
  • कानूनी तौर पर अलग और आर्थिक रूप से स्वतंत्र इकाई के रूप में व्यवसाय के लिये खोली गई MIGA में 179 देश सदस्य हैं।
  • MIGA को विकासशील देशों में गैर-वाणिज्यिक जोखिमों के खिलाफ निवेश बीमा के सार्वजनिक और निजी स्रोतों के पूरक के लिये बनाया गया था। 
  • यह ऋणदाताओं और निवेशकों को युद्ध जैसे राजनीतिक जोखिम के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करने का काम करती है। 
  • इसका उद्देश्य विकासशील देशों में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को बढ़ावा देना है ताकि आर्थिक विकास में मदद मिल सके, गरीबी को कम किया जा सके और लोगों के जीवन को बेहतर बनाया जा सके।
  • MIGA का गठन विकासशील देशों में गैर-वाणिज्यिक जोखिमों के खिलाफ निवेश और बीमा के सार्वजनिक और निजी स्रोतों के पूरक के तौर पर किया गया था। इन जोखिमों में मुद्रा की अनिश्चितता और हस्तांतरण प्रतिबंध; सरकार का विघटन; युद्ध, आतंकवाद और नागरिक गड़बड़ी; अनुबंध का उल्लंघन तथा वित्तीय दायित्वों के निर्वहन से भटकाव की स्थिति आदि शामिल हैं। 

विश्वबैंक का कार्यकारी निदेशक मंडल

विश्व बैंक समूह के चार संस्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाले कार्यकारी निदेशकों के चार बोर्ड हैं: 
  1. इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (IBRD), 
  2. अंतर्राष्ट्रीय विकास एजेंसी (IDA), 
  3. अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC) और 
  4. बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी (MIGA) 

विश्व बैंक का सबसे बड़ा शेयरधारक इसके अध्यक्ष का नाम प्रस्तावित करता है। अमेरिका विश्व बैंक का सबसे बड़ा शेयरधारक है और यही कारण है कि अब तक इसके सभी अध्यक्ष अमेरिकी ही रहे हैं।

विश्व बैंक समूह की सदस्यता

  • IBRD के आर्टिकल्स ऑफ एग्रीमेंट के तहत बैंक का सदस्य बनने के लिये किसी देश को पहले अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में शामिल होना अनिवार्य है।
  • IBRD की सदस्यता मिलने पर ही IDA, IFC और MIGA की सदस्यता मिलती है।
  • ICSID में सदस्यता IBRD के सदस्यों के लिये उपलब्ध होती है, किंतु जो IBRD के सदस्य नहीं हैं, लेकिन पार्टी ऑफ इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) के सदस्य हैं, उन्हें ICSID प्रशासनिक परिषद के आमंत्रण पर अपने सदस्यों के दो-तिहाई वोट का समर्थन मिलने पर ही सदस्यता दी जाती है।

विश्व बैंक समूह और भारत

  • भारत ब्रेटन वुड्स में किये गए समझौतों के मूल हस्ताक्षरकर्त्ताओं में से एक था, जिसने इंटरनेशनल बैंक फॉर रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट (IBRD) और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF)) की स्थापना की।
  • भारत वर्ष 1956 में IFC और 1960 में IDA के संस्थापक सदस्यों में भी शामिल था।
  • भारत जनवरी वर्ष 1994 में MIGA का सदस्य बना।
  • भारत ICSID का सदस्य नहीं है। इसके पीछे भारत का यह तर्क है कि ICSID कन्वेंशन निष्पक्ष नहीं है और इसके नियम विकसित देशों के पक्ष में झुके हुए हैं। ICSID में केंद्रीय अध्यक्ष विश्व बैंक का अध्यक्ष होता है। 
  • वर्ष 1949 में भारतीय रेल को ऋण देने के साथ IBRD द्वारा भारत को ऋण देने की शुरुआत हुई तथा वर्ष 1959 में भारत में IFC और वर्ष 1961 में IDA द्वारा पहला निवेश एक राजमार्ग निर्माण परियोजना पर किया गया।
  • 1950 के दशक के दौरान भारत हेतु विश्व बैंक के ऋण का एकमात्र स्रोत IBRD था। दशक के अंत तक भारत की बढ़ती ऋण समस्या विश्व बैंक समूह के सॉफ्ट लोन से जुड़े IDA के लॉन्च में एक महत्त्वपूर्ण कारक बनी।
  • विश्व बैंक समूह ने 2019-22 की अवधि में भारत के लिये 25-30 बिलियन डॉलर की योजनाओं हेतु ऋण प्रतिबद्धताओं को मंज़ूरी दी है।
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