GATT To WTO | WTO की स्थापना कैसे हुई |GATT व WTO में अन्तर

 

GATT To WTO 
GATT (General Agreement on Tariffs and Trade)
GATT To WTO | WTO की स्थापना कैसे हुई
विषय सूची 

WTO का इतिहास -प्रारंभ में WTO को GATT नाम से जाना जाता था

  • प्रारंभ में WTO को GATT (General Agreement on Tariffs and Trade) नाम से जाना जाता था, जिसका मुख्यालय जेनेवा (स्वीट्जरलैण्ड) में था। 
  • 1947 ई. में 23 देशों ने मिलकर GATT की स्थापना की थी। इसका मुख्य उद्देश्य विश्व के देशों के मध्य सीमा शुल्क को समाप्त कर मुक्त व्यापार को बढ़ावा देना था। 
  • यह 1948 ई. से प्रारंभ हुआ एवं भारत इसका वास्तविक संस्थापक देशों में से एक है।
  • आपसी व्यापार के मुद्दों को हल करने एवं एक न्यायासंगत व्यापारिक नियमों की रचना करने के लिए GATT ने कई वर्षों तक बैठकें (Rounds) आयोजित की। 


1947 ई. से 1994 ई. तक ऐसी 8 बैठकें हुईं, जो निम्नलिखित हैं -

 

वर्ष 

स्थान/नाम

देश

1947

जिनेवा

23

1949

टॉर्की 

13

1951

अन्नेसी

38

1956

जिनेवा

26

1960-1961

जिनेवा डिलन राउंड

26

1964-1967

जिनेवा कैनेडी राउंड

62

1973-1979

जिनेवा टोक्यो राउंड

102

1986-1994

जिनेवा उरुग्वे राउंड

123

01- हवाना राउंड (क्यूबा) 1947 ई.-23 देशों ने मिलकर GATT की स्थापना की। 

 

02- ऐनेसी राउंड (फ्रांस)- 1949 ई.।


3) टॉरके राउंड ( इंग्लैण्ड) 1950 ई.।

 

04- जेनेवा राउंड (स्वीट्जरलैण्ड) - 1956 ई.।

 

05- डिलन राउंड ( स्वीट्जरलैण्ड) 1960 61 ई.

  • यह बैठक जेनेवा में हुई, परन्तु डगलस डिलन के नाम पर इसे जाना गयाजो उस समय अंडर सेक्रेटरी ऑफ स्टेट थे।


06-  केनेडी राउंड (स्वीट्डरलैण्ड) - 1962-67 ई.यह बैठक भी जेनेवा में हुईपरन्तु अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ केनेडी नाम से इसे जाना जाता


7) टोक्यो राउंड (जापान)-1973-79 


08) उरुग्वे राउंड (उरुग्वे) 

  • 1986 ई. 1994 ई., उरुग्वे राउंड की समाप्ति के पश्चात् WTO की स्थापना की गई। 
  • यह 9 वर्षों तक चली। पूर्व सोवियत संघ के बिखरने एवं विकसीत औद्योगिक राष्ट्रों के प्रभाव के कारण विश्व व्यापार के लिए एक ऐसे संगठन की स्थापना पर बल दिया गया, जो मुक्त व्यापार, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, बौद्धिक संपदा अधिकार, कृषि एवं सेवा से जुड़े नियमों की रचना करें ये नियम बाध्यकारी हो एवं संगठन के सदस्य देशों के आपसी लाभ के लिए रचे गए हों। परन्तु विकासशील देशों के द्वारा नए नियमों का कई मुद्दों पर पुरजोर विरोध किया गया। तत्पश्चात् तात्कालिन डायरेक्टर जनरल आर्थर डंकल द्वारा एक नया ड्राफ्ट तैयार किया गया, जिसे डंकल ड्राफ्ट की संज्ञा दी गई। 
  • सहमति होने के पश्चात् इसे मराकाश संधि (1994 ई., मोरक्को) का नाम दिया गया एवं WTO की स्थापना कर दी गई, जिसने 1 जनवरी, 1995 ई. से कार्य करना प्रारंभ कर दिया। इसका मुख्यालय भी जेनेवा में है। इसमें 123 देशों ने हस्ताक्षर किए।

 

GATT WTO में अन्तर (Difference between GATT & WTO)

 

GATT  क्या है 

  • यह केवल एक संधि थी।
  • इसमें व्यापारिक मतभेद सुलझाने के लिए कोई संस्था नहीं थी।
  • यह केवल सीमा शुल्क एवं अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में विभिन्न देशों के कोटे के निर्धारण तक सीमित थी।
  • इसमें केवल विकसित देशों का ही प्रभूत्व था।

 

WTO क्या है 

 

  • यह एक आधुनिक संस्थान है। 
  • इसमें व्यापारिक मतभेद सुलझाने के लिए नियमित संस्था है।  
  • यह व्यापार से जुड़े सभी मुद्दों पर नियम बनाती है एवं सम्पूर्ण विश्व में मुक्त व्यापार के लिए प्रयासरत है। 
  • इसमें सभी देशों का समान प्रभुत्व है।


WTO ने GATT का स्थान क्यों लिया?

  • GATT  सिर्फ नियमों एवं बहुपक्षीय समझौतों का संग्रह था जिसमें संस्थागत ढाँचे का अभाव था।
  • GATT 1947 को समाप्त कर दिया गया और WTO ने GATT 1994 के रूप में इसके प्रावधानों को संरक्षित रखा तथा माल व्यापार संचालित करना जारी रखा।
  • सेवाओं के व्यापार एवं बौद्धिक संपदा अधिकारों को सामान्य GATT  नियमों द्वारा कवर नहीं किया गया था।
  • GATT ने परामर्श एवं विवाद समाधान प्रदान किया। यदि कोई GATT पक्षकार यह माने कि किसी अन्य GATT पक्षकार ने उसे व्यापारिक क्षति पहुँचाई है तो यह उस पक्षकार को GATT विवाद निपटान का आह्वान करने की अनुमति प्रदान करता  था।
  • GATT ने व्यापक  विशिष्टताओं के साथ एक विवाद प्रक्रिया निर्धारित नहीं की थी जिसके परिणामस्वरूप इसमें समय सीमा, विवाद पैनल की स्थापना में शिथिलता तथा GATT पक्षकारों द्वारा किसी पैनल रिपोर्ट पर स्वीकृति संबंधी अभाव थे।
  • इसने GATT को एक कमज़ोर विवाद निपटान तंत्र के रूप में स्थापित कर दिया।



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