पूर्वाग्रह का अर्थ |पूर्वाग्रह की विशेषताएँ | Prejudice Explanation in Hindi

पूर्वाग्रह का अर्थ ,
पूर्वाग्रह का अर्थ |पूर्वाग्रह की विशेषताएँ | Prejudice  Explanation in Hindi



पूर्वाग्रह का अर्थ

 

  • पूर्वग्रह या पूर्वाग्रह अंग्रेजी शब्द, 'Prejudice' का हिन्दी रूपान्तर है, Prejudice शब्द लैटिन भाषा के ‘Prejudium' से बना है, 'Prejudicium' में दो शब्द है- Pre. तथा Judicium.  Pre का अर्थ हैपहले तथा judicium का अर्थ है। judgement शाब्दिक अर्थ को ध्यान में रखते हुए यह कहा जा सकता है कि 'prejudice' अर्थात् पूर्वाग्रह से तात्पर्य व्यक्ति के किसी वस्तुतथ्यघटना अन्य व्यक्ति के बारे में एक पूर्व निर्णय से होता है।


  • पूर्वाग्रह एक तरह का पूर्वकल्पित विवेकहीन निर्णय है कुछ समाज मनोवैज्ञानिकों  ने इसे किसी धर्म, प्रजाति एवं समूह के प्रति दिखलाई जाने वाली एक तरह की नापसंदगी या घृणा कहा है तथा कुछ लोगों ने इसे उपर्युक्त व्यवहार के संबंध में किया जाने वाले आदर्शात्मक प्रत्यक्षण (Normative percepts) का एक संग्रह (Collection) माना है। स्पष्ट है कि पूर्वाग्रह के अर्थ के बारे में समाज वैज्ञानिकों के बीच मतभेद हैं।

 

 

पूर्वाग्रह- पूर्वाग्रह किस समूह एवं उसके राज्यों के प्रति एक अनुचित नकारात्मक मनोवृत्ति से है।

 

पूर्वाग्रह की विशेषताएँ- 

1. विवेकहीन, 

2. तर्कहीन, 

3. अमूर्तता, 

4. अर्जित, 

5. संवेगात्मक रंग, 

6. दृढ़ एवं स्थिर, 

7. कार्यात्मक, 

8. सामाजिक मानक

 

पूर्वाग्रह सकारात्मक प्रभाव

 

1. दमित इच्छाएँ पूर्ण 

2. रक्षा 

3. एकता 

4. सामाजिक व्यवहार

 

पूर्वाग्रह नकारात्मक प्रभाव

 

1. लक्ष्यों की अप्राप्ति 

2. जातिवाद 

3. भाषावाद 

4. क्षेत्रवाद 

5. साम्प्रदायिकता

 

समाज मनोवैज्ञानिकों की परिभाषाओं को देखने से यह स्पष्ट मालूम होता है कि इन लोगों ने पूर्वाग्रह को किसी वस्तु घटना या अन्य व्यक्तियों के प्रति एक तरह की मनोवृत्ति माना है।

 

पूर्वाग्रह की परिभाषाएँ 

सेकर्ड तथा बैकमैन के अनुसार पूर्वाग्रह-

पूर्वाग्रह एक मनोवृत्ति है जो व्यक्ति को किसी समूह या उसके सदस्यों के प्रति अनुकूल या प्रतिकूल ढंगों से सोचने, प्रत्यक्षण करने, अनुभव करने तथा क्रिया करने के लिए पहले से ही तत्पर बना देती हैं " 


फैल्डमैन के अनुसार पूर्वाग्रह


 "किसी समूह के सदस्यों के प्रति ऐसे स्वीकारात्मक निर्णय या मूल्यांकन को पूर्वाग्रह कहा जाता है जो मुख्यतः उस समूह की सदस्यता पर आधारित होता है न कि सदस्यों के विशेष गुणों पर।"

 

बेरोन तथा बर्न (Baron & Byrme 1977) के अनुसार पूर्वाग्रह

समाज मनोविज्ञान में पूर्वाग्रह को समान्यत: किसी प्रजातीय, मानवजातीय या धार्मिक समूह के सदस्यों के प्रति एक नकारात्मक मनोवृत्ति के रूप में परिभाषित किया जाता है। "

 

मेयर्स (Myers 1987) के अनुसार,पूर्वाग्रह

 "पूर्वाग्रह किसी समूह एवं उसके सदस्यों के प्रति एक अनुचित नकारात्मक मनोवृत्ति को कहा जाता है।

 

समाज मनोवैज्ञानिकों ने पूर्वाग्रह को एक तरह की मनोवृत्ति माना है। परन्तु कुछ लोगों ने इसे स्वीकारात्मक मनोवृत्ति माना है तथा कुछ लोगों ने इसे नकारात्मक मनोवृत्ति माना है।

 

उदारणार्थ- 

  • यदि कोई प्रोफेसर अपने किसी छात्र के प्रति स्वीकारात्मक रूप में पूर्वाग्रहित होते हैं, तो किसी अन्य छात्र द्वारा उसके बारे में शिकायत किये जाने पर भी वे उस छात्र के प्रति अपना स्नेह, प्यार एवं विवेकपूर्ण विचार बनाये रखते हैं। उसी तरह से नकारात्मक मनोवृत्ति के रूप में पूर्वाग्रह का एक उदाहरण इस प्रकार दिया जा सकता है. 

 

  • भारतीय समाज में दलितों के प्रति उच्च जाति के लोग प्रायः नकारात्मक रूप से पूर्वाग्रहित होते हैं। यही कारण है कि वे प्रायः दलितों को घृणा की दृष्टि से देखते हैं तथा उनके प्रति अधिक भेदभाव व्यक्त करते हैं। पूर्वाग्रह का अधिकतर प्रयोग इस नकारात्मक मनोवृत्ति के ही संदर्भ में लिया जाता है।

 

पूर्वाग्रह चाहे स्वीकारात्मक हो या नकारात्मक, यह एक मनोवृत्ति (attitude) हैं और मनोवृत्ति होने के नाते इसमें मनोवृत्ति के तीनों संघटक अर्थात संज्ञानात्मक संघटक, भावात्मक संघटक तथा व्यवहारात्मक संघटक मौजूद होते हैं। 

पूर्वाग्रह की स्थिति में संज्ञानात्मक संघटक से तात्पर्य किसी व्यक्ति या वस्तु के प्रति उन विचारों एवं विश्वासों से होता है जो एक तरफा (Simplistic) तथा अनुचित होते हैं। जैसे- उच्च जातियों का यह विचार को दलित गन्दे, गँवार, अछूते होते हैं। संज्ञानात्मक संघटक का उदाहरण है।

 

पूर्वाग्रह के इस विवेकहीन पक्ष की अभिव्यक्ति प्रायः रूढ़ियों (Sterotypes) रूप में व्यक्त की जाती है। संक्षेप में, रूढ़ियों से तात्पर्य किसी समूह के व्यक्ति के बारे में विश्वासों एवं विचारों का दृढ़ (rigid) एवं अति सरलीकृत (Oversimplified) सेट से होता है। बंगाली अक्सर कमजोर एवं मृदु स्वभाव के होते हैं जो हमारे समाज की प्रधान रूढ़िकृतियों में एक प्रमुख रूढ़िकृति का उदाहरण है।

 

हालाँकि सभी बंगाली कमजोर एवं मृदु स्वभाव के नहीं होते हैं फिर भी यह एक सामान्य धारणा ऐसी है जिसे हम रूढ़िवृत्ति (Stereotype) कहते है।


पूर्वाग्रह के भावात्मक संघटक में दूसरे समूह के सदस्यों का नकारात्मक मूल्यांकन (Negative evaluation) किया जाता है। जिसमें प्रायः घृणा, डर एवं विद्वेष (hostility) का भाव आदि होता है।

 

पूर्वाग्रह के व्यवहारात्मक संघटक में व्यक्ति दूसरे समूह के सदस्यों के प्रति खुलकर विभेद, अलगाव तथा दूसरे तरह के अप्रिय व्यवहार करता है उच्च जातियों के लोगों द्वारा विशेषकर गाँव में दलितों को अपने कुएँ से पानी नहीं लेने देना, गाँव की झुग्गी-झोपड़ी में रहने के लिए उन्हें बाध्य करना, पवित्र स्थानों में प्रवेश नहीं करने देना आदि पूर्वाग्रह के व्यवहारात्मक संघटक के उदाहरण हैं। 


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