पूर्वाग्रह की विशेषताएँ | Puvagrah Ki Visheshtayen

पूर्वाग्रह की विशेषताएँ | Puvagrah Ki Visheshtayen

 

पूर्वाग्रह की विशेषताएँ

 

पूर्वाग्रह का स्वरूप कार्यात्मक

  • पूर्वाग्रह का स्वरूप कार्यात्मक होता है क्योंकि इसमें कुछ फायदा भी व्यक्ति को होता है - उदाहरणार्थपूर्वाग्रह विद्वेष को उचित ठहराने में संतुष्टि प्रदान करता है। इसके द्वारा दमित इच्छाओं की संतुष्टि होती है। 


पूर्वाग्रह में वास्तविकता नहीं होती 

  • पूर्वाग्रह चाहे अनुकूल (favourable) हो या प्रतिकूलइसका सम्बन्ध वास्तविकता से नहीं होता है। पूर्वाग्रह सुनी-सुनाई बातों एवं पुराने रीति रिवाजों पर आधारित होती हैं। इसका सम्बन्ध वास्तविक हालातों से नहीं होता है। गाँव में उच्च जाति के लोग अभी भी दलितों के हाथ का छुआ खाना-पीना नहीं स्वीकार करते हैंक्योंकि उनका विश्वास है कि इससे धर्म भ्रष्ट हो जाता है तथा आत्मा अपवित्र हो जाती है।


पूर्वाग्रह सामाजिक मानक का अंश

  • पूर्वाग्रह की एक विशेषता यह भी है कि इसका निशाना कोई व्यक्ति विशेष नहीं होता है बल्कि पूरे समूह की ओर वह संचालित होता है। यही कारण है कि पूर्वाग्रह सामाजिक मानक के एक अंश के समान दिख पड़ता है। 
  • जातीय पूर्वाग्रह से ग्रसित उच्च जाति के लोग एक दलित से इसलिए घृणा करते हैं क्योंकि दलित का सम्बन्ध एक खास समूह से होता है। वैयक्तिक गुणों की श्रेष्ठता के बावजूद जो भी व्यक्ति उस समूह का सदस्य होगा उसके प्रति उच्च जाति के लोगों में उसी प्रकार का प्रतिकूल पूर्वाग्रह होगा।


पूर्वाग्रह में दृढ़ता (rigidity) 

  • पूर्वाग्रह में दृढ़ता (rigidity) पायी जाती है तथा यह स्थिर सामान्यीकरण पर आधारित होती है। पूर्वाग्रहित व्यक्ति के सामने उसके विश्वास एवं विचार के विरोधी विचार भी यदि प्रस्तुत किये जाते हैं तो वह अपने पूर्वाग्रह में परिवर्तन करने के लिए तैयार नहीं होता है। इसका कारण यह है कि पूर्वाग्रह का सम्बन्ध कुछ दृढ़ एवं स्थिर विचारोंअंधविश्वासों एवं सामाजिक रीति-रिवाजों से होता है न कि विवेकतर्क एवं बुद्धि से। स्पष्ट है कि पूर्वाग्रह काफी दृढ़ एवं स्थिर विचारों पर आधारित होता है। 


पूर्वाग्रह का स्वरूप

  • पूर्वाग्रह का स्वरूप कुछ ऐसा होता है कि इसमें विवेकतर्क एवं संगति (relevance) का कोई स्थान नहीं होता। उसके प्रकार के विरोधी तथ्य एवं सूचनाओं को व्यक्ति के सामने प्रस्तुत करने पर भी वह अपने पूर्वाग्रह पर अडिग रहता है। 


पूर्वाग्रह में संवेगात्मक


  • पूर्वाग्रह में संवेगात्मक रंग होता है और वह किसी समूह धर्म, जाति के लोगों के या तो अनुकूल होता है या प्रतिकूल होता है। यदि पूर्वाग्रह अनुकूल हुआ, तो व्यक्ति दूसरे समूह, तो जाति, धर्म या समूह के व्यक्तियों के प्रति घृणा, विद्वेष (Hostility) आदि संवेग मुख्य रूप से दिखलाता है। 


पूर्वाग्रह एक तरह की मनोवृत्ति

  • पूर्वाग्रह एक तरह की मनोवृत्ति है। अतः इसे आधुनिक समाज मनोवैज्ञानिकों ने एक अर्जित प्रक्रिया (acquired Process) माना है। बच्चा जब जन्म लेता है तो उसमें दूसरे समूह, धर्म, जाति के लोगों के प्रति न तो स्वीकारात्मक पूर्वाग्रह होता है और ना ही नकारात्मक पूर्वाग्रह होता है। जैसा वह परिवार के सदस्यों से अन्य समूह, धर्म तथा जाति के लोगों के बारे में सुनता है। उसी के अनुसार वह उनके बारे में पूर्वाग्रह विकसित कर लेता है। अतः समाज मनोवैज्ञानिकों ने पूर्वाग्रह को अर्जित प्रक्रिया कहा है।

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