पूर्वग्रह के कारण : सामाजिक सांस्कृतिक उपागम | Socio-cultural approach To Prejudice

पूर्वग्रह के कारण  : सामाजिक सांस्कृतिक उपागम 

(Socio-cultural approach) 

पूर्वग्रह के कारण  : सामाजिक सांस्कृतिक उपागम | Socio-cultural approach To Prejudice


 

सामाजिक सांस्कृतिक उपागम (Socio-cultural approach) 

सामाजिक सांस्कृतिक उपागम के अन्तर्गत पूर्वाग्रह के उद्भव (origin) विकास एवं सम्पोषण में समाजशास्त्रीय कारणों (sociological reasons) तथा सांस्कृतिक कारणों पर बल डाला गया है। फलतः इस उपागम के भीतर हम उन कारकों की व्याख्या करेंगे जिनका समाजशास्त्रियों एवं मानवशास्त्रियों द्वारा गहन रूप से अध्ययन किया गया है।


 सामाजिक सांस्कृतिक उपागम  प्रमुख कारक निम्नांकित

 

1. धार्मिक समूहन (Religiousaffiliation) 

  • भारत में अनेक धर्म मानने वाले लोग रहते हैं। विदेशों में भी लोगों के बीच कई तरह के धार्मिक समूहन पाये जाते हैं। किसी धर्म को मानने वाले व्यक्तियों में उस धर्म के प्रति अटूट विश्वास होता है। फलतः वह उस धर्म के नियमों रीति-रिवाजों और यहाँ तक कि अन्धविश्वासों को भी सहर्ष स्वीकार कर लेता है। धार्मिक विश्वास और अंधविश्वास की कड़ी इतनी मजबूत हो जाती है कि उस विशेष धर्म के समक्ष अन्य सभी धर्म उसे तुच्छ लगते हैं। फलस्वरूप अन्य धर्म के लोगों के प्रति उसकी मनोवृत्ति नकारात्मक हो जाती है और इससे पूर्वाग्रह का जन्म होता है।

 

  • अमेरिकन मनोवैज्ञानिकों ने भी व्यक्तियों के धार्मिक समूहन में अन्तर होने से पूर्वाग्रह में अन्तर होते पाया है ट्रियान्डिस एवं ट्रियान्डिस ने कैथोलिक्स प्रोटेस्टटेन्ट्स तथा यहूदी में प्रजातीय पूर्वाग्रह का अध्ययन किया और पाया कि कैथोलिक्स धर्म मानने वाले व्यक्तियों में इस तरह का पूर्वाग्रह सबसे अधिकउससे कम प्रोटेस्टेट धर्म मानने वाले व्यक्तियों में और सबसे कम यहूदियों में पाया जाता है।

 

II. शिक्षा (Education )

  • पूर्वाग्रह पर शिक्षा का प्रभाव काफी अधिक पड़ता है। समाज में व्यक्ति को शिक्षा अनौपचारिक (Informally) तथा औपचारिक दोनों रूप से दी जाती है। अनौपचारिक शिक्षा परिवार में सदस्यों द्वारा विशेषकर माता-पिता द्वारा बच्चों को दी जाती है। माता-पिता उन्हें इस बात की शिक्षा देते हैं कि किस समूह के बच्चों के साथ उन्हें खेलना चाहिएकोन समूह ठीक है और किस समूह से उन्हें दूर रहना चाहिए। माता-पिता यदि यह सिखलाते हैं कि उन्हें दलितों के बच्चों के साथ नहीं खेलना चाहिए तो ऐसी परिस्थिति में इन बच्चों में भी दलितों के प्रति एक नकारात्मक मनोवृत्ति विकसित हो जाती है। औपचारिक शिक्षा स्कूल या कॉलेज में व्यक्तियों को दी जाती है। औपचारिक शिक्षा अधिक होने से व्यक्तियों में किसी समस्या या अन्य व्यक्तियों के बारे में सही पृष्ठभूमि में सोचने की शक्ति विकसित होती है। फलस्वरूप ऐसे व्यक्तियों को पूर्वाग्रही (Prejudiced) करना आसान नहीं होता है। विदेशों एवं भारत में किये गये अध्ययनों से यह स्पष्ट हुआ है कि जैसे-जैसे औपचारिक शिक्षा के स्तर में वृद्धि होती है वैसे-वैसे पूर्वाग्रह की मात्रा में कमी आती है।

 

III. नगरीकरण (Urbanization) 

  • सामाजिक वैज्ञानिकों (social scientists). विशेषकर समाजशास्त्रियों का कहना है कि आजकल शहरी जिन्दगी में गंदगियाँकोलाहल तथा असुरक्षा काफी बढ़ गयी है। साथ-ही-साथ शहरों में अवैयक्तिक सम्बन्ध भी अधिक पाये जाते हैं। सिम्पसन तथा यिंगट ने एक अध्ययन किया और पाया कि अमेरिका में शहरी जिन्दगी में तमाम कठिनाइयों एवं मुसीबतों का कारण अधिकतर लोग अल्पसंख्यक समूह जैसे नीग्रोयहूदी आदि का छा जाना मानते हैं। फलस्वरूपइन लोगों में अल्पसंख्यक समूह के प्रति नकारात्मक मनोवृत्ति अर्थात पूर्वाग्रह पाया जाता है। इस तरह से हम देखते हैं कि नगरीकरण की बढ़ती समस्याओं से व्यक्तियों में पूर्वाग्रह का जन्म होता है। भारत में भी कुछ शहरों में नगरीकरण की समस्या काफी है जिससे व्यक्ति में शहरी जिंदगी के प्रति भिन्न-भिन्न तरह के पूर्वाग्रह (Prejudices) उत्पन्न हो रहे हैं।

 

IV. सामाजिक वर्ग (Social Class) 

  • सामाजिक वर्ग से तात्पर्य ऐसे व्यक्तियों के एक वर्ग या समूह से होता है। जिनका सामाजिक आर्थिक स्तर करीब-करीब समान होता है, समाज में तीन तरह के सामाजिक वर्ग सामान्यतः होते हैं- उच्च सामाजिक वर्ग, मध्यम सामाजिक वर्ग तथा निम्न सामाजिक वर्ग।

 

  • विलियम्स (Williams 1964) ने अपने अध्ययन में पाया कि उच्च वर्गीय गोरे, अमेरिकन यहूदी के प्रति अधिक पूर्वाग्रही होते हैं तथा निम्नवर्गीय गोरे, अमेरिकन नीग्रो के प्रति उच्च वर्गीय गोरे अमेरिकन की अपेक्षा अधिक पूर्वाग्रही होते हैं। हॉलिम शेड (1949) ने अपने अध्ययन में यह दिखलाया है कि निम्न सामाजिक आर्थिक समूह के लोग नीग्रो के प्रति उच्च सामाजिक, आर्थिक समूह के लोगों की अपेक्षा अधिक पूर्वाग्रही होते हैं। अर्थात उनमें नकारात्मक मनोवृत्ति की मात्रा अधिक होती है।


  • भारतीय समाजका अवलोकन करने पर यह पता चलता है कि उच्च सामाजिक आर्थिक मध्यम सामाजिक आर्थिक स्तर के लोगों में निम्न सामाजिक आर्थिक स्तर के लोगों प्रति नकारात्मक मनोवृत्ति होती है। परन्तु इस बात की प्रयोगात्मक पुष्टि अभी भी बाकी है । 


V. जाति (Caste)- 

  • भारतीय समाज विभिन्न वर्गों के अलावा (Caste) में भी बेटा हुआ है। अनेक ऐसे अध्ययन भारतीय मनोवैज्ञानिकों समाजशास्त्रियों द्वारा किये गये हैं जिनसे यह पता चलता है कि ऊँची जाति के लो पिछड़े जाति के लोगों के प्रति अधिक पूर्वाग्रही होते हैं।


  • प्रसाद (Prasad 1979) अपने अध्ययन में पाया कि उच्च जाति के हिन्दुओं में जाति पूर्वाग्रह निम्न जाति के हिन्दू की अपेक्षा अधिक होता है। उनके अध्ययन के अनुसार हिन्दू ब्राह्मणों में जाति पूर्वाध की मात्रा सबसे अधिक होती है।

 

VI. सामाजिक संघर्ष (Social conflict)

  • विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच संघर्ष होने से भी पूर्वाग्रह की उत्पत्ति होती है तथा उसका सम्पोषण (Maintenance) होता है। किसी समूह या राष्ट्र के साथ संघर्ष होने पर व्यक्तियों की मनोवृत्ति उस समूह या राष्ट्र के प्रति प्रतिकूल (Unfavourable) हो जाती है। दूसरे शब्दों में, लोग उस समय उस राष्ट्र के प्रति अधिक पूर्वाग्रही (Prejudiced) हो जाते हैं। सिन्हा एवं उपाध्याय (Sinha & Upadhyay 1960) ने एक अध्ययन किया जिसमें चीनी लोगों के प्रति पटना विश्वविद्यालय के छात्रों की रूड़ युक्तियों (sterotypes) की माप की गयी और पुनः उनकी रूड़ युक्तियों की माप उस समय को गयी जब दोनों देशों के बीच तनाव अधिकतम सीमा तक पहुंच गया था।

 

VII. शहरी ग्रामीण क्षेत्र (Urban-rural region)-

  • अनेक ऐसे अध्ययनों में यह पाया गया है कि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले व्यक्तियों में पूर्वाग्रह तथा रूढ़िवाद (Conservatism) की मात्रा शहरी क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्तियों के पूर्वाग्रह एवं  रूढ़िवाद की मात्रा से अधिक होती है। 


  • चटर्जी एवं उनके सहयोगियों ने अपने अध्ययन में पाया है कि ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों की अपेक्षा शहरी क्षेत्र के छात्रों में धार्मिक एवं यौन अधिक होता है। हसन एवं उनके सहयोगियों (Hanssan etal 1977) ने अपने अध्ययन में पाया कि हिन्दुओं के प्रति ग्रामीण ईसाई शहरी ईसाइयों की अपेक्षा अधिक पूर्वाग्रही होते हैं। अन्य इसी तरह के भारतीय अध्ययनों के आधार पर हम इस सामान्य नि पर पहुंचते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्तियों की अपेक्षा शहरी क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्तियों की मनोवृत्ति अधिक उदार होती है। फलस्वरूप इनमें पूर्वाग्रह की मात्रा  कम होती है।

 

VIII. जन समूह माध्यम (Mass media)


  • पूर्वाग्रह के निर्माण में जन समूह माध्यमों जैसे सिनेमा, टेलीविजन, समाचार-पत्र, रेडियो, पत्रिकाओं आदि की भूमिका सराहनीय है। इन माध्यमों द्वारा हमें दूसरे व्यक्तियों एवं समूहों के बारे में तरह-तरह की सूचनाएँ मिलती हैं। जिसके आधार पर पूर्वाग्रह (Prejudice) विकसित होता है। 


  • मार्गन (1982) ने अपने अध्ययन में पाया कि जो अमेरिकन महिलाएँ टेलीविजन पर सिर्फ वैसे कार्यक्रम देखती थीं जिनमें महिलाओं की परम्परागत भूमिका (traditional role) पर अधिक बल डाला जाता था, उनमें महिलाओं के परम्परागत व्यवहारों के प्रति अधिक अनुकूल पूर्वाग्रह विकसित हो गया।

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