MP me mughal kal ka itihas |मुगलकाल-मध्यप्रदेश का इतिहास

मुगलकाल-मध्यप्रदेश का इतिहास

मुगलकाल-मध्यप्रदेश का इतिहास Mughal Kal Madhya Pradesh Ke Itihas Me

  •  पानीपात का प्रथम युद्ध में 1526 ई. में बाबर ने इब्राहिम लोदी को हराकर मुगल साम्राज्य की नींव डाली।
  • बाबर ने मेदिनीराय को 1528 ई. में हराकर चंदेरी पर अधिकार कर लिया। कालिंजर (महोबा) का किला भी मुगल आधिपत्य में आ गया।
  • खानवा के युद्ध में (1527 ई.) बाबर में राणा सांगा को हराकर मालवा पर नियंत्रण कर लिया।
  • हुमायूँ ने पुनः बहादुरशाह से मालवा छिन लिया और कांलिजर पर भी अधिकार कर लिया
  • चौसा युद्ध (1939 ई.) में शेरशाह सूरी ने हुमायूँ को परास्त किया तथा मालवा और रायसेन दुर्ग पर अधिकार कर लिया।
  • कालिंजर अभियान के बाद लौटते समय शेरशाह की मृत्यु हो गई।
  • अकबर ने मालवा के शासक बाजबहादुर पर आक्रमण किया और बाजबहादुर के परास्त होने पर रूपमती ने आत्मदाह कर लिया।
  • 1564 ई. में अकबर ने गोंडवाना विजय हेतु आसफ खाँ को भेजा।
  • रानी दुर्गावती ने अपने अल्पायु पुत्र वीर नारायण की संरक्षिका बनकर मुगल सेना से युद्ध किया और अंततः वीरगति को प्राप्त हुई।
  • रीवा महाराज रामचंद्र को मुगल सेना ने हराया।
  • खानदेश की राजधानी बुरहानपुर पर आक्रमण कर अकबर ने अपनी अंतिम विजय के रूप में असीरगढ़ का किला जीत लिया। (बुरहानपुर)
  • शाहजहाँ के शासनकाल में वीरसिंह बंुदेला के पुत्र जुझारसिंह पर शाहजहाँ ने आक्रमण किया। जुझारसिंह ने आत्मसमर्पण कर दिया।
  • गोंडवाना शासक प्रेमनारायण के आग्रह पर औरंगजेब ने जुझारसिंह को पुनः परास्त कर देवीसिंह को ओरछा का शासक बना दिया। यह औरंगजेब का प्रथम युद्ध था।
  • औरंगजेब का जन्म दोहर (उज्जैन) में मुमताज महल के पुत्र के रूप में हुआ।

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