अगस्त 2022 के चर्चित व्यक्ति एवं प्रमुख जयंती | Person in News August 2022 in Hindi

   अगस्त 2022 के चर्चित व्यक्ति एवं प्रमुख जयंती , Person in News August 2022 in Hindi

अगस्त 2022 के चर्चित व्यक्ति एवं प्रमुख जयंती | Person in News August 2022 in Hindi



अगस्त 2022 के चर्चित व्यक्ति एवं प्रमुख जयंती


शहीद उधम सिंह  पुण्‍यतिथि

  • हाल ही में प्रधानमंत्री ने शहीद उधम सिंह की पुण्‍यतिथि 31 जुलाई, 2022 को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्‍होंने अपना सर्वस्‍व देश के लिये न्‍यौछावर कर दिया। उधम सिंह वर्ष 1899 में पंजाब के संगरूर ज़िले के सुनाम में पैदा हुएउन्हें ‘शहीद-ए-आजम’ सरदार उधम सिंह भी कहा जाता है जिसका अर्थ है 'महान शहीद'। इन्हें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी क्रांतिकारियों में से एक माना जाता है। 13 अप्रैल, 1919 को जलियाँवाला हत्याकांड से प्रभावित होकर वे क्रांतिकारी गतिविधियों और राजनीति में सक्रिय  हो गए। वे भगत सिंह से बहुत प्रभावित थे। वे वर्ष 1924 में औपनिवेशिक शासन को उखाड़ फेंकने के उद्देश्य से प्रवासी भारतीयों को संगठित करने के लिये गदर पार्टी में शामिल हुए। वर्ष 1927 में क्रांतिकारी गतिविधियों को अंजाम देने के लिये सहयोगियों और हथियारों के साथ भारत लौटते समय उन्हें अवैध रूप से आग्नेयास्त्र रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया तथा पाँच साल की जेल की सज़ा सुनाई गई। 13 मार्च, 1940 को उधम सिंह ने ईस्ट इंडिया एसोसिएशन और रॉयल सेंट्रल एशियन सोसाइटी की कैक्सटन हिल में एक बैठक में जनरल डायर के स्थान पर माइकल ओ'डायर को गोली मार दी। उधम सिंह को मौत की सज़ा सुनाई गई और 31 जुलाई, 1940 को लंदन के पेंटनविले जेल में फाँसी दे दी गई।


 

पिंगली वेंकैया जयंती

  • संस्कृति मंत्रालय नई दिल्ली में 02 अगस्त, 2022 को स्वतंत्रता सेनानी पिंगली वेंकैया की 146वीं जयंती के अवसर पर तिरंगा उत्सव का आयोजन कर रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री तिरंगा उत्सव में हिस्सा लेंगे। स्वतंत्रता सेनानी पिंगली वेंकैया ने देश के राष्ट्रीय झंडे को तैयार किया था। गांधी जी के अनुरोध पर उन्होंने भारत के राष्ट्रीय झंडे की परिकल्पना की थी। हालाँकि प्रारंभ में वेंकैया ने ध्वज में केवल लाल और हरे रंग का ही प्रयोग किया थाजो क्रमशः हिंदू तथा मुसलमान समुदायों का प्रतिनिधित्व करते थे। किंतु बाद में इसके केंद्र में एक चरखा और तीसरे रंग (सफेद) को भी शामिल किया गया। वर्ष 1931 में भारतीय राष्ट्रीय काॅॅन्ग्रेस द्वारा इस ध्वज को आधिकारिक तौर पर अपनाया गया। 4 जुलाई, 1963 को पिंगली वेंकैया की मृत्यु हो गई। तिरंगा उत्सव के इस कार्यक्रम के समापन के अवसर पर पिंगली वेंकैया के बहुमूल्य योगदान के लिये उनके सम्मान में स्मारक डाक टिकट जारी किया जाएगा। इस अवसर पर उनके परिवार को भी सम्मानित किया जाएगा एवं हर घर तिरंगा गीत और वीडियो भी जारी किया जाएगा।

अंडाल थिरुनाक्षत्रम जयंती

  • 1 अगस्त, 2022 को अंडाल थिरुनाक्षत्रम और प्रसिद्ध तमिल संत कवि अंडाल की जयंती हैजिन्हें देवी लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। उन्हें दक्षिण की मीरा कहा जाता है। तमिल महीने का पूरम दिवस अंडाल की जयंती के रूप में मनाया जाता है। पूरम हिंदू ज्योतिष में 27 नक्षत्रों में से एक है। अंडाल 12 अलवार संतों में से एक मात्र महिला संत है। जिन्होंने अपना संपूर्ण जीवन भगवान विष्णु की भक्ति के लिये समर्पित कर दिया था। माना जाता है कि उनका जन्म 7 वीं शताब्दी ईस्वी के दौरान श्रीविल्लिपुथुर में हुआ था। उन्हें भूमि देवी (धरती माता) का भी अवतार माना जाता है। श्रीविल्लीपुथुर मंदिर अंडाल को समर्पित है।


लॉन बॉल टीम स्पर्द्धा

  • बर्मिंघम राष्‍ट्रमंडल खेल में भारत ने चार पदक अपने नाम किये। महिला लॉन बॉल्स में इतिहास रचते हुए नयनमोनी सैकियापिक्‍कीलवली चौबे और रूपारानी तिर्की की टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 17-10 से हराकर स्‍वर्ण पदक जीता। इस प्रतियोगिता में भारत ने पहली बार स्‍वर्ण पदक जीता है। इसके बाद टेबल टेनिस में भारत को जीत हासिल हुईजब साथियान ज्ञानशेखरनशरथ कमलहरमीत देसाई और सनिल शेट्टी की टीम ने सिंगापुर को मात देकर एक और स्‍वर्ण पदक दिलाया।  इंग्लैंड के बर्मिंघम में  28 जुलाई से 8 अगस्त तक राष्ट्रमंडल खेलों के वर्ष 2022 के संस्करण का आयोजन किया जा रहा है। पहले राष्ट्रमंडल खेल का आयोजन वर्ष 1930 में हैमिल्टनकनाडा में किया गया थाजहाँ 11 देशों ने छह खेलों और 59 कार्यक्रमों में भाग लेने के लिये 400 एथलीटों को भेजा था। वर्ष 1930 से हर चार वर्ष के अंतराल पर (द्वितीय विश्व युद्ध के कारण वर्ष 1942 और वर्ष 1946 को छोड़कर) इन खेलों का आयोजन किया जाता है। 


सुरेश एन. पटेल

  • सुरेश एन0 पटेल ने 3 अगस्त, 2022 को केन्‍द्रीय सतर्कता आयुक्‍त (CVC) के रूप में शपथ ग्रहण की। राष्‍ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में उन्‍होंने राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में पद की शपथ ग्रहण की। सुरेश एन0 पटेल आंध्र बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी रह चुके हैं जिन्हें अप्रैल 2020 में सतर्कता आयुक्त नियुक्त किया गया था तथा 24 जून, 2022 से कार्यवाहक CVC के रूप में सेवारत थे । केंद्रीय सतर्कता आयोग (Central Vigilance Commission-CVC) एक शीर्षस्‍थ सतर्कता संस्‍थान है जो किसी भी कार्यकारी प्राधिकारी के नियंत्रण से मुक्‍त है तथा केंद्रीय सरकार के अंतर्गत सभी सतर्कता गतिविधियों की निगरानी करता है। यह केंद्रीय सरकारी संगठनों में विभिन्न प्राधिकारियों को उनके सतर्कता कार्यों की योजना बनानेउनके निष्‍पादनसमीक्षा एवं सुधार करने के संबंध में सलाह देता है। वर्ष 1964 में के. संथानम की अध्यक्षता वाली भ्रष्टाचार निरोधक समिति (Committee on Prevention of Corruption) की सिफारिशों पर सरकार द्वारा CVC की स्थापना की गई थी। वर्ष 2003 में केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम (The Central Vigilance Commission Act) द्वारा आयोग के सांविधिक दर्जे की पुष्टि कर दी गई। यह एक स्वतंत्र निकाय है जो केवल संसद के प्रति ज़िम्मेदार है। यह अपनी रिपोर्ट भारत के राष्ट्रपति को सौंपता है।


जगदीप धनखड़ 

  • जगदीप धनखड़ 11 अगस्त, 2022 को भारत के उपराष्‍ट्रपति पद की शपथ ग्रहण करेंगे। वर्तमान  उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडुु का कार्यकाल 10 अगस्त, 2022 को समाप्त हो जाएगा। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन-एनडीए के प्रत्याशी जगदीप धनखड़ देश के 14वें उपराष्ट्रपति चुने गए हैं। उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार व कॉन्ग्रेस की वरिष्ठ नेता मार्गरेट अल्वा पर बड़े अंतर से जीत दर्ज की है। नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का जन्म 18 मई, 1951 को राजस्थान के झुंझूनु ज़िले में एक किसान परिवार में हुआ। उन्होंने चितौड़गढ़ सैनिक स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। भौतिक शास्त्र से स्नातक डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने राजस्थान से ही वकालत की डिग्री हासिल कीऔर राजस्थान उच्च न्यायालय तथा सर्वोच्च न्यायालय में वकालत की। वर्ष 1989 में वह पहली बार राजस्थान के झुंझूनु लोकसभा की सीट से सांसद चुने गए थे। वर्ष 1990 में वह संसदीय राज्यमंत्री बने। वर्ष 1993 में अजमेर ज़िले के किशनगढ़ विधानसभा से राजस्थान विधानसभा के लिये चुने गए। वर्ष 2019 में उन्हें पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया गया। उपराष्ट्रपति भारत का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक कार्यालय है। वह पांँच वर्ष के कार्यकाल के लिये कार्य करता हैलेकिन कार्यकाल की समाप्ति के बावजूद तब तक पद पर बना रह सकता है जब तक कि उत्तराधिकारी द्वारा पद ग्रहण नहीं कर लिया जाता है। उपराष्ट्रपति राज्यों की परिषद (राज्यसभा) का पदेन अध्यक्ष होता है।


उदय उमेश ललित को देश का 49वाँ मुख्य न्यायाधीश

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सर्वोच्च न्यायालय के न्‍यायाधीश उदय उमेश ललित को देश का 49वाँ मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया है। न्‍यायाधीश ललित 27 अगस्‍त, 2022 को कार्यभार ग्रहण करेंगे। वर्तमान प्रधान न्‍यायाधीश न्‍यायाधीश एन वी रमणा 26 अगस्त, 2022 को सेवानिवृत्त होंगे।।न्‍यायाधीश उदय उमेश ललित को अगस्त 2014 में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। न्‍यायाधीश ललित ने दो कार्यकालों के लिये उच्‍चतम न्यायालय विधिक सेवा समिति के सदस्य के रूप में भी कार्य किया है। 9 नवंबर, 1957 को महाराष्ट्र के सोलापुर में जन्मेन्‍यायाधीश ललित को जून 1983 में महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल द्वारा अधिवक्‍ता के रूप में पंजीकृत किया गया था। जनवरी 1986 में सर्वोच्च न्यायालय आने से पहले उन्‍होंने दिसंबर 1985 तक बम्‍बई उच्च न्यायालय में वकालत की। भारत के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय (SC) के न्यायाधीशों को राष्ट्रपति द्वारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 124 के खंड (2) के तहत नियुक्त किया जाता है। मुख्य न्यायाधीश के पद के मामले में देश के निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश द्वारा अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश की जाती है। केंद्रीय विधि मंत्री द्वारा मुख्य न्यायाधीश की सिफारिश प्रधानमंत्री को हस्तांतरित की जाती है और प्रधानमंत्री उसी आधार पर राष्ट्रपति को सलाह देता है। द्वितीय न्यायाधीश मामले में वर्ष 1993 में सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय दिया था कि सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश को ही मुख्य न्यायाधीश के पद पर नियुक्त किया जाना चाहिये। सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम में भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में सर्वोच्च न्यायालय के चार अन्य वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं।


महर्षि अरबिंदो घोष की 150वीं जयंती

  • महर्षि अरबिंदो घोष की 150वीं जयंती और स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय 12 अगस्त, 2022 से 15 अगस्‍त, 2022 तक देश भर के 75 कारागारों में अरबिंदो के जीवन और दर्शन पर आधाारित कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य श्री अरबिंदो के दर्शनयोग और ध्यानसाथ ही आत्‍मचिंतन और आत्‍मबोध के माध्यम से कैदियों के जीवन में सुधार लाना है। मंत्रालय ने इन कार्यक्रमों के संचालन के लिये आध्‍यात्मिक विभूतियों और संगठनों के साथ भागीदारी की है। रामकृष्ण मिशनपतंजलिआर्ट ऑफ लिविंगईशा फाउंडेशन और सत्संग फाउंडेशन सहित पाँच संगठनों को 12 से 15 अगस्त तक देश के 23 राज्यों की जेलों में योगध्यान और श्री अरबिंदो की शिक्षायें प्रदान करने के कार्यक्रम आयोजित करने हेतु अनुबंधित किया गया है। अरबिंदो घोष का जन्म 15 अगस्त, 1872 को कलकत्ता में हुआ था। वह योगीदार्शनिककवि और भारतीय राष्ट्रवादी थे जिन्होंने आध्यात्मिक विकास के माध्यम से पृथ्वी पर दिव्य जीवन के दर्शन को प्रतिपादित किया। वर्ष 1902 से 1910 तक उन्होंने भारत को अंग्रेज़ों से मुक्त कराने हेतु संघर्ष में भाग लिया। उनकी राजनीतिक गतिविधियों के परिणामस्वरूप उन्हें वर्ष 1908 (अलीपुर बम कांड) में कैद कर लिया गया था। पांडिचेरी में उन्होंने आध्यात्मिक साधकों के एक समुदाय की स्थापना कीजिसने वर्ष 1926 में श्री अरबिंदो आश्रम के रूप में आकार लिया। 5 दिसंबर, 1950 को पांडिचेरी में उनका निधन हो गया।

 

पार्श्वगायक सुबन्ना

  • कन्नड़ भाषा के प्रसिद्ध पार्श्वगायक सुबन्ना का 11 अगस्त, 2022 को बंगलूरू में हृदयघात से निधन हो गया। वे 83 वर्ष के थे। वह दशकों तक कन्नड़ संगीत की दुनिया में छाए रहे। सुबन्ना पहले कन्नड़ गायक थेजिन्हें उनके गीत काडू कुडूर ओडि बेनडिटा के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। राष्ट्रकवि कुवेम्पु द्वारा लिखित 'बारीसु कन्नड़ दिंडीमावागाने के बाद वह कर्नाटक में प्रसिद्ध हो गए। उन्हें सुगमा संगीत के क्षेत्र में उनके योगदान के लिये जाना जाता हैयह एक शैली है जो कन्नड़ में कविता संगीत के लिये निर्धारित है। सुबन्ना ने कुवेम्पु एवं दा रा बेंद्रे जैसे प्रसिद्ध कवियों की कविताओं पर काम किया और गाया है तथा कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किये हैं। वह आकाशवाणी और दूरदर्शन के गायक भी थे और उन्होंने एक वकील के रूप में काम किया था।


डॉ. शंकर दयाल शर्मा जयंती

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 19 अगस्त, 2022 को पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर शंकर दयाल शर्मा को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी। स्वतंत्रता सेनानीवकील और राजनीतिज्ञ डॉ. शंकर दयाल शर्मा का जन्म 19 अगस्त, 1918 को भोपाल (मध्य प्रदेश) में हुआ था। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा आगरा और लखनऊ विश्वविद्यालयों से प्राप्त कीइसके पश्चात् उन्होंने ‘कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय’ से विधि (कानून) में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। वर्ष 1940 में लखनऊ में उन्होंने वकील के तौर पर प्रैक्टिस शुरू कीजिसके कुछ समय पश्चात् वे काॅन्ग्रेस में शामिल हो गए। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से भाग लेने के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और वे लगभग 8 महीनों तक जेल में रहे। वर्ष 1947 में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद डॉ. शंकर दयाल शर्मा स्वतंत्र भारत के राजनीतिक वातावरण में और अधिक सक्रिय हो गए एवं उन्होंने राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर कई महत्त्वपूर्ण राजनीतिक पदों पर कार्य किया। डॉ. शंकर दयाल शर्मा ने वर्ष 1992 से 1997 तक देश के नौवें राष्ट्रपति के तौर पर कार्य कियाउन्हें वर्ष 1984 में आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। 26 दिसंबर, 1999 को नई दिल्ली में 81 वर्ष की उम्र में डॉ. शंकर दयाल शर्मा का निधन हो गया

 

अंतिम पंघल- स्‍वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान

  • हरियाणा की 17 वर्षीय अंतिम पंघल बुलगारिया के सोफिया में अंडर-20 विश्‍व कुश्‍ती चैंपियनशिप में स्‍वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बन गई हैं। उन्‍होंने 53 किलोग्राम वर्ग में कज़ाखस्तान की एटलिन शागायेवा को 8-0 से हराया। भारत के लिये यह स्‍वर्ण पदक ऐतिहासिक है क्‍योंकि भारत को अंडर-20 विश्‍व चैंपियनशिप की महिला कुश्‍ती में अभी तक कोई स्‍वर्ण पदक नहीं मिला था। अंतिम पंघल हरियाणा में हिसार ज़िले के भगाना गाँव की निवासी हैं। सोनम मलिक ने 62 किलोग्राम और प्रियंका ने 65 किलोग्राम वर्ग में रजत पदक जीता। विश्व कुश्ती चैंपियनशिप संयुक्त विश्व कुश्ती द्वारा आयोजित शौकिया (Amateur) कुश्ती विश्व चैंपियनशिप हैं। पुरुषों का ग्रीको-रोमन कुश्ती टूर्नामेंट वर्ष 1904 में शुरू हुआ और पुरुषों का फ्रीस्टाइल कुश्ती टूर्नामेंट वर्ष 1951 में शुरू हुआ। महिला फ्रीस्टाइल कुश्ती टूर्नामेंट पहली बार वर्ष 1987 में आयोजित किया गया था।


अन्ना मणि जयंती

  • गूगल ने भारतीय भौतिक और मौसम वैज्ञानिक अन्ना मणि की 104वीं जयंती के अवसर पर उनके नाम के समर्पित डूडल का प्रदर्शन किया है। अन्ना मणि जिन्हें "भारत की मौसम महिला (Weather Woman Of India)" के रूप में भी जाना जाता है मौसम संबंधी उपकरणों में महत्त्वपूर्ण योगदान दियासाथ ही सौर विकिरणवायुमंडलीय ओज़ोन और पवन ऊर्जा माप पर शोधपत्र प्रकाशित किये। अन्ना मोदयिल मणि का जन्म वर्ष 1918 में केरल के पीरमेड/पीर्मदे में हुआ था। उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थानबेंगलुरु में सी.वी. रमन के साथ अपने वैज्ञानिक कॅरियर की शुरुआत कीजहाँ उन्होंने हीरों के प्रतिदीप्ति और अवशोषण प्रतिरूप तथा स्पेक्ट्रम का अध्ययन किया। वह वर्ष 1945 में इंपीरियल कॉलेजलंदन और बाद में ब्रिटिश मौसम विज्ञान कार्यालय गईंजहाँ उन्होंने मौसम संबंधी उपकरणों के विकास का अध्ययन किया। उन्होंने इंग्लैंड और स्कॉटलैंड में कई मौसम संबंधी उपकरणों के निर्माताओं एवं क्षेत्रीय वेधशालाओं का दौरा किया। बाद में भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) में कार्य प्रारंभ किया। वह अंतर्राष्ट्रीय ओज़ोन संघभारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमीअमेरिकी मौसम विज्ञान सोसायटीअंतर्राष्ट्रीय सौर ऊर्जा सोसायटीविश्व मौसम विज्ञान संगठन सहित कई संगठनों की सदस्य थीं। वह वर्ष 1976 में IMD के उप महानिदेशक के रूप में सेवानिवृत्त हुईं। उनका वर्ष 2001 में निधन हो गया।


मदर टेरेसा जयंती

  • शां‍ति दूत और पीड़ित मानवता की मददगार मदर टेरेसा की 26 अगस्त को 112वीं जयंती है। उनका जन्म 26 अगस्त 1910 मैसेडोनिया स्थित स्कोपजे के एक कैथोलिक परिवार में हुआ था और इनका नाम अगनेस गोंक्ष्हा बोजाक्ष्यु (Agnes Gonxha Bojaxhiu) रखा गया था। वह वर्ष 1929 में सिस्टर मैरी टेरेसा के रूप में भारत आई थी और अपने शुरुआती दिनों में दार्जिलिंग में कार्य किया। बाद में वह कलकत्ता आईं और उन्हें लड़कियों के लिये स्थापित सेंट मैरी हाई स्कूल में शिक्षण का कार्य सौंपा गया। उन्हें वर्ष 1948 में गरीबों के लिये कार्य करने हेतु कॉन्वेंट द्वारा सहमति प्रदान की गई थी। उसी वर्ष उन्होंने नीली पट्टी वाली सफेद साड़ी को सार्वजनिक रूप से जीवनभर पहनने का निर्णय किया। तीन नीली पट्टियों वाली साड़ी उत्तरी 24 परगना स्थित टीटागढ़ में बुनी जाती थी। करीब 4,000 साड़ियाँ सालाना बुनी जाती थीं और पूरे विश्व में ननों को वितरित की जाती थीं। उन्होंने भारत के दीन-दुखियों की सेवा की थीकुष्ठ रोगियों और अनाथों की सेवा करने में अपनी पूरी जिंदगी लगा दी। उनके इसी योगदान को देखते हुए उन्हें नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया था। 

 

अवध  बिहारी चौधरी

  • बिहार में 27 अगस्त, 2022 को राष्‍ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ विधायक अवध बिहारी चौधरी को सर्वसम्मति से राज्‍य विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया। राज्‍य में बदले राजनीतिक परिदृश्य में विजय कुमार सिन्हा के इस्तीफे के बाद अध्यक्ष पद रिक्‍त हो गया था। पीठासीन अधिकारी यानी विधानसभा अध्यक्ष विधानसभा एवं विधानसभा सचिवालय का प्रमुख होता हैजिसे संविधानप्रक्रियानियमों एवं स्थापित संसदीय परंपराओं के तहत व्यापक अधिकार प्राप्त होते हैं। विधानसभा के परिसर में उसका प्राधिकार सर्वोच्च है। सदन की व्यवस्था बनाए रखना उसकी ज़िम्मेदारी होती है और वह सदन में सदस्यों से नियमों का पालन सुनिश्चित कराता हैं। विधानसभा अध्यक्ष सदन के वाद-विवाद में भाग नहीं लेताबल्कि विधानसभा की कार्यवाही के दौरान अपनी व्यवस्थाएँ/निर्णय देता हैजो बाद में नज़ीर के रूप में संदर्भित की जाती हैं। विधानसभा में अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उपाध्यक्ष सदन का संचालन करता है और दोनों की अनुपस्थिति में सभापति रोस्टर का कोई एक सदस्य यह ज़िम्मेदारी निभाता है।

डॉ. समीर वी. कामत- रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) का अध्यक्ष नियुक्त

  • हाल ही में देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक डॉ. समीर वी कामत को रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग का सचिव तथा रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। डॉ. समीर कामत DRDO के वर्तमान अध्यक्ष जी. सतीश रेड्डी की जगह लेंगे। इसके अलावा कामत को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का वैज्ञानिक सलाहकार नियुक्त किया गया है। वे अगले आदेश या फिर 60 वर्ष की आयु पूरी करने तक इस पद पर रहेंगे। हालाँकि इससे पहले इन्हें नेवल सिस्टम्स एंड मैटेरिएल्स प्रभाग महानिदेशक 1 जुलाई 2017 में नियुक्त किया गया था। उनका पूरा नाम डॉ. समीर वेंकटपति कामत है। डॉ. कामत ने वर्ष 1985 में IIT खड़गपुर से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में बीटेक ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की थी। देश की रक्षा प्रणाली को मज़बूत बनाने के लिये डॉ. कामत ने कई तरह के बेहतरीन उपकरण और प्रणालियों को तैयार किया। DRDO की स्थापना वर्ष 1958 में रक्षा विज्ञान संगठन (Defence Science Organisation- DSO) के साथ भारतीय सेना के तकनीकी विकास प्रतिष्ठान (Technical Development Establishment- TDEs) तथा तकनीकी विकास और उत्पादन निदेशालय (Directorate of Technical Development & Production- DTDP) के संयोजन के बाद की गई थी। DRDO वर्तमान में 52 प्रयोगशालाओं का एक समूह है जो रक्षा प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों जैसे- वैमानिकीशस्त्रइलेक्ट्रॉनिक्सलड़ाकू वाहनइंजीनियरिंग प्रणालियाँइंस्ट्रूमेंटेशनमिसाइलेंउन्नत कंप्यूटिंग और सिमुलेशनविशेष सामग्रीनौसेना प्रणालीलाईफ साइंसप्रशिक्षणसूचना प्रणाली तथा कृषि में कार्य कर रहा है।

 

नीदरलैंड की रानी मैक्सिमा 

  • नीदरलैंड की रानी मैक्सिमा ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु से 29 अगस्त, 2022 को राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। राष्ट्रपति ने रानी मैक्सिमा का स्वागत किया तथा भारत और नीदरलैंड के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने के बारे में चर्चा की। बैठक के दौरान भारत के पूर्व राष्ट्रपति की अप्रैल 2022 में नीदरलैंड की राजकीय यात्रा को याद किया गया। राष्ट्रपति ने कहा कि अप्रैल 2021 में भारत-नीदरलैंड आभासी शिखर सम्मेलन के दौरान शुरू हुई 'जल पर रणनीतिक साझेदारीऔर द्विपक्षीय संबंधों के कई अन्य आयामों के संबंध में हाल के वर्षों में और मज़बूती देखी गई है। दोनों राजनेताओं ने सार्वभौमिक वित्तीय समावेशन के विभिन्न पहलुओं पर भी विस्तार से चर्चा की। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार प्रत्येक भारतीय को विभिन्न तरीकों के जरिये औपचारिक बैंकिंग सुविधाओं से जोड़ने और यह सुनिश्चित करने के लिये प्रतिबद्ध है कि सरकार द्वारा प्रदान किये जाने वाले लाभ अंतिम इच्छित लाभार्थी तक बिना किसी बाधा के पूरी मात्रा के साथ पहुँचें। रानी मैक्सिमा ने पिछले कुछ वर्षों में इस दिशा में भारत में हुई प्रगति की सराहना की। विकास हेतुु समावेशी वित्त के लिये संयुक्त राष्ट्र महासचिव की विशेष अधिवक्ता और G20 वैश्विक भागीदारी (GPFI) का मानद संरक्षक के रूप में रानी मैक्सिमा 29 से 31 अगस्त, 2022 तक भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं।


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