मई 2022 के चर्चित व्यक्ति एवं प्रमुख जयंती | Person in News May 2022 in Hindi

 मई 2022 के चर्चित व्यक्ति  (Person in News May 2022 in Hindi)

मई 2022 के चर्चित व्यक्ति एवं प्रमुख जयंती | Person in News May 2022 in Hindi



मई 2022 के चर्चित व्यक्ति  (Person in News May 2022 in Hindi)

हर्षदा शरद गरुड-आईडब्ल्यूएफ जूनियर विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक

  • हर्षदा शरद गरुड यूनान के हेराकलियोन में आयोजित आईडब्ल्यूएफ जूनियर विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय भारोत्तोलक बन गई हैं। हर्षदा से पहले इस चैंपियनशिप में पदक जीतने वाली सिर्फ दो भारतीय खिलाड़ी हैं। वर्ष 2013 में मीराबाई चानू ने कांस्‍य पदक, जबकि पिछले साल अचिंता श्युली ने रजत पदक जीता था। हर्षदा ने महिलाओं के 45 किलोग्राम भार वर्ग में 153 किलोग्राम वज़न उठाया, जिसमें स्‍नैच में 70 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में 83 किलोग्राम शामिल है। तुर्की की बेकटास कांसु ने रजत पदक जीता, जबकि मोल्‍डोवा की तेओडोरा लुमिनिता हिंकू ने कांस्‍य पदक अपने नाम किया। इसी वर्ग में हिस्सा ले रही एक अन्य भारतीय अंजलि पटेल कुल 148 किग्रा (67 किग्रा और 81 किग्रा) वज़न उठाकर पांँचवें स्थान पर रहीं। महाद्वीपीय और विश्व चैंपियनशिप में स्नैच, क्लीन एवं जर्क तथा कुल वज़न में अलग-अलग पदक दिये जाते हैं, जबकि ओलंपिक में सिर्फ कुल वज़न वर्ग में पदक दिया जाता है।

प्रियंका मोहिते कंचनजंगा पर्वत  चोटियों को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला

  • पश्चिमी महाराष्ट्र की सतारा निवासी प्रियंका मोहिते 05 मई, 2022 को कंचनजंगा पर्वत की चढ़ाई के बाद 8,000 मीटर से अधिक ऊँची पाँच चोटियों को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं।  प्रियंका ने 05 मई को शाम 4.52 बजे दुनिया की तीसरी सबसे ऊँची चोटी कंचनजंगा (8,586 मीटर) का अपना अभियान सफलतापूर्वक पूरा किया। प्रियंका मोहिते को वर्ष 2020 में तेनजिंग नार्गे एडवेंचर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने अप्रैल 2021 में माउंट अन्नपूर्णा चोटी को फतह किया था जो दुनिया की 10वीं सबसे ऊँची चोटी है। इसकी ऊँचाई 8,091 मीटर है।  30 साल की उम्र में ही प्रियंका मोहिते 8,485 मीटर की ऊँचाई वाले माउंट मकालू को भी फतह कर चुकी हैं। वह 5,895 मीटर ऊँचाई वाले माउंट किलिमंजारो की भी चढ़ाई कर चुकी हैं।


रवींद्रनाथ टैगोर 161वीं जयंती 

  • 07 मई, 2022 को देश भर में विश्व प्रसिद्ध कवि, साहित्यकार और दार्शनिक रवींद्रनाथ टैगोर की 161वीं जयंती मनाई जा रही है। रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 07 मई, 1861 को ब्रिटिश भारत में बंगाल प्रेसीडेंसी के कलकत्ता (अब कोलकाता) में हुआ था। उनके बचपन का नाम रोबिंद्रोनाथ ठाकुर था। बहुमुखी प्रतिभा के धनी रवींद्रनाथ टैगोर ने बांग्ला साहित्य और संगीत को काफी महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित किया। इसके अलावा उन्होंने 19वीं सदी के अंत एवं 20वीं शताब्दी की शुरुआत में प्रासंगिक आधुनिकतावाद के साथ भारतीय कला का पुनरुत्थान किया। रवींद्रनाथ टैगोर एक नीतिज्ञ, कवि, संगीतकार, कलाकार एवं आयुर्वेद-शोधकर्त्ता भी थे। उन्होंने मात्र 8 वर्ष की आयु में ही कविता लिखना शुरू कर दिया था और 16 वर्ष की आयु में उनका पहला कविता संग्रह प्रकाशित हुआ था। रवींद्रनाथ टैगोर का मानना था कि उचित शिक्षा तथ्यों की व्याख्या नहीं करती है, बल्कि जिज्ञासा को बढ़ाती है। रवींद्रनाथ टैगोर को उनकी काव्य रचना ‘गीतांजलि’ के लिये वर्ष 1913 में साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार दिया गया था और इस तरह वह नोबेल पुरस्कार जीतने वाले पहले गैर-यूरोपीय थे। ‘गीतांजलि’ को मूल रूप से बांग्ला भाषा में लिखा गया था तथा बाद में इसका अंग्रेज़ी में अनुवाद किया गया। भारतीय राष्ट्रगान (जन गण मन), बांग्लादेश का राष्ट्रगान (आमार सोनार बांग्ला) भी उनके द्वारा ही रचित है। श्रीलंका के राष्ट्रगान को भी उनकी रचनाओं से प्रेरित माना जाता है। ज्ञात हो कि रवींद्रनाथ टैगोर ने ही महात्मा गांधी को ‘महात्मा’ की उपाधि दी थी।


महाराणा प्रताप सिंह की जयंती 9 मई

  • महाराणा प्रताप सिंह (Maharana Pratap Singh) की जयंती 9 मई को मनाई जाती है। महाराणा प्रताप  मेवाड़ (वर्तमान राजस्थान) के 13वें राजा थे। राणा प्रताप सिंह, जिन्हें महाराणा प्रताप के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 9 मई, 1540 में राजस्थान के कुंभलगढ़ में हुआ था। महाराणा उदय सिंह द्वितीय ने अपनी राजधानी चित्तौड़ से मेवाड़ राज्य पर शासन किया। उदय सिंह द्वितीय द्वारा उदयपुर (राजस्थान) शहर की स्थापना की गई। वर्ष 1576 में मेवाड़ के महाराणा प्रताप सिंह और मुगल सम्राट अकबर की सेना के मध्य हल्दीघाटी का युद्ध लडा गया था, जिसमें मुगल सेना का नेतृत्त्व आमेर के राजा मान सिंह द्वारा किया गया था। महाराणा प्रताप ने इस युद्ध को वीरतापूर्वक लड़ा, लेकिन मुगल सेना ने उन्हें पराजित कर दिया। ऐसा कहा जाता है कि महाराणा प्रताप को युद्ध के मैदान से बाहर निकालने के दौरान ‘चेतक’ (Chetak) नामक उनके वफादार घोड़े ने अपनी जान दे दी, वर्ष 1579 के बाद मेवाड़ पर मुगलों का प्रभाव कम हो गया और महाराणा प्रताप ने कुंभलगढ़, उदयपुर और गोगुन्दा सहित पश्चिमी मेवाड़ को पुनः प्राप्त कर लिया। इस अवधि के दौरान उन्होंने वर्तमान डूंगरपुर के पास एक नई राजधानी चावंड (Chavand) का निर्माण भी किया। 19 जनवरी, 1597 को महाराणा प्रताप का निधन हो गया। महाराणा प्रताप की मृत्यु के बाद उनके पुत्र राणा अमर सिंह ने उनका स्थान लिया और मुगलों के विरुद्ध वीरतापूर्वक संघर्ष किया, हालाँकि वर्ष 1614 में राणा अमर सिंह ने अकबर के पुत्र सम्राट जहाँगीर के साथ संधि कर ली।


पुलित्ज़र पुरस्कार-फोटोग्राफर दानिश सिद्दिकी

  • दिवंगत फोटोग्राफर दानिश सिद्दिकी को वर्ष 2022 का पुलित्ज़र अवॉर्ड  मिला है। पुरस्कार विजेताओं में भारतीय पत्रकार अदनान आबिदी, सना इरशाद मट्टू, अमित दवे का नाम शामिल है। फोटोग्राफर दानिश सिद्दिकी की तालिबान और अफगान सेना के संघर्ष के दौरान मौत हो गई थी। पुलित्ज़र पुरस्कार को पत्रकारिता के क्षेत्र में अमेरिका का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान माना जाता है। इस पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 1917 में की गई थी, जिसे कोलंबिया विश्वविद्यालय और ‘पुलित्ज़र पुरस्कार बोर्ड’ द्वारा प्रशासित किया जाता है। 'पुलित्ज़र पुरस्कार बोर्ड' का गठन कोलंबिया विश्वविद्यालय द्वारा नियुक्त न्यायाधीशों द्वारा होता है। यह पुरस्कार प्रसिद्ध समाचार पत्र प्रकाशक जोसेफ पुलित्ज़र के सम्मान में दिया जाता है। जोसेफ पुलित्ज़र ने कोलंबिया विश्वविद्यालय में पत्रकारिता स्कूल को शुरू करने तथा पुरस्कार की शुरुआत करने के लिये अपनी वसीयत से धन दिया था।


मशहूर संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा का निधन

  • देश के मशहूर संतूर वादक पंडित शिवकुमार शर्मा का 10 मई, 2022 को निधन हो गया। वे 84 साल के थे। उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है। भारत की महान शास्त्रीय संगीत परंपरा में संतूर एक अभिन्न अंग है लेकिन इस लोक वाद्ययंत्र को शास्त्रीय परंपरा के एक अहम वाद्य के रूप में स्थापित करने का श्रेय पंडित शिवकुमार शर्मा को जाता है। संतूर भारत के सबसे लोकप्रिय वाद्ययंत्रों में से एक है जिसका प्रयोग शास्त्रीय संगीत से लेकर हर तरह के संगीत में किया जाता है।संतूर मूल रूप से कश्मीर का लोक वाद्ययंत्र है और इसे सूफ़ी संगीत में इस्तेमाल किया जाता था। संतूर की उत्पत्ति लगभग 1800 वर्ष से भी पूर्व ईरान में मानी जाती है, बाद में यह एशिया के कई अन्य देशों में प्रचलित हुआ और उन देशों ने इसे अपनी सभ्यता एवं संस्कृति के अनुसार इसके रूप में परिवर्तन किये। संतूर का भारतीय नाम 'शततंत्री वीणा' यानी ‘सौ तारों वाली वीणा’ है जिसे बाद में फारसी भाषा से संतूर नाम मिला।

बालकृष्ण विट्ठलदास दोशी- रॉयल गोल्ड मेडल, 2022

  • अहमदाबाद स्थित ‘बालकृष्ण विट्ठलदास दोशी’ को ‘रॉयल इंस्टीट्यूट ऑफ ब्रिटिश आर्किटेक्ट्स’ (RIBA) द्वारा ‘रॉयल गोल्ड मेडल, 2022 से सम्मानित किया गया है, जो कि वास्तुकला के लिये विश्व का सर्वोच्च सम्मान है। 94 वर्षीय बालकृष्ण दोशी को उनके सात दशकों लंबे कॅरियर के दौरान देश भर में 100 से अधिक परियोजनाओं को पूरा करने के लिये यह सम्मान दिया जा रहा है। गौरतलब है कि ‘रॉयल गोल्ड मेडल’ एक ऐसे व्यक्ति या समूह को प्रदान किया जाता है, जिसका वास्तुकला की उन्नति में महत्त्वपूर्ण योगदान रहा हो। वर्ष 2018 में वह प्रित्ज़कर आर्किटेक्चर पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय बने। इस पुरस्कार को वास्तुकला का नोबल पुरस्कार कहा जाता है। रॉयल गोल्ड मेडल प्राप्त करने के बाद वह दोनों पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। उन्हें वर्ष 2020 में भारत सरकार द्वारा पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। यह देश का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार है। उनकी कुछ महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं में भारतीय प्रबंधन संस्थान, बैंगलोर, अहमदाबाद स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर, अरण्य लो-कॉस्ट हाउसिंग, भारतीय प्रबंधन संस्थान, उदयपुर, टैगोर हॉल और मेमोरियल थियेटर, अहमदाबाद तथा निफ्ट दिल्ली शामिल हैं।


कैटलिन नोवाक हंगरी की पहली महिला राष्ट्रपति 

  • कैटलिन नोवाक हंगरी की पहली महिला राष्ट्रपति चुनी गई हैं। वह 44 साल की उम्र में हंगरी की सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति भी हैं। राष्ट्रपति के रूप में उन्होंने जेनोस एडर की जगह ली है। नोवाक पाँच साल के कार्यकाल के लिये इस पद पर रहेंगी। वर्ष 2022 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान पीटर रोना उनके प्रतिद्वंद्वी थे। वह Fidesz – हंगेरियन सिविक एलायंस की सदस्य हैं। उन्होंने वर्ष 2018 से 2022 तक नेशनल असेंबली के सदस्य के रूप में भी काम किया है। चौथी विक्टर ओर्बन सरकार के तहत उन्होंने वर्ष 2020 से 2021 तक पारिवारिक मामलों की मंत्री के रूप में भी कार्य किया था।


दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति यूं सुक-योल

  • 10 मई, 2022 को सियोल की नेशनल असेंबली में मुख्य विपक्षी पीपुल्स पावर पार्टी के 60 वर्षीय यूं सुक-योल ने दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। यूं सुक-योल ने दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति के रूप में मून जे-इन की जगह ली है, जो देश के 12वें राष्ट्रपति थे। उन्होंने ऐसे समय में पदभार ग्रहण किया जब देश का उत्तर कोरिया के साथ अत्यधिक तनाव चल रहा है। राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही यूं सुक-योल ने उत्तर कोरिया को परमाणु मुक्त करने का आह्वान किया। हाल ही में भारत और दक्षिण कोरिया व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (CEPA) के उन्नयन संबंधी वार्ता पर चर्चा को नई गति प्रदान करने और दोनों देशों के उद्योग जगत के नेताओं के बीच व्यापार एवं निवेश पर व्यापक ‘B2B’ (व्यवसाय से व्यवसाय) वार्ता को बढ़ावा देने पर सहमत हुए है तथा भारत ने दक्षिण कोरिया के साथ CEPA पर हस्ताक्षर किये हैं।


फ्रांँस की नई प्रधानमंत्री एलिज़ाबेथ बोर्न

  • 16 मई,2022 को फ्रांँस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने लेबर पार्टी की नेता एलिज़ाबेथ बोर्न को देश की नई प्रधानमंत्री नियुक्त किया है। 30 साल में दूसरी बार किसी महिला को फ्रांँस का प्रधानमंत्री बनाया गया है। फ्रांँस के प्रधानमंत्री ज्यां कास्तेक्स ने पिछले महीने मध्यमार्गी इमैनुएल मैक्रों के दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने के बाद अपेक्षित कदम के तहत सोमवार को इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद फ्रांँस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने सोमवार को एलिज़ाबेथ बोर्न को देश की नई प्रधानमंत्री नियुक्त किया, जो तीन दशकों में यह पद संभालने वाली पहली महिला होंगी। यानी कि 30 साल में दूसरी बार किसी महिला को फ्रांँस का प्रधानमंत्री बनाया गया है। इससे पूर्व एडिथ 1991 से 1992 तक पीएम रही थीं। एलिज़ाबेथ बोर्न का जन्म 21 अप्रैल, 1926 को अपने दादा जॉर्ज़ पंचम के शासनकाल के दौरान लन्दन में हुआ था।


शहीद सुखदेव जयंती

  • 15 मई, 2022 को देश भर में प्रसिद्ध भारतीय क्रांतिकारी शहीद सुखदेव की जयंती मनाई गई। सुखदेव (1907-1931) उन प्रसिद्ध भारतीय क्रांतिकारियों में से एक थे, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। सुखदेव का जन्म 15 मई, 1907 को पंजाब के लुधियाना में हुआ था। अपने बचपन के दिनों में ही सुखदेव ने भारत पर ब्रिटिश राज द्वारा किये गए क्रूर अत्याचारों को देखा, जिसने उन्हें क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल होने के लिये प्रेरित किया। सुखदेव, हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (HSRA) के सदस्य थे। उन्होंने अन्य प्रसिद्ध क्रांतिकारियों के साथ लाहौर में 'नौजवान भारत सभा' की भी शुरुआत की, जिसका प्राथमिक लक्ष्य युवाओं के बीच सांप्रदायिकता को समाप्त कर उन्हें स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने के लिये प्रेरित करना था। सुखदेव, भगत सिंह और शिवराम राजगुरु के सहयोगी थे, जो कि वर्ष 1928 में पुलिस उपाधीक्षक, जॉन सॉन्डर्स की हत्या में शामिल थे। नई दिल्ली में सेंट्रल असेंबली हॉल बम विस्फोट (8 अप्रैल, 1929) के बाद सुखदेव और उनके सहयोगियों को गिरफ्तार कर लिया गया तथा इस अपराध के लिये उन्हें दोषी ठहराया गया एवं मौत की सज़ा सुनाई गई। 23 मार्च, 1931 को तीन बहादुर क्रांतिकारियों- भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को ब्रिटिश सरकार द्वारा फांँसी दे दी गई। हालाँकि उनके जीवन ने अनगिनत युवाओं को प्रेरित किया और उनकी मृत्यु ने इन्हें एक मिसाल के रूप में कायम किया।


जॉर्ज एलन थॉमस 

  • हाल ही में भारत की पुरुष बैडमिंटन टीम ने पहली बार थॉमस कप का खिताब जीता। थॉमस कप पहली बार 1948-49 में खेला गया था। यह कप 1939 में सर जॉर्ज थॉमस ने अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन महासंघ (IBF) द्वारा प्रबंधित पुरुषों की अंतर्राष्ट्रीय टीम प्रतियोगिताओं की शृंखला हेतु दान किया था, जिसके तत्कालीन अध्यक्ष थॉमस थे। जॉर्ज एलन थॉमस का जन्म इस्तांबुल, तुर्की में 14 जून 1881 को हुआ था। वह एक महान लेखक, प्रशासक, सैनिक, शतरंज में ग्रैंडमास्टर, अंतर्राष्ट्रीय टेनिस खिलाड़ी और कई अन्य खेलों में उल्लेखनीय खिलाड़ी थे। उन्होंने जनवरी 1903 में डबलिन में पहला अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन मैच खेला था। उनके पास कुल 21 खिताबों (4 पुरुष एकल, 9 पुरुष युगल और 8 मिश्रित युगल) के साथ सर्वाधिक ऑल-इंग्लैंड खिताब का रिकॉर्ड था। वर्ष 1912 से 1920 के बीच लॉन टेनिस के लगातार चार मैचों में उन्होंने आयरलैंड के खिलाफ इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व भी किया। वर्ष 1906 से 1926 तक उन्होंने विंबलडन टेनिस चैंपियनशिप में भी भाग लिया। 23 जुलाई, 1972 को 91 वर्ष की आयु में इस महान खिलाड़ी का निधन हो गया।


भारतीय महिला बॉक्सर निखत ज़रीन

  • भारतीय महिला बॉक्सर निखत ज़रीन ने गुरुवार को 52 किग्रा. कैटेगरी में थाईलैंड की जिटपॉन्ग जुटामस (Jitpong Jutamas) को 5-0 से हराकर वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप (World Boxing Championship) में गोल्ड मेडल जीता। 25 साल की निखत ज़रीन 5वीं भारतीय महिला बॉक्सर हैं, जिन्होंने वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल अपने नाम किया। बॉक्सिंग लीजेंड मैरीकॉम ने इस चैंपियनशिप में 6 बार गोल्ड  मेडल जीतकर रिकॉर्ड बनाया है। इस चैंपियनशिप में मैरीकॉम, निखत के अलावा सरिता देवी, जेनी आरएल और लेखा सी. भी गोल्ड जीत चुकी हैं।

रास बिहारी बोस जन्म 25 मई

  • रास बिहारी बोस का जन्म 25 मई, 1886 को बंगाल प्रांत के सुबलदाहा गाँव में हुआ था। रास बिहारी बोस ने गदर आंदोलन का नेतृत्‍व करने से लेकर भारतीय राष्ट्रीय सेना की स्थापना तक स्वतंत्रता संग्राम में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। रास बिहारी बोस वर्ष 1789 की फ्राँँसीसी क्रांति से खासा प्रभावित थे। वर्ष 1905 में बंगाल विभाजन और उसके बाद की घटनाओं ने रास बिहारी बोस को क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल होने के लिये प्रेरित किया। उन्होंने प्रख्यात क्रांतिकारी नेता जतिन बनर्जी के मार्गदर्शन में अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों का संचालन किया। गदर आंदोलन में उन्होंने महत्त्वपूर्ण भूमिका तो निभाई किंतु यह अल्पकालिक थी, क्योंकि जल्द ही ब्रिटिश अधिकारियों के खिलाफ विद्रोह की उनकी योजना का खुलासा हो गया था, जिसने अंततः उन्हें जापान जाने के लिये मजबूर कर दिया, जहाँ उनकी क्रांतिकारी गतिविधियों का नया अध्याय उनकी प्रतीक्षा कर रहा था। वर्ष 1942 में जापान के टोक्यो में रास बिहारी बोस ने 'आज़ाद हिंद फौज' की स्थापना की। 'आज़ाद हिंद फौज' की स्थापना का उद्देश्य द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अंग्रेज़ोंं के खिलाफ लड़ना था। जापान ने 'आज़ाद हिंद फौज' के गठन में सहयोग दिया था। बाद में 'आज़ाद हिंद फौज' की कमान सुभाषचंद्र बोस के हाथों में सौंप दी गई। स्वतंत्रता संग्राम में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका को देखते हुए जापान की सरकार ने उन्हें 'सेकंड ऑर्डर ऑफ मेरिट ऑफ द राइज़िंग सन' से सम्मानित किया था।


कैप्टन अभिलाषा बराक कॉम्बैट एविएटर

  • कैप्टन अभिलाषा बराक को कॉम्बैट एविएटर (Combat Aviator) के तौर पर आर्मी में शामिल किया गया है। वे इस मुकाम तक पहुँचने वाली पहली महिला अधिकारी हैं। कैप्टन अभिलाषा बराक ने ट्रैनिंग को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। कैप्टन अभिलाषा को इसके बाद कॉम्बैट एविएटर के रूप में आर्मी एविएशन कॉर्प्स (Army Aviation Corp) में शामिल किया गया है। 15 महिला अधिकारियों ने आर्मी एविएशन में शामिल होने के लिये आवेदन किया था। हालाँकि पायलट एप्टीट्यूड बैटरी टेस्ट एवं मेडिकल के बाद केवल दो अधिकारियों का ही अंतिम रूप से चयन हो पाया है। आर्मी एविएशन कोर या सेना विमानन कोर भारतीय सेना का एक घटक है, जिसका गठन 1 नवंबर, 1986 को किया गया। वायु सेना की फ्लाइंग ऑफिसर अवनि चतुर्वेदी वर्ष 2018 में लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला बनी थी। सेना ने वर्ष 2019 में सैन्य पुलिस में महिलाओं को शामिल करना शुरू किया। सैन्य पुलिस की ज़िम्मेदारियों में पुलिस छावनी और सेना की स्थापना, सैनिकों को नियमों एवं विनियमों को तोड़ने से रोकना तथा शांति व संघर्ष के दौरान सैनिकों और रसद की आवाज़ाही सुनिश्चित करना शामिल है।


हिंदी लेखिका गीतांजलि श्री -अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार

  • हिंदी लेखिका गीतांजलि श्री के उपन्यास 'टॉम्ब ऑफ सैंड' को अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्‍कार मिला है। 'टॉम्ब ऑफ सैंड' प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाला किसी भी भारतीय भाषा से अनुवादित पहला उपन्‍यास है। हिंदी भाषा के इस उपन्‍यास का अनुवाद किया गया है। गीतांजलि श्री न केवल हिंदी की पहली पुरस्‍कार विजेता हैं, बल्कि यह पहली बार है कि किसी भारतीय भाषा में लिखी गई पुस्‍तक ने बुकर पुरस्‍कार जीता है। इस उपन्‍यास का अनुवाद डेजी रॉकवेल ने किया था। 'टॉम्ब ऑफ सैंड' ने 135 किताबों के बीच प्रतिस्‍पर्द्धा के बाद यह पुरस्‍कार जीता है। गीतांजलि श्री तीन उपन्यासों और कई लघु कहानी संग्रहों की लेखिका हैं। 'टॉम्ब ऑफ सैंड' ब्रिटेन में प्रकाशित उनकी पहली पुस्तक है। डेजी रॉकवेल अमेरिका के वर्मोंट में रहने वाली चित्रकार, लेखिका और अनुवादक हैं। उन्‍होंने हिंदी तथा उर्दू साहित्य की कई रचनाओं का अनुवाद किया है। ज्ञात हो कि ‘अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार’ अंग्रेज़ी भाषा के प्रतिष्ठित ‘बुकर पुरस्कार’ के समकक्ष हैं। ‘अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार’ अंग्रेज़ी भाषा से इतर अन्य भाषाओं में कार्य करने वाले लेखकों पर केंद्रित है और इसके तहत प्राप्त 50 हज़ार पाउंड यानी 44 लाख रुपए की धनराशि को अनुवादक एवं लेखक के मध्य विभाजित किया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार (पूर्ववर्ती मैन बुकर अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार) मूल बुकर पुरस्कार के हिस्से के रूप में वर्ष 2005 में शुरू किया गया था।


पंडित जवाहरलाल नेहरू पुण्यतिथि

  • 27 मई, 2022 को भारतीय प्रधानमंत्री ने पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। 27 मई, 2022 को देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की 58वीं पुण्यतिथि मनाई जा रही है। पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुआ था। भारत से प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के बाद वे इंग्लैंड चले गए और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से उन्होंने प्राकृतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। वर्ष 1912 में वे भारत लौटे तथा राजनीति से जुड़ गए। वर्ष 1912 में उन्होंने एक प्रतिनिधि के रूप में बांकीपुर सम्मेलन में भाग लिया एवं वर्ष 1919 में इलाहाबाद के होमरूल लीग के सचिव बने। पंडित नेहरू सितंबर 1923 में अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस कमेटी के महासचिव बने। वर्ष 1929 में वे भारतीय राष्ट्रीय सम्मेलन के लाहौर सत्र के अध्यक्ष चुने गए जिसका मुख्य लक्ष्य देश के लिये पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करना था। उन्हें वर्ष 1930-35 के दौरान नमक सत्याग्रह एवं कई अन्य आंदोलनों के कारण कई बार जेल जाना पड़ा। नेहरू जी सर्वप्रथम वर्ष 1916 के लखनऊ अधिवेशन में महात्मा गांधी के संपर्क में आए और गांधी जी से काफी अधिक प्रभावित हुए। नेहरू जी बच्चों से काफी अधिक प्रेम करते थे, जिसके कारण देश भर में प्रत्येक वर्ष नेहरू जी के जन्म दिवस (14 नवंबर) को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। पंडित नेहरू को कॉन्ग्रेस द्वारा स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया। चीन से युद्ध के बाद नेहरू जी के स्वास्थ्य में गिरावट आने लगी और 27 मई, 1964 को उनकी मृत्यु हो गई।


खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष विनय सक्सेना

  • राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना को दिल्ली का उप-राज्यपाल नियुक्त किया है। यह जानकारी राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी अधिसूचना में दी गई। भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी सक्सेना वर्तमान में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के अधीन ‘खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग’ के अध्यक्ष हैं। विनय सक्सेना गुजरात में भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक रूप से राहत कार्य करने वाले संगठन ‘नेशनल काउंसिल फॉर सिविल लिबर्टीज़’ के संस्थापक अध्यक्ष रहे हैं। सक्सेना को अक्तूबर 2015 में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। 18 मार्च, 2019 को भारत के राष्ट्रपति ने सक्सेना को तीन वर्ष के लिये जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के “विश्वविद्यालय न्यायालय के सदस्य” के रूप में नियुक्त किया। 9 सितंबर, 2020 को उन्हें वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद- इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन बायोरिसोर्स टेक्नोलॉजी के “रिसर्च काउंसिल” में नियुक्त किया गया। भारत सरकार ने उन्हें नवंबर 2020 में वर्ष 2021 के लिये पद्म पुरस्कार चयन समिति के सदस्य के रूप में नामित किया। 5 मार्च, 2021 को उन्हें भारत सरकार द्वारा भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ मनाने के लिये राष्ट्रीय समिति में नामित किया गया था।

 

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