फरवरी 2022 के चर्चित व्यक्ति | Person in News Feb 2022 in Hindi

 फरवरी 2022 के चर्चित व्यक्ति 

 (Person in News Feb 2022 in Hindi)

फरवरी 2022 के चर्चित व्यक्ति | Person in News Feb 2022 in Hindi



 फरवरी 2022 के चर्चित व्यक्ति (Person in News Feb 2022 in Hindi)


जनरल जीएवी रेड्डी

  • लेफ्टिनेंट जनरल जीएवी रेड्डी को रक्षा खुफिया एजेंसी’ (DIA) के नए प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया है। वह लेफ्टिनेंट जनरल के.जे.एस. ढिल्लों का स्थान लेंगे। रक्षा खुफिया एजेंसी का महानिदेशक संगठन का प्रमुख होता है और रक्षा मंत्री एवं रक्षा स्टाफ के प्रमुख के खुफिया सलाहकारों में से एक होता है। महानिदेशक का पद तीनों सशस्त्र सेवाओं के बीच रोटेशन के आधार पर तय होता है। डीआईए के पहले महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल कमल डावर थे, जो भारतीय सेना के मशीनीकृत बलों के पूर्व महानिदेशक थे। लेफ्टिनेंट जनरल जीएवी रेड्डी, जिन्होंने रक्षा खुफिया एजेंसी के प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला, पूर्व में प्रतिष्ठित अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (OTA), गया के नौवें कमांडेंट के रूप में कार्यरत थे। रक्षा खुफिया एजेंसी (DIA) भारतीय सशस्त्र बलों को रक्षा और सैन्य खुफिया सुविधा प्रदान करने और समन्वय करने के लिये ज़िम्मेदार है। इसका गठन मार्च 2002 में किया गया था और इसे रक्षा मंत्रालय के उचित मार्गदर्शन में प्रशासित किया जाता है।


पी.आर. श्रीजेश

  • भारतीय हॉकी गोलकीपर पी.आर. श्रीजेश को  ‘वर्ल्ड गेम्स एथलीट ऑफ द ईयर, 2021’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वे यह पुरस्कार पाने वाले दूसरे भारतीय तथा दूसरे हॉकी खिलाड़ी हैं। इससे पूर्व भारत की महिला कप्तान रानी ने वर्ष 2019 में यह पुरस्कार जीता था। पी.आर. श्रीजेश पुरुष हाॅकी टीम का हिस्सा थे जिन्होंने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता। वर्ल्ड गेम्स (World Games) एक बहु-खेल आयोजन है जिसे हर चार वर्ष में अंतर्राष्ट्रीय विश्व खेल संघद्वारा अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के सहयोग से आयोजित किया जाता है। इन  खेलों का आयोजन 11 दिनों की अवधि के लिये किया जाता है जिसमें 30 से अधिक खेलों को शामिल किया जाता है।


मिताली राज

  • मिताली राज एक दिवसीय महिला क्रिकेट में बल्लेबाज़ों की रैंकिंग में दूसरे स्‍थान पर पहुंँच गई हैं। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद- आई.सी.सी. ने महिला क्रिकेट विश्व कप 2022 से पहले यह रैंकिंग जारी की है। मिताली राज के कुल 738 अंक हैं। ऑस्ट्रेलिया की एलिसा हेली 750 अंकों के साथ पहले स्‍थान पर हैं। मिताली के अलावा भारतीय टीम की सलामी बल्लेबाज़ स्मृति मंधाना रैंकिंग में शीर्ष 10 खिलाडियों में शामिल हैं। मंधाना को हाल ही में सभी प्रारूपों में शानदार प्रदर्शन के लिये आई.सी.सी. महिला क्रिकेटर ऑफ द ईयर 2021 पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 03 दिसंबर, 1982 को राजस्थान के जोधपुर में जन्मी मिताली राज ने अपने अंतर्राष्ट्रीय कॅरियर की शुरुआत वर्ष 1999 में मात्र 16 वर्ष की आयु में की थी। मिताली राज टेस्ट क्रिकेट मैच में दोहरा शतक बनाने वाली पहली महिला खिलाड़ी भी हैं। मिताली राज भारत की पहली ऐसी महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने टी-20 अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 2 हज़ार या इससे ज़्यादा रन बनाए हैं।

 

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का अध्यक्ष

  • जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के उप-कुलपति जगदीश कुमार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। जगदीश कुमार को पदभार ग्रहण करने की तिथि से पाँच वर्ष की अवधि या 65 वर्ष की आयु तक के लिये नियुक्त किया गया है। गौरतलब है कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के उप-कुलपति के रूप में जगदीश कुमार का पाँच वर्षीय कार्यकाल पिछले वर्ष जनवरी माह में समाप्त हो गया था, लेकिन उन्हें उत्तराधिकारी चुने जाने तक पद पर बने रहने के लिये कहा गया था। जगदीश कुमार की नियुक्ति ऐसे समय में हुई है, जब सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में परिकल्पित उच्च शिक्षा आयोगको लॉन्च करने हेतु संघर्ष कर रही है। इस उच्च शिक्षा आयोगमें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) जैसे मौजूदा नियामक निकायों को शामिल किया जाना है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग 28 दिसंबर, 1953 को अस्तित्व में आया था, जिसके पश्चात् शिक्षा मंत्रालय के तहत यूजीसी अधिनियम, 1956 द्वारा यह भारत सरकार का एक वैधानिक संगठन बन गया। UGC के जनादेश में विश्वविद्यालय शिक्षा को बढ़ावा देना एवं समन्वय स्थापित करना; विश्वविद्यालयों में शिक्षण, परीक्षा एवं अनुसंधान के मानकों का निर्धारण करना और शिक्षा के न्यूनतम मानकों पर नियम बनाना शामिल हैं। 


लता मंगेशकर

  • भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित 92 वर्षीय लता मंगेशकर का कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद 6 फरवरी को निधन हो गया। लता दीनानाथ मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को इंदौर, मध्य प्रदेश में हुआ था। लता मंगेशकर हमेशा से ही ईश्वर प्रदत्त सुरीली आवाज़, जानदार अभिव्यक्ति व बात को बहुत जल्द समझ लेने वाली अविश्वसनीय क्षमता का उदाहरण रही हैं। इन्हीं विशेषताओं के कारण उनकी इस प्रतिभा को बहुत जल्द पहचान मिल गई थी। लता जी को सर्वाधिक गीत रिकार्ड करने का भी गौरव प्राप्त है। फिल्मी गीतों के अतिरिक्त उन्होंने गैर-फिल्मी गीत भी बहुत खूबी के साथ गाए हैं। लता जी की प्रतिभा को वर्ष 1947 में तब पहचान मिली जब आपकी सेवा मेंफिल्म में उन्हें एक गीत गाने का मौका मिला। इस गीत के बाद तो उन्हें फिल्म जगत में एक पहचान मिल गई और एक के बाद एक कई गीत गाने का मौका मिला। वर्ष 1949 में उनके द्वारा गाए गए आएगा आने वाला”, गाने के बाद उनके प्रशंसकों की संख्या दिनों-दिन बढ़ने लगी। इस बीच उन्होंने उस समय के सभी प्रसिद्ध संगीतकारों के साथ काम किया। वर्ष 2001 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उन्होंने 3 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (1972, 1974, 1990) और 12 बंगाल फिल्म पत्रकार संघ पुरस्कार (1964, 1967-1973, 1975, 1981, 1983, 1985) जीते। उन्होंने सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका के लिये चार फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीते हैं। उन्हें वर्ष 1993 में फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया था।


सचिंद्र नाथ सान्याल

  • देश ने क्रांतिकारी सचिंद्र नाथ सान्याल को उनकी 80वीं पुण्यतिथि पर याद किया। आज़ादी का अमृत महोत्सव के तहत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को पोर्ट ब्लेयर की सेलुलर जेल का दौरा किया और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी। सचिंद्र नाथ सान्याल का जन्म तत्कालीन उत्तर-पश्चिमी प्रांत बनारस शहर में वर्ष 1893 में हुआ था। कम उम्र से ही सान्याल अपने मनमौजी और क्रांतिकारी विचारों के लिये जाने जाते थे। 20 साल की उम्र में उन्होंने पटना में अनुशीलन समिति की एक शाखा खोली। सचिंद्र नाथ सान्याल ने गदर पार्टी की साजिश के दौरान महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जिसके लिये उन्हें सज़ा सुनाई गई। उन्होंने जेल में ही अपनी प्रसिद्ध पुस्तक बंदी जीवन (ए लाइफ ऑफ कैप्टिविटी, 1922) लिखी। सान्याल को वर्ष 1925 में काकोरी षड्यंत्र में कथित रूप से शामिल होने के आरोप में अंडमान की सेलुलर जेल भेज दिया गया। वह हिंदुस्तान रिपब्लिकन के संस्थापक थे जिसे हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के नाम से भी जाना जाता है। सचिंद्र नाथ सान्याल देश के महान क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह के गुरु थे। सचिंद्र नाथ सान्याल की मृत्यु 7 फरवरी, 1942 को सेलुलर जेल में हुई।


कला रामचंद्रन- गुरुग्राम की पहली महिला पुलिस आयुक्त

  • हरियाणा कैडर की आईपीएस अधिकारी कला रामचंद्रन को गुरुग्राम की पहली महिला पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया है। वर्ष 1994 बैच की आईपीएस अधिकारी कला रामचंद्रन ने के.के. राव का स्थान लिया है, जिन्हें गुरुग्राम के पास स्थित पुलिस प्रशिक्षण एवं अनुसंधान केंद्र में स्थानांतरित कर दिया गया है। कला रामचंद्रन इससे पहले रेवाड़ी, फतेहाबाद और पंचकुला ज़िलों में पुलिस अधीक्षक के रूप में काम कर चुकी हैं। वह वर्ष 2001 से इंटेलिजेंस ब्यूरो में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थीं और वर्ष 2017 से वर्ष 2020 तक उन्होंने मेघालय में उत्तर पूर्वी पुलिस अकादमी का नेतृत्व किया। अगस्त 2020 में वह अपने गृह कैडर में लौट आई और प्रमुख सचिव (परिवहन) के अलावा हरियाणा पुलिस मुख्यालय में क्राइम अगेंस्ट वूमेन सेल एंड विजिलेंस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक के रूप में कार्य किया। 


स्‍वतंत्रता सेनानी शकुंतला चौधरी

  • प्रख्यात गांधीवादी समाज सुधारक और स्‍वतंत्रता सेनानी शकुंतला चौधरी का 21 फरवरी,  2022 को असम के गुवाहाटी में निधन हो गया। वह 102 वर्ष की थीं। वह असम के कामरूप की रहने वाली थीं। उन्‍होंने ग्रामीणों, विशेष कर महिलाओं और बच्‍चों की भलाई के लिये काम किया। वह शकुंतला बाईदेव के नाम से लोकप्रिय थीं। भारत सरकार ने इस वर्ष उन्‍हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्‍मानित करने की घोषणा की थी। उन्‍हें गांधीवादी मूल्यों को बढ़ावा देने के लिये याद किया जाएगा। सरानिया आश्रम में उनके नेक कार्यों का कई लोगों के जीवन पर सकारात्मक असर पड़ा। उनका जन्म वर्ष 1920 में हुआ था। वह मुख्य रूप से कस्तूरबा ट्रस्ट से जुड़ी थीं। उन्होंने पूर्वोत्तर में विशेष रूप से नगालैंड, मिज़ोरम और मेघालय में महात्मा गांधी के आदर्शों को जन-जन तक पहुँचाया तथा अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा कस्तूरबा आश्रम में बिताया। शकुंतला चौधरी आचार्य विनोबा भावे के साथ भी निकटता से जुड़ी हुई थीं और उन्होंने भूदान आंदोलन के दौरान डेढ़ वर्ष की लंबी पदयात्रा में भाग लिया था। महात्मा गांधी की पूर्वोत्तर यात्रा के दौरान वह एक दुभाषिया के रूप में काम करती थीं तथा गांधीजी का संदेश असमिया में लोगों तक पहुँचाने में मदद करती थीं। 

 

उर्दू भाषा में साहित्‍य अकादमी पुरस्‍कार- कवि चन्‍द्रभान खयाल 

  • साहित्‍य अकादमी ने उर्दू भाषा के कवि चन्‍द्रभान खयाल को उनके कविता संग्रह ''ताज़ा हवा की ताबिशें'' के लिये उर्दू भाषा में साहित्‍य अकादमी पुरस्‍कार 2021 देने की घोषणा की है। श्री चन्‍द्रभान को इस वर्ष 11 मार्च को दिल्‍ली में आयोजित होने वाले साहित्‍योत्‍सव समारोह में पुरस्‍कार के रूप में एक उत्‍कीर्ण ताम्रफलक, शॉल और एक लाख रुपए की राशि प्रदान की जाएगी। साथ ही अकादमी ने सोमवार को मैथिली भाषा में जगदीश प्रसाद मंडल को उनके उपन्यास ‘पंगु’ के लिये साहित्य अकादमी पुरस्कार देने की घोषणा की है। साहित्य अकादमी पुरस्कार वर्ष 1954 में स्थापित एक साहित्यिक सम्मान है। यह पुरस्कार साहित्य अकादमी (नेशनल एकेडमी ऑफ लेटर्स) द्वारा प्रतिवर्ष प्रदान किया जाता है। अकादमी द्वारा प्रत्येक वर्ष अपने द्वारा मान्यता प्रदत्त 24 भाषाओं में साहित्यिक कृतियों के साथ ही इन्हीं भाषाओं में परस्पर साहित्यिक अनुवाद के लिये भी पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं। भारत के संविधान में शामिल 22 भाषाओं के अलावा साहित्य अकादमी ने अंग्रेज़ी तथा राजस्थानी को भी उन भाषाओं के रूप में मान्यता दी है जिसमें अकादमी के कार्यक्रम को लागू किया जा सकता है। साहित्य अकादमी पुरस्कार ज्ञानपीठ पुरस्कार के बाद भारत सरकार द्वारा प्रदान किया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा साहित्यिक सम्मान है।


मन्नथु पद्मनाभन

  • 25 फरवरी, 2022 को समाज सुधारक एवं भारत केसरी मन्नथु पद्मनाभन की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मन्नथु पद्मनाभन का जन्‍म 02 जनवरी, 1878 को केरल के पेरुन्ना (कोट्टायम ज़िले) में हुआ था। उन्होंने अपने संपूर्ण जीवनकाल में सामाजिक अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाई और स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया। नायर समुदाय के उत्थान के लिये उन्‍होंने 31 अक्‍तूबर, 1914 को नायर सेवा समाज (NSS) की स्‍थापना की। वर्ष 1924 में पिछड़े समुदायों को प्रसिद्ध वाईकॉम महादेव मंदिर से सटे रास्तों का उपयोग करने की अनुमति देने के लिये उन्होंने सक्रिय रूप से वायकोम सत्याग्रह में हिस्सा लिया। वर्ष 1949 में मन्नथु पद्मनाभन, त्रावणकोर विधानसभा के सदस्य बने। वर्ष 1959 में उन्हें भारत केसरीका खिताब दिया गया था। वहीं वर्ष 1966 में उन्‍हें पद्मभूषण पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। उनका निधन 25 फरवरी, 1970 को हुआ था। 

 

संजीव सान्याल

  • भारतीय अर्थशास्त्री संजीव सान्याल को प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) के नए पूर्णकालिक सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया है। गौरतलब है कि इससे पहले संजीव सान्याल केंद्र सरकार में वित्त मंत्रालय के प्रधान आर्थिक सलाहकार के रूप में कार्य कर रहे थे। संजीव सान्याल ने नब्बे के दशक के मध्य से सक्रिय रूप से वित्तीय बाज़ार में काम किया था। वह वर्ष 2015 तक ड्यूश बैंक में प्रबंध निदेशक और वैश्विक रणनीतिकार थे।
  • वर्ष 2017 में उन्हें भारत सरकार का प्रधान आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया। वह G20 के फ्रेमवर्क वर्किंग ग्रुप के सह-अध्यक्ष के रूप में भी कार्यरत हैं। ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद’ (EAC-PM) भारत सरकार, विशेष रूप से प्रधानमंत्री को आर्थिक और संबंधित मुद्दों पर सलाह देने हेतु गठित एक स्वतंत्र निकाय है। वर्तमान में अर्थशास्त्री डॉ. बिबेक देबरॉयप्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) की अध्यक्षता कर रहे हैं।  


वीर सावरकर 

  • हर वर्ष 26 फरवरी को स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर (Veer Savarkar) की पुण्यतिथि के रूप में मनाया जाता है। उन्हें स्वातंत्र्यवीर सावरकर (Swatantryaveer Savarkar) के नाम से भी जाना जाता है। इनका जन्म 28 मई, 1883 को महाराष्ट्र के नासिक ज़िले के भागुर ग्राम में हुआ था। इन्होंने अभिनव भारत सोसाइटी नामक एक भूमिगत सोसाइटी (Secret Society) की स्थापना की। सावरकर यूनाइटेड किंगडम गए और इंडिया हाउस (India House) तथा फ्री इंडिया सोसाइटी (Free India Society) जैसे संगठनों से जुड़े। वर्ष 1909 में उन्हें मॉर्ले-मिंटो सुधार (भारतीय परिषद अधिनियम 1909) के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह की साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। वर्ष 1910 में क्रांतिकारी समूह इंडिया हाउस के साथ संबंधों के कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया। वे वर्ष 1937 से 1943 तक हिंदू महासभा के अध्यक्ष रहे। सावरकर ने 'द हिस्ट्री ऑफ द वार ऑफ इंडियन इंडिपेंडेंस' नामक एक पुस्तक लिखी जिसमें उन्होंने 1857 के सिपाही विद्रोह में इस्तेमाल किये गए छापामार युद्ध (Guerilla Warfare) के तरीकों (Tricks) के बारे में लिखा था। सावरकर वर्ष 1906 में लंदन गए। उन्होंने जल्द ही इटैलियन राष्ट्रवादी ग्यूसेप माज़िनी (सावरकर ने माज़िनी की जीवनी लिखी थी) के विचारों के आधार पर फ्री इंडिया सोसाइटी की स्थापना की। 26 फरवरी, 1966 को अपनी इच्छा से उपवास करने के कारण उनकी मृत्यु हो गई।

 

प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की जयंती

  • हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई की जयंती पर उन्‍हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मोरारजी देसाई भारत के चौथे प्रधानमंत्री (1977-79) थे। उल्लेखनीय है कि वह प्रधानमंत्री बनने वाले पहले गैर-कॉन्ग्रेसी थे। मोरारजी देसाई का जन्म 29 फरवरी, 1896 को भदेली गाँव में हुआ था जो वर्तमान में गुजरात के बुलसार ज़िले में है। वर्ष 1918 में विल्सन सिविल सर्विस, बॉम्बे से स्नातक करने के बाद उन्होंने 12 वर्षों तक डिप्टी कलेक्टर के रूप में कार्य किया। वर्ष 1930 में जब भारत महात्मा गांधी द्वारा शुरू किये गए सविनय अवज्ञा आंदोलन के मध्य चरण में था, उस समय ब्रिटिश सरकार की न्याय व्यवस्था के प्रति मोरारजी देसाई का विश्वास खत्म हो गया और उन्होंने सरकारी सेवा से इस्तीफा देने तथा स्वतंत्रता के लिये जारी संघर्ष में शामिल होने का फैसला किया। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वह तीन बार जेल गए। वर्ष 1931 में वह अखिल भारतीय कॉन्ग्रेस समिति के सदस्य बने तथा वर्ष 1937 तक गुजरात प्रदेश कॉन्ग्रेस समिति के सचिव रहे। महात्मा गांधी द्वारा शुरू किये गए व्यक्तिगत सत्याग्रह के दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया तथा अक्तूबर 1941 में छोड़ दिया गया एवं अगस्त 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। वर्ष 1952 में वह बॉम्बे के मुख्यमंत्री बने। नवंबर 1956 में वह वाणिज्य और उद्योग मंत्री के रूप में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हुए, इसके बाद मार्च 1958 में उन्हें वित्त विभाग का कार्यभार सौंपा गया। वर्ष 1963 में कामराज योजना/प्लान के तहत उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। पंडित नेहरू के बाद प्रधानमंत्री बने लाल बहादुर शास्त्री ने उन्हें प्रशासनिक व्यवस्था के पुनर्गठन के लिये गठित प्रशासनिक सुधार आयोग का अध्यक्ष बनने के लिये राजी किया। कामराज प्लान के अनुसार, यह प्रस्ताव किया गया कि कॉन्ग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिये और अपनी सारी ऊर्जा कॉन्ग्रेस के पुनरुद्धार हेतु समर्पित कर देनी चाहिये। आपातकाल की घोषणा के दौरान 26 जून, 1975 को मोरारजी देसाई को गिरफ्तार कर लिया गया। गुजरात के नवनिर्माण आंदोलन के समर्थन के लिये उन्होंने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की। नवनिर्माण अंदोलन आर्थिक संकट और सार्वजनिक जीवन में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सामाजिक-राजनीतिक आंदोलन था जिसे वर्ष 1974 में गुजरात के छात्रों व मध्यम वर्ग के लोगों द्वारा शुरू किया गया। बाद में सर्वसम्मति से उन्हें संसद में जनता पार्टी के नेता के रूप में चुना गया और 24 मार्च, 1977 को उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।

 

मीराबाई चानू

  • मीराबाई चानू ने सिंगापुर भारोत्तोलन अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीता है। इसके साथ ही मीराबाई चानू ने इस वर्ष बर्मिंघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के लिये क्वालीफाई कर लिया है। सिंगापुर भारोत्तोलन इंटरनेशनल टूर्नामेंट में पहली बार 55 किग्रा भार वर्ग में भाग ले रहीं चानू ने कुल 191 किग्रा (86 किग्रा और 105 किग्रा) भार उठाया। इस दौरान उन्हें किसी तरह की चुनौती का सामना नहीं करना पड़ा और वह आसानी से शीर्ष स्थान पर रहीं। कर्णम मल्लेश्वरी के बाद टोक्यो 2020 में मीराबाई का रजत पदक किसी भारतीय वेटलिफ्टर द्वारा जीता गया दूसरा ओलंपिक पदक था। वह पीवी सिंधु के बाद ओलंपिक रजत पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय महिला भी बनीं। उनका जन्म इम्फाल के नोंगपोक काकचिंग गाँव में 8 अगस्त, 1994 को हुआ था।

 

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