MP Current affairs in Hindi- July 2022

 MP Current affairs in Hindi- July 2022

MP Current affairs in Hindi- July 2022



MP Current affairs in Hindi- July 2022


बुंदेलखंड एक्‍सप्रेस-वे की जानकारी 

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 16 जुलाई, 2022 को उत्‍तर प्रदेश में जालौन ज़िले के कैथैरी गांँव में बुंदेलखंड एक्‍सप्रेस-वे का उद्घाटन किया गया ।
  • 297 किलोमीटर लंबे चार लेन के इस एक्‍सप्रेस-वे के निर्माण पर लगभग 14 हज़ार 850 करोड़ रुपए की लागत आई है। बाद में इसे 6 लेन तक विस्‍तारित किया जा सकेगा। 
  • यह चित्रकूट ज़िले में भरतकूप के निकट गोंडा गांँव के राष्‍ट्रीय राजमार्ग 35 से इटावा ज़िले के कुदरैल गांँव तक जाता है जहांँ यह आगरा-लखनऊ एक्‍सप्रेस-वे में मिल जाता है। 
  • बुंदेलखंड एक्‍सप्रेस-वे  7 ज़िलों- चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर, जालौन, औरैया और इटावा से गुज़रता है।
  • संपर्क बढ़ाने के साथ-साथ बुंदेलखंड एक्‍सप्रेस-वे आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा। इससे स्‍थानीय लोगों के लिये रोज़गार के अवसर सृजित होंगे। 
  • एक्‍सप्रेस-वे के निकट बांदा और जालौन ज़िलों में औद्योगिक गलियारा बनाने का काम शुरू हो चुका है। 
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 फरवरी, 2020 को बुंदेलखण्‍ड एक्‍सप्रेस-वे के निर्माण की आधारशिला रखी थी। इसका निर्माण कार्य 28 महीनों में पूरा हुआ है।


बुरहानपुर देश का पहला हर घर जल ज़िला

  • मध्य  प्रदेश का बुरहानपुर देश का पहला हर घर जल ज़िला बन गया है।
  • बुरहानपुर के सभी 254 गांँवों में लोगों को नल से पीने का साफ जल मिल रहा है। 
  • 15 अगस्त, 2019 में जल जीवन मिशन की शुरुआत के समय ज़िले में सिर्फ 36.5 प्रतिशत घरों में नल से जल उपलब्ध था।
  • कोविड महामारी सहित विभिन्न बाधाओँ और चुनौतियों के बावजूद पंचायत प्रतिनिधियों, जल समिति और ज़िले के अधिकारियों के लगातार प्रयासों से मात्र 34 महीनों में ज़िले के सभी 1,01,905 घरों में नल से जल उपलब्ध कराया गया है। 
  • वर्ष 2019 में लॉन्च इस मिशन के तहत वर्ष 2024 तक ‘कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन’ (FHTC) के माध्यम से प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर पानी की आपूर्ति की परिकल्पना की गई है। 
  • यह मिशन ‘जल शक्ति मंत्रालय’ के अंतर्गत आता है तथा मौजूदा जल आपूर्ति प्रणालियों और पानी के कनेक्शन की कार्यक्षमता सुनिश्चित करता है; पानी की गुणवत्ता की निगरानी एवं परीक्षण के साथ-साथ सतत् कृषि को भी बढ़ावा देता है। यह संरक्षित जल के संयुक्त उपयोग; पेयजल स्रोत में वृद्धि, पेयजल आपूर्ति प्रणाली, धूसर जल उपचार और इसके पुन: उपयोग को भी सुनिश्चित करता है।


मध्यप्रदेश का तीसरा रामसर साइट  सिरपुर तालाब 

  • पर्यावरण मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग ने साख्य सागर तालाब के बाद इंदौर के सिरपुर तालाब को मध्यप्रदेश का तीसरा रामसर साइट का दर्जा मिलने पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई दी है। 
  • केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय द्वारा आज मध्यप्रदेश, ओडिशा, गोवा, तमिलनाडु और कर्नाटक के जल-स्थलों को रामसर साइट घोषित किया गया है। इनको मिलाकर देश में रामसर साइट की संख्या 64 हो गई है। विश्व में हो रहे जलवायु असंतुलन और परिवर्तन के दौर में रामसर साइट की भूमिका विश्व के पर्यावरण सुधार में अति महत्वपूर्ण है।
  • पर्यावरण मंत्री श्री हरदीप सिंह डंग ने मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के माधव राष्ट्रीय उद्यान में स्थित साख्य सागर झील को रामसर साइट का दर्जा दिये जाने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री श्री भूपेन्दर यादव का आभार प्रकट किया है। श्री डंग ने कहा कि दो दशकों बाद प्रदेश को मिली दूसरी रामसर साइट मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पर्यावरण-संरक्षण के लिये निरंतर किये जा रहे सार्थक प्रयासों में एक और कड़ी जुड़ गई है।
  • मंत्री श्री डंग ने कहा कि साख्य सागर झील को रामसर साइट का दर्जा मिलने पर हम सभी गौरवान्वित हैं। भोपाल का बड़ा तालाब भी रामसर साइट के रूप में चिन्हित है। अब यह संख्या बढ़ कर 2 हो गई है। प्रदेश के 3 वेटलेण्ड इंदौर के सिरपुर वेटलेण्ड और यशवंत सागर तथा सांख्य सागर को रामसर साइट के रूप में घोषित करने के लिये भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था।
  • केन्द्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु मंत्रालय द्वारा रामसर संधि के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्व की वेटलेण्ड को रामसर साइट के रूप में तमिलनाडु, मध्यप्रदेश और मिजोरम की 5 वेटलेण्ड को चिन्हित किया गया। अब देश में रामसर साइट की संख्या 49 से बढ़कर 54 हो गई है।

 

 

पौध-रोपण महा-अभियान 28 जुलाई से 15 अगस्त तक 

  • राज्य शासन द्वारा अंकुर कार्यक्रम में शासकीय विभागों, नागरिकों, समुदायों और स्वैछिक संगठनों की सहभागिता से हरियाली अमावस्या 28 जुलाई से स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त तक प्रदेशव्यापी पौध-रोपण महा-अभियान चलाया जाएगा। अपर सचिव पर्यावरण एवं कार्यपालन संचालक एप्को श्री श्रीमन शुक्ला द्वारा क्रियान्वयन के संबंध में सभी कलेक्टरों को दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।

वायुदूत-अंकुर एप पर डाउनलोड होगी पौधे की फोटो

  • अभियान से जुड़ने वाले प्रत्येक व्यक्ति द्वारा किये गये पौध-रोपण का पंजीयन वायुदूत-अंकुर एप पर किया जाकर रोपित पौधों का फोटो अपलोड किया जाएगा। एप गूगल प्ले-स्टोर अथवा एप्पल स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। प्रतिभागियों द्वारा पौध-रोपण के 30 दिन बाद वायुदूत-अंकुर एप पर रोपित पौधे की द्वितीय फोटो अपलोड करने पर सहभागिता प्रमाण-पत्र एप से डाउनलोड किया जा सकेगा।

           

मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना में  बदलाब 

  • मध्यप्रदेश के युवाओं को रोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाने के लिए राज्य शासन के एमएसएमई विभाग ने क्रांतिकारी निर्णय लेते हुए मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना में लाभ पाने के लिए आयु सीमा को बढ़ाने और शैक्षणिक योग्यता को घटाने का आदेश जारी किया है।
  • मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा है कि प्रदेश का कोई भी युवा और 45 वर्ष तक का नागरिक बेरोजगार नहीं रहे। मुख्यमंत्री श्री चौहान कहते भी है कि कम पढ़े लिखे कई नागरिक उस कौशल के धनी है जो डिग्रीधारियों के पास भी नही है। उन्होंने मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना का लाभ आठवीं पढ़े लिखे और 45 वर्ष तक की आयु वालों को देने के निर्देश दिए थे।
  • एमएसएमई विभाग के सचिव और उद्योग आयुक्त श्री पी. नरहरि ने बताया कि मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना में जारी आदेश अनुसार मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना में अब आयु 18 से 45 वर्ष के बी और न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता को भी 8वीं कक्षा उत्तीर्ण होना आवश्यक किया गया है।
  • श्री नरहरि ने बताया कि पूर्व में मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना में आवेदक की शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास और अधिकतम आयु सीमा 40 वर्ष तक निर्धारित थी।

 

बुंदेलखंड को मिली 2202 करोड़ की सौगात 

  • सेतु बंधन योजना में सागर जिले में रहली-जबलपुर मार्ग के नोरादेही अभ्यारण में एलिवेटेड कॉरिडोर 20 किलोमीटर का निर्माण, जिसकी अनुमानित लागत 1008 करोड़ रूपए है, उसे केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने स्वीकृत किया है। 
  • साथ ही सागर जिले के सागर बायपास मार्ग के लिए 31 करोड़ की लागत एवं सागर के सिविल लाइन से मकरोनिया मार्ग में मकरोनिया चौराहे पर 32 करोड़ 50 लाख का फ्लॉय ओवर, सागर के पीली कोठी से नगर निगम ऑफिस मार्ग पर 20 करोड़ 75 लाख का फ्लॉय ओवर स्वीकृत हुआ है।
  • छतरपुर के आकाशवाणी तिराहा से महोबा रोड तिराहा तक (दोनों तरफ़) 90 करोड़ से फ्लॉय ओवर निर्माण
  • सागर जिले के लेवल क्रासिंग क्रमांक 23 राहतगढ़ रेलवे ओवर पर लगभग 20 करोड़ की लागत से भगवानगंज तरफ तीसरी भुजा का निर्माण स्वीकृत हुआ है।

 

मध्य प्रदेश के "बाघ प्रदेश" बनने में राष्ट्रीय उद्यानों के प्रबंधन की भूमिका

 

  • सभी वन्य जीवों में बाघ को विशाल हृदय वाला संभ्रांत प्राणी माना जाता है। यह गर्व की बात है कि देश में सबसे ज्यादा बाघ मध्यप्रदेश में है और मध्यप्रदेश को बाघ प्रदेश का दर्जा मिला है।
  • अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 29 जुलाई मध्यप्रदेश के लिये विशेष महत्व का दिन है। यह दिवस अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बाघों की जातियों की घटती संख्या, उनके अस्तित्व और संरक्षण संबंधी चुनौतियों के प्रति जन-जागृति के लिए मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष विश्व बाघ दिवस 29 जुलाई को मनाए जाने का निर्णय वर्ष 2010 में सेंट पीटर्सबर्ग बाघ सम्मेलन में किया गया था। इस सम्मेलन में बाघ की आबादी वाले 13 देशों ने वादा किया था कि वर्ष 2022 तक वे बाघों की आबादी दोगुनी कर देंगे। इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मध्यप्रदेश में बाघों के प्रबंधन में निरंतरता और उत्तरोत्तर हुए सुधार बहुत महत्वपूर्ण हैं।
  • बाघों की संख्या में 33 प्रतिशत की वृद्धि चक्रों के बीच अब तक सबसे अधिक दर्ज की गई है, जो वर्ष 2006 से 2010 तक 21 प्रतिशत और वर्ष 2010 से 2014 तक 30 प्रतिशत थी। बाघों की संख्या में वृद्धि, वर्ष 2006 के बाद से बाघों की औसत वार्षिक वृद्धि दर के अनुरूप थी। 
  • मध्यप्रदेश में देश में सबसे अधिक संख्या में 526 बाघ हैं। इसके बाद कर्नाटक में 524 बाघ और उत्तराखंड 442 बाघ के साथ तीसरे नंबर पर है। यह देश और विशेष रूप से मध्यप्रदेश के लिए गर्व का विषय है। वर्ष 2022 की समय-सीमा से काफी पहले सेंट पीटर्सबर्ग घोषणा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से यह उपलब्धि हासिल कर ली गयी है।
  • बाघ रहवास वाले क्षेत्रों के सक्रिय प्रबंधन के फलस्वरूप बाघों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है। विश्व वन्य-प्राणी निधि एवं ग्लोबल टाईगर फोरम द्वारा प्रस्तुत आँकड़ों के अनुसार विश्व में आधे से ज्यादा बाघ भारत में हैं। मध्य भारत भू-दृश्य भारत में बाघों के अस्तित्व के लिये अत्यधिक महत्वपूर्ण है। मध्यप्रदेश के कॉरिडोर से ही उत्तर भारत एवं दक्षिण भारत के बाघ रिजर्व आपस में जुड़े हुए हैं।
  • प्रदेश में बाघों की संख्या बढ़ाने में राष्ट्रीय उद्यानों के बेहतर प्रबंधन की मुख्य भूमिका है। राज्य शासन की सहायता से 50 से अधिक गाँवों का विस्थापन किया जाकर बहुत बड़ा भू-भाग जैविक दबाव से मुक्त कराया गया है। संरक्षित क्षेत्रों से गाँवों के विस्थापन के फलस्वरूप वन्य-प्राणियों के रहवास क्षेत्र का विस्तार हुआ है।
  • कान्हा, पेंच और कूनो पालपुर के कोर क्षेत्र से सभी गाँव को विस्थापित किया जा चुका है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का 90 प्रतिशत से अधिक कोर क्षेत्र भी जैविक दबाव से मुक्त हो चुका है। विस्थापन के बाद घास विशेषज्ञों की मदद लेकर स्थानीय प्रजातियों के घास के मैदान विकसित किये जा रहे हैं, जिससे शाकाहारी वन्य-प्राणियों के लिये वर्ष भर चारा उपलब्ध होता रहे।
  • सभी संरक्षित क्षेत्रों में रहवास विकास कार्यक्रम चलाया जा रहा है। सक्रिय प्रबंधन से विगत एक वर्ष में 500 से अधिक चीतलों को अधिक संख्या वाले हिस्से से कम संख्या वाले एवं चीतल विहीन क्षेत्रों में सफलता से स्थानांतरित किया गया है। इससे चीतल, जो कि बाघों का मुख्य भोजन है, उनकी संख्या में वृद्धि होगी और पूरे भू-भाग में चीतल फैल जायेंगे।


राष्ट्रीय उद्यानों के प्रबंधन में मध्यप्रदेश शीर्ष पर

मध्यप्रदेश ने टाइगर राज्य का दर्जा हासिल करने के साथ ही राष्ट्रीय उद्यानों और संरक्षित क्षेत्रों के प्रभावी प्रबंधन में भी देश में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को यूनेस्को की विश्व धरोहर की संभावित सूची में शामिल किया गया है।

  • भारत सरकार द्वारा जारी टाइगर रिज़र्व के प्रबंधन की प्रभावशीलता मूल्यांकन रिपोर्ट के अनुसार पेंच टाइगर रिजर्व ने देश में सर्वोच्च रैंक हासिल की है। बांधवगढ़, कान्हा, संजय और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व को सर्वश्रेष्ठ प्रबंधन वाले टाइगर रिजर्व माना गया है। इन राष्ट्रीय उद्यानों में अनुपम प्रबंधन योजनाओं और नवाचारी तरीकों को अपनाया गया है।
  • वन्य-जीव संरक्षण मामलों पर नीतिगत निर्णय लेने के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा प्रभावी प्रबंधन के आकलन से संबंधित आँकड़ों की आवश्यकता होती है। ये आँकडे़ संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के विश्व संरक्षण निगरानी केंद्र में रखे जाते हैं।
  • टाइगर रिजर्व की प्रबंधन शक्तियों का आकलन कई मापदण्डों पर होता है- योजना, निगरानी, सतर्कता, निगरानी स्टाफिंग पैटर्न, उनका प्रशिक्षण, मानव-वन्यजीव संघर्ष प्रबंधन, सामुदायिक भागीदारी, संरक्षण, सुरक्षा और अवैध शिकार निरोधी उपाय आदि।
  • पेंच टाइगर रिजर्व के प्रबंधन को देश में उत्कृष्ट माना गया है। फ्रंटलाइन स्टाफ को उत्कृष्ट और ऊर्जावान पाया गया है। वन्य-जीव संरक्षण अधिनियम 1972 में दर्ज सभी मामलों में पैरवी कर आरोपियों को दंडित करने में प्रभावी काम किया गया है। मानव-बाघ और बाघ-पशु संघर्ष के मामलों में पशु मालिकों को तत्काल वित्तीय राहत दी जा रही है। साथ ही उन्हें विश्व प्रकृति निधि भारत से भी सहयोग दिलवाया जा रहा है।
  • बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व ने बाघ पर्यटन द्वारा प्राप्त राशि का उपयोग कर ईको विकास समितियों को प्रभावी ढंग से पुनर्जीवित किया है। वाटरहोल बनाने और घास के मैदानों के रखरखाव और वन्य-जीव निवास स्थानों को रहने लायक बनाने का कार्यक्रम भी चलाया गया है।
  • कान्हा टाइगर रिजर्व ने अनूठी प्रबंधन रणनीतियों को अपनाया है। कान्हा-पेंच वन्य-जीव विचरण कारीडोर भारत का पहला ऐसा कारीडोर है, जिसमें कारीडोर का प्रबंधन स्थानीय समुदायों, सरकारी विभागों, अनुसंधान संस्थानों और नागरिक संगठनों द्वारा सामूहिक रूप से किया जाता है। पार्क प्रबंधन ने वन विभाग कार्यालय परिसर में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी स्थापित किया है, जो वन विभाग के कर्मचारियों और आस-पास क्षेत्र के ग्रामीणों के लिये लाभदायी सिद्ध हुआ है।

 

राष्ट्रीय उद्यान कूनो पालपुर भेजे गए 26 चीतल 

  • पेंच टाइगर रिजर्व के बाँस नाला बोमा टुरिया बीट से 26 चीतल की पहली खेप श्योपुर जिले में राष्ट्रीय उद्यान कूनो पालपुर रवाना की गई।
  • प्रधान मुख्य वन संरक्षण वन्य-प्राणी श्री जे.एस. चौहान ने बताया कि रवाना किए गए चीतल में से 21 मादा और 5 नर चीतल शामिल हैं

 

उज्ज्वल भारत उज्ज्वल भविष्य-ऊर्जा@2047

 

आजादी के अमृत महोत्सव के तहत उज्ज्वल भारत उज्ज्वल भविष्य-ऊर्जा@2047 कार्यक्रम 25 जुलाई से पूरे मध्प्रय देश में किया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 30 जुलाई को खरगोन जिले के ग्राम सेल्दा में बिजली हितग्राहियों से वर्चुअल संवाद करेंगे।


मध्यप्रदेश  में  बिजली क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ

  • अटल गृह ज्योति योजना में घरेलू उपभोक्ताओं को 24 घण्टे बिजली।
  • वर्तमान में बिजली की कुल अनुबंधित क्षमता 22 हजार 672 मेगावाट।
  • वर्तमान अति उच्च दाब लाइनें 41 हजार 431 कि.मी.।
  • सौभाग्य योजना में प्रदेश में 19 लाख घरों को बिजली कनेक्शन।
  • विगत 10 वर्षों में विभिन्न योजनाओं में 30 हजार करोड़ रूपये से अधिक के बिजली से संबंधित कार्य कराए गए।
  • गैर पारम्परिक ऊर्जा स्त्रोतों की अनुबंधित क्षमता 6 हजार 38 मेगावाट।


देश की महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ

  • क़रीब 1 लाख 69 हजार मेगावाट क्षमता स्थापित। पहली बार देश बिजली की कमी वाला देश होने के बजाय बिजली की अधिकता वाला देश बना।
  • करीब 1 लाख 60 हजार कि.मी. लंबी ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण कर पूरे देश को एक ग्रिड में जोड़ दिया गया। आज भारत पूरी दुनिया में सबसे अधिक ट्रांसमिशन लाइन क्षमता वाला देश। इस अवधि में देश ने सबसे अधिक ट्रांसमिशन क्षमता स्थापित करने का नया कीर्तिमान स्थापित किया।
  • देश के हर गाँव और हर घर को बिजली से जोड़ा गया।
  • क़रीब 2 लाख 2 हजार करोड़ रूपये के ख़र्च से पूरी विद्युत वितरण व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया गया।
  • आज देश में औसतन क़रीब साढ़े 22 घंटे प्रतिदिन विद्युत आपूर्ति, जो वर्ष 2014 तक सिर्फ़ 12 घंटे प्रतिदिन थी।
  • ग़ैर पारंपरिक ऊर्जा के क्षेत्र में देश की क्षमता पिछले आठ वर्षों में दोगुनी हुई। कुल स्थापित क्षमता का क़रीब 40 प्रतिशत भाग ग़ैर-पारंपरिक ऊर्जा पर आधारित।
  • ग़ैर पारंपरिक ऊर्जा पर आधारित कुल क्षमता 76 हजार मेगावाट से बढ़ कर 1 लाख 60 हजार मेगावाट हुई। पूरे विश्व में देश चौथे स्थान पर।

 

मध्यप्रदेश को मिला गर्वमेंट सेक्टर इनिशिएटिव अवॉर्ड टू प्रमोट डिजिटल लर्निंग

 

  • उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। हैदराबाद में 24वें वर्ल्ड एजुकेशन समिट में प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग को ''गवर्नमेंट सेक्टर इनिशिएटिव अवॉर्ड टू प्रमोट डिजिटल लर्निंग'' का पुरस्कार मिला है। इनोवेशन इन एजुकेशन विषय पर अंतर्राष्ट्रीय समारोह में आयुक्त उच्च शिक्षा श्री दीपक सिंह ने पुरस्कार ग्रहण किया। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस उपलब्धि के लिए विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को यह पुरस्कार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में डिजिटल लर्निंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने पर मिला है। इस प्रोत्साहन से भविष्य में भी प्रदेश उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर सकेगा।
  • आयुक्त श्री दीपक सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने वाला मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य है। विभाग द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के साथ ही स्किल डेवलपमेन्ट के लिए व्यावसायिक विषय, प्रोजेक्ट, इंटर्नशिप, अप्रेंटेशिप और कम्युनिटी इंगेजमेंट जैसी गतिविधियों से विद्यार्थियों को रोजगार से जोड़ने का कार्य किया गया है। श्री सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश में सभी शासकीय विश्विद्यालयों में डीजी लॉकर की व्यवस्था उपलब्ध है। इससे छात्रों को कहीं भी अपनी अंकसूची, उपाधि, डुप्लीकेट मार्कशीट, माइग्रेशन आदि प्रमाण-पत्र उपलब्ध हो सकेंगे। विभाग द्वारा नवाचार, डिजिटल इनिशिएटिव्स - एकीकृत पोर्टल का निर्माण, ऑनलाइन प्रवेश, ई-शिक्षा, ई-कंटेंट निर्माण, ऑनलाइन ट्रेनिंग, वर्चुअल क्लासेज और दूरदर्शन के माध्यम से शिक्षण कार्य किए जा रहे हैं।


51 जिलों में हुआ अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्वाचन 

  • 29 जुलाई को 51 जिलों में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्वाचन हुआ । सीधी जिले में एक जिला पंचायत वार्ड का परिणाम उच्च न्यायालय द्वारा स्थगित करने के कारण वहाँ अभी अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्वाचन नहीं होगा।

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