स्टेच्यु ऑफ वननेस ओंकारेश्‍वर मांधाता जिला खंडवा । ओंकारेश्वर मांधाता के बारे में जानकारी Statue of Oneness MP

 स्टेच्यु ऑफ वननेस ओंकारेश्‍वर मांधाता जिला खंडवा 

स्टेच्यु ऑफ वननेस ओंकारेश्‍वर मांधाता जिला खंडवा । ओंकारेश्वर मांधाता के बारे में जानकारी Statue of Oneness MP



स्टेच्यु ऑफ वननेस ओंकारेश्वर

हाल ही में  ओंकारेश्वर में नर्मदा तट पर आचार्य शंकर की 108 फीट की बहुधातु प्रतिमा की स्थापना और अन्य कार्यों के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन बनाने के लिए वास्तुविद सलाहकार की नियुक्ति कर ली गई है। 

 

स्टेच्यु ऑफ वननेस ओंकारेश्‍वर मांधाता महत्वपूर्ण बिन्दु 


  • मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के ओंकारेश्वर में 108 फीट की आचार्य शंकर की बहुधातु प्रतिमा की स्थापना, की जायेगी  । 
  • ओंकारेश्वर में नर्मदा तट पर आचार्य शंकर की 108 फीट की बहुधातु प्रतिमा की स्थापना और अन्य कार्यों के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन बनाने के लिए वास्तुविद सलाहकार की नियुक्ति कर ली गई है। 
  • ओंकारेश्वर प्रकल्प के लिए 58.30 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध हुई है। 
  • मध्यप्रदेश राज्य पर्यटन विकास ‍निगम को मैनेजमेंट और निर्माण एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है। 
  • चार्य शंकर की प्रस्तावित निर्मितियों के अस्थाई प्रदर्शन के लिए मॉडल तैयार किया जा रहा है।


स्टेच्यु ऑफ वननेस निर्माण की घोषणा 

  • मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नर्मदा सेवा यात्रा के दौरान 9 फरवरी 2017 को आचार्य शंकर की प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की थी। 
  • मुख्यमंत्री श्री चौहान द्वारा ओंकारेश्वर में शंकराचार्य जी की भव्य और विशाल प्रतिमा की स्थापना और म्यूजियम प्रारंभ करने की घोषणा के बाद एक मई 2017 को प्राकट्य पंचमी उत्सव मनाया गया था। 

एकात्म पर्व

  • इसके बाद 19 दिसम्बर 2017 से 22 जनवरी 2018 तक एकात्म यात्रा और धातु संग्रहण अभियान संचालित किया गया। एकात्म पर्व भी मनाया गया। 
  • इसके बाद 27 जनवरी 2018 को आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास का गठन किया गया। प्रेजेंटेशन में बताया गया कि शंकराचार्य जी की प्रतिमा स्थापना प्रकल्प की भावना से जन-मानस भी जुड़ा है। 
  • न्यास द्वारा शंकर व्याख्यानमाला, प्रेरणा संवाद, शंकर चित्रकला कार्यशाला एवं प्रदर्शनी, शंकर संगीत, नाटक और अद्वैत उत्सव के आयोजन, शंकर फैलोशिप, अद्वैत जागरण शिविर और सागर केंद्रीय विश्वविद्यालय में संगोष्ठी भी आयोजित की गई, जिसमें करीब तीन सौ शोध- पत्र प्रस्तुत हुए थे।

स्टेच्यु ऑफ वननेस निर्माण का उद्देश्य 

  • स्टेच्यु ऑफ वननेस के निर्माण के पीछे भाव यह है कि मत-मतांतर, विद्वेष और वैमनस्य के भाव को समाप्त कर अद्वैत वेदांत के महत्व से जन-जन को अवगत करवाएगा। 
  • यह स्थान आचार्य शंकर के संपूर्ण जीवन दर्शन से अवगत करवाने, उनके अद्वैत वेदांत की अभिव्यक्ति, आने वाली पीढ़ी के चरित्र निर्माण, पर्यावरण संरक्षण, मठाम्नाय परम्परा, सामाजिक-सांस्कृतिक परिवर्तन, विश्व-कल्याण और वसुधैव कुटुम्बकम के भाव के विकास के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण स्थल के रूप में उभरेगा। 


आदि शंकराचार्य कौन थे 


पूर्ण नाम- शंकर
जन्म 788 ईसवी कालड़ी।
मृत्यु 820 ईसवी केदारनाथ।
गुरू- गोविंद भगवत्पाद। 

  • आदि शंकराचार्य अद्वैत वेदान्त के प्रणेतासंस्कृत के विद्वानउपनिषद् व्याख्याता और सनातन धर्म सुधारक थे। धार्मिक मान्यता में इन्हें भगवान शंकर का अवतार भी माना गया ।

आदि शंकराचार्य के बारे में अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें 


स्टेच्यु ऑफ वननेस और शिवराज सिंह चौहान 

  • स्टेच्यु ऑफ वननेस  के संबंध में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कहा "धर्म की जय, अधर्म का नाश, प्राणियों में सद्भावना, विश्व का कल्याण'' हमारा मुख्य उद्देश्य है। 
  • मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ओंकारेश्वर में शंकराचार्य जी की प्रतिमा की स्थापना सिर्फ प्रतिमा स्थापना कार्य ही नहीं बल्कि जीवन में व्यवहारिक वेदांत कैसे उतारा जाए इसका प्रकल्प है। यह दुनिया एक परिवार बने, इसके पीछे ये भाव भी है। 

  

स्टेच्यु ऑफ वननेस के संबंध में संतों और न्यासियों के विचार 

 

महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी ने कहा कि-

  • शंकराचार्य जी की दीक्षा भूमि और मध्यप्रदेश में स्टेच्यु ऑफ वननेस के निर्माण का कदम प्रेरक और अकल्पनीय है। 
  • यह विश्वव्यापी केन्द्र बनेगा। 
  • ओंकारेश्वर में शंकराचार्य जी की प्रतिमा की स्थापना और प्रकल्प के अन्य कार्यों के पूर्ण होने से सभी सम्प्रदायों और आचार्यों को जोड़ा जाना संभव हो जाएगा। 
  • ओंकोरश्वर का प्रकल्प जाति-बंधन भी तोड़ेगा। यह पूरे विश्व में अध्यात्म के विचार को प्रसारित करेगा। शंकराचार्य जी के दर्शन से ही एकात्मकता के सूत्र निकले हैं। 
 

ओंकारेश्वर मांधाता के बारे में जानकारी 

  • ओंकारेश्वर मांधाता नर्मदा नदी के मध्यग द्वीप पर स्थित है। दक्षिणी तट पर ममलेश्वेर (प्राचीन नाम अमरेश्वैर) मंदिर स्थित है । 
  • ओंकारेश्वर में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के साथ ही ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग भी है। इन दोनों शिवलिंगों को एक ही ज्योतिर्लिंग माना जाता है। 
  • खंडवा से 75 कि.मी. इंदौर-खंडवा हाईवे पर । यह हिंदुओं का एक पवित्र स्थान है।
  • ओंकार ममलेश्वर  12 ज्योतिर्लिंगों में से एक और जैन संप्रदाय के सिद्धवरकूट इस स्थान पर स्थित हैं। दोनों संप्रदायों और विदेशियों के लाखों श्रद्धालु हर साल आते हैं। 
  • अद्वैत के प्रणेता  आदिगुरु शंकराचार्य के गुरू  गोविन्दश जी की गुफा, सिद्धनाथ के  भव्यस मंदिर के भग्ना‍वशेष, गौरी सोमनाथ का मंदिर, ऋणमुक्तेसश्विर मंदिर  इस स्थान पर स्थित हैं।
  • द्वीप के प्रणकाक्षर    के आकार के कारण ही इस स्थावन का नाम ओंकारेश्वर है ।
  • जैन धर्म का तीर्थ सिद्धवरकूट भी नजदीक ही स्थित है । यहॉं पर जैन धर्म के कईं प्राचीन मंदिर हैं इनमे से कुछ का नवीनीकरण किया गया है । यहॉं की चित्रावलियों से प्रतीत होता है कि लगभग 14880 के आसपास की हैं । चित्रों में प्रमुखत: तीर्थंकर भगवान श्री शांतिनाथ जी का वर्णन है ।


खंडवा शहर की जानकारी 

 

  • खंडवा शहर को जिला पूर्व निमाड़ का  जिले का मुख्यालय होने का गौरव प्राप्त है।
  • भारत के नक्शे पर इसकी लगभग मध्यज में स्थिति के कारण  अतीत में (ब्रिटिश काल में), यह उत्तरी, पूर्वी, दक्षिणी और पश्चिमी रेल मार्गों को जोड़ने वाली एक जगह थी।
  • दिल्ली (उत्तर), बॉम्बे (दक्षिण) और बड़ौदा (पश्चिम) सीधे जुड़ा हुआ था जबकि कलकत्ता  भुसावल जंक्शन के माध्यम से पहुँचा जा सकता है। इसलिए स्वामी दयानंद सरस्वती, स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, लोकमान्य तिलक और कई अन्य महान हस्तियों ने  अपनी  भारतयात्रा के समय  स्थान का दौरा किया।
  • भौगोलिक स्थिति , संसाधनों की आसान उपलब्धता और अन्य सामाजिक-आर्थिक कारक इस जगह को बहुत अच्छा औद्योगिक क्षेत्र बना सकते हैं ।  इस स्थान में कई प्राचीन कुंड, अंग्रेजी वास्तुकला और धार्मिक स्थान हैं। 
  • यह स्थान बंबई-दिल्ली केंद्रीय लाइन और बुरहानपुर के उत्तर में स्थित है। 
  • इस स्थान पर चार ऐतिहासिक कुंड हैं, जिनमें सूरज कुंड, पद्म कुंड, भीम कुंड, रामेश्वर कुंड शामिल हैं। 
  • कलेक्टर कार्यालय, गर्ल्स डिग्री कॉलेज, घंटाघर की इमारतें प्राचीन स्मारकों में से हैं।
  • दादा धुनी वाले की समाधि, तुरजा भवानी मंदिर, नव-चंडी देवी धाम हिंदुओं की आस्था और पूजा स्थल हैं। 
  • पार्श्व गायक किशोर कुमार की समाधि भी खण्डवा में ही है ।


MP Current Affairs 2022.....

No comments:

Post a Comment

Powered by Blogger.