प्रदूषण सम्बन्धी केस अध्ययन (केस स्टडी) | Pollution Case Study in Hindi

प्रदूषण सम्बन्धी केस अध्ययन (केस स्टडी) 
Pollution Case Study in Hindi

प्रदूषण सम्बन्धी केस अध्ययन (केस स्टडी) | आपदा प्रबन्धनः बाढ़, भूकम्प, चक्रवात और भूस्खलन |Pollution Case Study in Hindi


प्रदूषण सम्बन्धी केस अध्ययन (केस स्टडी)

 

भारत में जल प्रदूषण की समस्या:

 

  • वर्तमान युग में पर्यावरण प्रदूषण एक विश्वव्यापी समस्या है। जनसंख्या के बढ़ते दबाव और तीव्र गति से बढ़ते औद्योगिकरण के कारण प्राकृतिक एवं समाज वैज्ञानिकों में मानव स्वास्थ्य और पारिस्थितिक संतुलन को लेकर चिंता व्याप्त है। भारत में पर्यावरण प्रदूषण की समस्या का जन्म न केवल नगरीकरणऔद्योगिक विकास और कृषि के आधुनिकरण के कारण हुआ हैअपितु इसके लिए दयनीय सामाजिकआर्थिक दशाऐं भी उत्तरदायी हैं।

 

  • भारत में लगभग 6,000 किलोमीटर लंबी तटीय सीमा से लगे समुद्र में प्रदूषण का तीव्र प्रसार हो रहा है। वर्तमान में भारत की अधिकांश नदियाँझीलें तथा जलाशय ही नहींभूमिगत जल भी प्रदूषण की चपेट में आ गए हैं। भारत में 70 प्रतिशत जल प्रदूषित जल है। राजस्थान में एक बड़े क्षेत्र में फ्लोराइड युक्त प्रदूषित जल के कारण यहाँ की पीढ़ी दर पीढ़ी अस्थि रोग से ग्रसित हैवहीं जोधपुर व पाली क्षेत्रों में करीब 1,500 कपड़ा रंगाई-छपाई केंद्रों से निकले प्रदूषित जल के कारण स्थानीय क्षेत्रों के कुओं का जल अत्यंत प्रदूषित व रंगीन हो गया है। उत्तर प्रदेश व बिहार के कुछ स्थानों में खतरनाक रेडियोधर्मी तत्व भूमिगत जल में पाए गए हैं।

 

  • कागजचमड़ारासायनिक खाद्य औषधियाँ निर्माण करने वाले उद्योग प्रदूषित जल के साथ सीसाजिंकमैग्नीज के कणोंअमोनियम साइनाइड फिनोल आदि के अवशेषों को जमीन पर तथा नदियों में बहा देने से जमीन की उर्वरा शक्ति क्षीण होने के साथ-साथ नदियों का जल भी प्रदूषित होता जा रहा है। उद्योगों के अवशिष्ट घरेलू गंदा जलखेतों में सिंचाई के बाद निकला जल तथा भूमि का कटावनदियों में सामूहिक स्नानधार्मिक अनुष्ठान मवेशियों के स्नाननदियों के किनारे मुर्दों को जलाने तथा छोटे बच्चों व मवेशियों के शवों को नदी में डालने से प्रदूषण होता है। सामूहिक स्नान के समय रोगों को फैलाने वाले बैक्टीरिया वायरस और कवक पानी में फैल जाते हैं। धार्मिक अनुष्ठानों के समय नदी में फूल-पत्तियोंदूधदहीसिर के बालआटाअस्थियां और राख डाले जाते हैंपरिणामस्वरूप नदियों के जल प्रदूषण में बढ़ोत्तरी होती है।

 

  • भारत में 13 बड़ी नदियाँ लगभग 80 प्रतिशत जनतो को प्रभावित करती है। मानव की भोगवादी सभ्यता ने नदियों को प्रदूषित करके गंदे नालों में परिवर्तित कर दिया है।

 

  • देश की प्रमुख झीलें भी प्रदूषण से ग्रस्त हैं। नैनीताल की प्रसिद्ध नैनीझील आसपास के 14 नालों से लाई गई गंदगीगाद व मिट्टी के भराव के फलस्वरूप अपनी प्राकृतिक सुंदरता खो रही है। धरती का स्वर्ग व पर्यटकों का ध्यान बरबस आकर्षित करने वाली यह झील 24 किलोमीटर से सिकुड़कर 10 वर्ग किमी के दलदल तक सीमित रह गई है। इसी प्रकार कलकत्ता की प्रसिद्ध साल्ट लेक जो 80 वर्ग किलोमीटर में फैली थीआज लगभग आधी रह गई है। हैदराबाद में स्थित हुसैन सागर झील 300 कारखानों एवं 50,000 की जनसंख्या की गंदगी व नालों के कारण प्रदूषित है। राजस्थान की लगभग सभी झीलें प्रदूषित हैं और प्रसिद्ध सांभर झील अत्यधिक नमक विदोहन व प्रदूषण से प्रभावित है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डो से परामर्श करके 22 ऐसे गंभीर रूप से प्रदूषित क्षेत्रों की पहचान की हैजिनमें प्रदूषण नियंत्रण हेतु विशिष्ट ध्यान देने की आवश्यकता है।

पर्यावरणीय क्षरण (प्रदूषण)

पर्यावरणीय प्रदूषण

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