राष्ट्रीय आय की गणना (मापन) की आय विधि | Income Method of Calculation (Measurement) of National Income in Hindi

 राष्ट्रीय आय की गणना (मापन) की आय विधि  

Income Method of Calculation (Measurement) of National Income in Hindi

राष्ट्रीय आय की गणना (मापन) की आय विधि | Income Method of Calculation (Measurement) of National Income in Hindi



 राष्ट्रीय आय की गणना (मापन) की आय विधि 

  • किसी उत्पादन इकाई द्वारा साधन लागत पर शुद्ध मूल्य वृद्धि उस इकाई में सृजित साधन आय अर्थात् कर्मचारियों का पारिश्रमिक प्रचालन अधिशेष तथा स्वनियोजितों की मिश्रित आय के समान होती है। अतः किसी उत्पादक इकाई का योगदान ज्ञात करने के लिए हम कर्मचारियों का पारिश्रमिक प्रचालन अधिशेष व मिश्रित आय को जोड़ लेते हैं।


  • यदि अर्थव्यवस्था की कमी सभी उत्पादक इकाइयों द्वारा सृजित साधन आय जोड़ ली जाए तो हमें शुद्ध घरेलू उत्पाद की साधन लागत ज्ञात हो जाती है। इसमें विदेशों से प्राप्त शुद्ध साधन आय जोड़कर हम साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद या राष्ट्रीय आय जान सकते हैं । 

 

  • साधन लागत पर शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद में मूल्यहास का प्रावधान जोड़कर हमें साधन लागत पर सकल राष्ट्रीय उत्पादन ज्ञात होता है। इसमें शुद्ध अप्रत्यक्ष करों की राशि जोड़ने पर हमें बाजार कीमतों पर सकल राष्ट्रीय उत्पाद मिलता है।

 

  • इसी तरह साधन लागत पर शुद्ध घरेलू उत्पाद तथा मूल्यहास प्रावधान का योग हमें साधन लागत पर घरेलू उत्पाद देता है।

 

राष्ट्रीय आय की गणना (मापन) की आय विधि से राष्ट्रीय आय का आकलन कुछ इस प्रकार होता है :

 

1) पहले साधन सेवाएँ प्रयोग करने वाली उत्पादक इकाइयों की पहचान की जाती है; 

2) विभिन्न साधन भुगतानों का वर्गीकरण किया जाता है; 

3) साधन भुगतान के घटकों का अनुमान लगाया जाता है; 

4) विदेशों से प्राप्त साधन आय का अनुमान लगाते हैं। इसी साधन लागत पर घरेलू उत्पाद में जोड़कर हम शुद्ध राष्ट्रीय उत्पाद की साधन लागत अथवा राष्ट्रीय आय का अनुमान प्राप्त करते हैं।


उत्पादन विधि के लिए प्रयुक्त उत्पादक इकाइयों के वर्गीकरण का आय विधि के लिए भी प्रयोग हो सकता है।

 

साधन आयों को इन वर्गों में बाँटा जाता है :

 

क) कर्मचारियों का पारिश्रमिक 

ख) किराया 

ग) ब्याज, 

घ) लाभ तथा 

ङ) स्वनियोजितों की मिश्रित आय

 

साधन आय का मोटा-मोटा वर्गीकरण कुछ इस तरह से भी हो सकता है :

 

(अ) कर्मचारियों का पारिश्रमिक 

ब) प्रचालन अधिवेश तथा 

स) स्वनियोजितों की मिश्रित आय।

 

आय विधि से राष्ट्रीय आय के आकलन में इन बातों पर ध्यान देना आवश्यक होता है :

 

1) साधन आय तथा हस्तांतरण का भेद अच्छी तरह समझना चाहिए। साधन आय उत्पादन के निमित्त प्रदत्त साधन सेवाओं के बदले में मिला प्रतिफल है पर हस्तांतरण आय किसी तरह के साधन प्रयास के बिना ही मिली प्राप्ति है। केवल साधन आय ही राष्ट्रीय आय है। हस्तांतरण को हम राष्ट्रीय आय में नहीं जोड़ते।

 

2) स्वयं निवास के लिए प्रयुक्त भवनों का भाड़ा भी आँका जाता है। इस आकलित राशि में से रख-रखाव पर आया खर्च घटाकर शेष रकम उत्पादन विधि की ही भाँति राष्ट्रीय आय में जोड़ दी जाती है।

 

3) तस्करीजुआ तथा लाटरी आदि से हुई अनायास प्राप्ति को भी हम राष्ट्रीय आय में नहीं जोड़ते।

 

4) पुरानी चीज़ों के विनिमय से भी अर्थव्यवस्था की राष्ट्रीय आय अप्रभावित रहती है। इनकी बिक्री से प्राप्त राशि किसी साधन सेवा का प्रतिफल नहीं होतीअतः उसे राष्ट्रीय आय में स्थान भी नहीं मिलता।


विषय सूची 


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