राष्ट्रीय प्रेस दिवस 2023 : इतिहास उद्देश्य महत्व | National Press Day 2023 in Hindi

राष्ट्रीय प्रेस दिवस 2022 : इतिहास उद्देश्य महत्व

राष्ट्रीय प्रेस दिवस 2022 : इतिहास उद्देश्य महत्व | National Press Day 2022 in Hindi

राष्ट्रीय प्रेस दिवस 2022 : इतिहास उद्देश्य महत्व

  • प्रतिवर्ष 16 नवंबर को भारत में ‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस’ का आयोजन किया जाता है। भारत में प्रेस की स्वतंत्रता और भारतीय समाचार पत्रों एवं समाचार एजेंसियों के मानकों को बनाए रखने तथा उनमें सुधार करने के लिये 16 नवंबर, 1966 को भारतीय प्रेस परिषद (PCI) की स्थापना की गई थी।
  • वर्ष 1954 में गठित प्रथम प्रेस आयोग ने वर्ष 1956 में भारत में पत्रकारिता की नैतिकता और प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा के लिये एक समिति के गठन की बात की थी। इसके तकरीबन 10 वर्ष बाद भारतीय प्रेस परिषद (PCI) का गठन किया गया। यह नैतिकता के उल्लंघन और प्रेस की स्वतंत्रता के उल्लंघन संबंधी शिकायतों का न्यायनिर्णयन करती है। वर्तमान में जस्टिस चंद्रमौली कुमार प्रसाद भारतीय प्रेस परिषद (PCI) के अध्यक्ष पद पर कार्यरत हैं। भारतीय प्रेस परिषद (PCI) एक सांविधिक निकाय है, जिसकी अध्यक्षता सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश द्वारा की जाती है। इसके अलावा इस परिषद में 28 अन्य सदस्य होते हैं, जिनमें से 20 प्रेस का प्रतिनिधित्व करते हैं, पाँच सदस्य संसद के दोनों सदनों से नामित होते हैं और तीन सदस्य सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं कानूनी क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

 

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस 3 मई

  • किसी भी लोकतांत्रिक देश में प्रेस की आजादी का मतलब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से है। यानी ये कहा जा सकता है कि ये दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। इसीलिए प्रेस की आजादी के महत्व के प्रति लोगों को जागरूक करने के मकसद से हर साल 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। बात सिर्फ दिवस मनाने भर की नहीं है, बल्कि हमारे लिए यह आंकना भी जरूरी है कि प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर हम किस स्थान पर हैं।


  • साल 1993 में 3 मई को संयुक्त राष्ट्र की महासभा ने पहली बार विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने का फैसला किया। तबसे ये हर साल मनाया जा रहा है और प्रत्येक वर्ष इसकी एक थीम होती है।  इसके अलावा, यूनेस्को 1997 से हर साल 3 मई को विश्व स्वतंत्रता दिवस के मौके पर 'गिलेरमो कानो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम' पुरस्कार भी देता है। यह पुरस्कार ऐसे संस्थान या व्यक्ति को दिया जाता है, जिसने प्रेस के आजादी के लिए उल्लेखनीय कार्य किया हो। भारत के किसी भी पत्रकार या संस्थान को अभी तक यह पुरस्कार नहीं दिया गया है।

 

  • हर साल विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ नाम का एक संगठन ‘विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक’ जारी करता है। बता दें कि पेरिस स्थित रिपोर्टर्स विदाउट बार्डर्स एक अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी, गैर-लाभकारी संगठन है। यह सार्वजनिक हित में संयुक्त राष्ट्र, यूनेस्को, यूरोपीय परिषद, फ्रैंकोफोनी के अंतरराष्ट्रीय संगठन ओआईएफ और मानव अधिकारों पर अफ्रीकी आयोग के साथ सलाहकार की भूमिका निभाता है।

 

  • विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक’ में 180 देशों में मीडिया की स्वतंत्रता के स्तर का आकलन किया जाता है। इसका प्रथम संस्करण वर्ष 2002 में प्रकाशित किया गया था। यह सूचकांक, मीडिया की स्वतंत्रता के निर्धारण के आधार पर तैयार किया जाता है, जिसमे मीडिया में बहुलवाद, मीडिया को प्राप्त आज़ादी, कानूनी तंत्र की गुणवत्ता और पत्रकारों की सुरक्षा जैसी बातों का आकलन किया जाता है।


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