संविधान दिवस 2023 : संविधान दिवस मनाए जाने के कारण उद्देश्य महत्व। Constitution Day 2023 Fact
संविधान दिवस 2023 : 26 नवंबर को 74वाँ संविधान दिवस
Constitution Day 2023 Fact
संविधान दिवस 2023 : 26 नवंबर को 74वाँ संविधान दिवस
- भारत में प्रतिवर्ष 26 नवम्बर को संविधान दिवस मनाया जाता है ।संविधान दिवस के पीछे संविधान के महत्तव को जन जन तक पहुंचने , युवाओं को संविधान के मूल भावना से रूबरू कराने और संविधान के प्रति उनकी आस्था को मजबूत करने को कारण बताया जा रहा है। दरअसल 26 नवंबर 1949 को पहली बार संविधान सभा में सविधान को अंगीकृत किया गया था जिसके बाद 26 जनवरी 1950 से ये पूरे भारत भर में लागू हो गया।
- इस वर्ष 2023 में 26 नवंबर को देश में 74वाँ संविधान दिवस (Constitution Day) मनाया जा रहा । प्रतिवर्ष इस अवसर पर संविधान में निहित मूल्यों और सिद्धांतों के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से कई प्रकार की गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।
संविधान दिवस मनाए जाने के कारण उद्देश्य महत्व
- संविधान दिवस (Constitution Day) को राष्ट्रीय विधि दिवस के रूप में भी जाना जाता है, यह दिन भारत में संविधान को अपनाने की याद दिलाता है।
- वर्ष 1949 में इसी दिन अर्थात 26 नवंबर, 1949 को संविधान सभा द्वारा औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया गया जिसे आगे चलकर 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया।
- केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 19 नवंबर, 2015 को भारत सरकार द्वारा 26 नवंबर को 'संविधान दिवस' के रूप में मनाने के निर्णय को अधिसूचित किया था।
भारतीय संविधान के प्रमुख तथ्य
- संविधान सभा द्वारा भारत के संविधान के निर्माण का कार्य 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिनों में पूरा किया गया।
- भारतीय संविधान की मूल प्रतियों को टाइप या मुद्रित नहीं किया गया था, बल्कि इन प्रतियों को हाथ से लिखकर तैयार किया गया था। वर्तमान में संविधान की मूल प्रतियों को संसद के पुस्तकालय के भीतर हीलियम से भरे बॉक्स/ केस (Case) में रखा गया है।
- प्रसिद्ध सुलेखक (Calligrapher) प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा ने संविधान की मूल प्रतियों तैयार की थी।
- मूल रूप से भारत का संविधान अंग्रेजी और हिंदी भाषा में लिखा गया था।
- भारतीय संविधान के निर्माण के समय इसकी कुछ विशेषताओं को ब्रिटेन, आयरलैंड, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा सहित अन्य कई देशों के संविधानों से उधार लिया गया था।
- भारतीय संविधान की मूल संरचना भारत सरकार अधिनियम, 1935 पर आधारित है।
- यह विश्व का सबसे लंबा संविधान है।
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