अंतर्राष्ट्रीय ई-कचरा दिवस कब और क्यों मनाया जाता है | ई-कचरा क्या होता है |International E-Waste Day in Hindi

 अंतर्राष्ट्रीय ई-कचरा दिवस कब और क्यों मनाया जाता है 

 

अंतर्राष्ट्रीय ई-कचरा दिवस कब और क्यों मनाया जाता है  | ई-कचरा क्या होता है |International E-Waste Day in Hindi

अंतर्राष्ट्रीय ई-कचरा दिवस 14 अक्टूबर

  • विश्व भर में प्रतिवर्ष 14 अक्तूबर को ई-कचरे के स्वास्थ्य प्रभावों के संबंध में जागरूकता पैदा करने हेतु अंतर्राष्ट्रीय ई-कचरा दिवसका आयोजन किया जाता है।अंतर्राष्ट्रीय ई-कचरा दिवस  दिवस की शुरुआत वेस्ट इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक फोरम’ (WEEF) द्वारा वर्ष 2018 में की गई थी। 
  • कंप्यूटर व उससे संबंधित अन्य उपकरण और टी.वी., वाशिंग मशीन, फ्रिज जैसे घरेलू उपकरण एवं कैमरे, मोबाइल फोन तथा उससे जुड़े अन्य उत्पाद जब चलन/उपयोग से बाहर हो जाते हैं तो इन्हें संयुक्त रूप से ई-कचरेकी संज्ञा दी जाती है। 
  • जुलाई 2020 में संयुक्त राष्ट्र विश्वविद्यालयद्वारा एक रिपोर्ट जारी की गई थी, जिसमें बताया गया गया था कि वर्ष 2020 और वर्ष 2030 की अवधि में वैश्विक ई-कचरे में तकरीबन 38 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है। 

 

ई-कचरा क्या होता है 

कंप्यूटर तथा उससे संबंधित अन्य उपकरण तथा टी.वी., वाशिंग मशीन एवं फ्रिज जैसे घरेलू उपकरण और कैमरे, मोबाइल फोन तथा उससे जुड़े अन्य उत्पाद जब चलन/उपयोग से बाहर हो जाते हैं तो इन्हें संयुक्त रूप से ई-कचरे की संज्ञा दी जाती है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के घटक और पुर्जे आदि शामिल हैं।


इसे दो व्यापक श्रेणियों के तहत 21 प्रकारों में वर्गीकृत किया गया है:

  • सूचना प्रौद्योगिकी और संचार उपकरण।
  • विद्युत और इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण।


ई-कचरे के प्रबंधन को लेकर वर्ष 2011 से ही भारत में कानून मौजूद है, जिसके मुताबिक केवल अधिकृत विघटनकर्त्ता (Dismantlers) और पुनर्चक्रणकर्त्ता (Recyclers) ही ई-कचरा एकत्र कर सकते हैं।

ई-कचरा (प्रबंधन) नियम, 2016 को वर्ष 2017 में लागू किया गया था।

भोपाल (मध्य प्रदेश) में घरेलू और वाणिज्यिक इकाइयों से कचरे के पृथक्करण, प्रसंस्करण और निपटान के लिये भारत का पहला ई-कचरा क्लिनिक स्थापित किया गया है।


ई-कचरा (प्रबंधन) नियम, 2016

  • पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा ई-कचरा (प्रबंधन) नियम, 2016 को अधिसूचित किया गया था।
  • इस नियम से पहले ई-अपशिष्ट (प्रबंधन और हैंडलिंग) नियम, 2011 लागू था।
  • इस नियम के दायरे में कुल 21 प्रकार के उत्पाद (अनुसूची-1) शामिल किये गए हैं। इसमें अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के अलावा कॉम्पैक्ट फ्लोरोसेंट लैंप (CFL) और मरकरी पारा युक्त लैंप शामिल हैं।
  • इस अधिनियम के तहत पहली बार इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के निर्माताओं को विस्तारित निर्माता ज़िम्मेदारी (EPR) के दायरे में लाया गया। उत्पादकों को ई-कचरे के संग्रहण तथा आदान-प्रदान के लिये उत्तरदायी बनाया गया है।
  • डिपॉज़िट रिफंड स्कीम को एक अतिरिक्त आर्थिक साधन के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिसमें निर्माता इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की बिक्री के समय जमा राशि के रूप में एक अतिरिक्त राशि वसूलता है और उपभोक्ता को यह राशि उपकरण लौटाने पर ब्याज समेत लौटा दी जाती है।
  • निराकरण और पुनर्चक्रण कार्यों में शामिल श्रमिकों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास सुनिश्चित करने का कार्य राज्य सरकारों को सौंपा गया है।
  • नियमों के उल्लंघन की स्थिति में दंड का प्रावधान भी सुनिश्चित किया गया है।
  • ई-कचरे के निराकरण और पुनर्चक्रण के लिये मौजूदा और आगामी औद्योगिक इकाइयों को उचित स्थान के आवंटन की भी व्यवस्था की गई है।

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