जनसंपर्क एजेंसियां-विकास और चुनौतियां|प्रबंधन और जनसंपर्क| Public Relations Agencies – Growth and Challenges

जनसंपर्क एजेंसियां-विकास और चुनौतियां
Public Relations Agencies – Growth and Challenges

 

जनसंपर्क एजेंसियां-विकास और चुनौतियां| Public Relations Agencies – Growth and Challenges

जनसंपर्क एजेंसियां-विकास और चुनौतियां (Public Relations Agencies – Growth and Challenges)

    

  • कॉरपोरेट क्षेत्र की बढ़ती जरूरतें पूरी करने के लिए अनेक विज्ञापन एजेंसियों ने जन संपर्क की शाखाएं खोली हैंजिसका उद्देश्य या तो विज्ञापन से जुड़े अपने उपभोक्ताओं का सहयोग करना है या जन संपर्क के नए  क्षेत्र में काम करना है। विज्ञापन के क्षेत्र से जुड़े अनेक दिग्गज पेशेवरों ने जन संपर्क के क्षेत्र में अपना कार्य विस्तार किया है। जनसंपर्क से संबंधित अनेक बहुराष्ट्रीय कंपनियां भारत आ चुकी हैं।

 

  • इन कंपनियों ने वैश्विक स्तर पर अपने कारोबार का मुकाबला करने के लिए स्थानीय एजेंसियों पर दबाव बनाया है। अवसरों का लाभ उठाने के लिए कई भारतीय जन संपर्क एजेंसियों ने चर्चित अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से गठजोड़ किए उदाहरण के लिएजे। वॉल्टर थॉम्ससन (इंडिया) की एक शाखा आईपन ने हिल ऐंड नॉल्टन से हाथ मिलाया है। प्रसिद्ध बर्स्टन मार्शलर का भारतीय सहयोगी एक पूर्व विज्ञापन पेशेवर हैजो उसकी जन संपर्क सलाहकार एजेंसी चलाता है। भारत में जन संपर्क कारोबार अब शिखर पर है। जनसंपर्क एजेंसियों ने चुनौतियों का सामना करने के लिए जरूरी पेशेवर योग्यता हासिल की है। अनेक जन संपर्क एजेंसियों ने विज्ञापनविपणनशोध एवं संचार संबंध प्रबंधन से जुड़ी प्रतिभाओं को अपने साथ जोड़ा है।

 

  • प्रबंधन और जनसंपर्क (Management and Public Relations)

 

जन संपर्क प्रबंध के शीर्ष स्तर तक काम करता है। किसी कंपनी के प्रमुख या प्रबंध निदेशक की सबसे बड़ी प्राथमिकता यही होती है कि व्यापारिक गतिविधियों के कारण उसकी छवि प्रभावित न हो। चूंकि जन संपर्क पेशेवर अपनी रिपोर्ट सीधे प्रबंध निदेशक को भेजता हैऐसे में उसके लिए कंपनी की छवि और साख के लिए काम करना और आसान हो जाता है। अमेरिका जैसे देशों में तो यह सच हैलेकिन भारत मेंदुर्भाग्य सेकुछ ही बहुराष्ट्रीय कंपनियां हैंजहां जन संपर्क अधिकारियों का प्रबंधन के शीर्ष स्तर से तालमेल है।

 

भारत में जनसंपर्क शिक्षा

 

किसी भी पेशे में बेहतर शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए जरूरी है कि देश में उससे संबंधित स्तरीय शिक्षा देने वाले प्रतिष्ठित संस्थान हों। अपने यहां जन संपर्क की स्तरीय शिक्षा देने वाले कई प्रतिष्ठित संस्थान हैं। एक मोटा अनुमान यह है कि भारतीय जन संपर्क एजेंसियां हर साल प्रबंधन के मंझोले स्तर पर दो हजार से ज्यादा जन संपर्क पेशेवरों को रोजगार देती हैं। इसके अलावा कॉरपोरेट क्षेत्र में सालाना कई लाख लड़के-लड़कियों को रोजगार मिलता है।

 

जनसंपर्क शब्दावली 

सूचना विस्फोट :

  • आज समाचारपत्रपत्रिकाएंरेडियोटेलीविजनइंटरनेटसिनेमा जैसे कई मीडिया माध्यम अस्तित्व में हैं। सूचना की बहुलता की यह स्थिति ही सूचना विस्फोट है। 


मास मीडिया या जनसंचार: 

  • जनसंचार का मतलब अभिव्यक्ति के ऐसे माध्यम से हैजो विशाल जन समूह को संबोधित हो । जनसंचार माध्यमों के जरिये असंख्य श्रोताओं दर्शकों को प्रभावित किया जा सकता है।

 

टीआरपी : 

  • टीआरपी या टेलीविजन रेटिंग पॉइंट दुनिया की मशहूर कंपनी टैम का भारत में : दर्शकों की पहुंच चेनलों तक मापने का पैमाना है। इसे भारतीय प्रसारकों के सहयोग से करीब डेढ़ दशक पहले शुरू किया गया थाजिसे मीडिया के साथ विज्ञापनदाताओं के प्रमुख ने भी मान्यता दी है। 

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