सुभाष चंद्र बोस जयंती 2024 : पराक्रम दिवस पर जानिए सुभाष चन्द्र बोस के बारे में। Netaji Shubhash Charda Boss Jyanti 2022

 सुभाष चंद्र बोस जयंती 2024 

( Shubhash Charda Boss Jyanti 2024)

सुभाष चंद्र बोस जयंती 2022 : पराक्रम दिवस पर जानिए सुभाष चन्द्र बोस के बारे में। Netaji Shubhash Charda Boss Jyanti 2022



सुभाष चंद्र बोस जयंती 2024 : पराक्रम दिवस पर जानिए सुभाष चन्द्र बोस के बारे में

  • सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा के कटक शहर में हुआ था। उनकी माता का नाम प्रभावती दत्त बोस और पिता का नाम जानकीनाथ बोस था।
  • वर्ष 1919 में बोस ने भारतीय सिविल सेवा (ICS) परीक्षा पास की, हालाँकि कुछ समय बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
  • वे स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं से अत्यधिक प्रभावित थे और उन्हें अपना आध्यात्मिक गुरु मानते थे। उनके राजनीतिक गुरु चितरंजन दास थे। 

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सुभाष चंद्र बोस भारतीय राष्ट्रीय सेना

 

  • जुलाई 1943 में वे जर्मनी से जापान-नियंत्रित सिंगापुर पहुँचे, जहाँ उन्होंने अपना प्रसिद्ध नारा दिल्ली चलोजारी किया और 21 अक्तूबर, 1943 को आज़ाद हिंद सरकारतथा भारतीय राष्ट्रीय सेनाके गठन की घोषणा की।
  • भारतीय राष्ट्रीय सेना का गठन पहली बार मोहन सिंह और जापानी मेजर इविची फुजिवारा (Iwaichi Fujiwara) के नेतृत्त्व में किया गया था तथा इसमें मलायन (वर्तमान मलेशिया) अभियान के दौरान सिंगापुर में जापान द्वारा कैद किये गए ब्रिटिश-भारतीय सेना के युद्ध बंदियों को शामिल किया गया था।
  • साथ ही इसमें सिंगापुर की जेल में बंद भारतीय कैदी और दक्षिण-पूर्व एशिया के भारतीय नागरिक भी शामिल थे। इसकी सैन्य संख्या बढ़कर 50,000 हो गई थी।
  • INA ने वर्ष 1944 में इम्फाल और बर्मा में भारत की सीमा के भीतर मित्र देशों की सेनाओं का मुकाबला किया।
  • नवंबर 1945 में ब्रिटिश सरकार द्वारा INA के सदस्यों पर मुकदमा चलाए जाने के तुरंत बाद पूरे देश में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए।

 

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पराक्रम दिवस प्रश्न उत्तर 

पराक्रम दिवस कब मनाया जाता है ? 

  • प्रतिवर्ष 23 जनवरी


प्रथम बार पराक्रम दिवस का आयोजन कब किया गया था ।

  • वर्ष 2021 - नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर ।


पराक्रम दिवस का आयोजन क्यों किया जाता है ?

  • सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को उड़ीसा के कटक शहर में हुआ था।सुभाष चंद्र बोस की याद में इस दिवस का आयोजन किया जाता है ।

सुभाष चंद्र बोस के प्रसिद्ध नारे 

  • तुम मुझे खून दो ,मैं तुम्हें आजादी दूंगा
  • दिल्ली चलो
  • संघर्ष ने मुझे मनुष्य बनाया, मुझमे आत्मविश्वास उत्पन्न हुआ ,जो पहले नहीं था.
  • अगर संघर्ष न रहे, किसी भी भय का सामना न करना पड़, तब जीवन का आधा स्वाद ही समाप्त हो जाता है। 
  • मुझे यह नहीं मालूम की, स्वतंत्रता के इस युद्ध में हममे से कौन कौन जीवित बचेंगे. परन्तु में यह जानता हूँ, अंत में विजय हमारी ही होगी.
  • जीवन में प्रगति का आशय यह है की शंका संदेह उठते रहें, और उनके समाधान के प्रयास का क्रम चलता रहे
  • जीवन में प्रगति का आशय यह है की शंका संदेह उठते रहें, और उनके समाधान के प्रयास का क्रम चलता रहे
  • सुबह से पहले अँधेरी घडी अवश्य आती है, बहादुर बनो और संघर्ष जारी रखो, क्योंकि स्वतंत्रता निकट है
  • भविष्य अब भी मेरे हाथ में है !
  • भावना के बिना चिंतन असंभव है, यदि हमारे पास केवल भावना की पूंजी है तो चिंतन कभी भी फलदायक नहीं हो सकता. बहुत सारे लोग आवश्यकता से अधिक भावुक होते हैं, परन्तु वह कुछ सोचना नहीं चाहते
  • यदि आपको अस्थायी रूप से झुकना पड़े, तब वीरों की भांति झुकना
  • मैं संकट एवं विपदाओं से भयभीत नहीं होता. संकटपूर्ण दिन आने पर भी मैं भागूँगा नहीं, वरन आगे बढकर कष्टों को सहन करूँगा ..
  • मुझमे जन्मजात प्रतिभा तो नहीं थी, परन्तु कठोर परिश्रम से बचने की प्रवृति मुझमे कभी नहीं रही। 
  • मैंने अपने छोटे से जीवन का बहुत सारा, समय व्यर्थ में ही खो दिया है. 
  • मैं चाहता हूँ चरित्र ,ज्ञान और कार्य
  • याद रखिये सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना और गलत के साथ समझौता करना है.
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