सितंबर 2021 में चर्चा में रहे व्यक्ति |September 2021 Me Charchit Vyakti

सितंबर 2021 में चर्चा में रहे व्यक्ति  
September 2021 Me Charchit Vyakti 

सितंबर 2021 में चर्चा में रहे व्यक्ति  |September 2021 Me Charchit Vyakti



रूडोल्फ वीगल

 

  • 02 सितंबर, 2021 को गूगल ने डूडल के माध्यम से पोलिश आविष्कारक, डॉक्टर और इम्यूनोलॉजिस्ट रूडोल्फ वीगलकी 138वीं जयंती मनाई। उन्होंने सबसे पुराने और सबसे संक्रामक रोगों में से एक- टाइफसके विरुद्ध पहली बार प्रभावी टीका तैयार किया था। उनके कार्यों के लिये उन्हें दो बार नोबेल पुरस्कार के लिये नामित किया गया। ज्ञात हो कि शरीर के जूँ’ (Lice) तथा घुन और पिस्सू टाइफस-संक्रमित बैक्टीरिया रिकेट्सिया प्रोवाज़ेकीके लिये उत्तरदायी होते हैं, इसलिये रूडोल्फ वीगलने इन छोटे कीटों को एक प्रयोगशाला नमूने में अनुकूलित किया। उनके नवोन्मेषी शोध से पता चला कि घातक जीवाणुओं को फैलाने में जूँकिस प्रकार योगदान देते हैं और रूडोल्फ वीगलने टाइफसकी वैक्सीन बनाने के लिये दशकों तक इनका अध्ययन किया। वर्ष 1936 में रूडोल्फ वीगलद्वारा विकसित वैक्सीन का पहली बार प्रयोग किया गया था। वर्ष 1883 में ऑस्ट्रो-हंगेरियन शहर प्रेज़ेरो’ (आधुनिक चेक गणराज्य) में जन्मे वीगल ने पोलैंड के ल्वो विश्वविद्यालयमें जैविक विज्ञान का अध्ययन किया और वर्ष 1914 में पोलिश सेना में एक परजीवी विज्ञानी के रूप में नियुक्त किये गए। इसके अलावा उन्होंने ज़ूलॉजी, तुलनात्मक एनाटॉमी और ऊतक विज्ञान जैसे विषयों में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी।

 

पंकज कुमार सिंह

 

  • राजस्थान कैडर के वर्ष 1988 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पंकज कुमार सिंह को सीमा सुरक्षा बल’ (BSF) का महानिदेशक नियुक्त किया गया है। पंकज कुमार सिंह वर्तमान में सीमा सुरक्षा बलके विशेष महानिदेशक के रूप में कार्यरत हैं। वह 7 फरवरी, 2020 को प्रतिनियुक्ति पर BSF में शामिल हुए थे। इससे पूर्व उन्होंने केंद्रीय जाँच ब्यूरो’ (CBI) में आठ वर्ष और CRPF में चार वर्ष तक सेवाएँ दी हैं। उन्होंने राजस्थान पुलिस में कई महत्त्वपूर्ण पदों पर और संयुक्त राष्ट्र की एक परियोजना के लिये बोस्नियामें भी काम किया है। ज्ञात हो कि भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद भारतीय सीमाओं की रक्षा करने के विशेष उद्देश्य के मद्देनज़र वर्ष 1965 में सीमा सुरक्षा बल (BSF) की स्थापना की गई थी। यह गृह मंत्रालय (MHA) के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत भारत के पाँच केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) में से एक है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 2.65 लाख से अधिक रक्षाकर्मी पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमाओं पर तैनात हैं।

 

प्रणब मुखर्जी

 

  • 31 अगस्त, 2021 को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की पूण्यतिथि मनाई गई। भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस के पूर्व नेता प्रणब मुखर्जी ने वर्ष 2012 से वर्ष 2017 तक बतौर राष्ट्रपति अपनी सेवाएँ दी थीं। इससे पूर्व उन्होंने वित्त मंत्री के तौर पर भी कार्य किया और अपने राजनीतिक जीवन में उन्होंने विदेश मामलों, रक्षा और वाणिज्य मंत्रालयों का भी कार्यभार संभाला। बंगाल के बीरभूम ज़िले में जन्मे प्रणब मुखर्जी ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री प्राप्त की और कानून की भी पढ़ाई की। राजनीति में आने से पहले उन्होंने विद्यानगर कॉलेज में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर के रूप में और बंगाली पत्रिका 'देशेर डाक' के पत्रकार के रूप में भी काम किया। राष्ट्रीय राजनीति में मुखर्जी की शुरुआत वर्ष 1969 में हुई, जब वे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के मार्गदर्शन में राज्यसभा के लिये चुने गए। प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा रावके कार्यकाल के दौरान उन्हें योजना आयोग का प्रमुख नियुक्त किया गया और बाद में वे विदेश मंत्री के रूप में भी नियुक्त किये गए। अपने समग्र राजनीतिक कार्यकाल के दौरान प्रणब मुखर्जी ने सूचना के अधिकार, रोज़गार के अधिकार, मेट्रो रेल और इसी तरह के कई अन्य घटनाक्रमों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।

 


एम. मोहम्म्द अब्दुलल्ला

 

  • तमिलनाडु में एम. मोहम्म्द अब्दुलल्ला  को राज्य सभा के लिये निर्वाचित किया गया है। यह सीट इस वर्ष आल इंडिया अन्नाे डीएमके पार्टी के सांसद ए. मोहम्म दजान के निधन के कारण रिक्ते हुई थी। इस सीट के लिये उपचुनाव 13 सितंबर को कराया जाना था लेकिन कोई और उम्मीीदवार नहीं होने के कारण मोहम्म्द अब्दुलल्ला को चुनाव किये बिना ही नामांकित कर दिया गया। श्री अब्दुवल्लाु पुदुक्कोमट्टई ज़िले के तिरूमैयम के निवासी हैं। वे पहले पार्टी की युवा इकाई के पदाधिकारी थे। उन्हें् इस वर्ष जनवरी में पार्टी की एन.आर.आई. विंग का संयुक्ति सचिव नियुक्ती किया गया था।

 

वी.ओ. चिदंबरम पिल्लई 

  • 05 सितंबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता सेनानी वी.ओ. चिदंबरम पिल्लईको उनकी 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। 5 सितंबर, 1872 को तमिलनाडु में जन्मे वी.ओ. चिदंबरम पिल्लईतमिलनाडु में स्वतंत्रता आंदोलन के प्रतीक हैं और उन्हें राष्ट्र के लिये उनके बलिदान हेतु याद किया जाता है। वी.ओ. चिदंबरमने तमिलनाडु में काम कर रहे ट्रेड यूनियनों को एक मज़बूत नेतृत्व प्रदान किया और भारत की आजादी के लिये अंग्रेज़ों से भी लड़ाई लड़ी। इसके अलावा उन्हें तूतीकोरिन और कोलंबो के बीच पहली स्वदेशी शिपिंग सेवा स्थापित करने का भी श्रेय दिया जाता है। वी.ओ. चिदंबरम के विद्रोही रवैये और ब्रिटिश सरकार के खिलाफ उनकी कार्रवाई को देखते हुए अंग्रेज़ों ने उनकी बैरिस्टरकी उपाधि छीन ली थी। वी.ओ. चिदंबरम ने वर्ष 1905 में भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस का सदस्य बनकर सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया था। काॅन्ग्रेस में शामिल होने के बाद वी.ओ. चिदंबरम भारत की स्वतंत्रता के सपने को साकार करने में लग गए। उनका एक महत्त्वपूर्ण लक्ष्य सीलोन के तटों पर ब्रिटिश शिपिंग के एकाधिकार को समाप्त करना था। इस उद्देश्य की प्राप्ति हेतु स्वतंत्रता सेनानी रामकृष्णानंद से प्रेरित होकर उन्होंने 12 नवंबर, 1906 को स्वदेशी स्टीम नेविगेशन कंपनी की स्थापना की। 18 नवंबर, 1936 को भारतीय राष्ट्रीय काॅन्ग्रेस के तूतीकोरिन क्षेत्रीय कार्यालय में वी.ओ. चिदंबरम पिल्लई की मृत्यु हो गई।

 

योशीहिदे सुगा

 

  • हाल ही में जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की है। कोविड-19 महामारी के दौरान सरकारी प्रबंधन को लेकर लोगों में व्याप्त अक्रोश के बाद योशीहिदे सुगा को पद से इस्तीफा देना पड़ रहा है। गौरतलब है कि तकरीबन एक वर्ष पहले पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद योशीहिदे सुगा जापान के प्रधानमंत्री बने थे। योशीहिदे सुगा उस समय शिंजो आबे की सरकार में मुख्य कैबिनेट सचिव के तौर पर कार्य कर रहे थे। कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी और आर्थिक गिरावट के अलावा योशीहिदे सुगा को चीन सहित कई अन्य चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा था। ज्ञात हो कि जापान में एक बहुदलीय, द्विसदनीय और प्रतिनिधि लोकतांत्रिक संवैधानिक राजतंत्र है। जापान ने संविधान की सर्वोच्चता के साथ एकात्मक मॉडल को अपनाया है। जापान की शासन प्रणाली में भी विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका शामिल हैं। जापान का सम्राट राज्य का प्रमुख होता है और प्रधानमंत्री, सरकार एवं मंत्रिमंडल का प्रमुख होता है। सम्राट के पास नाममात्र के औपचारिक अधिकार होते हैं। विधायिका को नेशनल डाइट’ (National Diet) के रूप में जाना जाता है, जिसके सदस्य प्रत्यक्ष तौर पर चुने जाते हैं। भारतीय संविधान में जापान के संविधान से कई प्रावधान शामिल किये गए हैं, जिसमें विधि द्वारा स्थापित प्रक्रियाका प्रावधान भी शामिल है।

 

अरुण कुमार

 

  • अरुण कुमार को भारतीय महारत्नकंपनी भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेडका अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया है। मैकेनिकल इंजीनियर के रूप में प्रशिक्षित अरुण कुमार सिंहइससे पूर्व कंपनी बोर्ड में निदेशक’ (विपणन) के पद पर कार्यरत थे। इसके अलावा वे निदेशक (रिफाइनरीज़) और निदेशक (वित्त) का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रहे थे। फॉर्च्यून ग्लोबल 500 कंपनी, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेडदेश की दूसरी सबसे बड़ी ऑयल मार्केटिंग कंपनी है और भारत की प्रमुख एकीकृत ऊर्जा कंपनियों में से एक है, जो मुख्यतः कच्चे तेल के शोधन और पेट्रोलियम उत्पादों के विपणन में संलग्न है तथा तेल एवं गैस उद्योग के अपस्ट्रीम व डाउनस्ट्रीम क्षेत्रों में इसकी महत्त्वपूर्ण उपस्थिति है। ज्ञात हो कि सरकार ने अपने रणनीतिक विनिवेश और निजीकरण कार्यक्रम के हिस्से के तौर पर भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेडमें 52.98 फीसदी की अपनी संपूर्ण हिस्सेदारी बेचने का निर्णय लिया है।

 

महाकवि' सुब्रमण्यम भारती

 

  • स्वतंत्रता सेनानी और महान कवि सुब्रमण्यम भारतीकी 100वीं पुण्यतिथि को चिह्नित करने हेतु तमिलनाडु सरकार ने 11 सितंबर को 'महाकवि' दिवस के रूप में घोषित किया है। माना जाता है कि तमिल कविता और गद्य में भारती के अभिनव योगदान ने 20वीं सदी में तमिल साहित्य में पुनर्जागरण को जन्म दिया। उन्होंने अंग्रेज़ी में भी व्यापक स्तर पर लिखा, हालाँकि उन्हें अंग्रेज़ी के लिये काफी कम प्रसिद्धि मिली। सुब्रमण्यम भारती का जन्म 1882 में सी. सुब्रमण्यम के रूप में एट्टायपुरममें हुआ था, जो कि वर्तमान तमिलनाडु के थूथुकुडीमें स्थित है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा वाराणसी से प्राप्त की थी। वह मात्र 11 वर्ष के थे, जब एट्टायपुरम के तत्कालीन राजा ने उनकी कविता से प्रभावित होकर उन्हें 'भारती' की उपाधि दी थी, जिसका अर्थ है देवी सरस्वती का आशीर्वाद। यद्यपि उनकी कुछ सबसे प्रसिद्ध कृतियाँ उनकी मातृभाषा तमिल में हैं, किंतु माना जाता है कि सुब्रमण्यम भारती को तीन विदेशी भाषाओं सहित 14 भाषाओं में प्रवीणता प्राप्त थी। उन्होंने बाल विवाह के विरुद्ध चिंता ज़ाहिर की और ब्राह्मणवाद की समाप्ति तथा धार्मिक सुधार की वकालत की। उन्हें अपने लेखन के कारण ब्रिटिश सरकार की कार्यवाही का सामना करना पड़ा और अपना अधिकांश जीवन निर्वासन में बिताया। बाद में वह पांडिचेरी (वर्तमान पुद्दुचेरी) चले गए, जो कि उस समय फ्राँसीसी शासन के अधीन था। वहाँ उन्होंने साप्ताहिक पत्रिकाओं का संपादन और प्रकाशन किया। वर्ष 1921 में 38 वर्ष की अल्प आयु में उनका निधन हो गया।

 

मिशियो सुजिमुरा 

  • वैश्विक सर्च इंजन गूगलने हाल ही में जापानी शिक्षक और बायोकेमिस्ट मिशियो सुजिमुराके 133वें जन्मदिन पर डूडल बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। वर्ष 1888 में जापान के सैतामा प्रांत में जन्मी मिशियो सुजिमुराको ग्रीन टीके पोषण लाभों से संबंधित अपने अभूतपूर्व शोध के लिये जाना जाता है। अपनी उच्च शिक्षा पूरी करने के बाद मिशियो सुजिमुरा ने अपने प्रारंभिक कॅरियर की शुरुआत विज्ञान के एक शिक्षक के तौर पर की। वर्ष 1920 में उन्होंने होक्काइडो इंपीरियल यूनिवर्सिटीमें एक वैज्ञानिक शोधकर्त्ता के रूप में कार्य शुरू किया, जहाँ उन्होंने मुख्य तौर पर जापानी रेशम कीट के पोषण गुणों का विश्लेषण किया। कुछ वर्ष पश्चात् मिशियो सुजिमुराका स्थानांतरण टोक्यो इंपीरियल यूनिवर्सिटीमें कर दिया गया, जहाँ उन्होंने डॉ. उमेतारो सुजुकी’, जो कि  विटामिन B1 की खोज के लिये प्रसिद्ध थे, के साथ ग्रीन टीके जैव रसायन पर शोध करना शुरू किया। उनके संयुक्त शोध से ही पता चला था कि ग्रीन टीमें विटामिन C की महत्त्वपूर्ण मात्रा होती है। अपने शोध के अलावा मिशियो सुजिमुराने एक शिक्षिका के रूप में भी काफी महत्त्वपूर्ण कार्य किया, वर्ष 1950 में टोक्यो वीमेन्स हायर नॉर्मल स्कूलमें गृह अर्थशास्त्र संकाय की वह पहली डीन थीं।

 

लसिथ मलिंगा

 

  • श्रीलंका के तेज़ गेंदबाज लसिथ मलिंगाने हाल ही में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा की है। मलिंगा ने श्रीलंका के लिये कुल 226 एकदिवसीय, 84 टी20 अंतर्राष्ट्रीय और 30 टेस्ट मैच खेले, जिनमें उन्होंने क्रमशः 101, 338 और 107 विकेट प्राप्त किये। लसिथ मलिंगा ने अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट कॅरियर की शुरुआत वर्ष 2004 में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध टेस्ट क्रिकेट खेलते हुए की थी। अपनी घातक यॉर्कर के लिये प्रसिद्ध लसिथ मलिंगा ने श्रीलंका को वर्ष 2011 के विश्व कप फाइनल में पहुँचाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके पश्चात् वर्ष 2014 के T20 विश्व कप में उन्होंने श्रीलंका का नेतृत्व भी किया। लसिथ मलिंगा इंडियन प्रीमियर लीग’ (IPL) में भी अनुभवी खिलाड़ी थे। उन्होंने मुंबई इंडियंस के ओर से कुल 122 मैच खेले और टीम को लीग में सबसे सफल बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने इस वर्ष जनवरी माह में फ्रेंचाइज़ी क्रिकेट से संन्यास की भी घोषणा की थी।

 

भूपेंद्र पटेल: गुजरात के नए मुख्यमंत्री

 

  • गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के इस्तीफे के बाद भूपेंद्र पटेलको राज्य का नया मुख्यमंत्री नामित किया है। भूपेंद्र पटेल, घाटलोदिया निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा (MLA) सदस्य हैं और इससे पहले अहमदाबाद में मेमनगर नगर पालिकाके अध्यक्ष तथा अहमदाबाद नगर निगमएवं अहमदाबाद शहरी विकास प्राधिकरणकी स्थायी समिति के अध्यक्ष पर रह चुके हैं। भूपेंद्र पटेल ने गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक’ (अहमदाबाद) से सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है।

 

शेफाली जुनेजा
 

  • शेफाली जुनेजा को अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन’ (ICAO) की विमानन सुरक्षा समिति की अध्यक्ष के रूप में चुना गया है। वह इस रणनीतिक समिति का नेतृत्त्व करने वाली पहली महिला हैं। भारत को यह दायित्त्व 12 वर्ष के अंतराल के बाद मिला है। शेफाली जुनेजा ने इससे पूर्व वर्ष 2012 से वर्ष 2019 तक नागरिक उड्डयन मंत्रालय में संयुक्त सचिव के रूप में भी कार्य किया है। उन्होंने एयर इंडिया समूहकी कंपनियों जैसे एयर इंडिया एक्सप्रेस और एलायंस एयर में निदेशक मंडल के रूप में भी काम किया है। शेफाली जुनेजा वर्ष 1992 बैच की भारतीय राजस्व सेवाअधिकारी हैं, जिन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्रालय में शामिल होने से पूर्व एक सिविल सेवक के तौर पर सरकार में कई संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण कार्यों, अर्द्ध-न्यायिक पदों और प्रशासनिक तथा वित्तीय पदों पर कार्य किया है। यह संयुक्त राष्ट्र की एक विशिष्ट एजेंसी है, जिसकी स्थापना वर्ष 1944 में राज्यों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन अभिसमय (शिकागो कन्वेंशन) के संचालन तथा प्रशासन के प्रबंधन हेतु की गई थी। इसका एक उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय हवाई परिवहन की योजना एवं विकास को बढ़ावा देना है ताकि दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय नागरिक विमानन की सुरक्षित तथा व्यवस्थित वृद्धि सुनिश्चित हो सके।

 

मनोरमा महापात्रा

 

  • प्रधानमंत्री ने हाल ही में प्रतिष्ठित ओड़िया साहित्याकार मनोरमा महापात्राके निधन पर शोक व्यधक्तह किया है। 10 जून, 1934 को जन्मीं मनोरमा महापात्रा को वर्ष 1998 में अपने पिता डॉ. राधानाथ रथ से ओड़िया दैनिकका संपादकीय दायित्व प्राप्त हुआ था। इससे पूर्व उन्होंने 'झिटिपति कहे सतक्षी' नामक कॉलम के तहत समकालीन मुद्दों के आलोचनात्मक विश्लेषण के साथ ओड़िया दैनिकमें एक स्तंभकार के रूप में योगदान दिया था। उनके पिता पद्मभूषण पुरस्कार विजेता डॉ. राधानाथ रथ एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और लोक सेवक मंडल के अध्यक्ष थे। मनोरमा महापात्रा ने 40 से अधिक पुस्तकों और उपन्यासों की रचना की। उनकी पहली पुस्तक 'जुआर जिउंथी उठे' वर्ष 1960 में प्रकाशित हुई, जो कि महिला सशक्तीकरण पर क्रांतिकारी कविताओं का एक संग्रह है। उनकी साहित्यिक कृतियों में 'अर्द्धनारीश्वर', 'बैदेही विसर्जिता', 'रूपम रूपम प्रतिरूपम', 'स्मृति चंदन', 'समय पुरुष' और 'उत्तर निरुत्तर' आदि शामिल हैं। उन्हें वर्ष 1984 में साहित्य अकादमी पुरस्कार, वर्ष 1988 में सोवियत नेहरू पुरस्कार, वर्ष 1990 में क्रिटिक सर्कल ऑफ इंडिया अवार्ड, वर्ष 1991 में ईश्वर चंद्र विद्यासागर सम्मान, वर्ष 1994 में रूपंबर पुरस्कार, उत्कल साहित्य समाज पुरस्कार, गंगाधर मेहर सम्मान और साहित्य प्रवीण पुरस्कार आदि से सम्मानित किया गया था। साहित्य के क्षेत्र में उनके महत्त्वपूर्ण योगदान को देखते हुए उन्हें वर्ष 1982 से वर्ष 1990 तक उत्कल साहित्य समाज की सचिव और वर्ष 1991 में ओडिशा साहित्य अकादमी की अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था, जो इस पद को संभालने वाली पहली महिला थीं। 

 

ब्रिगेडियर एस.वी. सरस्वती: राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार

 

  • हाल ही में सैन्य नर्सिंग सेवा की उपमहानिदेशक ब्रिगेडियर एस.वी. सरस्वतीको राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार-2020से सम्मानित किया गया है। राष्ट्रपति द्वारा यह पुरस्कार नर्स प्रशासक के रूप में ब्रिगेडियर एस.वी. सरस्वतीके सैन्य नर्सिंग सेवा में महत्त्वपूर्ण योगदान को देखते हुए दिया गया है। राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कारऐसा सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान है, जिसे किसी नर्स को उसकी निःस्वार्थ सेवा और असाधारण कार्यकुशलता के लिये प्रदान किया जाता है। ब्रिगेडियर सरस्वती आंध्र प्रदेश के चित्तूर ज़िले की रहने वाली हैं और उन्होंने 28 दिसंबर, 1983 को सैन्य नर्सिंग सेवा में कार्य शुरू किया था। उन्होंने सैन्य नर्सिंग के क्षेत्र में साढ़े तीन दशक से अधिक समय तक सेवा की है। एक प्रसिद्ध ऑपरेशन थिएटर नर्स के रूप में ब्रिगेडियर सरस्वती ने 3,000 से अधिक जीवनरक्षक तथा आपातकालीन सर्जरी में सहायता की है और अपने कॅरियर में बहुत से रेज़ीडेंट, ऑपरेशन रूम नर्सिंग प्रशिक्षुओं एवं सहायक कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया है। सैनिकों और उनके परिवारों के लिये नर्सिंग सेवाओं में उनके विशिष्ट योगदान के चलते उन्हें जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ कमेंडेशन’ (2005), ‘संयुक्त राष्ट्र मेडल’ (2007) और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन’ (2015) से भी सम्मानित किया गया है। 


मिताली राज

 

  • भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान मिताली राज ने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध पहले वनडे के दौरान अपने शानदार कॅरियर में एक और उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में अपने 20,000 रन पूरे कर लिये हैं। अनुभवी भारतीय बल्लेबाज मिताली राज पहले से ही महिला अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सर्वोच्च स्कोरर हैं, यह उपलब्धि उन्होंने इस  वर्ष की शुरुआत में इंग्लैंड के दौरे के दौरान हासिल की थी। 03 दिसंबर, 1982 को राजस्थान के जोधपुर में जन्मी मिताली राज ने अपने अंतर्राष्ट्रीय कॅरियर की शुरुआत वर्ष 1999 में मात्र 16 वर्ष की आयु में की थी, जिसमें उन्होंने कुल 114 रन की एक महत्त्वपूर्ण पारी खेली थी। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुल 218 एकदिवसीय मैच खेले हैं और कुल 7 शतक तथा 59 अर्द्ध-शतक लगाए हैं। ज्ञात हो कि मिताली राज टेस्ट क्रिकेट और एकदिवसीय मैचों में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तानी करती हैं। 

 

रामधारी सिंह दिनकर

 

  • 23 सितंबर, 2021 को राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 123वीं जयंती मनाई गई। हिंदी के सुविख्यात कवि रामधारी सिंह दिनकर का जन्म 23 सितंबर, 1908 को बेगूसराय (हालाँकि अधिकांश लोग मुंगेर को उनके जन्मस्थान के रूप में जानते हैं क्योंकि बेगूसराय उनके जन्म के समय और उनके अधिकांश जीवनकाल में मुंगेर का हिस्सा था) के सिमरिया गाँव में एक छोटे से किसान परिवार में हुआ था। वर्ष 1947 में भारत के स्वतंत्र होने के बाद वर्ष 1952 में जब भारत की प्रथम संसद का निर्माण हुआ तो रामधारी सिंह दिनकर को राज्यसभा के सदस्य के रूप में मनोनीत किया गया और वे बिहार से दिल्ली आ गए। दिनकर ओज के कवि माने जाते हैं, और उनकी भाषा अत्यंत प्रवाहपूर्ण, ओजस्वी एवं सरल थी। दिनकर के साहित्य में विचार और संवेदना का सुंदर समन्वय दिखाई देता है। दिनकर जी को उनकी पुस्तक संस्कृति के चार अध्यायके लिये साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार एवं पद्मभूषण से भी सम्मानित किया गया था। दिनकर की प्रमुख कृतियों में हुँकार, कुरुक्षेत्र, रश्मिरथी, परशुराम की प्रतिज्ञा, उर्वशी और संस्कृति के चार अध्याय आदि शामिल हैं।

 

एयर मार्शल वी.आर. चौधरी

 

  • भारतीय वायु सेना के उप-प्रमुख एयर मार्शल वी.आर. चौधरी को वायु सेना का अगला प्रमुख नियुक्त किया गया है। गौरतलब है कि वर्तमान वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर.के.एस. भदौरिया 30 सितंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। एयर मार्शल वी.आर. चौधरी ने इस वर्ष जुलाई माह में एयर मार्शल एच.एस. अरोड़ाकी सेवानिवृत्ति के बाद उप-प्रमुख का पद संभाला था। एयर मार्शल वी.आर. चौधरी को दिसंबर 1982 में भारतीय वायुसेना की फाइटर स्ट्रीम में कमीशन किया गया था। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज (वेलिंगटन) के पूर्व छात्र वी.आर. चौधरी ने अपने कॅरियर के दौरान फ्रंटलाइन लड़ाकू स्क्वाड्रन एवं लड़ाकू बेस की कमान संभाली है। उन्होंने वायु सेना अकादमी के डिप्टी कमांडेंट सहित कई अन्य पदों जैसे- सहायक वायुसेनाध्यक्ष संचालन (वायु रक्षा) और सहायक वायुसेनाध्यक्ष (कार्मिक अधिकारी) पर भी कार्य किया है। एयर मार्शल वी.आर. चौधरी को विभिन्न प्रकार के लड़ाकू और प्रशिक्षक विमानों पर 3,800 घंटे से अधिक का उड़ान का अनुभव है। 

 

कमला भसीन

 

  • महिला अधिकार कार्यकर्त्ता कमला भसीन का हाल ही में 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। कमला भसीन का जन्म 24 अप्रैल, 1946 को राजस्थान में हुआ था और उनके पिता डॉक्टर थे। वह संगत-ए फेमिनिस्ट नेटवर्कके साथ अपने कार्य के लिये काफी प्रसिद्ध थीं, साथ ही उन्हें उनकी कविता क्यूँकि मैं लड़की हूँ, मुझे पढ़ना हैके लिये भी जाना जाता है। एक सामाजिक वैज्ञानिक के रूप में कमला भसीन 35 वर्षों से अधिक समय तक विकास, शिक्षा, लिंग, मीडिया और कई अन्य संबंधित मुद्दों से सक्रिय रूप से जुड़ी हुई थीं। उन्होंने वर्ष 1972 में राजस्थान में ग्रामीण एवं शहरी गरीबों के सशक्तीकरण हेतु एक स्वैच्छिक संगठन के साथ कार्य करना शुरू किया था। वर्ष 1976 से वर्ष 2001 तक उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन’ (FAO) के साथ काम किया। वर्ष 2002 में उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से इस्तीफा दे दिया और संगतसंगठन के साथ बतौर संस्थापक सदस्य और सलाहकार के रूप में कार्य शुरू किया। 

 

हेंसन क्रेटर

 

  • इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियनने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर मौजूद एक क्रेटर का नाम मैथ्यू हेंसनके नाम पर रखा है। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में स्वेर्ड्रुपऔर डी गेर्लाचेक्रेटर्स के बीच स्थित हेंसन क्रेटरवह क्षेत्र है जहाँ नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन’ (नासा) द्वारा आर्टेमिस मिशनके तहत लैंडिंग की योजना बनाई गई है। 8 अगस्त, 1866 को मैरीलैंड में जन्मे मैथ्यू अलेक्जेंडर हेंसन अफ्रीकी अमेरिकी खोजकर्त्ता थे, जिन्होंने प्रसिद्ध अन्वेषक रॉबर्ट ई. पियरीके साथ कई अन्वेषण अभियानों में हिस्स्सा लिया, जिनमें वर्ष 1909 में उत्तरी ध्रुव का अन्वेषण अभियान भी शामिल है। इस अभियान के दौरान मैथ्यू हेंसनदक्षिणी ध्रुव पर पहुँचने वाले पहले अन्वेषकों में से एक थे। ज्ञात हो कि आर्टेमिस चंद्रमा अन्वेषण कार्यक्रम के माध्यम से नासा ने वर्ष 2024 तक पहली महिला और अगले पुरुष को चंद्रमा पर भेजने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस मिशन का लक्ष्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अंतरिक्ष यात्रियों को उतारना है। आर्टेमिस मिशन के माध्यम से नासा नई प्रौद्योगिकियों, क्षमताओं और व्यापार दृष्टिकोण का प्रदर्शन करना चाहता है जो भविष्य में मंगल ग्रह में अन्वेषण के लिये आवश्यक होंगे। 

 
पंडित दीनदयाल उपाध्याय

 

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 105वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने अपना जीवन राष्ट्र निर्माण में समर्पित कर दिया था।पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर, 1916 को मथुरा ज़िले के नगला चंद्रभान गाँव में हुआ था। वे एक दार्शनिक, समाजशास्त्री, अर्थशास्त्री एवं राजनीतिज्ञ थे। इनके द्वारा प्रस्तुत दर्शन को एकात्म मानववादकहा जाता है, जिसका उद्देश्य एक ऐसा स्वदेशी सामाजिक-आर्थिक मॉडलप्रस्तुत करना था जिसमें विकास के केंद्र में मानव हो। वर्ष 1942 में वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघमें एक पूर्णकालिक कार्यकर्त्ता के रूप में शामिल हुए। इसके पश्चात् वर्ष 1940 के दशक में उन्होंने लखनऊ से राष्ट्र धर्मनाम से एक मासिक पत्रिका की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य हिंदुत्व राष्ट्रवाद की विचारधारा का प्रसार करना था। इसके बाद उन्होंने पांचजन्यऔर स्वदेशजैसी पत्रिकाओं की भी शुरुआत की। वर्ष 1967 में जनसंघ के अध्यक्ष के रूप में चुने जाने के एक वर्ष बाद पटना में एक ट्रेन यात्रा के दौरान अज्ञात कारणों के चलते उनकी मृत्यु हो गई। 


ईश्वर चंद्र विद्यासागर

 

  • 26 सितंबर, 2021 को देश भर में समाज सुधारक और शिक्षाविद ईश्वर चंद्र विद्यासागर की 201वीं जयंती मनाई गई। ईश्वर चंद्र विद्यासागर का जन्म 26 सितंबर, 1820 को पश्चिम बंगाल के एक गाँव में हुआ था। अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद वे कलकत्ता चले गए और वहाँ वर्ष 1829 से वर्ष 1841 के बीच उन्होंने संस्कृत विश्वविद्यालय से वेदांत, व्याकरण, साहित्य, अलंकार शास्त्र और नीतिशास्र में निपुणता हासिल की, इस दौरान वर्ष 1839 में उन्हें संस्कृत और दर्शन में विशेषज्ञता के लिये विद्यासागर की उपाधि दी गई। 21 वर्ष की आयु में ईश्वर चंद्र विद्यासागर फोर्ट विलियम कॉलेज में संस्कृत विभाग के प्रमुख के रूप में शामिल हो गए। उनकी पुस्तक बोर्नो पोरिचोयको आज भी बांग्ला भाषा के अक्षर सीखने के लिये एक परिचयात्मक पुस्तक के रूप में उपयोग किया जाता है। यह उनके अथक संघर्ष का ही परिणाम था कि भारत की तत्कालीन सरकार ने वर्ष 1856 में विधवा पुनर्विवाह अधिनियम पारित किया। अन्य समाज सुधारकों के विपरीत ईश्वर चंद्र विद्यासागर ने समाज को भीतर से बदलने की कोशिश की और इसी के परिणामस्वरूप बंगाल के रूढ़िवादी हिंदू ब्राह्मण समाज में विधवा पुनर्विवाह की शुरुआत हुई। 29 जुलाई, 1891 को 70 वर्ष की उम्र में कलकत्ता में उनका निधन हो गया। 

 

भगत सिंह

 

  • 28 सितंबर, 2021 को शहीद भगत सिंह की 114वीं जयंती के अवसर पर देश भर में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को ब्रिटिश भारत के पंजाब प्रांत के लायलपुर ज़िले में हुआ था, जो कि वर्तमान में पाकिस्तान में है। असहयोग आंदोलन को वापस लिये जाने के बाद भगत सिंह युवा क्रांतिकारी आंदोलनमें शामिल हो गए और भारत से ब्रिटिश सरकार को हिंसक तरीके से हटाने की वकालत करने लगे। भगत सिंह, करतार सिंह सराभा को अपना आदर्श मानते थे। जो गदर पार्टी के संस्थापक सदस्य थे। वर्ष 1926 में उन्होंने भारतीय समाजवादी युवा संगठन नौजवान भारत सभाकी स्थापना की। भगत सिंह हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशनमें भी शामिल हुए जिसके प्रमुख नेताओं में चंद्रशेखर आज़ाद और राम प्रसाद बिस्मिल आदि शामिल थे। वर्ष 1928 में चंद्रशेखर आज़ाद के नेतृत्त्व में दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान में हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशनका नाम बदलकर हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन’ (HSRA) कर दिया गया। HSRA के दो सदस्यों भगत सिंह तथा बटुकेश्वर दत्त ने 8 अप्रैल, 1929 को दिल्ली में केंद्रीय विधानसभा में बम फेंका, दोनों को गिरफ्तार कर केंद्रीय असेंबली बम कांड के अंतर्गत मुकदमा चलाया गया और 23 मार्च, 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फाँसी दे दी गई। 


लता मंगेशकर

 

  • 28 सितंबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विख्यात गायिका लता मंगेशकर को उनके जन्मदिवस पर शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि लता मंगेशकर का मधुर स्वर एवं विनम्रता पूरे विश्व में उनकी विशेष पहचान है।प्रसिद्ध भारतीय प्लेबैक सिंगर लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को इंदौर (ब्रिटिश इंडिया) में हुआ था। लता मंगेशकर के लगभग छह दशक लंबे कॅरियर के दौरान 2,000 से अधिक भारतीय फिल्मों के साउंडट्रैक के लिये उनके गाने रिकॉर्ड किये गए हैं। लता मंगेशकर को बच्चपन से ही संगीत में काफी रुचि थी और मात्र 13 वर्ष की उम्र में वसंत जोगलेकरकी मराठी फिल्म किटी हसालके लिये उनका पहला गाना रिकॉर्ड किया गया था। उन्होंने 36 से अधिक क्षेत्रीय, भारतीय और विदेशी भाषाओं में गाने गाए हैं, जिसमें मराठी, हिंदी, बांग्ला और असमिया प्रमुख हैं। वर्ष 1989 में उन्हें भारत सरकार द्वारा दादा साहब फाल्केपुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 2001 में राष्ट्र में उनके योगदान हेतु उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान- भारत रत्नसे सम्मानित किया गया और एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी के बाद यह सम्मान प्राप्त करने वाली वह दूसरी गायिका हैं। इसके अलावा वर्ष 2007 में फ्राँस द्वारा उन्हें सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ऑफिसर ऑफ द लीज़न ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया था।

भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद

 

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भक्तिवेदांत स्वा मी प्रभुपाद’ जी की 125वीं जयंती के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रें स के माध्यम से 125 रुपए का विशेष स्मारक सिक्का जारी किया।
  • भक्तिवेदांत स्वायमी प्रभुपाद’ ने इस्कॉन की स्थापना की थी जिसे हरे कृष्णर मूवमेंट के रूप में भी जाना जाता है। 
  • इस्कॉन’ ने भगवद्‌ गीता और अन्या वैदिक साहित्यी का विभिन्न भाषाओं में अनुवाद कराया है और इस तरह विश्व् भर में वैदिक साहित्यद के प्रचार-प्रसार में अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भक्तिवेदांत प्रभुपाद’ का जन्म 1896 में कलकत्ता (भारत) में हुआ था। वह अपने आध्यात्मिक गुरु- श्रील भक्तिसिद्धांत सरस्वती गोस्वामी’ से पहली बार वर्ष 1922 में कलकत्ता में मिले थे। महत्त्वपूर्ण धार्मिक विद्वान और चौंसठ गौड़ीय मठों (वैदिक संस्थानों) के संस्थापक भक्तिसिद्धांत सरस्वती’ ने भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद’ को वैदिक ज्ञान सिखाने के लिये अपना जीवन समर्पित करने को राज़ी कर लिया।
  • श्री प्रभुपाद’ की दार्शनिक शिक्षा और भक्ति को पहचानते हुए गौड़ीय वैष्णव समाज ने उन्हें वर्ष 1947 में भक्तिवेदांत’ की उपाधि से सम्मानित किया। स्वाएमी प्रभुपाद ने एक सौ से अधिक मंदिरों की स्थामपना की और विश्व  को भक्ति योग के मार्ग की शिक्षा देने के लिये कई पुस्तकें लिखीं। 14 नवंबर1977 को अपने निधन से पूर्व उन्होंने सोसाइटी का मार्गदर्शन किया और इसे एक सौ से अधिक आश्रमोंस्कूलोंमंदिरोंसंस्थानों तथा कृषि समुदायों के विश्वव्यापी संघ के रूप में विकसित होते देखा।

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