मध्य प्रदेश धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग | मध्य प्रदेश में मंदिरों का प्रबंधन कैसे होता है | MP Dharmik Nyas Ke Baare Me Jaankari

 मध्य प्रदेश धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग

मध्य प्रदेश की प्रमुख धार्मिक समितियां 

मध्य प्रदेश धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग | मध्य प्रदेश में मंदिरों का प्रबंधन कैसे होता है | MP Dharmik Nyas Ke Baare Me Jaankari


 

मध्य प्रदेश धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग

  • धार्मिक संस्थाओं एवं धार्मिक न्यासों के अंतर्गत आने वाले कार्यो की देखरेख के लिए दिनांक 1.7.1981 को धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग का गठन पृथक विभाग के रूप में किया गया। 
  • इस विभाग का कार्य जिला स्तर पर कलेक्टर द्वारा कराया जाता है। विभाग में कोई विभागाध्यक्ष कार्यालय स्थापित नहीं है। 
  • अतः अधिकारियों कर्मचारियों का कोई संवर्ग भी नहीं है।

 

धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग की गतिविधियाँ

 मध्य प्रदेश में मंदिरों का प्रबंधन कैसे होता है ?


  • प्रदेश के ऐसे मंदिर जिनके संबंध में भू अभिलेख में भूमि स्वामी के रूप में मंदिर की मूर्ति का नाम दर्ज है। उन मंदिरों को शासन संधारित मंदिर की श्रेणी में रखते हुए कलेक्टर को भू अभिलेख में प्रबंधक के रूप में दर्ज किया जाता है। ऐसे शासन संधारित मंदिरों की व्यवस्था का उत्तरदायित्व शासन पर है।


  • मध्य प्रदेश के 31 जिलों में लगभग 12000 ऐसे मंदिर है। मुख्यतः इन मंदिरों की व्यवस्था के लिए उनका जीर्णोद्वार उनमें कार्यरत पुजारियों का मानदेय तथा धर्मशाला निर्माण का उत्तरदायित्व शासन पर रहता हैं। यह कार्य कलेक्टर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं तहसीलदारों के माध्यम से कराया जाता है। 
  • भोपाल रायसेन तथा सीहोर जिले में स्थित मंदिरों की व्यवस्था के लिए एक मंदिर समिति गठित है जिनके अध्यक्ष आयुक्त भोपाल संभाग होते  है। 

  • इन समस्त न्यासों की व्यवस्था लोक न्यास अधिनियम 1951 के तहत की जाती है, अधिनियम के अनुसार कलेक्टर, पंजीयक न्यास है। परन्तु अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को यह अधिकार प्रदत्त किये गये है। इन न्यासों के संबंध में शिकायतों पर कार्यवाही करने के लिए कलेक्टर सक्षम है।

 

नीति सम्बन्धी विषय

 

  • पूर्त और पूर्त संस्थायें। 
  • पूर्त और पूर्त धर्मस्व । 
  • धार्मिक संस्थायें। 
  • लोक न्यास । 
  • पूर्त धर्मस्व अधिनियम 1980 चेरिटेबिल एण्डोमेंटस एक्ट, 1890 के अधीन पूर्त धर्मस्व के कोषाध्यक्ष के कार्य ।
  • राज्य शासन के नियंत्रण तथा प्रबंध के अधीन माफी तथा औकाफ भूमियो तथा धार्मिक संस्थाओं की भूमियों का प्रबंध। 
  • पुजारियों, महंतो तथा कथा वाचको की नियुक्ति उनका हटाया जाना तथा नामांतरण और नेमबुक का भुगतान ।

 

मध्य प्रदेश की प्रमुख धार्मिक समितियाँ

 

  • महाकालेश्वर मंदिर समिति 
  • सलकनपुर देवी मंदिर समिति 
  • मां शारदा देवी मंदिर प्रबंधक समिति, मैहर सतना 
  • अन्य संस्थाएं तथा निकाय
  • भूतपूर्व भोपाल रियासत की मंदिर समिति, भोपाल। 
  • .लक्ष्मण बाग समिति, रीवा। 
  • मध्यप्रदेश के गणपति मंदिर (खजराना )


महाकालेश्वर मंदिर समिति के बारे में जानकारी 

 

मध्यप्रदेश श्री महाकालेश्वर अधिनियम 1982 की धारा 6 में समिति के निम्नानुसार गठन का प्रावधान है :

 

  • कलेक्टर, उज्जैन 
  • कलेक्टर द्वारा नामांकित दो अधिकारी 
  • नगर पालिक निगम, उज्जैन का महापौर प्राचार्यए संस्कृत महाविद्यालय उज्जैन 
  • राज्य शासन द्वारा नामांकित एक पुजारी 
  • राज्य शासन द्वारा नामांकित दो अशासकीय व्यकित 
  • नामांकित अशासकीय सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष निर्धारित है।

 

सलकनपुर देवी मंदिर समिति के बारे में जानकारी 

 

सलकनपुर देवी मंदिर अधिनियम 1956 की धारा 5 में समिति के निम्नानुसार गठन का प्रावधान है: 

  • समिति का अध्यक्ष राज्य शासन द्वारा नामांकित 
  • मंदिर का महंत सदस्य 
  • ग्राम सभा के सदस्यों में से निर्वाचित एक व्यक्ति सदस्य 
  • राज्य शासन द्वारा नामांकित दो व्यक्ति सदस्य 
  • नामांकित अशासकीय सदस्यों का तीन वर्ष

 

मां शारदा देवी मैहर मंदिर समिति के बारे में जानकारी 

 

मध्यप्रदेश मां शारदा देवी मंदिर अधिनियम 2002 की धारा 6 में मां शारदा देवी मंदिर प्रबंध समिति के निम्नानुसार गठन का प्रावधान है:

 

  • कलेक्टर, सतना 
  •  कलेक्टर द्वारा नामांकित 4 अधिकारी 
  • जनपद पंचायत मैहर का अध्यक्ष 
  • ग्राम पंचायत, अरकंडीए मैहर का सरपंच 
  • एक पुजारी- शासन द्वारा नामांकित 
  • चार व्यक्ति शासन द्वारा नामांकित 
  • अशासकीय सदस्यों का कार्यकाल 3 वर्ष निर्धारित है
 

भूतपूर्व भोपाल रियासत की मंदिर समिति भोपाल

 

भोपाल मंदिर समिति का गठन अधिसूचना दिनांक 14 जनवरी 2008 द्वारा किया गया हैं। 

  • समिति के अध्यक्ष कमिश्नर भोपाल हैं। 
  • नए सदस्यों की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव कमिश्नर भोपाल से मांगे गए हैं।

 

लक्ष्मणबाग संस्थान रीवा समिति

 

लक्ष्मण बाग संस्थान समिति रीवा का गठन शासन के आदेश दिनांक 7 सितम्बर 2000 द्वारा निम्नानुसार किया गया है।

 

  • महन्त लक्ष्मण बाग संस्थान रीवा - अध्यक्ष
  • कलेक्टर रीवा- सदस्य सचिव 
  • पूर्व पुष्पराज सिंह विधायक रीवा-सदस्य 
  • श्री शिवमोहन सिंह, पूर्व विधायक अमरपाटन सतना-सदस्य 

श्री भैयालाल शुक्ला, प्रतिष्ठित संविदाकार अमहिया रीवा-सदस्य विभागीय आदेश दिनांक 18.1.2005 द्वारा समिति को अधिक्रमित करते हुए समिति के महंत को पद से पृथक किया गया था एवं कलेक्टर रीवा को प्रशासक नियुक्त किया गया है।


मध्यप्रदेश के गणपति मंदिर (खजराना ) के समिति 

 

अधिनियम 2003 की धारा-6 में श्री गणपति मंदिर खजराना प्रबंध समिति के निम्नानुसार गठन का प्रावधान है:

 

  • कलेक्टर इन्दौर - अध्यक्ष 
  • आयुक्त नगर निगम - सदस्य 
  • मुख्य कार्यपालन अधिकारी इन्दौर विकास प्राधिकरण - सदस्य 
  • अपर कलेक्टर इन्दौर - सदस्य 
  • अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) इन्दौर - सदस्य 
  • अशासकीय सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष निर्धारित है।

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