मध्य प्रदेश आनन्द विभाग मंत्रालय के बारे में जानकारी |आनंद उत्सव क्या है |आनंदम क्या है | Anand Vobhag Ke Baare Me Jaankari

मध्य प्रदेश आनन्द विभाग मंत्रालय के बारे में जानकारी 

मध्य प्रदेश आनन्द विभाग मंत्रालय के बारे में जानकारी |आनंद उत्सव क्या है |आनंदम क्या है  | Anand Vobhag Ke Baare Me Jaankari


 

मध्यप्रदेश आनन्द विभाग का गठन 

मध्यप्रदेश में नागरिकों की खुशहाली का स्तर ज्ञात करने के उद्देश्य से होता प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अगस्त 2016 में आनन्द विभाग गठित करने का निर्णय लिया। उनका विचार है कि परिपूर्ण जीवन के लिए आंतरिक तथा बाह्य सकुशलता आवश्यक है। संतुलित जीवन शैली के लिए नागरिकों को ऐसी विधियां तथा उपकरण उपलब्ध कराना होंगे जो उनके लिए आनन्द का कारक बनें।

 

आनन्द विभाग के निम्न कार्य हैं 

 

  • आनन्द एवं सकुशलता को मापने के पैमानों की पहचान करना तथा उन्हें परिभाषित करना। राज्य में आनन्द का प्रसार बढ़ाने की दिशा में विभिन्न विभागों के बीच समन्वयन के लिये दिशा-निर्देश तय करना । 
  • आनन्द की अवधारणा का नियोजन नीति निर्धारण और क्रियान्वयन की प्रक्रिया को मुख्यधारा में लाना। 
  • आनन्द की अनुभूति के लिये एक्शन प्लान एवं गतिविधियों का निर्धारण निरन्तर अन्तराल पर निर्धारित मापदण्डों पर राज्य के नागरिकों की मनःस्थिति का आंकलन करना । 
  • आनन्द की स्थिति पर सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार कर प्रकाशित करना। 
  • आनन्द के प्रसार के माध्यमोंउनके आंकलन के मापदण्डों में सुधार के लिये लगातार अनुसंधान करना। आनन्द के विषय पर एक ज्ञान संसाधन केन्द्र के रूप में कार्य करना।

 

आनंद विभाग संस्थान की सामान्य सभा

 

संस्थान की नीति निर्धारण की समस्त शक्तियां संस्थान सामान्य सभा में निहित हैं। जिसके पदाधिकारियों का विवरण निम्नानुसार है

 

  • माननीय मुख्यमंत्रीमध्यप्रदेश शासन अध्यक्ष 
  • आनंद विभाग के भारसाधक मंत्री उपाध्यक्ष
  • कार्यपालन समिति के अध्यक्ष सदस्य 
  • मुख्य सचिवमध्यप्रदेश शासन सदस्य 
  • माननीय मंत्री योजनाखेल एवं युवा कल्याणस्कूल शिक्षाउच्च शिक्षातकनीकी शिक्षालोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा संस्कृति विभाग सदस्य 
  • प्रमुख सचिव/सचिव योजनाखेल एवं युवा कल्याणस्कूल शिक्षाउच्च शिक्षातकनीकी शिक्षालोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा संस्कृति विभाग सदस्य 
  •  सोसायटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सदस्य सचिव 
  • अध्यक्ष व माननीय मुख्यमंत्री द्वारा नामांकित 21 गैर शासकीय सदस्य जिन्होंने मानवीय आनंद और सकुशलता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया हो सदस्य

 

आनंद उत्सव क्या है 

 

आनंद विभाग द्वारा जीवन को उत्सव के रूप में मिल बांटकर मनाने के उद्देश्य से आनंद उत्सव कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। इसके अंतर्गत ऐसी विभिन्न गतिविधियों का संचालन करना हैजो प्रदेशवासियों को परिपूर्ण जीवन की कला सिखा सकेंगीजिससे कि उनके जीवन में आनंद की अनुभूति हो। आनंद उत्सव इन्हीं गतिविधियों की श्रंखला की एक कड़ी है। इसके अंतर्गत लोक संगीतनृत्यगायनभजन-कीर्तननाटक आदि तथा खेलकूद एवं पांरपरिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। इस आयोजन के पीछे मूल उद्देश्य प्रदेशवासियों में खेलों के माध्यम से उत्साहउमंग और समरसता पैदा करने के साथ-साथ उनमें आपसी मेलजोल बढ़ाना है। खेल जीवन में नई स्फूर्ति का संचार करते है और इससे टीम स्पिरिट को बढ़ावा मिलता है। इन आयोजनों में सभी आयु वर्ग के महिला व पुरुषों की भागीदारी निश्चित की जाती है। यह कार्यक्रम प्रतिवर्ष संपूर्ण प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में आयोजित किया जाएगा।

 

आनंदम क्या है 

 

  • दूसरों की निस्वार्थ सहायता करना तथा उसके लिए आगे बढ़कर त्याग करने का भाव भारतीय संस्कृति का आधार है। सहायता करने के अनेक तरीके हो सकते हैं उदाहरणतः घरों में कई बार ऐसा सामान होता है जिसकी आवश्यकता नहीं होती। ऐसे सामान को किसी जरूरतमंद तक पहुंचाने की संस्थागत व्यवस्था होनी चाहिए। यह मदद करने का प्रभावी तरीका हो सकता है। इसी बात को ध्यान में रखकर "आनंदम" नामक व्यवस्था को आरंभ किया गया है। इसके अंतर्गत ऐसा घरेलू सामानजिसकी आवश्यकता न होउसे व्यक्ति एक निश्चित स्थल पर रख दे तथा जिसे जरूरत हो वह वहां से बिना किसी से पूछे ले जा सके। आनंदम की यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में हर जिले में समाज सेवी तथा जन प्रतिनिधियों के सहयोग से आरंभ की गई है।

 

आनंद सभा क्या है 

 

  • स्कूल तथा कालेजों के विद्यार्थियों को सशक्त एवं परिपूर्ण जीवन जीना सिखाने के लिए उन्हें ऐसी गतिविधियों में सम्मिलित किया जाना चाहिए जो सकारात्मक जीवन शैली का आधार बन सकती है। पारंपरिक रूप से नैतिक मूल्य पाठ्यक्रमों का भाग अवश्य होते हैं तथा उनका मनोवृत्तियों पर सकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। आनंद विभाग का यह प्रयास है कि विद्यार्थियों को प्रशिक्षित स्वयंसेवकों के माध्यम से तथा शिक्षकों के सहयोग से अपनी आंतरिक क्षमता को विकसित करने का अवसर मिलना चाहिए। शैक्षणिक संस्थाओं में ऐसे मॉड्यूल उपलब्ध कराये जायेंगे जिनके माध्यम से व्यक्तिगत तथा सामूहिक स्तर पर ऐसे कार्य तथा क्रियाओं में भाग लेंगे जो उनके जीवन में संतुलन बनाने में सहायक होंगे। स्वजागरूकतापारस्परिक सहयोगसहानुभूतिप्रभावशाली संवादनिर्णय क्षमताकठिनाई का सामनासृजनात्मकतासमीक्षात्मकताभावना को समझानातनाव रहित जीवन जैसे विषयों की मौलिक समझ विकसित करना आवश्यक है।

 

  • मध्य प्रदेश सरकार ने आईआईटी खड़कपुर के साथ आनंद विभाग के आनंद हैप्पीनेस इंडेक्स को मापने के लिए एक समझौता पत्र एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं। 

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