जाति प्रथा भारत की अपनी विशेषता |Caste System in India

 

जाति प्रथा भारत की अपनी विशेषता |Caste System in India


जाति प्रथा (Caste System)

 

  • इतिहास मानव की अदभूत प्रयोगशाला है। मानव समाज का इतिहास कई हजार साल पुराना है। कम से कम दस हजार साल से तो उसके पुष्ट प्रामण मिलते ही हैं। 
  • विगत में जीवन के प्रायः हर क्षेत्र में अनगिनत प्रयोग और प्रशिक्षण हुए हैं। और आज की किसी भी समस्या विचार धारा प्रवृति और संस्था को समझने का एक सार्थक उपाय उसके अतीत में झांकना है। 
  • भारतीय समाज संगठन की एक प्रमुख संस्था जाति प्रथा के संदर्भ से भी लागू होती है। 


जाति प्रथा भारत की अपनी विशेषता (cast system Bharat's own Characterstic)

 

  • जजाति प्रथा भारत की अपनी एक अनोखी विशेषता है। यद्यपि जन्म एवं व्यवसाय पर आधारित जाति व्यवस्था प्राचीन काल में फारस रोम एवं जापान में प्रचलित थी ओर आज भी दक्षिण पूर्वी एशिया के अनेक देशों में पाई जाती है पर इस व्यवस्था को लेकर जैसी परंपराएं इस महादेश में विकसित हुई हैं। वैसी संसार के अन्य किसी भूखंड में देखने को नहीं मिलती।

 

जाति प्रथा विविध मत (Cast system Various Views)

 

  • जाति व्यवस्था पर ऋग्वेद के आरंभ से आज तक भारतीय विचारकों के मत तो उपलब्ध होते ही हैं। पश्चिम के अनेक विद्वानों का भी इस विषय की ओर ध्यान गया है और उन्होंने इस क्षेत्र में व्यापक अनुसंधान किए हैं। 

  • पश्चिम का कोई भी विचारक जब भारत विषयक किसी भी अध्यन या अनुसंधान में प्रवृत्त होता है तब सबसे पहले उसका ध्यान इस संस्था की ओर जाता है। 

  • सिडनी लो विजन ऑफ इंडिया द्वितीय संस्करण 1907 पृ262-263 और मेरेडिथ यूरोप एंड एशिया 1901 पृ 72 ने भारतीय जाति व्यवस्था का स्तुति गान किया है। लेकिन न ऐश्वेंट लॉ 1930 पृ 17 और शेरिंग हिंदू ट्राइब्स कॉस्टम जिल्द 3 पृ 293 ने जाति व्यवस्था की भर्त्सना करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।


यह भी पढ़ें ..... 








No comments:

Post a Comment

Powered by Blogger.