स्त्रियों का उद्धार में अंबेडकर की भूमिका |Ambedkar's role in the emancipation of women

स्त्रियों का उद्धार में अंबेडकर की भूमिका 

Ambedkar's role in the emancipation of women

स्त्रियों का उद्धार में अंबेडकर की भूमिका  Ambedkar's role in the emancipation of women


स्त्रियों का उद्धार में अंबेडकर की भूमिका

  • अम्बेडर सामाजिक विकास में स्त्रियों की रचनात्मक भूमिका समझते थे। उन्होंने स्त्रियों की दशा सुधारने के लिए भरसक प्रयत्न किया। 
  • अम्बेडर ने हिंदू धर्मशास्त्रों विशेषकर मनुस्मृति की तीव्र आलोचना की इन धर्मशास्त्रों ने नारियों को समाज में नीचा स्थानि दिया हैं। उनकी स्थिति गुलामों जैसी बना दी है उन्हें शिक्षा तथा संपत्ति अधिकारों से वंचित रखा है। 
  • अम्बेडकर भारत के पहले विधि मंत्री तथा संविधान सभा की प्रारूप स्थिति के अध्यक्ष थे। उन्होंने अपनी इस क्षमता में स्वतंत्र भारत की नारियों को गुलामी की बेड़ियों से मुक्त करने का प्रयास किया। 
  • अम्बेडर ने अस्थायी संसद में हिंदू कोड बिल पास कराने की कोशिश की। यह बिल आधुनिक भारत का एक महत्वपूर्ण कानून था। इस बिल का उद्देश्य स्त्रियों और पुरुषों को बराबर के अधिकार देना था। 
  • अम्बेडकर ने संसद में विधेयक को प्रस्तावित करते समय कहा था इस सदन से केवल यही अनुरोध कर रहा हूं यदि आप हिंदू मैं व्यवस्था हिंदू संस्कृति हिंदू समाज की रक्षा करना चाहते हो तो जहां मरम्मत की आवश्यकता है वहां मरम्मत कीजिए। इस विधेयक का उद्देश्य हिंदू धर्म के उन भागों की मरम्मत भर करना है जो टूट-फूट गए हैं। 
  • अम्बेडकर ने हिंदू विविध को समेकित करने का जो प्रयास किया थाजिसकी अनेक नेताओं एचवी कामथ न्यायमूर्ति पीबी गजेंद्र एनवी गाडमिल और पंडित हृदयनाथ गुंजरू ने सराहना की। 
  • डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने हिंदू कोड बिल की आलाचेना की और कहा कि इससे हिंदू संस्कृति का भव्य भवन चटक जाएगा। 
  • अम्बेडकर अपनी ओर से पूरा प्रयत्न करने पर भी हिंदू कोड बिल को पास कराने में सफल न हो सके। कहा जाता है अस्थायी संसद के कट्टरपंथी नेताओं ने जिनमें डॉ. राजेंद्र प्रसाद भी सम्मिलित थे। विधेयक का विरोध किया। 
  • प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने विधेयक को समाप्त कर देने का निश्चय किया। खिन्न होकर अम्बेडकर ने 27 सिंतबर 1951 को केंद्रीय मंत्रि परिषद से इस्तीफा दे दिया।
  • बाद में हिंदू कोड बिल को चार भागों में बांट दिया गया। ये भाग थे हिंदू मैरिज एक्ट 1955 (हिंदू विवाह अधिनियम 1955)हिंदू सकसेशन एक्ट 1956हिंदू अल्पवयस्कता ओर संरक्षकता अधिनियम 1956 और हिंदू अडाप्शन एंड मेनटेनेंस एक्ट 1956 (हिंदू दत्तक ग्रहण और जीवन निर्वाह अधिनियम 1956 ) इन चार अधिनियमों में हिंदू कोड बिल के मूल विचारों तथा सिद्धांतों का समावेश है।

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