सागरीय तापीय ऊर्जा रूपांतरण प्रौद्योगिकी | Ocean Thermal Energy Conversion Technology

 सागरीय तापीय ऊर्जा रूपांतरण प्रौद्योगिकी 
Ocean Thermal Energy Conversion Technology

सागरीय तापीय ऊर्जा रूपांतरण प्रौद्योगिकी  Ocean Thermal Energy Conversion Technology


सागरीय तापीय ऊर्जा रूपांतरण प्रौद्योगिकी  की सहायता से सागर जल से ऊर्जा प्राप्त की जाती है। इसके अंतर्गत दो प्रक्रियाएं सम्मिलित हैं 

(1) मुक्त चक्रीय ओटेक प्रणाली (Open Cycle OTEC System) तथा 

(2) पूर्ण चक्रीय ओटेक प्रणाली (Closed Cycle OTEC System)

  
 मुक्त चक्रीय ओटेक प्रणाली (Open Cycle OTEC sys tem

  • इस प्रणाली के अंतर्गत गर्म जल को सर्वप्रथम वाष्प में परिवर्तित किया जाता है। तदुपरांत, वाष्प को न्यून दाब वाले निर्वात प्रकोष्ठ में रखा जाता है । इस प्रकोष्ठ में यह वाष्प संचालित द्रव के रूप में कार्य करता है। वाष्प की सहायता से टर्बाइन को गतिशील बनाकर ऊर्जा उत्पन्न की जाती है। 

पूर्ण चक्रीय ओटेक प्रणाली (Closed Cycle OTEC System)

  • इस प्रणाली के अंतर्गत अमोनिया या फ्रेयॉन जैसे न्यून क्वथनांक वाले द्रव का प्रयोग संचालित द्रव के रूप में किया जाता है। सागर के गर्म पृष्ठीय जल का प्रयोग संचालित द्रव के वाष्पीकरण के लिए किया जाता है। इस विधि से उत्पन्न वाष्प की सहायता से टर्बाइन को गतिशील बनाकर ऊर्जा उत्पन्न की जाती है। ऊर्जा के विनियमन हेतु रिटोनियम के प्लेटों का उपयोग इस प्रौद्योगिकी की विशेषता है।

 

ज्वारीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी (Tidal Energy Technology) :

  • वस्तुतः ज्वारीय सीमा के उपयुक्त न होने के कारण ज्वारीय ऊर्जा प्राप्त करना सरल नहीं है। इस ऊर्जा को प्राप्त करने हेतु दो प्रक्रियाओं का उपयोग किया जाता है। इस हेतु किसी खाड़ी या ज्वारनदमुख के समीप बांध का निर्माण अनिवार्य होता है। क्योंकि इसी प्रकार उच्च ज्वार वाले जल को संगृहीत किया जा सकता है। बांध के द्वार के खुलने से संग्रहीत जल का प्रवाह तीव्रता के साथ होता है, जिसका उपयोग टर्बाइन को गतिशील बनाने के लिए किया जाता है, जिससे कि ऊर्जा उत्पादन संभव हो सके।

 

तरंगीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी (Wave Energy Technology): 

  • यद्यपि सागर की तरंगों में असीमित मात्रा में ऊर्जा उपलब्ध होती है, तथापि इसके विसर्जित रूप में रहने के कारण इसका उत्पादन अत्यंत कठिन होता है। तरंगीय ऊर्जा के उत्पादन हेतु उर्ध्वाधर विस्थापन पद्धति (Vertical Displacement Method ) तथा कक्षीय गति पद्धति (Orbital Motion Method) का उपयोग किया जाता है।

 

धारीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी (Current Energy Technology) :

  • सागर की पृष्ठीय धाराओं में गतिज ऊर्जा की वृहत् मात्रा निहित होती है। इन धाराओं से ऊर्जा उत्पादन हेतु कई प्रकार के उपकरणों एवं यंत्रों का प्रयोग किया जाता है। इनमें 6 पत्तियों वाली जलमग्न मिल (Under Water Mill), सैवोनियस रोटर पॉवर स्टेशन (Savonious Rotor Power Station) तथा फोर डिस्क एक्सियल फ्लो वाटर टर्बाइन (Four-disc Axial Flow Water Turbine) प्रमुख है।

 

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