पठार क्या होते हैं | पठारों का वर्गीकरण | Classification of Plateau

पठार क्या होते हैं ,पठारों का वर्गीकरण
Classification of Plateau

पठार क्या होते हैं ,पठारों का वर्गीकरण Classification of Plateau
पठारों का वर्गीकरण 


पठार (Plateau)

  • पठार पर्वतों से नीचे और मैदानों से ऊँचे भू-भाग हैं जिनकी औसत ऊँचाई 600 मीटर होती है. पृथ्वी के सम्पूर्ण धरातल के 33% भाग पर पठारों का विस्तार है. 
  • प्रायः यह माना जाता है कि सागरतल से 300 मीटर से 1000 मीटर ऊँचे स्थल पठार के उदाहरण होते हैं.
  • फिन्च एवं ट्रिवार्था के अनुसार आसपास के धरातल से 500 फीट (154 मी) ऊँचे उठे भाग को पठार मानते हैं. इसका यह तात्पर्य नहीं है कि पठार इससे अधिक ऊँचे नहीं होते. विश्व में अनेक पठार इससे भी अधिक ऊँचे हैं. बोलिविया का पठार 3660 मीटर और तिब्बत का पठार 6100 मीटर तक ऊँचा है. 
  • पठारों की रचना या तो पृथ्वी की भूगर्भिक हलचलों के कारण समतल भू भाग के ऊपर उठ जाने से होती है अथवा उनके आसपास के भू-भाग के नीचे धंस जाने से होती है. 
  • पठारों के उद्भव के साथ ही परिवर्तनकारी बाह्य शक्तियाँ इनकी काट छाँट प्रारम्भ कर देती हैं जिससे कालान्तर में पठारों के रूप में परिवर्तन हो जाता है.


पठारों का वर्गीकरण

पठार अपनी स्थिति, आकृति, जलवायु, उत्पत्ति आदि के अनुसार एक-दूसरे से भिन्न होते हैं पठारों को इन आधारों के अनुसार विभिन्न भागों में बाँटा जा सकता है। 

 

स्थिति के आधार पर पठारों का वर्गीकरण 

स्थिति के आधार पर पठार 4 प्रकार के होते हैं.

 

(1) अन्तरापर्वतीय पठार ( Intermon- tane Plateau)-

  • चारों ओर से पर्वतों से घिरे पठारों को अन्तरापर्वतीय पठार कहते हैं. इन पठारों का निर्माण अन्तर्जात बल द्वारा बलित पर्वतों के निर्माण के साथ होता है. इन पठारों में तिब्बत का पठार, बोलिविया का पठार, पीरू का पठार, कोलम्बिया का पठार, मैक्सिको का पठार प्रमुख हैं.

 

(2) गिरिपद पठार (Piedmont Plateau)

  • पर्वतों के आधार पर स्थित पठारों को गिरिपद पठार कहते हैं. ये पठार एक ओर से उच्च पर्वतों से घिरे होते हैं तथा दूसरी ओर से सागर या मैदान से घिरे होते है. साधारणतया ये पठार बड़े ही संकीर्ण और छोटे होते हैं और इनका ढाल प्रायः खड़ा होता है. दक्षिणी अमरीका में पैंटागोनिया का पठार और संयुक्त राज्य अमरीका में पीडमाण्ट पठार इसके प्रमुख उदाहरण हैं।  

 

(3) महाद्वीपीय पठार (Continental Plateau)

  • ये पठार प्रायः पर्वतीय भागों से दूर किन्तु सागर तटीय मैदानों से घिरे रहते है, ये धरातल के ऊपर उठ जाने के कारण बनते हैं. परन्तु कभी-कभी इन पठारों की उत्पत्ति लावा के अपरिमित निक्षेप से होती है. भारत के दक्षिण का पठार, स्पेन का पठार और दक्षिणी अफ्रीका का पठार इनके प्रमुख उदाहरण हैं.

 

(4) तटीय पठार (Coastal Plateau) -

  • जो पठार समुद्रतट पर स्थित होते हैं, उन्हें तटीय पठार कहते हैं. भारत का कारोमण्डल का पठार ऐसा ही पठार है.

 

आकृति के अनुसार पठारों का वर्गीकरण

आकृति के अनुसार पठार निम्नलिखित चार प्रकार के होते हैं

 

(1) गुम्बदाकार पठार (Dome Shaped Plateau)-

  • स्थलखण्ड में वलन प्रक्रिया से जब मध्य का भाग ऊँचा हो जाता है और किनारे वाले भाग गोलाकार होते हैं, तो उसे गुम्बदाकार पठार कहते हैं. भारत में छोटा नागपुर का पठार, संयुक्त राज्य अमरीका में ओजार्क का पठार इसके प्रमुख उदाहरण हैं.

 

(2) विच्छेदित पठार (Dissected Plateau)- 

  • ऐसे पठार जो नदी और नालों के द्वारा कट-फट जाते हैं, उन्हें विच्छेदित पठार कहते हैं. जैसे-असम का पठार.

 
(3) सीढ़ीनुमा पठार (Step like Plateau)-

  • इन पठारों का धरातल सीढ़ीनुमा प्रतीत होता है. भारत में विन्ध्य का पठार इसका उत्तम उदाहरण है.

 

(4) पुनर्युवनित पठार (Rejuvenated Plateau)- 

  • पठार की जीर्णावस्था की प्राप्ति के बाद यदि पठार में पुनः उभार आता है और वह अधिक ऊँचा हो जाता है तो उसे पुनर्युवनित कहते हैं. संयुक्त राज्य अमरीका में मिसौरी का पठार और भारत में राँची का पठार इसके प्रमुख उदाहरण हैं.

 

जलवायु के आधार पर पठारों का वर्गीकरण

 

जलवायु के आधार पर पठार निम्न लिखित तीन प्रकार के होते हैं

 

(1) शुष्क पठार (Arid Plateau) 

  • मरुस्थलीय एवं शुष्क प्रदेशों में स्थित पठारों को शुष्क पठार कहते हैं. जैसे-पाकिस्तान में पोटवार का पठार.

 

(2) आर्द्र पठार (Humid Plateau)-

  • सघन वर्षा के प्रदेशों में स्थित पठारों को आर्द्र पठार कहते हैं. जैसे-असम का पठार,

 

(3) हिम पठार (Ice Plateau)-

  • ध्रुवीय प्रदेशों या हिमाच्छादित भागों में पाए जाने वाले पठार हिम पठार कहलाते हैं, जैसे-ग्रीनलैण्ड और अण्टार्कटिका का पठार.

 

उत्पत्ति के आधार पर पठारों का वर्गीकरण 

(1) जलकृत पठार (Fluvial Plateau) 

  • इन पठारों की उत्पत्ति जल के द्वारा होती है नदियों द्वारा तलछट के निक्षेप द्वारा स्थल भाग ऊँचा होता रहता है और कालान्तर में भूगर्भिक हलचलों के कारण ये भाग निकट वर्ती क्षेत्रों से ऊँचे उठ जाते हैं. म्यांमार (बर्मा) में शान का पठार और भारत में चेरापूँजी का पठार उसके प्रमुख उदाहरण हैं.

 

(2) वायव्य पठार (Aeolian Pla teau)-

  • वायु द्वारा निक्षेपण से बने पठारों को वायव्य पठार कहते हैं. जैसे-चीन में लोयस का पठार और पाकिस्तान में पोटवार का पठार.

 

(3) हिम्य पठार (Glacial Plateau) 

  • पर्वतीय प्रदेशों में हिमानी द्वारा अपरदित और घिसकर सपाट किए पठार हिम्य पठार कहलाते हैं. अण्टार्कटिका तथा ग्रीनलैण्ड में हिमानी द्वारा ऐसे अनेक अपरदित पठार हैं. भारत में गढ़वाल का पठार इसका प्रमुख उदाहरण है.

 

(4) उत्स्यन्द पठार (Effusive Pla teau)

  • ज्वालामुखी के उद्गार से निकले लावा के चतुर्दिक फैलकर जम जाने से बने पठार को उत्स्यन्द पठार कहते हैं. भारत में दक्षिण का पठार और संयुक्त राज्य अमरीका में कोलम्बिया का पठार इसके प्रमुख उदाहरण हैं.

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