राजा भूमिबोल विश्व मृदा दिवस - 2020 पुरस्कार | Raja Bhumibol Vishv Mrida Puraskar 2020

 राजा भूमिबोल विश्व मृदा दिवस - 2020 पुरस्कार

राजा भूमिबोल विश्व मृदा दिवस - 2020 पुरस्कार



कौन देता है 

खाद्य और कृषि संगठन (Food and Agriculture Organization- FAOद्वारा प्रतिष्ठित "राजा भूमिबोल विश्व मृदा दिवस पुरस्कार” (King Bhumibol World Soil Day Award) - 2020 प्रदान किया गया। 

राजा भूमिबोल विश्व मृदा दिवस - 2020 पुरस्कार किसे मिला 

  • भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research- ICAR) को
  • FAO ने ICAR को यह अंतर्राष्ट्रीय सम्मान वर्ष 2020 में विश्व मृदा दिवस (World Soil Day) के अवसर पर मृदा क्षरण रोकोहमारा भविष्य बचाओ” विषय पर मृदा स्वास्थ्य जागरूकता” में योगदान के लिये देने की घोषणा की थी।


राजा भूमिबोल विश्व मृदा दिवस पुरस्कार के विषय में: 

  • इस पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 2018 में की गई थी। यह उन व्यक्तियों या संस्थानों को दिया जाता है जो सफलतापूर्वक और प्रभावशाली तरीके से विश्व मृदा दिवस समारोह का आयोजन कर मृदा संरक्षण के विषय में जागरूकता बढ़ाते हैं।
  • यह पुरस्कार थाईलैंड के साम्राज्य द्वारा प्रायोजित हैजिसे थाईलैंड के राजा भूमिबोल अदुल्यादेज (King Bhumibol Adulyadej) द्वारा मृदा प्रबंधनखाद्य सुरक्षा और गरीबी उन्मूलन के महत्त्व के प्रति जागरूकता फैलाने के लिये की गई आजीवन प्रतिबद्धता के चलते उनके नाम पर रखा गया है।
  • इस पुरस्कार के पूर्व विजेताओं में प्रैक्टिकल एक्शन इन बांग्लादेश- 2018 और कोस्टा रिकान सॉयल साइंस सोसायटी (AACS)- 2019 शामिल हैं।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद: 

  • यह भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के अंतर्गत कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग हेतु एक स्वायत्तशासी संस्था है।
  • इसकी स्थापना 16 जुलाई, 1929 को की गई थीजिसे पहले इंपीरियल काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च (Imperial Council of Agricultural Research) के नाम से जाना जाता था।
  • इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
  • यह परिषद बागवानीमात्स्यिकी और पशु विज्ञान सहित कृषि के क्षेत्र में समन्वयनमार्गदर्शन और अनुसंधान प्रबंधन एवं शिक्षा के लिये भारत का एक सर्वोच्च निकाय है।


मृदा क्षरण क्या होता है 

  • मृदा क्षरण का अर्थ मिट्टी के भौतिकरासायनिक और जैविक दशा में गिरावट से है और यह स्थिति सामान्यतः कृषिऔद्योगिक या शहरी उद्देश्यों के लिये मृदा के अनुचित उपयोग या खराब प्रबंधन के कारण उत्पन्न होती है।
  • इससे मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की हानिमिट्टी की उर्वरता और संरचनात्मक स्थिति में गिरावटक्षरणलवणता में प्रतिकूल परिवर्तन आदि हो सकता है।
  • मिट्टी का क्षरण भोजनचारा आदि के लिये बढ़ती आबादी की मांग को पूरा करने हेतु भूमि पर अत्यधिक दबाव के कारण होता है।
  • ये प्रक्रियाएँ सामाजिक असुरक्षा के चलते कृषि उत्पादकता को कम करती हैं।
  • जलवायु परिवर्तन के परिणामस्वरूप वायुमंडल में ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन और ग्लोबल वार्मिंग मृदा क्षरण का प्रमुख कारण हो सकता है।
  • विभिन्न मानवीय गतिविधियाँ जैसे- बड़े पैमाने पर नहरों से सिंचाई और दोषपूर्ण भूमि के उपयोग के कारण लवणबाढ़सूखाकटाव तथा जलभराव के माध्यम से तीव्र मृदा क्षरण की स्थिति उत्पन्न होती है।


मृदा क्षरण के अन्य कारण हैं:

  • वनों की कटाई
  • अत्यधिक चराई
  • कृषि संबंधी गतिविधियाँ
  • वनस्पतियों का घरेलू प्रयोजन के लिये अत्यधिक दोहन

ग्लिंका विश्व मृदा पुरस्कार

  • यह पुरस्कार भी FAO द्वारा प्रदान किया जाता है। यह एक वार्षिक पुरस्कार हैजिसे दुनिया के सबसे अधिक दबाव वाले पर्यावरणीय मुद्दों को हल करने के लिये समर्पित व्यक्तियों को दिया जाता है।
  • यह उन व्यक्तियों और संगठनों को दिया जाता हैजो अपने नेतृत्व और गतिविधियों द्वारा मृदा प्रबंधन को बढ़ावा तथा मृदा संसाधनों के संरक्षण में योगदान दे रहे हैं।

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