मध्यप्रदेश में जैविक कृषि |M.P. Organic farming in Hindi

मध्य प्रदेश  (म.प्र). में जैविक कृषि

 

मध्यप्रदेश  में जैविक कृषि |M.P. Organic farming in Hindi

जैविक कृषि को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने मंडला जिले में 47 हेक्टेयर भूमि प्रदान की ही यहां जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय (जबलपुर) द्वारा जैविक कृषि अनुसंधान केन्द्र स्थापित किया गया है ।

 

मध्यप्रदेश जैविक कृषि नीति-2011

  •  जलवायु परिवर्तन और वैश्विकरण के कृषि पर प्रभावों को न्यून करने हेतु उत्पादन एवं उत्पादकता को तेज करना। 
  •  जैविक खेती हेतू नीति निर्माण एवं क्रियान्वयन । 
  • इसके दायरे में समस्त खाद्य फसलों एवं फलों, सब्जियों सुगंधित औषधियों, रंगों एवं वन उत्पादों का लाया जाएगा। 
  • स्वतः जैविक खेतों का संरक्षण एवं उन्हें अधिसूचित करना। 
  • सिंचाई एवं उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग का समाधान ।

 

313 विकास खण्डों के 2000 गाँव जैविक खेती से जुड गये है। 

मध्यप्रदेश ने सर्वप्रथम 2001-2002 में जैविक खेती को अपनाया। प्रत्येक जिले के विकासखंड के किसी एक गॉव को जैविक गाँव का नाम दिया गया। 2005 तक प्रत्येक विकासखण्ड में 5-5 गॉव जैविक खेती से जोड़े गए। 

मध्यप्रदेश देश का जैविक खेती करने वाला अग्रिम राज्य है, यहां 40 प्रतिशत जैविक खेती है।

 भारत की पहली जैविक खेती ईकाई : इंदौर 

म.प्र. राज्य जैविक प्रमाणीकरण संस्था : इन्दौर 

जैविक अनुसंधान केन्द्र : मण्डला 

एकमात्र जैविक कपास अनुसंधान केन्द्र : खण्डवा (2018 में भगवत राव मण्डलोई कृषि कालेज में स्थापित ।)

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मध्य प्रदेश में जैविक कृषि तथ्य 

  • 29 अगस्त, 2018 को प्रकाशित रिपोर्टों के अनुसार किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में वर्ष 2021 तक प्रमाणित जैविक कृषि का क्षेत्रफल 4 लाख हेक्टेयर तक विस्तारित करने का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है।
  • वर्तमान में प्रदेश में प्रमाणित जैविक कृषि का क्षेत्रफल लगभग 2 लाख हेक्टेयर है।
  • प्रमुखतः इस प्रदेश में जैविक कृषि नर्मदा नदी के किनारे की जा रही है।मध्य प्रदेश में वर्ष 2011 में जैविक कृषि नीति लागू की गई।
  • प्रदेश जैविक खेती विकास परिषद का गठन वर्ष 2014 में किया गया था।
  • मध्य प्रदेश जैविक कपास उत्पादन के क्षेत्र में विश्व के अग्रणी क्षेत्रों में से एक है।
  • जैविक उत्पादन हेतु 8 विभागीय शासकीय प्रक्षेत्र पूर्णतः जैविक उत्पादन कार्यक्रम हेतु चयनित किए गए हैं।
  • इसका उद्देश्य जैविक प्रमाणीकरण प्रक्रिया को बढ़ावा देना है।
  • ज्ञातव्य है कि देश में सर्वाधिक प्रमाणित जैविक कृषि क्षेत्र होने का गौरव मध्य प्रदेश को प्राप्त है।
  • जैविक कृषि, कृषि की वह विधि है जिसमें संश्लेषित उवर्रकों एवं संश्लेषित कीटनाशकों का प्रयोग न्यूनतम किया जाता है।
  • इस कृषि में भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखने हेतु फसल चक्र, हरी खाद और कंपोस्ट आदि का प्रयोग किया जाता है।


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