Rashtriya Mahila Ayog |राष्ट्रीय महिला आयोग|National Women Commission in hindi


National Women Commission in hindi

राष्ट्रीय महिला आयोग Rashtriya Mahila Ayog


राष्ट्रीय महिला आयोग विधिक निकाय है। इसका गठन राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम 1990 के तहत 31 जनवरी, 1992 मेँ किया गया।

राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम 1990 मेँ आयोग के एक अध्यक्ष तथा पांच सदस्योँ का प्रावधान है। इन सबकी नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है। अध्यक्ष एवं सदस्य का कार्यकाल 3 वर्षों का होता है।
राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम 1990 के 1 (ख) के अनुसार आयोग समय-समय पर अपनी रिपोर्ट केंद्र सरकार को सौपेंगा, जो इसे अपनी कार्यवाही रिपोर्ट के साथ संसद के प्रत्येक सदन मेँ पेश करेगा। यदि रिपोर्ट मेँ कोई मामला किसी राज्य से संबंधित है, तो आयोग वह रिपोर्ट या उसके भाग मेँ संबंधित राज्य सरकार को भेजता है, जो कार्यवाही रिपोर्ट के साथ उसे विधानमंडल के सदन मेँ प्रस्तुत करता है।
जांच के संबंध मेँ आयोग के पास सिविल कोर्ट का अधिकार होगा। वह भारत के किसी भी भाग से किसी भी व्यक्ति को सम्मन जारी कर सकता है तथा उसकी अपने समक्ष उपस्थिति सुनिश्चित कर सकता है।
आयोग के पास अधिनियम की धारा (1) के तहत सिविल न्यायालय के समान शक्ति है। आयोग भारत के किसी क्षेत्र मेँ किसी भी व्यक्ति को अपने सामने उपस्थित होने के लिए बाध्य कर सकता है।

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