Kendreey satarkata aayog |केन्द्रीय सतर्कता आयोग Central vigilance commission in hindi


 Central vigilance commission in hindi

केन्द्रीय सतर्कता आयोग Central vigilance commission in hindi


सतर्कता के क्षेत्र मेँ केंद्र सरकार के अभिकरणों को परामर्श देने तथा मार्गदर्शन करने के लिए श्री कें संथानम के नेतृत्व मेँ गठित भ्रष्टाचार निरोध से संबंधित समितिकी अनुशंसा पर फरवरी 1964 मेँ सरकार द्वारा केंद्रीय सतर्कता आयोग की स्थापना की गई।


केंद्रीय सतर्कता आयोग को सतर्कता संबंधी सर्वोच्च संस्था माना जाता है, जो किसी भी कार्य पालिका प्राधिकरण के नियंत्रण से मुक्त है। यह केंद्र सरकार के तहत् सतर्कता से संबंधित सभी गतिविधियोँ की निगरानी करता है और केंद्र सरकार के विभिन्न संगठनोँ को उनके सतर्कता कार्योँ की योजना के क्रियान्वयन और सुधार के संबंध मेँ परामर्श देता है।

विनीत नारायण बनाम भारत संघ के वाद के संदर्भ मेँ सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त (CVC-Central Vigilence Commissioner) को विधि स्थापित दर्जा देने का निर्देश दिया जो उस समय तक केवल एक परामर्शदात्री निकाय था और केंद्रीय जांच ब्यूरो के कामकाज को प्रभावशाली ढंग से निगरानी के लिए भी इसे उत्तरदायी बनाया।

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त, जो कि संघ लोक सेवा केँ के अध्यक्ष के स्तर का है, केंद्रीय सतर्कता आयोग का नेतृत्व करता है। कारण यह है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग के क्षेत्राधिकार का विस्तार, केंद्र सरकार के सभी विभागोँ, राष्ट्रीयकृत बैंकोँ सहित केंद्र सरकार की कंपनियों तथा केंद्र सरकार के संगठनोँ तक है।

  • 1.      एक केंद्रीय सतर्कता आयुक्त - अध्यक्ष
  • 2.      अन्य सतर्कता आयुक्त

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त और सतर्कता आयुक्तों की नियुक्ति

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त और अन्य सतर्कता आयुक्तों की नियुक्ति राष्ट्रपति अपने हस्ताक्षर और मुहर सहित अधिपत्र द्वारा एक समिति की सिफारिश प्राप्त करने के बाद करता है, जो कि निम्नलिखित लोगोँ से मिलकर बनी होती है-

  •     प्रधानमंत्री - अध्यक्ष
  •    गृहमंत्री - सदस्य
  • लोकसभा के विपक्ष का नेता - सदस्य

सेवा और शर्तें

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त का कार्यकाल उसके कार्यकाल मेँ प्रवेश की तारीख से लेकर चार वर्षोँ का होता है या वह अपनी आयु के 65 वर्षोँ तक, (इनमें से जो पहले हो) अपने पद पर बना रहता है। उसका कार्यकाल समाप्त होने के बाद वह दोबारा आयोग मेँ नियुक्ति के लिए अपात्र होगा।

कार्यकाल समाप्त होने के बाद केंद्रीय सतर्कता आयुक्त और अन्य सतर्कता आयुक्त भारत सरकार या राज्य सरकार के लाभ के किसी पद को प्राप्त करने के लिए अपात्र होंगे।


केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के वेतन और भत्ते और अन्य सेवा शर्तें

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त, संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष के स्तर का होगा।

अन्य सतर्कता आयुक्त, संघ लोक सेवा आयोग के अन्य सदस्योँ के स्तर के होंगे।


केंद्रीय सतर्कता आयुक्त की पदच्युति

केंद्रीय सतर्कता आयुक्त या किसी अन्य सतर्कता आयुक्त को उसके पद से केवल सिद्ध कदाचार या अक्षमता के आधार पर राष्ट्रपति के आदेश द्वारा ही हटाया जा सकता है। यदि राष्ट्रपति के निर्देश पर उच्चतम न्यायालय ने जाँच के उपरांत केंद्रीय सतर्कता आयुक्त या किसी अन्य सतर्कता आयुक्त को उक्त आरोपों के आधार पर पदच्युत करने की अनुशंसा की है।

1 comment:

  1. Sir itna hi h kya iske MCQ bhi bhej de ap to achha rhega plz.

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