MP Ke Darshniya Sthal मध्य प्रदेश के दर्शनीय स्थल | Tourist spot in MP

Madhya Pradesh Ke Darshiniya Sthal
Tourist spot in MP

मध्य प्रदेश के दर्शनीय स्थल Madhya Pradesh Ke Darshiniya Sthal



मध्य प्रदेश के दर्शनीय स्थलों के प्रचार प्रसार के पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से म.प्र. पर्यटन विकास निगम द्वारा राज्य में 382 पर्यटन केन्द्रों को चिन्हित किया गया है, जिसमें से 20 पर्यटन केन्द्र अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हैं।

युनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल

  • खजुराहों मंदिर (1986 में यूनेस्कों में शामिल)
  • सॉची बौद्ध स्तूप  (1989 में यूनेस्कों में शामिल)
  • भीमबेटका की गुफाएँ (2003 में यूनेस्कों में शामिल)
  • ओरछा  (2019 में यूनेस्कों में शामिल)

म.प्र. के अन्य प्रमुख स्थल  एवं उनकी विशेषताएँ

स्थल - बेसनगर 
अवस्थिति - विदिशा 
विशिष्ट तथ्य - हेलियोडोरस स्तंभ में गरूड़ ध्वज।

स्थल - उदयपुर 
अविस्थिति - गंजबासौदा 
विशिष्ट तथ्य - नीलकंठेश्वर मंदिर (परमारवंश)।

स्थल - ग्यारसपुर 
अवस्थिति - विदिशा 
विशिष्ट - मालादेवी मंदिर व त्रिपुर सुन्दरी प्रतिमा।

स्थल - बीजा मंडल 
अवस्थिति - विदिशा 
विशिष्ट तथ्य - मुगलकाल में ध्वस्त किया गया।

स्थल - अमरकंटक 
अवस्थिति - पुष्यराजगढ़ तहसील (अनूपपुर)
विशिष्ट तथ्य - लगभग 1057  मीटर ऊँचाई पर स्थित कपिल धारा एवं दुग्ध धारा प्रपात, नर्मदा कुण्ड, माई की बगिया, कबीर चौरा, नव ग्रह मंदिर, जैन मंदिर,आदिनाथ मंदिर, सोन मुढ़ा तथा साई का मंदिर यहीं स्थित है। 2005 में पवित्र नगर घोषित (बॉक्साइड प्राप्ति)। 

स्थल - चित्रकूट (मंदाकिनी तट) 
अवस्थिति - सतना 
विशिष्ट तथ्य - ब्रह्मा, विष्णु व महेश ने यहीं पर बाल अवतार लिए थे वनवास के समय मर्यादा पुरूषोत्तम राम यहीं पर महर्षि अत्रि व सती अनुसूईया के अतिथि बने। कामदगिरी अनुसुईया आश्रम, भरत कूट तथा हनुमान धारा यहीं स्थित है। 2005 में पवित्र नगर घोषित किया गया (गुप्त गोदावरी नदी है)। यहाँ गधों का मेला लगता है।

स्थल - मैहर 
अवस्थिति - सतना 
विशिष्ट तथ्य - संगीतकार अलाउद्दीन खां की कर्मभूमि तथा शारदा माँ का मंदिर। 2005 में पवित्र नगर घोषित।

स्थल - साँची 
अवस्थिति - रायसेन 
विशिष्ट तथ्य - बौद्ध तीर्थ स्थल। यहाँ तीन स्तूप हैं। बड़ा स्तूप 36.5 मीटर व्यास का है तथा ऊँचाई 16.4 मीटर है। स्तूप को रेलिंग शुंगों ने बनाई।

स्थल - मुक्तागिरि 
अवस्थिति - बैतूल 
विशिष्ट तथ्य - दिगम्बर जैनियो का पवित्र तीर्थ स्थल। यहाँ 52 मंदिर हैं। 

स्थल - उज्जैन 
अवस्थिति - क्षिप्रा नदी के तट पर बसा है
विशिष्ट तथ्य - महाकालेश्वर मंदिर, जंतर-मंतर चिंतामणि गोपाल जी का मंदिर, संदीपनी आश्रम, मंगलनाथ मंदिर, भृर्तहरिगुफा। यहाँ पर 12 वर्षो बाद कुंभ मेला लगता है। 2005 में पवित्र नगर घोषित। वेश्या टेकरी स्तूप है, जन्तर मंतर, ज्योतिर्लिंग।

 स्थल - ओंकारेश्वर 
अवस्थिति - खण्डवा (नर्मदा के तट पर)
विशिष्ट तथ्य - मध्यकालीन ब्राह्मण शैली में बना ओंकार मांधाता का मंदिर, सिद्धनाथ मंदिर, 24 अवतार सनमात्रिक मंदिर, गौरी सोमनाथ मंदिर और शंकराचार्य की गुफाएँ हैं2005 में पवित्र नगर घोषित। 520 मेगावाट जल विद्युत, केन्द्र, ज्योतिर्लिंग।

स्थल - बावनगजा 
अवस्थिति - बड़वानी से 10 किमी दूर 
विशिष्ट तथ्य - जैन स्थल 15वीं शताब्दी की 72 फीट ऊँची ऋषभदेव मूर्ति।

स्थल - खजुराहो 
अवस्थिति - छतरपुर 
विशिष्ट तथ्य - कंदरिया महादेव मंदिर, चौंसठ योगिनी मंदिर, चतुर्भुज मंदिर, आदिनाथ मंदिर, नदी मंदिर, पार्श्वनाथ मंदिर, आदि प्रमुख मंदिर हैं। चंदेल राजाओं द्वारा बनवाए गए मंदिरो की श्रृखला है950-1050 ई. के मध्य निर्मित मंदिर (हवाई सेवा उपलब्ध) (यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है)

स्थल - बांदकपुर 
अवस्थिति - दमोह 
विशिष्ट तथ्य - हिन्दू तीर्थ स्थल।

स्थल - कुंडलपुर 
अवस्थिति - दमोह 
विशिष्ट तथ्य - जैन तीर्थ स्थल।

स्थल - नोहटा (दमोह) 
अवस्थिति - बीना-कटनी रेलमार्ग पर 
विशिष्ट तथ्य - 12वीं शताब्दी में चंदेलों की राजधानी, गुरइया और बेरमा नदियों में संगम पर बसा यह नगर प्राचीन शिवमंदिर और जैन मंदिर के अवशेषों हेतु विख्यात है। 

स्थल - पचमढ़ी (खोजकर्ता फोरसिथ)
अवस्थिति - होशंगाबाद 
विशिष्ट तथ्य - अप्सरा विहार, जटाशंकर, पाण्डव की गुफाएँ, धूपगढ़ चौरागढ़ एवं महादेव पर्वत हैं। सबसे ऊँची चोटी धूपगढ़ 1350 मीटर है। 

 स्थल - बाँधवगढ़
अवस्थिति - उमरिया (शेषशाही मूर्ति) 
विशिष्ट तथ्य - किला व राष्ट्रीय उद्यान 

स्थल - चंदेरी किला 
अवस्थिति - अशोकनगर 
विशिष्ट तथ्य - खूनी दरवाजा, चारों ओर बावडि़याँ व सरोवर, धोवन मठ।

स्थल - पशुपति नाथ मंदिर 
अवस्थिति - मंदसौर सूर्य मंदिर  मंदसौर में है। 
विशिष्ट तथ्य - 1982 में मंदिर का निर्माण।

स्थल -सोनागिरि 
अवस्थिति - दतिया 
विशिष्ट तथ्य - दिगम्बर जैन धर्म से संबंधित 108 मंदिर हैं।

स्थल - गोम्मतगिरि 
अवस्थिति - इंदौर 
विशिष्ट तथ्य  - भगवान बाहुबली की 27 फीट ऊँची खड़गासन प्रतिमा है। 

स्थल - पीताम्बरापीठ 
अवस्थिति - दतिया 
विशिष्ट तथ्य - शक्तिपीठ है।

स्थल - माँडू
अवस्थिति - धार (सिटी ऑफ ज्वाय) 
विशिष्ट तथ्य - जहाज महल, हिंडौला महल, रानी रूपमती का महल, बाजबहादुर महल, अशरफी महल है।

स्थल - भेड़ाघाट प्रपात (18 मीटर)
अवस्थिति - जबलपुर 
विशिष्ट तथ्य - नर्मदा एवं बावन नदी के संगम पर  स्थित यह प्रपात। 
दोनों ओर संगमरमर की चटट्ानों से घिरा हुआ है। भृगु ऋषि ने यहीं तपस्या की थी। बंदरकूदनी और चौसठ यौगनियों के मंदिर है। 

स्थल - चचाई का जलप्रपात 
अवस्थिति - रीवा 
विशिष्ट तथ्य  - 130 मीटर ऊँचा मध्य प्रदेश का सबसे ऊँचा जलप्रपात है। 

स्थल - महेश्वर (महिष्मति) 
अवस्थिति - खरगौन 
विशिष्ट तथ्य - अवंतिका की राजधानी थी। यहाँ पर सहस्त्र धारा प्रपात है, अहिल्याबाई होल्कर ने इसे अपनी राजधानी बनाया। 

स्थल - पावागिरी (ऊन)
अवस्थिति -  (बड़वानी) खरगौन 
विशिष्ट तथ्य - 99 जैन का मंदिर दिगम्बर जैनों का तीर्थ है।

स्थल - पुष्यगिरी 
अवस्थिति - देवास 
विशिष्ट तथ्य - जैनों का तीर्थ स्थल है। 

स्थल - भरहुत स्तूप 
अवस्थिति - सतना 
विशिष्ट तथ्य - बौद्ध स्तूप के साक्ष्य मिले है (मौर्यकाल)।

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