Madhya Pradesh ki Pramukh boliyan evam Lok natya {मध्य प्रदेश की बोलियाँ एवं लोकनाट्य}

मध्य प्रदेश की बोलियाँ एवं लोकनाट्य

मध्य प्रदेश लोक नाट्य MP KE PRAMUKH LOK NATYA


माचा
मालवा अंचल का एक प्रमुख लोकनाट्य है, माचा का जन्म स्थान उज्जैन है 
राई स्वांग
(बुंदेलखण्ड) स्वांग का शाब्दिक अर्थ है, ‘अभिनय। यह जन्म एवं उत्सव के समय किया जाजा है। 
पण्डवानी
(मूलतः छत्तीसगढ़) शहडोल, अनूपपुर, बालाघाट में देखने को मिलता है।
 काठी
निमाड़ अंचल में प्रचलित है। यह देव उठनी ग्यारस से आरम्भ होता है और एक माह चलता है।
नौटंकी
मूलतः उत्तर प्रदेश का लोकनाट्य है, पर म.प्र के बुंदेलखण्ड एवं बघेलखण्ड में इसका प्रचलन है।
ढोला मारू की कथा
यह लोकनाट्य म.प्र. के राजस्थान से जुड़े सीमा क्षेत्र में प्रचलित है।
  

प्रमुख लोक नाट्य  MP KE LOK NATYA


लोक नाट्य

क्षेत्र 

छाहुर बघेलखण्ड का लोकनृत्य
गम्मत निमाड़ का पारम्परिक लोकनाट्य।
अखाड़ा बुन्देलखण्ड
तेजाजी की कथा मालवा
रासलीला निमाड़
लकड़बग्घा आदिवासियों का लोकनाट्य

म.प्र. की बोलियाँ MP KI PRAMUKH BOLIYAN


1. बुन्देलखण्डी - अशोकनगर दतिया, गुना, शिवपुरी, मुरैना, सागर, छतरपुर, दमोह, पन्ना, विदिशा, रायसेन, होशंगाबाद, नरसिंहपुर, सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट आदि।
2. निमाड़ी - बुरहानपुर, खण्डवा, खरगौन, धार देवास, बड़वानी, झाबुआ, इंदौर।
3. बघेलखण्डी - रीवा, सतना, शहडोल, एवं उमरिया।
4. मालवी - सीहोर, नीमच, रतलाम, मंदसौर, शाजापुर, झाबुआ, उज्जैन, देवास, इंदौर आदि।
5. बृजभाषा  - भिण्ड, मुरैना, ग्वालियर, आदि।
6. कोरकू - बैतूल, होशंगाबाद, छिंदवाड़ा, खरगौर आदि।
7. भीली - रतलाम, धार, झाबुआ, खरगौन एवं अलीराजपुर।
8. गौंडी - बैतूल, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, मण्डला, डिंडोरी, होशंगाबाद 

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