पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना सामान्य ज्ञान | PM Surya Ghar Yojna GK in Hindi
पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना
पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना संबंधी मुख्य तथ्य क्या हैं?
- नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) द्वारा फरवरी 2024 में शुरू की गई पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का उद्देश्य छतों पर सौर पैनल संस्थापित कर एक करोड़ घरों को मुफ्त बिजली उपलब्ध कराना है।
- इस योजना का परिव्यय 75,021 करोड़ रुपए है और इसे वित्त वर्ष 2026-27 तक लागू किया जाना है।
- इसके अंतर्गत प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान की जाती है तथा संस्थापना लागत के लिये 40% तक सब्सिडी प्रदान की जाती है, जिससे संपूर्ण देश में सौर ऊर्जा को व्यापक रूप से अपनाने को बढ़ावा मिलता है।
पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना पात्रता:
- भारतीय नागरिक, मकान मालिक, वैध बिजली कनेक्शन, परिवार द्वारा सौर पैनल से संबंधित किसी अन्य सब्सिडी का लाभ न उठाया गया हो।
कार्यान्वयन:
- पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का कार्यान्वयन राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय कार्यक्रम कार्यान्वयन एजेंसी (NPIA) और राज्य स्तर पर राज्य कार्यान्वयन एजेंसियों (SIA) द्वारा किया जाता है।
प्रमुख प्रावधान:
केंद्रीय वित्तीय सहायता (CFA):
- राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से छत पर सौर पैनल स्थापित करने के लिये आवासीय उपभोक्ताओं को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
आदर्श सौर ग्राम:
- इसके तहत प्रति ज़िले एक आदर्श सौर ग्राम का निर्माण करना एवं सौर ऊर्जा अपनाने को बढ़ावा देना शामिल है।
- 5,000 (या विशेष राज्यों में 2,000) से अधिक आबादी वाले गाँव चयन के पात्र हैं और ज़िला स्तरीय समिति (DLC) द्वारा पहचान किये जाने के छह महीने बाद नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के आधार पर उनका मूल्यांकन किया जाता है।
- प्रत्येक ज़िले में सर्वाधिक नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता वाले गाँव को एक करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता दी जाती है।
पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना
- पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के लिये परिचालन संबंधी दिशा-निर्देश जारी किये हैं, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा सेवा कंपनी (RESCO) और यूटिलिटी-लेड एग्रीगेशन (ULA) मॉडल का विवरण दिया गया है।
- ये दिशा-निर्देश योजना के राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से छतों पर सौर ऊर्जा पैनल संस्थापित करने के मौजूदा उपभोक्ता-संचालित कार्यान्वयन के पूरक होंगे।
पीएम-सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से संबंधित प्रमुख तथ्य क्या हैं?
सोलर पैनल संस्थापना के दो मॉडल:
नवीकरणीय ऊर्जा सेवा कंपनी (RESCO) मॉडल:
- इसके अंतर्गत तीसरे पक्ष की संस्थाएँ छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र संस्थापित करने में निवेश करती हैं। इसमें उपभोक्ताओं को बिना किसी अग्रिम लागत दिये केवल उपभोग की गई बिजली के लिये भुगतान करना पड़ता है। अतिरिक्त बिजली का विक्रय DISCOM को किया जा सकता है।
उपयोगिता आधारित एकत्रीकरण (ULA) मॉडल:
- इसमें विद्युत वितरण कंपनियाँ (DISCOM) या राज्य द्वारा नामित संस्थाएँ आवासीय घरों के छत पर सौर प्रणाली संस्थापित करती हैं।
भुगतान सुरक्षा तंत्र (PSM):
- RESCO-आधारित रूफटॉप सोलर मॉडल में निवेश को जोखिम मुक्त करने के लिये 100 करोड़ रुपए का PSM कोष स्थापित किया गया है। अतिरिक्त अनुदान के साथ इसका वर्द्धन किया जा सकता है जो कि मंत्रालय की स्वीकृति के अध्यधीन है।
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