ग्लोबल साइबरसिक्योरिटी आउटलुक 2025 प्रमुख जानकारी | Global Cyber security Outlook

 ग्लोबल साइबरसिक्योरिटी आउटलुक 2025 प्रमुख जानकारी 

ग्लोबल साइबरसिक्योरिटी आउटलुक 2025 प्रमुख जानकारी | Global Cyber security Outlook


ग्लोबल साइबरसिक्योरिटी आउटलुक 2025

  • विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने ग्लोबल साइबरसिक्योरिटी आउटलुक 2025 रिपोर्ट जारी की।
  • इस रिपोर्ट में भू-राजनीतिक तनाव, अप्रचलित प्रणालियों और साइबर सुरक्षा कौशल के अभाव के कारण महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे के लिये बढ़ते साइबर खतरों पर प्रकाश डाला गया है और सुरक्षा बढ़ाए जाने और लचीलेपन की आवश्यकता पर बल दिया गया है।

विश्व आर्थिक मंच (WEF) क्या है 

  • विश्व आर्थिक मंच (WEF) सार्वजनिक-निजी सहयोग के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। इस फोरम/मंच में वैश्विक, क्षेत्रीय और उद्योग एजेंडा को आयाम देने के लिये समाज के अग्रणी राजनीतिक, व्यावसायिक, सांस्कृतिक और अन्य अभिकर्त्ता शामिल होते हैं।
  • विश्व आर्थिक मंच (WEF) का मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड.
  • विश्व आर्थिक मंच (WEF) की स्थापना: इसकी स्थापना वर्ष 1971 में जर्मन प्रोफेसर क्लॉस श्वाब द्वारा की गई थी। इसका मूल नाम यूरोपीय प्रबंधन मंच था।

ग्लोबल साइबरसिक्योरिटी आउटलुक 2025 प्रमुख जानकारी 

  • ग्लोबल साइबरसिक्यूरिटी इंडेक्स (GCI) नामक यह सूचकांक अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (ITU) द्वारा जारी किया जाता है तथा इसके अंतर्गत साइबर सुरक्षा के प्रति देशों की प्रतिबद्धता के आधार पर उनका मूल्यांकन और श्रेणीकरण किया जाता है।
  • भारत ने GCI 2024 के 5वें संस्करण में टियर 1 का दर्जा प्राप्त कर साइबर सुरक्षा में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है।

रिपोर्ट में उजागर किये गए प्रमुख मुद्दे 

  • महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे की सुभेद्यता: जल, जैव सुरक्षा, संचार, ऊर्जा और जलवायु जैसे महत्त्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे क्षेत्र पुरानी प्रौद्योगिकियों और परपस्पर संबद्ध प्रणालियों के कारण साइबर हमलों के प्रति सुभेद्य हैं।
  • साइबर अपराधी और राज्य अभिकर्त्ता अधोसमुद्री केबलों सहित परिचालन प्रौद्योगिकी को लक्षित करते हैं, जिससे वैश्विक डेटा प्रवाह के लिये खतरे उत्पन्न होते हैं।
  • वर्ष 2024 में फिशिंग और सोशल इंजीनियरिंग हमलों में एकाएक बढ़ोतरी हुई, जिसमें 42% संगठनों ने ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट की।


भू-राजनीतिक तनाव: 

  • रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे भू-राजनीतिक संघर्षों ने ऊर्जा, दूरसंचार और जल जैसे  महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों पर साइबर और भौतिक हमलों को बढ़ा दिया है।
  • लगभग 60% संगठनों का कहना है कि भू-राजनीतिक तनावों ने उनकी साइबर सुरक्षा रणनीति को प्रभावित किया है।

जैव सुरक्षा संबंधी खतरे: 

  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), आनुवंशिक इंजीनियरिंग और जैव प्रौद्योगिकी में प्रगति ने जैव सुरक्षा जोखिमों को बढ़ा दिया है, जैव प्रयोगशालाओं पर साइबर हमलों से अनुसंधान और सुरक्षा प्रोटोकॉल को खतरा हो रहा है। 
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन जोखिमों के बारे में चेतावनी जारी की है। जैसा कि वर्ष 2024 में दक्षिण अफ्रीका और ब्रिटेन में प्रयोगशालाओं पर होने वाले हमलों से स्पष्ट है।

साइबर सुरक्षा कौशल अंतराल (Cybersecurity Skills Gap): 

  • रिपोर्ट में एक महत्त्वपूर्ण साइबर सुरक्षा कौशल अंतराल पर प्रकाश डाला गया है। विश्व में 4.8 मिलियन पेशेवरों में आवश्यक योग्यताओं का अभाव है।
  • दो-तिहाई संगठनों को उल्लेखनीय कौशल अंतराल का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें से केवल 14% के पास वर्तमान साइबर परिदृश्य के लिये आवश्यक कुशल कार्मिक हैं।

साइबर के अनुकूल: 

  • 35% छोटे संगठनों का मानना है कि उनकी साइबर अनुकूलता अपर्याप्त है।
  • सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों को अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें से 38% ने कम लचीलेपन की रिपोर्ट दी है और 49% में साइबर सुरक्षा प्रतिभा की कमी है, जो 2024 की तुलना में 33% की वृद्धि है।

क्षेत्रीय साइबर सुरक्षा असमानताएँ:

  • रिपोर्ट में वैश्विक साइबर सुरक्षा असमानताओं पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें घटना प्रतिक्रिया में विश्वसनीय यूरोप/उत्तरी अमेरिका में 15% से बढ़कर अफ्रीका में 36% और लैटिन अमेरिका में 42% हो गया है।
  • साइबर अपराध के कारण नुकसान: साइबर अपराध के कारण नुकसान: कम परिचालन व्यय और उच्च रिटर्न की संभावना के साथ, साइबर अपराध एक बहुत ही आकर्षक व्यवसाय बन गया है।
  • अमेरिकी संघीय जांच ब्यूरो (FBI) का अनुमान है कि वर्ष 2023 में साइबर अपराध से होने वाला नुकसान 12.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो जाएगा।

भारत में साइबर सुरक्षा के लिये वर्तमान में प्रावधान 

विधायी उपाय:

  • सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (IT अधिनियम)
  • डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023

संस्थागत ढाँचा:

  • भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (CERT-In)
  • राष्ट्रीय महत्त्वपूर्ण सूचना अवसंरचना संरक्षण केंद्र (NCIIPC)
  • भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C)
  • साइबर स्वच्छता केंद्र

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