वृद्धि निरोधक हॉर्मोन्स, एब्सिसिक अम्ल | GROWTH INHIBITING HORMONES

वृद्धि निरोधक हॉर्मोन्स (GROWTH INHIBITING HORMONES)

वृद्धि निरोधक हॉर्मोन्स, एब्सिसिक अम्ल | GROWTH INHIBITING HORMONES



वृद्धि निरोधक हॉर्मोन्स

पौधों में वृद्धि हॉर्मोनों के साथ-साथ कुछ ऐसे रासायनिक पदार्थ उत्पन्न होते हैं जिनको अल्प सान्द्रता भी वृद्धि हॉर्मोन्स की क्रियाशीलता को समाप्त कर देते हैं। ऐसे पदार्थों को वृद्धि निरोधक (Growth inhibitor) कहते हैं। ये पदार्थ बीजों के अंकुरणएवं तनों के दीर्घीकरण एवं कलिकाओं के खुलने आदि क्रियाओं को रोक देते हैं। उदाहरण- एब्सिसिक -अम्ल (ABA)

 

एब्सिसिक अम्ल (Abscisic Acid) 

कार्न एवं एडिकोट ने 1961-65 में कपास (Gossypim) के पौधों की पुष्प कलियों से एक पदार्थ पृथक् कियाजिसका नाम उन्होंने ऐब्सिसिन (Abscisin) रखा। किसी भी पौधे पर इसे छिड़कने पर यह शीघ्र ही पत्तियों का विलगन (Abscission) कर देता है।

 

एब्सिसिकअम्ल के प्रभाव (Effects of ABA) - 

1. यह कोशिका विभाजन एवं कोशिका के दीर्घीकरण (Cell elongation) की क्रिया को अवरुद्ध करता है। 

2. यह पौधों में जल हानि को नियन्त्रित करता है। 

3. आलू के कन्द के निर्माण में सहायक होता है। 

4. यह स्टोमेटा को बन्द करके वाष्पोत्सर्जन (Transpiration) क्रिया को कम कर देता है। 

5. यह बीजों के अंकुरण एवं कलिकाओं की वृद्धि को रोकता है। 

6. पत्तियों में विलगन परत (Abscission layer) बनाकर पतझड़ को प्रेरित करता है। 

7. दीर्घ  दौप्तिकालिक (Long day plants) पौधों में पुष्पन को अवरुद्ध करता है। 

 8. बीजों की प्रसुप्तता (Seed dormancy) बनाये रखता है। 

9. एब्सिसिक अम्ल रक्षक कोशिकाओं (Guard cells) में K+ आयन के प्रवेश को रोककर उसका परासरणीय विभव कम कर देता है जिससे रन्ध्र (Stomata) बन्द हो जाते हैं।

 

एब्सिसिक अम्ल का कार्यिकीय प्रभाव (Physiological Effects of Abscisic acid) 

(1) प्रसुप्ति में बढ़ोत्तरी (Extension of dormancy) -

ABA का प्रयोग करके अनेक प्रकार के बीजों तथा कलिकाओं की प्रमुप्ति को बढ़ाया जा सकता है। 

(2) वृद्धि संदमन (Growth inhibition)-

ABA एक शक्तिशाली वृद्धि संदमक (Inhibitor) है। यह 10 M] सान्द्रता पर नई के प्रांकुरचोल की वृद्धि में 50% तक संदमन कर देता है। 

(3) बीज अंकुरण संदमन (Seed germination inhibition ) - ABA एक प्रमुख अंकुरण संदमक है। 5 से 10 ppm बीच ABA सान्द्रता अंकुरण पर संदमक प्रभाव दर्शाती है।  

(4) जीर्णता व विलगन (Senescence and Abscission) - ABA का प्रमुख कार्य पक्षियों व अन्य पादप अंगों में जीर्णता व विलगन को बढ़ाना है। यह पत्ती में क्लोरोफिल के टूटने को प्रेरित करता है। 

(5) रन्धों का बन्द होना (Stomatal closure) - यह रन्ध्रों (Stomata) को बन्द करने में प्रभावी होता है। यह रक्षक कोशिकाओं (Guard cells) में K+ के प्रवेश को रोकता है जिससे उनका परासरणीय विभव कम हो जाता है तथा रन्ध्र बन्द हो जाते हैं। 

(6) वातावरणीय प्रतिबल (Environmental stress)- जल प्रतिबल (Water stress) पत्तियों में जोर्णता को उद्दीपित करता है। सम्भवतः जल प्रतिबल ABA में बढ़ोत्तरी की प्रक्रिया से सम्बन्धित है। लवणता प्रतिबल (Salinity stress) से प्रभावित पौधे ABA का संचय करते हैं जिससे रन्ध्र तीव्रता से बन्द हो जाते हैं। 

(7) पुष्पन व लिंग अभिव्यक्ति (Flowering and sex expression ) - ABA का पुष्पन पर अप्रत्यक्ष प्रभाव होता है। पुष्पन की क्रिया ABA एवं जिबरेलिन की आपेक्षिक मात्रा द्वारा प्रभावित होती हैं। कैनाबिस सेटाइवा (Cannabis sativa) में एब्सीसिक अम्ल मादा पौधों पर जिबरेलिन द्वारा उद्दीपित नर पुष्पों का निर्माण रोक देता है।

 

एक्सीसिक अम्ल के उपयोग (Uses of Abscisic Acid) 

(i) कुछ अल्प प्रदीप्तकाली पौधों (Short day plant) में पुष्पन प्रेरित करता है। 

(ii) उपयोग प्रतिवाष्पोत्सर्जक (Antitranspirant) के रूप में किया जा सकता है। 

(iii) अनेक स्तम्भ कर्तन (Stem cuttings) में इसका उपयोग जड़ों के निर्माण को प्रेरित करने में किया जाता है। 

(iv) इसके उपयोग से कलिकाओंबीजों आदि में प्रसुप्तावस्था को बढ़ाया जा सकता है।

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