विश्व हिंदी दिवस 2023: इतिहास महत्व उद्देश्य। World Hindi Day 2023 Details in Hindi

 

 विश्व हिंदी दिवस 2023: 10 जनवरी  (World Hindi Day 2023)

विश्व हिंदी दिवस 2023: इतिहास महत्व उद्देश्य। World Hindi Day 2023 Details in Hindi


 

विश्व हिंदी दिवस 2023

विश्व हिंदी दिवस कब मनाया जाता है ?

  • प्रतिवर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Day) मनाया जाता है।

 

विश्व हिंदी दिवस का उद्देश्य क्या है ?

  • विश्व हिंदी दिवस का उद्देश्य विश्व में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिये उपयुक्त वातावरण तैयार करना और हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में स्थापित करना है।

 विश्व हिंदी दिवस मे क्या किया जाता है ?

  • इस अवसर पर भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा विदेशों में स्थित भारतीय दूतावासों में कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।


 विश्व हिंदी दिवस मनाने की घोषणा कब की गयी थी  ?

  • पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने वर्ष 2006 में हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाने की घोषणा की।


विश्व हिंदी दिवस का इतिहास 

 

  • पहला विश्व हिंदी सम्मेलन (First World Hindi Conference) 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में आयोजित किया गया थाजहाँ 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम में भाग लिया।
  • पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने वर्ष 2006 में हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाने की घोषणा की।
  • हिंदी भाषा पाकिस्ताननेपालबांग्लादेशसंयुक्त राज्य अमेरिकाब्रिटेनजर्मनीन्यूज़ीलैंडसंयुक्त अरब अमीरातयुगांडागुयानासूरीनामत्रिनिडाडमॉरीशस और दक्षिण अफ्रीका सहित कई देशों में बोली जाती है।
  • विश्व में लगभग 43 करोड़ लोगों द्वारा हिंदी बोली जाती है।

राष्ट्रीय हिंदी दिवस

  • भारत में प्रतिवर्ष 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
  • इस दिन को मनाने के पीछे एक कारण देश में अंग्रेज़ी भाषा के बढ़ते चलन और हिंदी की उपेक्षा को रोकना है।
  • देवनागरी लिपि में लिखी गई हिंदी को 14 सितंबर1949 को भारत गणराज्य की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया था।
  • काका कालेलकरमैथिलीशरण गुप्तहज़ारी प्रसाद द्विवेदीसेठ गोविंददास ने हिंदी को राजभाषा बनाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
  • पहला हिंदी दिवस वर्ष 1953 में मनाया गया था।
  • हिंदी के अलावा अंग्रेजी दूसरी आधिकारिक भाषा है (संविधान का अनुच्छेद 343)।
  • हिंदी आठवीं अनुसूची की भाषा भी है।
  • अनुच्छेद 351 'हिंदी भाषा के विकास के लिये निर्देशसे संबंधित है।

 हिंदी शब्द की उत्पत्ति इतिहास संबंध 

  • 'हिंदीशब्द का संबंध प्राय: संस्कृत शब्द 'सिन्धुसे माना जाता है। प्रस्तुत पंक्तियों का लेखक मूलतः 'सिंधुशब्द को संस्कृत का न मानकर द्रविड़ या और किसी पूर्ववर्ती भाषा को मानता है जहाँ से यह संस्कृत में आया है।
  • 'सिंधु' 'सिंधनदी को कहते थे और उसी आधार पर उसके आसपास की भूमि को 'सिंधुकहने लगे। यह 'सिंधुशब्द ईरानी में जाकर 'हिंदुऔर फिर 'हिंदहो गया और इसका अर्थ था 'सिंध प्रदेश'। 
  • बाद में ईरानी धीरे-धीरे भारत के अधिक भागों से परिचित होते गए और इस शब्द अर्थ में विस्तार होता गया तथा यह 'हिंदशब्द धीरे-धीरे पूरे भारत का वाचक हो गया। इसी में ईरानी का ईक प्रत्यय लगने से हिंदीकबना जिसका अर्थ है 'हिंद का'। 
  • यूनानी 'इंदिकाया अंग्रेजी 'इंडियाआदि इस 'हिन्दीकके ही विकसित रूप हैं। 'हिंदीभी 'हिन्दीकका ही परिवर्तित रूप है और इसका अर्थ है 'हिंद का '
  • इस प्रकार यह विशेषण हैकिंतु भाषा के अर्थ में संज्ञा हो गया है। हिंदी भाषा के लिए इस शब्द का प्राचीनतम प्रयोग शरफुद्दीन यज्दी के 'जफरनामा' (1424 ई.) में मिलता है।

 

हिन्दी शब्द की व्युत्पत्ति 

  • 'हिन्दीशब्द की व्युत्पत्ति भारत के उत्तर-पश्चिम में प्रवाहमान सिंधु नदी से संबंधित है। विदित है कि अधिकांश विदेशी यात्री और आक्रान्ता उत्तर-पश्चिम सिंहद्वार से ही भारत आए। भारत में आनेवाले इन विदेशियों ने जिस देश के दर्शन किए वह 'सिंधुका देश था। ईरान (फारस) के साथ भारत के बहुत प्राचीन काल से ही संबंध थे और ईरानी 'सिंधुको 'हिन्दुकहते थे / सिंधु - हिन्दुस का ह में तथा ध का द में परिवर्तन-पहलवी भाषा प्रवृति के अनुसार ध्वनि परिवर्तन]। 'हिन्दुसे 'हिन्दबना और फिर 'हिन्दमें फारसी भाषा के संबंध कारक प्रत्यय 'लगने से 'हिन्दीबन गया। 'हिन्दीका अर्थ है— 'हिन्द का । इस प्रकार हिन्दी शब्द की उत्पत्ति हिन्द देश के निवासियों के अर्थ में हुई। आगे चलकर यह शब्द हिन्द की भाषाके अर्थ में प्रयुक्त होने लगा ।

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