सर सैयद अहमद खान जयंती विशेष : जानिए सर सैयद अहमद खान के बारे में | Sir Syed Day 17 October

सर सैयद अहमद खान जयंती विशेष : जानिए  सर सैयद अहमद खान  के बारे में

Sir Syed Day 17 October



सर सैयद अहमद खान जयंती 17 अक्तूबर,

  • 17 अक्तूबर, 2022 को देश भर में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के संस्थापक सर सैयद अहमद खान की 205वीं जयंती मनाई गई। सर सैयद अहमद खान का जन्म वर्ष 1817 में एक ऐसे परिवार में हुआ जो मुगल दरबार के करीब था। वह कई प्रतिभाओं के धनी (सिविल सेवक, पत्रकार, शिक्षाविद, समाज सुधारक, इतिहासकार) थे। वर्ष 1857 के विद्रोह से पहले वह ब्रिटिश प्रशासन की सेवा में कार्यरत थे। भारतीय परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए उन्होंने वर्ष 1857 के विद्रोह के कारणों को स्पष्ट करने के लिये ‘द कॉज़ेज़ ऑफ द इंडियन रिवॉल्ट’ नामक पुस्तक लिखी। सर सैयद को उन महत्त्वपूर्ण मुस्लिम सुधारकों के रूप में जाना जाता है जिन्होंने मुस्लिम समाज के सुधार के लिये शैक्षिक अवसरों को बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाई। सर सैयद ने महसूस किया कि मुस्लिम समुदाय की प्रगति तभी संभव है, जब वह आधुनिक शिक्षा ग्रहण करेगा। इसके लिये उन्होंने अलीगढ़ आंदोलन की शुरुआत की। यह एक व्यवस्थित आंदोलन था जिसका मूल उद्देश्य मुस्लिम समुदाय के सामाजिक, राजनीतिक और शैक्षिक स्थिति में सुधार करना था। हालाँकि बाद के वर्षों में सर सैयद द्वारा भारतीय मुसलमानों को राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल नहीं होने के लिये प्रोत्साहित किया गया जिसके कारण आलोचकों ने उन पर सांप्रदायिकता और अलगाववाद की विचारधारा को प्रोत्साहित करने का भी आरोप लगाया।

 

 सर सैयद अहमद खान का का जीवन परिचय 

  • 17 अक्टूबर सन् 1817 में सर सैयद अहमद खान का जन्म भारत के दिल्ली नामक स्थान में हुआ। इन्हे बतौर महान शिक्षक, नेता, मानव धर्म का पालन करने के साथ ही उन्हें महत्वपूर्ण रूप में मुस्लिम सुधारक के रूप में जाना जाता है। सर सैयद ने महसूस किया कि यदि मुस्लिम आधुनिक शिक्षा को ग्रहण करे तो उनकी प्रगति संभव है। 

  • सन् 1857 के गदर पर, ईस्ट इंडिया कम्पनी में बतौर क्लर्क कार्यरत रहते हुए अपनी किताब ‘असबाब-ए-बगावत-ए-हिन्द’ लिखी जिसमें सीधे तौर पर उन्होंने अंग्रेजों को जिम्मेदार ठहराया। 

  • ब्रिटिश उत्थान के क्षेत्र में - ब्रिटिश उत्थान के क्षेत्र में कार्य करने के कारण सर सैयद अहमद खान को राष्ट्र हित के विपक्ष में ‘काफिर’ कहा गया। उन्होनें अंग्रेजी फौज को स्वतंत्रता संग्राम में शामिल क्रांतिकारियों से बचाने के लिए अपने घर में पनाह दी। 
  • असबाब-ए-बगावत-ए-हिन्द - में उन्होंने ब्रिटिश सरकार की नीतियों की आलोचना की।

 

मुसलमानों के उत्थान के क्षेत्र में - 

  • उन्होने ऊर्दू को भारतीय सामूहिक भाषा बनाने पर जोर दिया। वर्ष 1869-70 में ऊर्दू के स्थान पर हिन्दी लाने का आंदोलन चला, जिसमें उन्होने मुस्लिम कैंब्रिज जैसी महान संस्थाओं की योजना तैयार की। 
  • तहजी़ब-उल-अक्लाफ - उन्होने अपनी इस पत्रिका को मुसलमानों के उत्थान के लिए जारी किया।

 

अलीगढ़ आंदोलन - 

  • उन्होने यह आंदोलन वर्ष 1864 में शुरू किया जिसका मुख्य उद्देश्य अलीगढ़ में पश्चिमी कार्यो में मुस्लिमों की प्रगति करना था, जिस कारण उन्होंने पश्चिम देशों की शिक्षा को ग्रहण करवाने के लिए अंग्रेजी भाषा को पढ़ने के लिए मुस्लिमों को प्रेरित किया।

 

विज्ञान-प्रौद्योगिकी- 

  • उन्होने मुस्लमानों के बीच आधुनिकीकरण लाने के लिए एक सांइटिफिक सोसाइटी (Scientific Society) की स्थापना की। इनकी अलीगढ़ इंस्टीट्यूट गजट पत्रिका, सांइटिफिक सोसाइटी का एक अंग है। 
  • उन्होने एंग्लों-ओरिएंटल कालेज की स्थापना सन् 1875 में की जो वर्तमान में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाता है।


विशेषताएं

  • सैयद अहमद खान की उद्देश्य मुस्लिम समाज का उत्थान तथा आधुनिकीकरण करना तथा ऊर्दू भाषा को बोल-चाल की भाषा में शामिल करना था। उन्होने बाइबिल तथा कुरान पर ऊर्दू भाषा में टीकाये लिखी तथा असबाब-ए-बगावते-हिन्द (ऊर्दू 1859) कृति लिखी। 

  • संस्थानों की स्थापना - 1858 में मुरादाबाद में आधुनिक मदरसे की स्थापना की। 1863 में गाजीपुर में भी एक आधुनिक स्कूल की स्थापना की।
  • अतहर असनदिद (ऊर्दू 1847)- यह मोहम्मद पैगम्बर साहब के जीवन के विषय पर आधारित है। इसका अनुवाद उनके बेटे द्वारा अंग्रेजी में एक्सेंज-आन-द-लाइफ आफ-मुहम्मद में किया गया है।


महिलाओं के विषय में

वे महिलाओं की शिक्षा के समर्थन में थे तथा पर्दा प्रथा, बहुविवाह, तीन तलाक की आलोचना करते थे।

 

सर सैयद अहमद खान

  • अलीगढ़ विश्वविद्यालय के संस्थापक
  • मुस्लिम सुधारक राष्ट्रवादी नेता
  • अंग्रेजी आधुनिक शिक्षा के पक्षधर
  • मुस्लिम महिलाओं की गिरती स्थिति के सुधारक
  • कवि, लेखक
  • समाज सुधारक
  • मुस्लिमों में विज्ञान प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांति लाने वाले

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