विश्व समुद्री दिवस 2024: थीम उद्देश्य महत्व इतिहास
विश्व समुद्री दिवस कब मनाया जाता है ?
विश्व समुद्री दिवस के आयोजन की तारीख
प्रत्येक देश की सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है, किंतु आमतौर पर यह दिवस सितंबर माह के अंतिम
‘गुरुवार’ (Thursday) को मनाया जाता
है।
विश्व की अर्थव्यवस्था
में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री उद्योगों खासतौर पर शिंपिंग उद्योग के योगदान को
चिह्नित करने के लिये वैश्विक स्तर पर ‘विश्व समुद्री दिवस’ का आयोजन कियाजाता है
विश्व समुद्री दिवस का
मुख्य उद्देश्य समुद्री सुरक्षा, शिपिंग सुरक्षा और समुद्री पर्यावरण के महत्त्व के संबंध
में जागरूकता पैदा करना है।
पहली बार विश्व समुद्री
दिवस 17 मार्च, 1978 को आयोजित किया गया था।
विश्व समुद्री दिवस 2022 की थीम' New technologies for greener shipping' है .
सितम्बर के अंतिम
बृहस्पतिवार को प्रतिवर्ष विश्व समुद्री दिवस (World
Maritime Day) के रूप में मनाया जाता है। इसके द्वारा शिपिंग सुरक्षा के
महत्व, समुद्री सुरक्षा तथा समुद्री वातावरण की
सुरक्षा तथा समुद्री उद्योग पर प्रकाश डाला जाता है।
विश्व समुद्री दिवस 1958 में अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) सम्मलेन के अनुकूलन की तिथि चिन्हित करता है।
विश्व समुद्री दिवस को पहली बार 1978 में मनाया गया था।
अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) का शुरूआती नाम
अंतरसरकारी समुद्री सलाहकार संगठन था, इसे 1982 में बदलकर अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) कर दिया गया।
अंतर्राष्ट्रीय समुद्री
संगठन (IMO)
अंतर्राष्ट्रीय समुद्री
संगठन (IMO) संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक विशेष संस्था है, जिसकी स्थापना
वर्ष 1948 में जिनेवा सम्मेलन के दौरान एक समझौते के माध्यम से की गई
थी। IMO की पहली बैठक इसकी स्थापना के लगभग 10 वर्षों पश्चात्
वर्ष 1959 में हुई थी।
वर्तमान में
अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) के कुल 174 सदस्य तथा 3 एसोसिएट सदस्य
हैं और इसका मुख्यालय लंदन में स्थित है।
यह एक अंतर्राष्ट्रीय
मानक-निर्धारण प्राधिकरण है जो मुख्य रूप से अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग की सुरक्षा में
सुधार करने और जहाज़ों द्वारा होने वाले प्रदूषण को रोकने हेतु उत्तरदायी है।
शिपिंग वास्तव में एक
अंतर्राष्ट्रीय उद्योग है और इसे केवल तभी प्रभावी रूप से संचालित किया जा सकता है
जब नियमों और मानकों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किया जाए।
ध्यातव्य है कि IMO अपनी नीतियों को
लागू करने के लिये ज़िम्मेदार नहीं है और न ही IMO के पास नीतियों के
प्रवर्तन हेतु कोई तंत्र मौजूद है।
इसका मुख्य कार्य शिपिंग
उद्योग के लिये एक ऐसा नियामक ढाँचा तैयार करना है जो निष्पक्ष एवं प्रभावी हो तथा
जिसे सार्वभौमिक रूप से अपनाया व लागू किया जा सके।
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