कंप्यूटर और श्रुतलेखन, यूनिकोड |श्रुतलेखन राजभाषा सॉफ्टवेयर| Computer ShrutLkehan Unicode

कंप्यूटर और श्रुतलेखन, यूनिकोड,  श्रुतलेखन राजभाषा सॉफ्टवेयर

कंप्यूटर और श्रुतलेखन, यूनिकोड |श्रुतलेखन राजभाषा सॉफ्टवेयर| Computer ShrutLkehan Unicode


कंप्यूटर और श्रुतलेखनयूनिकोड 

  • इस संबंध में श्रुतलेखन राजभाषा एक महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर है। यह एक स्पीकर इंडिपेंडेंटहिंदी स्पीच रिकग्निशन सिस्टम हैजिसके माध्यम से प्रयोग करने वाला व्यक्ति कंप्यूटर के साथ संपर्क रखता है और हिंदी में बोले गए कथनों को हिंदी यूनिकोड में टंकित करता है। 
  • स्पीच प्रोसेसिंग के लिए रिकग्नाइजर एनलॉग सिग्नल को डिजीटल सिग्नल में रूपांतरित करता है। प्रोसेसिंग के बाद एक स्ट्रीम ऑफ टेक्स्ट उत्पन्न किया जाता है। 


इसके लिए अनेक मॉडल प्रयोग में लाए जाते हैं। ये इस प्रकार हैं-

 

1. नॉइज रिक्शन मॉडल 

2. लैंग्वेज मॉडल 

3.एकाउस्टिक मॉडल 

4. ग्रैमर मॉडल 

5. फोनीम मॉडल 

6. यूनीफोम मॉडल 

7. ट्रै फोन मॉडल

 

श्रुतलेखन राजभाषा सॉफ्टवेयर की निम्नलिखित मुख्य विशेषताएं हैं

 

1. यह हिंदी यूनिकोड में आउटपुट देता है। 

2. यूनिकोड टैक्स्ट को ISFOC फॉन्ट में रूपांतरित करने की सुविधा भी देता है। 

3. ज्ञान आधारित स्क्रिप्ट फॉन्टस् । 

4. शब्द-संशोधन और शब्द-सुधार सुविधा भी उपलब्ध है। 

5. टैक्स्ट का संख्याओंतारीख और मुद्राओं में रूपांतरण किया जा सकता है। 

6. द्विभाषिक टंकण की सुविधा भी उपलब्ध है। 


यूनिकोड क्या है ?

  • यूनिकोड प्रत्येक अक्षर के लिए एक विशेष नंबर प्रदान करता हैचाहे कोई भी प्लेटफॉर्म होचाहे कोई भी भाषा होचाहे कोई भी प्रोग्राम हो । यहां उल्लेखनीय है कि कंप्यूटर विभिन्न भाषाओं को नहीं समझ सकता। वह केवल बाइनरी नंबर (0 और 1 ) को ही समझ सकता है। 
  • अतः हम जो भी अक्षर टंकित करते हैं वे अंततः 0 और 1 में बदल जाते हैं और तब कंप्यूटर उन्हें समझ सकता है। 
  • किसी भाषा के किसी शब्द के लिए कौन सा नंबर प्रयुक्त होगा इसका निर्धारण करने के नियम विभिन्न कैरेक्टर सैट या संकेत लिपि प्रणाली द्वारा निर्धारित होते हैं।
  • यूनिकोड का आविष्कार होने से पहले ऐसे नंबरों को देने के लिए अनेक संकेत लिपि प्रणालियां थीं और किसी एक संकेत लिपि में पर्याप्त अक्षर नहीं थे। 
  • न संकेत लिपियों में आपस में तालमेल भी नहीं था। परिणामस्वरूप दो संकेत लिपियां दो विभिन्न अक्षरों के लिए एक ही नंबर प्रयोग कर सकती हैं या समान अक्षर के लिए अलग-अलग नंबरों का प्रयोग कर सकती हैं। इससे डाटा खराब होने का खतरा बना रहता है। इन सभी समस्याओं को समाप्त करने के लिए तथा एकात्म बनाए रखने के लिए यूनिकोड को विकसित किया गया। 
  • यह सभी भाषाओं के लिए एक-सा ही काम करता है। यह कोडिंग सिस्टम फांट्समुक्तप्लेटफॉर्ममुक्त और ब्राउजरमुक्त है। इसे अनेक कंपनियों ने अपनाया है और आज अधिकतर उत्पाद यूनिकोड समर्थित हैं। विडोंज 2000 या उससे ऊपर के सभी पी.सी. यूनिकोड को सपोर्ट करते हैं।

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