UPSC History Short Questions and Answers in hindi | इतिहास के प्रमुख व्यक्ति

UPSC History Short Questions and Answers in Hindi

UPSC History Short Questions and Answers in hindi | इतिहास के प्रमुख व्यक्ति



UPSC History Short Questions and Answers in hindi

खारवेल - 

  • कलिंग (उड़ीसा) के प्रारंभिक राजाओं में महानतमजिसके शासनकाल तथा उपलब्धियों का उल्लेख पुरी जिले  में उदयगिरि पहाड़ियों की एक जैन गुफा से प्राप्त एक अभिलेख में हुआ है जिसे हाथीगुंफा अभिलेख का कहा जाता है। यह चेदि वंश का था तथा इसने संपूर्ण कलिंग तथा पड़ोसी राज्यों पर अपना अधिकार स्थापित किया। इसने जैन धर्म को संरक्षण प्रदान किया तथा कई जनोपयोगी कार्य किए।

 

शहजादा खुसरो

  • जहांगीर (सलीम) का सबसे बड़ा बेटाजिसने अकबर की मृत्यु (1605) के बाद अपने पिता के विरुद्ध गद्दी पर अपना दावा पेश किया। अपने मामाआंबेर के मानसिंह के सहयोग के बावजूद यह अपने पिता के विरुद्ध सफल नहीं हुआ। जहांगीर ने उसे पराजित कर माफ कर दिया। जहांगीर के शासनकाल के दौरान भी उसने गद्दी पर अधिकार करने के कई असफल प्रयत्न किए तथा अंततः उसे पकड़कर उसके छोटे भाई खुर्रम (शाहजहां) के हवाले कर दिया गया जो उसकी मृत्यु का कारण बना।

 

ख्वाजा जहां 

  • मलिक सरवर की उपाधिख्वाजा को 1394 में नसीरुद्दीन मुहम्मद तुगलक द्वारा पूरब का मालिक, (मालिक-उस-शर्क) नियुक्त किया गया जिसकी राजधानी जौनपुर में थी। इसके पुत्र ने संपूर्ण गंगा-यमुना दोआब पर अपना अधिकार स्थापित किया तथा शर्की वंश की स्थापना की।

 

कीरत सिंह

  •  बुंदेलखंड में कालिंजर का राजाजिससे रीवा के राजा बीरसिंह को शरण देने के कारण शेरशाह सूरी अप्रसन्न था। इसके कड़े प्रतिरोध के बावजूद शेरशाह ने 1545 में किले पर अधिकार कर लिया किंतु इसमें शेरशाह घायल हो गया तथा शीघ्र ही उसकी मृत्यु हो गई।

 

कुंभा

  • यह मेवाड़ के महानतम राजाओं में से एक था जिसने मालवा तथा गुजरात के मुस्लिम शासकों के विरुद्ध सफलतापूर्वक युद्ध किया। यह एक महान् निर्माता भी था। इसने मेवाड़ राज्य में लगभग 32 किलों का तथा चित्तौड़ में 'कीर्ति स्तंभअथवा विजय स्तंभ का निर्माण करवाया। 


लियाकत अली खान

  • उत्तर प्रदेश में जन्मेलियाकत अली मुस्लिम लीग के प्रमुख नेताओं में से एक थे। वे अंतरिम सरकार (1946-47) में वित्तमंत्री थे तथा विभाजन के बाद पाकिस्तान के प्रथम प्रधानमंत्री बने। एक आम सभा में एक अज्ञात हत्यारे ने इनकी हत्या कर दी।

 

थॉमस वेविंग्टन मैकॉले- 

  • प्रसिद्ध अंग्रेज विद्वानलेखकइतिहासकार तथा राजनीतिज्ञ था। गवर्नर जनरल की कार्यकारी परिषद के प्रथम विधि सदस्य के रूप में यह 1834 में भारत आया। इसने दंड संहिता का प्रारूप तैयार किया जो बाद में भारतीय अपराध संहिता का आधार बना तथा जिसमें कानून के समक्ष भारतीयों तथा यूरोपीयों के बीच समानता बरती गई। इसने अंग्रेजी माध्यम से पाश्चात्य प्रणाली के आधार पर उदारवादी शिक्षा प्रणाली प्रारंभ की।

 

सर एंथनी मैकडॉनल

  • ये लॉर्ड कर्जन द्वारा 1900 में नियुक्त अकाल आयोग के अध्यक्ष थे।

 


सरहेनरी मैकमोहन

  • ये तिब्बत एवं चीन तथा उत्तर-पश्चिम सीमांत प्रांत (भारत) के बीच प्रसिद्ध 'मैकमोहन रेखानिर्धारित करने वाले आयोग के अध्यक्ष थे।

 

पेशवा माधवराव

  • तीसरे पेशवा (बालाजी बाजीराव) का द्वितीय पुत्र जो 1761 में 17 वर्ष की उम्र में अपने पिता का उत्तराधिकारी बना। पानीपत के तीसरे युद्ध में मराठों की बुरी तरह पराजय के बाद इसने फिर से मराठा शक्ति एवं शौर्य का पुनरुत्थान किया। इसने निजाम तथा हैदर अली सहित अपने सभी पड़ोसियों को पराजित किया। उत्तर भारत में मालवा तथा बुंदेलखंड पर पुन: अधिकार कियाजाट और रोहिल्लों को पराजित कियादिल्ली पर पुन: अधिकार किया तथा दिल्ली को गद्दी मुगल बादशाह शाह आलम द्वितीय को सौंप दी जो बहुत दिनों से इलाहाबाद में अंग्रेजों का बंदी था।

 

महाबत खान-

  • मूलत: 'जमानबेगके नाम से ज्ञातजिसे 'महाबत खानकी उपाधि जहांगीर द्वारा प्रदान की गई थी। ये एक योग्य सेनापति सिद्ध हुआ। मेवाड़ के राणा अमरसिंह को महाबत खान ने पराजित किया। लेकिन नूरजहां के प्रभाव में आकर जहांगीर ने 12 वर्षों तक इसे अनदेखा कियाअत्यंत क्षोभ के कारण गहावत खान ने विद्रोह कर दिया। इसने कुछ दिनों के लिए बादशाह को भी बंदी बना लिया था। शाहजहां के बादशाह बनने में सहयोग के कारण शाहजहां ने उसे एक महत्त्वपूर्ण पद प्रदान किया।

 

महमूद बेगड़ा

  • गुजरात के महानतम शासकों में से एक जिसने 52 वर्ष (1459-1511) की लंबी अवधि तक शासन किया तथा अपने अनेक पड़ोसियों को पराजित किया। इसने गुजरात तट पर पुर्तगालियों के प्रसार को रोका। इतालवी यात्री बारथेमा ने अपने विवरण में महमूद की महत्वाकांक्षा का उल्लेख किया है।

 

मल्हारराव होल्कर

  • इंदौर के होल्कर परिवार का संस्थापकजो पेशवा बाजीराव प्रथम के प्रति अपनी कुशल तथा निष्ठापूर्वक सेवा के कारण प्रकाश में आया तथा इसके बदले उसे बहुत बड़ा क्षेत्र प्रदान किया गया जो उसके उत्तराधिकारियों के पास इसके स्वतंत्र भारत में सम्मिलित होने तक (1948) बना रहा।

 

मदनमोहन मालवीय

  • प्रमुख राष्ट्रवादी नेताप्रख्यात शिक्षाविद् तथा समाज सुधारकजिन्होंने 1885 तथा 1907 के बीच तीन पत्रिकाओं (हिंदुस्तानइंडियन यूनियनतथा अभ्युदय) का संपादन किया। ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बने तथा दो बार (1909 व 1918) इसके अध्यक्ष बने। इनकी महानतम उपलब्धि 1915 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना है। धार्मिक मुद्दों पर ये कट्टर हिंदू थे किंतु शुद्धि (धर्म पुनः परिवर्तन आंदोलन) के प्रसार तथा अस्पृश्यता उन्मूलन में विश्वास रखते थे। वे हिंदू महासभा के तीन बार अध्यक्ष बने।

 

मयूरशर्मन

  • बनवासी (मैसूर क्षेत्र) के कदंब वंश के संस्थापकजिसने संभवत: चौथी शताब्दी में पल्लवों के विरुद्ध विद्रोह कर दिया तथा स्वतंत्र राज्य की स्थापना की।

 

मेघवम्म

  • श्रीलंका का शासक तथा समुद्रगुप्त का समकालीन जिसने समुद्रगुप्त के दरबार में राजदूत तथा उपहार भेजे एवं श्रीलंका के बौद्ध धर्म प्रचारकों के लिए बोधगया के उत्तर में एक बौद्ध बिहार बनवाने के लिए समुद्रगुप्त की अनुमति प्राप्त की।

 

मिहिरकुल

  • हूण शासक मोरमाण का पुत्र एवं उत्तराधिकारी था। पांचवीं शताब्दी के अंत गुप्त साम्राज्य के पश्चिमी सीमांत एवं मध्य मालवा पर इसका शासन था। यह 500 ई० के लगभग गद्दी पर बैठा था। पंजाब के साकल (सियालकोट) में इसकी राजधानी थी। बालादित्य (मगध का राजा) तथा यशोवर्मन (मंदसौर का राजा) ने लगभग 528 ई० में उसे पराजित कर खदेड़ दिया।

 

मिनहाज उस सिराज

  • दास सुल्तान नसीरुद्दीन मुहम्मद के काल का प्रसिद्ध इतिहासकारजो तबकात-ए-नासिरीका लेखक थाजिसमें मीर ने दिल्ली सल्तनत के प्रारंभिक दौर का विश्वसनीय विवरण है।

 

मीर फतह अली खान

  • बलूचिस्तान के तालपुरा कबीले से संबद्धमीर ने सिंध में 1783 में कलोरा शासन को उखाड़ फेंका तथा यहां 1802 तक शासन किया। इसकी मृत्यु के बाद इसके वंशज तीन परिवारों में विभक्त हो गए और 1843 में सिंध पर अंग्रेजों के अधिकार से पूर्व हैदराबादमीरपुर तथा खैरपुर से शासन करते रहे।

 

मीरजुमला

  • साहसी फारसी-व्यवसायी। जिसने अपना जीवन गोलकुंडा के सफल हीरा व्यापारी के रूप में शुरू किया। वहज अब्दुल्ला कुतबशाह की सेवा में भर्ती हुआ तथा उसका मुख्यमंत्री बना। बाद में यह औरंगजेब की सहायता से शाहजहां की सेवा में आया जिसे उसने प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा भेंट किया उत्तराधिकार के युद्ध के समय इसने औरंगजेब का साथ दियाअंत: उसे बंगाल का सूबेदार बनाकर पुरस्कृत किया गया। बाद में इसने असम के अहोम शासकों पर आक्रमण कर उसके शासक को पराजित किया तथा असम का एक हिस्सा एवं भारी हर्जाना मुगलों को देने को बाध्य किया (1662)। ढाका लौटते समय रास्ते में 1663 में उसकी मृत्यु हो गई। 


मुहम्मद अली

  • अपने भाई शौकत अली के साथ इन्होंने 1920 में खिलाफत आंदोलन का नेतृत्व किया तथा बाद में असहयोग आंदोलन में भाग लिया। ये कांग्रेस के गया अधिवेशन (1922) के अध्यक्ष बने तथा इन्होंने नव निर्मित स्वराज पार्टी तथा गांधी जी के अनुयायियों के बीच समझौता करवाया।

 

मुहम्मद रजा खान

  • 1765 में अंग्रेजों के इशारे पर बंगाल का नायव नवाब नियुक्त किया गया तथा द्वैध प्रशासन (1765-72) के अंतर्गत इसने बंगाल के शोषण में अंग्रेजों का भरपूर साथ दिया। 


आशुतोष मुखर्जी

  • प्रसिद्ध अधिवक्ता तथा शिक्षाविद् । जो कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश तथा बाद में मुख्य न्यायाधीश बने। चार बार कलकत्ता  विश्वविद्यालय के कुलपति बने तथा अपनी मृत्यु तक इससे जुड़े रहे। अपने अथक परिश्रम की बदौलत इन्होंने इस विश्वविद्यालय को पूरब के सर्वोत्तम विश्वविद्यालयों में से एक बनाया।

 

मूलराज

  • सोलंकी राज्य का संस्थापक। जिसके राज्य की राजधानी अन्हिलवाड़ा में थी तथा इसका शासनकाल 942 से 997 ई० के बी  था। 


सरहेक्टरमुनरो

  • कंपनी की सेवा में कार्यरत एक सेनापति । जिसने अंग्रेजों के लिए बंगाल के मीरकासिम तथा अवध के शुजाउद्दौला की सेनाओं के विरुद्ध प्रसिद्ध बक्सर का युद्ध (1764) जीता।

 

सर थॉमस मुनरो

  • विशिष्ट ब्रिटिश कर अधिकारी। जो जिलाधिकारी (कलक्टर) के पद से मद्रास के गवर्नर (1820-27) बने। इनकी महानतम उपलब्धि मद्रास प्रेसीडेंसी में रैयतवाड़ी प्रणाली की शुरुआत है। 


मुकर्रब खान

  • औरंगजेब का योग्य सैन्य अधिकारी। जिसने संगमेश्वर में संभाजी को बंदी बनाकर सबको आश्चर्यचकित कर दिया तथा बाद में उनकी हत्या कर दी।

 

श्रीमती सरोजिनी नायडू 

  • स्वतंत्रता सेनानीकवयित्री एवं वक्ता जो 1925 के भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कानपुर अधिवेशन की अध्यक्ष थीं तथाइस प्रकारकांग्रेस की प्रथम भारतीय महिला (श्रीमती एनी बेसेंट प्रथम महिला अध्यक्ष थीं) ये राज्यपाल (उत्तर प्रदेश, 1947-49 के बीच) नियुक्त होने वाली प्रथम महिला थी। नाना फड़नवीस- एक मराठा ब्राह्मणजो अवयस्क पेशवा माधव नारायण राव के अभिभावक तथा मुख्य मंत्री बने। व्यावहारिक रूप से 1774 से 1800 ई० में अपनी मृत्यु तक इन्होंने मराठा गतिविधियों को स्वयं संभाला।

 

पंडित मोतीलाल नेहरू- 

  • जवाहरलाल नेहरू के पिता तथा महान देशभक्तजिन्होंने अपना जीवन एक सफल अधिवक्ता के रूप में प्रारंभ किया तथा 1919 में कांग्रेस पार्टी के सदस्य बने। भारतीय राष्ट्रवाद के समर्थन में इन्होंने एक पत्रिकाइंडिपेंडेंट का प्रकाशन प्रारंभ किया। इन्होंने अपना फलता-फूलता पेशा तथा भारतीय विधायी सभा की सदस्यता को त्यागकर असहयोग आंदोलन में भाग लिया। विधायी कार्यों में विरोध डालने के उद्देश्य से इन्होंने 1922 में सी०आर० दास के साथ स्वराज पार्टी की स्थापना की। ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के दो बार अध्यक्ष चुने गए (1919, कलकत्ता अधिवेशन तथा 1928 अमृतसर अधिवेशन)। भारत के संविधान के भविष्य पर पेश की गई नेहरू रिपोर्ट (1928) बनाने वाली समिति के ये अध्यक्ष भी थे। सविनय अवज्ञा आंदोलन के दौरान 1931 में उनकी मृत्यु हो गई।

 

भगिनी निवेदिता

  • स्वामी विवेकानंद की प्रसिद्ध शिष्या। जो आयरलैंड की महिला थीं जिनका मूल नाम मार्गरेट नोबल था। विवेकानंद के आमंत्रण पर भारत आकर इन्होंने स्वयं को समाज सुधार तथा कन्या शिक्षा के कार्यों में समर्पित किया। निजामुद्दीन अहमद – अकबर के काल का प्रसिद्ध इतिहासकार जिसने समकालीन आधिकारिक ग्रंथ तबकाते अकबरी की रचना की।

 

रानी पद्मिनी

  • मेवाड़ के राणा रतनसिंह की मुख्य रानीजो अपनी सुंदरता केलिए इतनी प्रसिद्ध थीं कि बताया जाता है कि उसे जबरन प्राप्त करने के लिए अलाउद्दीन खिलजी ने 1303 में चित्तौड़ पर आक्रमण किया। राजपूतों द्वारा दुर्ग की रक्षा में असफल रहने के कारण उसने अन्य शाही महिलाओं के साथ जौहर कर लिया।


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