उपन्यास क्या होते हैं।उपन्यास शब्द का अर्थ। हिन्दी का प्रथम उपन्यास । Upnyas Ka arth pratam upnyas

 उपन्यास क्या होते हैं।उपन्यास शब्द का अर्थ। हिन्दी का प्रथम उपन्यास 

उपन्यास क्या होते हैं।उपन्यास शब्द का अर्थ। हिन्दी का प्रथम उपन्यास । Upnyas Ka arth pratam upnyas


 हिन्दी का प्रथम उपन्यास 


  • हिन्दी कहानी के समान ही हिन्दी उपन्यास का इतिहास भी प्राचीन नहीं है। इस विधा का आरम्भ बीसवीं शताब्दी के प्रथम दशक में हुआ। वैसे तो भारतेन्दु युग को ही हिन्दी उपन्यास को जन्म देने का श्रेय जाता है लेकिन इस युग से पूर्व 1877 में श्रृद्धाराम फुल्लौरी ने भाग्यवती उपन्यास लिखकर हिन्दी उपन्यास विधा आरम्भ कर दिया था
  • हिन्दी साहित्य के इतिहास में आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने लाला श्री विवास दास के परीक्षा गुरू” (1882) उपन्यास को हिन्दी के मौलिक उपन्यास की मान्यता प्रदान की। उन्होंने यह स्वीकार किया कि यही हिन्दी का प्रथम उपन्यास है। इसके पश्चात् हिन्दी भाषा में अनेक तिलिस्मी जासूसी और ऐयारी उपन्यासों को सृजन हुआ, लेकिन मुंशी प्रेमचन्द के उपन्यासों से इस विधा को नया आयाम मिला। 

 

 उपन्यास क्या होते हैं उपन्यास शब्द का अर्थ 

  • उपन्यास शब्द उपन्यास दो शब्दों के मेल से बिना है। जिसके 'उप' उपसर्ग का अर्थ होता है सामने निकट या समीप, और 'न्यास का अर्थ है, धरोहर और रखना
  • इस आधार पर उपन्यास का अर्थ है एक लेखक अपने जीवन एवं समाज के आस पास जो कुछ भी देखता हो उसे अपने भाव विचार से कल्पना द्वारा सजा सँवार कर जिस विधा के माध्यम से हमारे समक्ष प्रस्तुत करता है वही उपन्यास' है। 
  • दूसरे शब्दों में जो साहित्यिक विधा जिसे पढ़कर यह आभास हो कि इसमें वर्णित घटना हमारे निकट की नहीं अपितु हमारी है ' उपन्यास' कहलाती है। 
  • उपन्यास आधुनिक जीवन के सत्य को निकटता से समझने और उसे काल्पनिक रूप प्रदान करने वाली विधा है। यद्यपि उपन्यास की कथा काल्पनिक होती है किन्तु वह जीवन के यथार्थ का स्पर्श करती है। इसके पात्र समाज से जुड़े व्यक्ति होते हैं। इसकी घटनाएँ हमारे मध्य की होती है जिनमें एक तर्किक संगति होती है।

 उपन्यास का जन्म 

  • उपन्यास का जन्म पश्चिमी साहित्य से हुआ। पश्चिम के साहित्यकारों ने इस नयी विधा को जन्म दिया। समय-समय पर इसमें अनके परिवर्तन होते रहे। इसे सोद्देश्य लिखा जाता रहा और यह साहित्य की कहानी विधा का व्यापक रूप बन गया। पश्चिम से ही इसने भारतीय साहित्य में प्रवेश किया और आज यह हिन्दी साहित्य की प्रमुख विधाओं में से एक है।

 

उपन्यास के तत्व 

 

1. शीर्षक 

2. कथावस्तु कथानक 

3. कथोपकथन-संवाद योजना 

4. पात्र और चरित्र चित्रण 

5. देशकाल और वातावरण 

6. भाषा और शैली

 

उपन्यास के भेद प्रकार 

इन्हीं तत्वों के आधार पर उपन्यास की समीक्षा की जाती है। इन्हीं तत्वों को केन्द्र रखकर उपन्यास विधा के आचार्यों ने उपन्यास के अनेक भेद किये हैं जिन्हें आपकी जानकारी के लिए संक्षेप में यहाँ दिया जा रहा है।

 

1. कथावस्तु के आधार पर उपन्यास

  • अ) बिषयवस्तु की दृष्टि से ऐतिहासिक उपन्यास, परिवारिक उपन्यास, सामाजिक उपन्यास और पौराणिक उपन्यास। 
  • (ब) वर्णन शैली की दृष्टि से घटना प्रधान उपन्यास एवं भाव प्रधान उपन्यास।

 

2. चरित्र चित्रण पर आधारित उपन्यास 

3. देशकाल और वातावरण पर आधारित उपन्यास 

4. भाषा शैली पर आधारित उपन्यास 

5. उद्देश्य पर आधारित उपन्यास ।

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