MP Current Affairs November -Part 02 2021। मध्य प्रदेश समसमयिकी नवम्बर 2021-भाग 02

MP Current Affairs November Part 02 2021। मध्य प्रदेश समसमयिकी नवम्बर 2021-भाग 02 

MP Current Affairs November Part 02 2021। मध्य प्रदेश समसमयिकी नवम्बर 2021-भाग 02


"छिंदवाड़ा विश्वविद्यालयछिंदवाडा" का नाम "राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा"

  • म.प्र. विश्वविद्यालय (संशोधन)  अध्यादेश अनुसार "छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय, छिंदवाडा" का नाम "राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा" किया जाने के प्रस्ताव को मंत्रि-परिषद द्वारा मान्य किया गया।

मध्यप्रदेश लोकसवा आयोग के नए अध्यक्ष और सदस्य नियुक्त

  • मंत्रि-परिषद ने प्रो. राजेशलाल मेहरा को मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष और डॉ. कृष्णकांत शर्मा  प्राध्यापक (गणित) को सदस्य  के पद पर नियुक्त करने का अनुमोदन दिया।

 

मध्य प्रदेश में एयरक्राफ्ट टरबाईन फ्यूल (ए.टी.एफ.) की दर 

  • मध्य प्रदेश प्रदेश में आर्थिक विकास के लिये एयर कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिये एयरक्राफ्ट टरबाईन फ्यूल (ए.टी.एफ.) पर वेट की दरों युक्तियुक्त करते हुए ग्वालियर, खजुराहो एवं जबलपुर में निर्धारित वेट की दर 4 प्रतिशत की तरह ही भोपाल एवं इंदौर में भी ए.टी.एफ. पर वेट की वर्तमान दर 25 प्रतिशत को घटाकर 4 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है।  

एयरक्राफ्ट टरबाईन फ्यूल (ए.टी.एफ.) कम करने के फायदे

  • इस निर्णय से प्रदेश में एक शहर को दूसरे शहर से विमान सेवाएँ उपलब्ध होने से पर्यटन एवं आर्थिक गतिविधियों तथा हॉस्पिटेलिटी सेक्टर को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही विमान सेवाएँ बढ़ने से प्रदेश में जहाँ एक ओर वैमानिक संस्थाएँ प्रदेश के शहरों से हवाई सेवाएँ संचालित करने के लिये आकर्षित होगी,  वहीं दूसरी ओर आम आदमी को भी रियायती दरों पर हवाई सेवाएँ उपलब्ध हो सकेगी।


राजा शंकर शाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह का स्मारक एवं संग्रहालय

  • मध्यप्रदेश मंत्रि-परिषद ने इण्डियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एण्ड कल्चरल हेरिटेज (आई.एन.टी.ए.सी.एच) को राजा शंकर शाह एवं कुंवर रघुनाथ शाह के स्मारक एवं संग्रहालय, जबलपुर के निर्माण कार्य के लिये राज्य शासन के प्रचलित शिड्यूल ऑफ रेट एवं उस पर 9 प्रतिशत पर्यवेक्षण शुल्क पर टर्न की बेसिस पर निविदा पद्धति की निर्धारित प्रक्रिया से छूट देते हुए कार्यादेश देने एवं उक्त कार्य में भविष्य में विस्तार आदि एवं संग्रहालय संचालन का कार्य स्थायी वित्त समिति के अनुमोदन के बाद एवं संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर आई.एन.टी.ए.सी.एच  से ही कराए जाने की अनुमति देने का निर्णय लिया।


वृक्षारोपण नीति मध्यप्रदेश के प्रमुख बिन्दु 

  • मंत्रि-परिषद ने संयुक्त /सामुदायिक वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से सी.एस.आर/सी.ई.आर. एवं अशासकीय निधियों के उपयोग से वृक्षारोपण नीति अनुमोदित की है।
  • संयुक्त/सामुदायिक वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से सी.एस.आर/सी.ई.आर. एवं अशासकीय निधियों के उपयोग से वृक्षारोपण नीति अनुसार वन क्षेत्र की पुनर्स्थापना में भूमिका अदा करने का इच्छुक औद्योगिक समूह, निगमित निकाय, व्यक्ति या स्वयं-सेवी संस्था, वनमंडल या राज्य स्तर पर स्थापित वन विकास अभिकरण को अपना प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे। 
  • निकाय संस्थाएँ अपनी प्राथमिकता अनुसार वृक्षारोपण के लिये क्षेत्र का चयन कर सकेंगे। वृक्षारोपण के लिये न्यूनतम 10 हेक्टेयर क्षेत्रफल का चयन किया जाएगा।
  • स्थानीय प्रजातियों को वृक्षारोपण में प्राथमिकता दी जायेगी। 
  • वृक्षारोपण के लिये निधियाँ उपलब्ध कराने वाली संस्था, वन समिति और वन विकास अभिकरण के बीच एक त्रि-पक्षीय अनुबंध किया जाएगा।  
  • वृक्षारोपण के लिए निधि उपलब्ध कराने वाली संस्था को वन  क्षेत्र या वनोपज पर किसी भी प्रकार का कोई अधिकार प्राप्त नहीं होगा। निधियों को प्राप्त कराने के एवज में संस्था को कार्बन क्रेडिट उपयोग करने का अधिकार होगा।
  • निधियाँ उपलब्ध कराने वाली संस्था द्वारा अनुबंध लागू होने के एक वर्ष की अवधि के अंदर वनमंडल स्तर पर वन विकास अभिकरण के खाते में इलेक्ट्रॉनिक रीति से जमा कराई जायेगी। 
  • वन विकास अभिकरण द्वारा कार्य सम्पादन के लिये राशि वन समिति के विकास खाते में जमा कराई जायेगी। संस्था यदि चाहे तो वन विकास अभिकरण को सूचना देते हुए सीधे राशि वन समिति के खाते में अंतरित कर सकेगा। 
  • वन क्षेत्रों में ऐसा कोई कार्य नहीं किया जाएगा, जिससे स्थानीय समुदाय के अधिकारों एवं वन आधारित आजीविकाओं पर किसी भी प्रकार का विपरीत प्रभाव पड़े। 
  • वृक्षारोपण के लिये वन समिति के सहयोग से सूक्ष्म प्रबंध योजना  तैयार की जायेगी।  इसे वन समिति की आम सभा से अनुमोदन के बाद वनमंडल अधिकारी द्वारा स्वीकृति दी जायेगी। कार्य  संपादन वन समिति द्वारा किया जायेगा।
  • वृक्षारोपण के अनुश्रवण एवं मूल्यांकन की व्यवस्था विभागीय प्रक्रिया अनुसार की गई है। वृक्षारोपण को विभागीय मूल्यांकन प्रणाली में पंजीकृत कर समय-समय पर अद्यतन किया जायेगा।
  • यह सुनिश्चित किया जायेगा कि तीन वर्ष की अवधि के बाद वृक्षारोपण में पौधों की जीवितता 50 प्रतिशत से अधिक होने पर ही रोपण को सफल माना जायेगा। जीवितता 50 प्रतिशत से कम होने पर अनुबंध निरस्त कर दिया जायेगा। 
  • एक वर्ष की अवधि के अंदर अनुबंध के अनुसार कार्य प्रारंभ नहीं करने, 2 वर्ष की अवधि में वृक्षारोपण का कार्य सम्पादित नहीं करने या अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं करने पर वनमंडल स्तरीय वन विकास अभिकरण के सचिव को अनुबंध को निरस्त करने का अधिकार होगा।  
  • त्रिपक्षीय अनुबंध निरस्त करने का आदेश सभी पक्षों को सुनवाई का अवसर देने के बाद ही जारी किया जाएगा। अनुबंध निरस्तीकरण के विरुद्ध अपील की जा सकेगी।

नीमच में मेडिकल कॉलेज स्थापना के लिए भूमि आवंटन

  • मंत्रि-परिषद द्वारा नीमच नगर में नगर पालिका स्वामित्व के महू नसीराबाद रोड पर कनावटी के समीप खेत न. 6, 6, 6बी, 29, 40, 44, 24, 30, की रिक्त 97452  वर्ग मीटर भूमि बिना प्रीमियम तथा वार्षिक भू-भाटक एक रूपये  लेकर दी गई शर्तों के अधीन एवं उक्त भूमि के उपयोग को आवासीय से "सार्वजनिक एवं अर्द्ध-सार्वजनिक" में उपांतरित किये जाने की शर्त पर चिकित्सा शिक्षा विभाग को मेडिकल कॉलेज स्थापना के लिए आवंटित किये जाने की अनुमति प्रदान की गई।


11 नवीन शासकीय महाविद्यालय  प्रारंभ करने का अनुमोदन

  • मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदेश में 11 नवीन शासकीय महाविद्यालय प्रारंभ करने का अनुमोदन किया गया। इनमें शासकीय महाविद्यालय उदयनगरजिला देवास, शा. महा विद्यालय रैगांवजिला सतना, शासकीय महाविद्यालय घुवाराजिला छतरपुर, शासकीय महाविद्यालय पिछोर जिला ग्वालियर, शासकीय महाविद्यालय जैसीनगरजिला सागर, शासकीय महाविद्यालय गोरमीजिला भिण्ड, शासकीय महाविद्यालय रजौधाजिला मुरैना, शासकीय महाविद्यालय अनूपपुरजिला अनूपपुर, शासकीय महाविद्यालय दिमनीजिला मुरैना, शासकीय महाविद्यालय रिठौराकलॉजिला मुरैना औरशासकीय महाविद्यालय दिनाराजिला मुरैना सम्मिलित है। पूर्व से संचालित पाँच शासकीय महाविद्यालय में नवीन विज्ञान एवं वाणिज्य संकाय प्रारंभ करने और एक शासकीय महाविद्यालय में स्नातकोत्तर स्तर पर तीन नवीन विषय प्रारंभ करने के लिए 233  शैक्षणिक एवं  228  अशैक्षणिक,  इस प्रकार कुल 461  पद सृजन करने की स्वीकृति दी गयी। इसके लिए आवर्ती व्यय भार 24  करोड़  60 लाख रूपये प्रतिवर्ष एवं अनावर्ती व्यय 5  करोड़  45 लाख रूपये की स्वीकृति दी गयी।

मध्य प्रदेश में पवन ऊर्जा परियोजनाओं एवं नवीन परियोजनाओं का विकास 

  • मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में पंजीकृत पवन ऊर्जा परियोजनाओं एवं नवीन परियोजनाओं के विकास के लिये निर्णय लिया है कि वर्तमान में 750  मेगावाट क्षमता की विंड-सोलर हायब्रिड (विंड/सोलर ऊर्जा का 33%  न्यूनतम आवश्यक घटक) परियोजनाओं की स्थापना के लिए रु. 2.78  प्रति यूनिट सीलिंग टैरिफ रखते हुए, बिड आमंत्रित की जाएगी। 
  • मध्य प्रदेश प्रदेश पवन ऊर्जा के क्षेत्र में देश में प्रगतिशील राज्यों में शामिल है। राज्य में वर्ष 2012  में स्थापित कुल क्षमता 314  मेगावाट से बढ़कर अद्यतन 2444.15  मेगावाट हो गयी है। इस प्रकार वर्ष 2012  से अद्यतन लगभग 8  गुना वृद्धि अर्जित की गयी है।


मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता ऋण योजना 

  • कोविड-19 को नियंत्रित करने के लिये माह अप्रैल-मई 2021 में विभिन्न जिलों में कोरोना कर्फ्यू तथा विभिन्न प्रकार के अन्य प्रतिबंध से ग्रामीण क्षेत्रों में पथ विक्रेताओं की आजीविका विपरीत रूप से प्रभावित होने से पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ विक्रेता ऋण योजना में बैंकों द्वारा 25 मई 2021 तक की अवधि में वितरित तथा लंबित 6 लाख 10 हजार 60 हितग्राहियों के बैंक खातों में प्रत्येक पथ विक्रेता को एक हजार रूपये का अनुदान एक बार उपलब्ध कराये जाने की कार्योत्तर स्वीकृति मंत्रि-परिषद ने दी है । 

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