सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का स्थापना दिवस (BSF स्थापना
दिवस )
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) स्थापना दिवस प्रतिवर्ष 1 दिसंबर को मनाया जाता है ।
इस वर्ष 2023 में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) आज अपना59वां स्थापना दिवस मना रहा है।
01 दिसंबर 1965 को सीमा सुरक्षा बल गठन किया गया और श्री के एफ रुस्तमजी इसके पहले प्रमुख बनाए गए।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ BSF) गठन का इतिहास
1965 तक
पाकिस्तान के साथ लगी भारत की सीमाओं की रक्षा के लिए राज्य सशस्त्र पुलिस बटालियन
जिम्मेदार होती थी।
लेकिन 9
अप्रैल 1965 को कच्छ में सरदार पोस्ट, छार बेट और बेरिया बेट पर पाकिस्तान
द्वारा किए गए हमले के बाद यह पाया गया कि राज्य सशस्त्र पुलिस बटालियन ऐसे हमलों
की आक्रामकता का सामना करने के लिए पर्याप्त नहीं है।
इसी को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार को एक विशेष रूप से समर्पित
सीमा सुरक्षा बल की आवश्यकता महसूस हुई, जो
कि पाकिस्तान के साथ लगी अंतर्राष्ट्रीय सीमा के लिए सशस्त्र और प्रशिक्षित हो।
इसके बाद 01
दिसंबर 1965 को सीमा सुरक्षा बल गठन किया गया और
श्री के एफ रुस्तमजी इसके पहले प्रमुख बनाए गए।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) BSF की युद्ध कालीन भूमिका
कम खतरे वाले क्षेत्रों में ड़टे रहना है जब तक
कि एक विशेष क्षेत्र में बड़ा हमला नहीं होता एवं यह महसूस किया जाता है कि स्थानीय
स्थिति से निपटने के लिए सीमा सुरक्षा बल सक्षम है।
युद्ध की स्थिति में सेना को आक्रामक कार्यों
से मुक्त करने के लिए सीमा सुरक्षा बल की यूनिटों को विशेष क्षेत्र में तैनात किया
जा सकता है।
यहां तक कि अगर बड़ा हमला होने का अंदेशा है और
सीमा सुरक्षा बल इस तरह के हमले से निपटने में सक्षम नहीं है तो सेना से यह उम्मीद
की जा सकती है कि वह सीमा सुरक्षा बल को तोपखाने या अन्य सहायता देकर मजबूत करे या
सीमा सुरक्षा बल को उस क्षेत्र से हटाकर उसकी भूमिका से राहत दे।
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) BSF की शांति काल में भूमिका
सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के
बीच सुरक्षा की भावना को बढावा देना।
सीमा के आर-पार अपराधों की रोकथाम तथा भारतीय
क्षेत्र में अनाधिकृत प्रवेश एवं निकासी को प्रतिबंधित करना।
सीमापार तस्करी एवं अन्य अवैध गतिविधियों की
रोकथाम।
पिछले कुछ वर्षों से सीमा सुरक्षा बल को अपनी
ड्यूटी के अलावा, विद्रोह रोधी और आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी
के लिए भी तैनात किया गया जाने लगा है।
बीएसएफ, दुनिया
का सबसे बड़ा सीमा सुरक्षा बल है जो पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ 6386.36 किलोमीटर लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा की
सुरक्षा करता है। अपनी स्थापना दिवस के अवसर पर सीमा सुरक्षा बल राष्ट्र और अपने
आदर्श ‘जीवन पर्यंत कर्तव्य’ की प्रतिबद्धता को दोहराता है
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) BSF के बारे में महत्वपूर्ण बातें
भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद भारतीय सीमाओं की
रक्षा करने के विशेष उद्देश्य के मद्देनज़र वर्ष 1965 में सीमा सुरक्षा बल (BSF) की
स्थापना की गई थी।
यह गृह मंत्रालय (MHA) के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत भारत के
पाँच केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPF) में से एक है।
अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल हैं: केंद्रीय
रिज़र्व पुलिस बल (CRPF),
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), सशस्त्र सीमा बल (SSB)
सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 2.65 लाख से अधिक रक्षा कर्मी पाकिस्तान और बांग्लादेश की सीमाओं पर
तैनात हैं।
सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों को नक्सल विरोधी अभियानों, भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा, भारत-बांग्लादेश अंतर्राष्ट्रीय सीमा
और नियंत्रण रेखा (LoC) पर तैनात किया गया है।
इसके अंतर्गत एक एयर विंग, मरीन विंग, एक आर्टिलरी रेजिमेंट और कमांडो यूनिट
शामिल है।
सीमा सुरक्षा बल (BSF) द्वारा अपने अत्याधुनिक जहाज़ों के
माध्यम से अरब सागर में सर क्रेक और बंगाल की खाड़ी में सुंदरबन डेल्टा की सुरक्षा
की जाती है।
कानून व्यवस्था बनाए रखने और शांतिपूर्ण चुनाव
कराने में राज्य प्रशासन की मदद करने में भी BSF की
काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
इसके अलावा सीमा सुरक्षा बल (BSF) आवश्यकता पड़ने पर प्राकृतिक आपदा के
दौरान मानवीय जीवन को बचाने का कार्य भी करता है।
यह प्रत्येक वर्ष अपने प्रशिक्षित कर्मियों की
एक बड़ी टुकड़ी को संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में भी भेजता है।
सीमा सुरक्षा बल (BSF) को घुसपैठ, तस्करी और सैन्य हमलों के खिलाफ फर्स्ट
लाइन ऑफ डिफेंस के तौर पर पर भी जाना जाता है।
Post a Comment