अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस 2021 थीम (विषय) महत्व उद्देश्य इतिहास |अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर निबंध |Antarrashtriya vridhjan divas

अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस 2021 थीम (विषय) महत्व उद्देश्य इतिहास |अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर निबंध 

अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस 2021 थीम (विषय) महत्व उद्देश्य इतिहास |अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर निबंध  |Antarrashtriya vridhjan divas



अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस 2021 

 

  • 1 अक्टूबर को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस (International Day of older Persons) मनाया जाता है । 
  • वर्ष 2021 संयुक्त राष्ट्र की 76वीं वर्षगांठ और अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस वृद्धजन दिवस की 31वीं वर्षगांठ का प्रतीक है।
  • उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1950 में इस दिवस को प्रतिवर्ष 1 अक्टूबर को मनाने की घोषणा की थी। 
  • इस दिवस का उद्देश्य विश्व में वृद्धों एवं प्रौढ़ व्यक्तियों के साथ होने वाले अन्यायउपेक्षा और दुर्व्यवहार को समाप्त करने के लिए लोगों में जागरूकता का प्रसार करना है। 
  • अंतरराष्ट्रीय वृद्ध दिवस के अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने डीकेड ऑफ हेल्दी एजिंग (2020-2030) की शुरुआत की। 

 

अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस 2021 थीम (विषय)

  • 2021 Theme: Digital Equity for All Ages
  • 2021 थीम: हर उम्र के लिए डिजिटल इक्विटी

 

अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस 2021 UNIDOP2021 के उद्देश्य:

  • सामाजिक-सांस्कृतिक मानदंडों और स्वायत्तता के अधिकार को ध्यान में रखते हुए, डिजिटलीकरण से जुड़े रूढ़ियों, पूर्वाग्रहों और भेदभाव से निपटने के दौरान वृद्ध व्यक्तियों के डिजिटल समावेशन के महत्व के बारे में जागरूकता लाने के लिए प्रयास करना
  • सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की पूर्ण उपलब्धि के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने के लिए नीतियों को उजागर करना।
  • उपलब्धता, कनेक्टिविटी, डिजाइन, सामर्थ्य, क्षमता निर्माण, बुनियादी ढांचे और नवाचार के क्षेत्रों में सार्वजनिक और निजी हितों को संबोधित करना।
  • डिजिटल दुनिया में वृद्ध व्यक्तियों की गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नीतियों और कानूनी ढांचे की भूमिका का पता लगाना।
  • वृद्ध व्यक्तियों के अधिकारों पर कानूनी रूप से बाध्यकारी साधन और सभी उम्र के लिए एक समाज के लिए एक अंतर-व्यक्ति-केंद्रित मानवाधिकार दृष्टिकोण की आवश्यकता को उजागर करना।

अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस की थीम 


  • वर्ष 2021  में इस दिवस विषय  Theme: Digital Equity for All Ages (हर उम्र के लिए डिजिटल इक्विटी) 

  • वर्ष 2020 में इस दिवस का मुख्य विषय (Theme)- ‘महामारी : हमारे आयु वृद्धि संबंधी दृष्टिकोण को क्या ये बदल सकती है?’ (Pandemics : Do They Change How We Address Age and Ageing?) 
  • इस वर्ष 2020  को नर्स और मिडवाइफ का वर्ष’ (Year of the Nurse and Midwife) के रूप में भी मान्यता दी गई है। 
  • वर्ष 2018 यूएनआईडीओपी का विषय "वृद्ध मानव अधिकार समर्थकों को समर्पित” है।

 

अंर्तराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस का इतिहास

 

  • अंर्तराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस हर साल 1 अक्टूबर को मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 14 अक्टूबर 1990 में वृद्धजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस घोषित किए जाने की बात रखी थी. जिसके बाद 1 अक्टूबर को अंर्तराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के रूप में मनाया जाने लगा

अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर निबंध 

अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस पर भाषण 

 

  • अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवसकई वृद्ध लोगों की विशेष आवश्यकतों और सामना की जाने वाली चुनौतियों पर ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रतिवर्ष 1 अक्टूबर को मनाया जाता है। यदि पर्याप्त सुनिश्चितता होती है, तो अधिकांश वृद्ध पुरुष और महिलाएं समाज के कामकाज के लिए अपना योगदान प्रदान दे सकते हैं। 


  • मानव अधिकार इस संबंध में सभी प्रयासों के मूल में एक पहलू हैं। वृद्ध व्यक्तियों के सामाजिक एकीकरण और उनके मानव अधिकारों की पूर्ण अनुपालना के बीच परस्पर निर्भरता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है, क्योंकि जिस स्तर पर वृद्ध व्यक्ति सामाजिक रूप से एकीकृत होते हैं, वह उनकी गरिमा और जीवन की गुणवत्ता को प्रत्यक्ष प्रभावित करता है।

 

  • 14 दिसंबर 1990 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रतिवर्ष 1 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस मनाने का निर्णय लिया था। किसी को भी पीछे न छोड़ने के सिद्धांत को चरितार्थ करते हुए साठ वर्ष से अधिक उम्र की जनसंख्या, जो कि वर्ष 2030 तक 1.4 बिलियन तक पहुंच जाएगी, उसे महत्व दिया जाना चाहिए।

 

  • अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस (यूएनआईडीओपी)’ दिवस का मुख्य उद्देश्य वृद्धजनों के सभी मानव अधिकारों और आवश्यक स्वतंत्रताओं की संपूर्ण और समान अनुपालना को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को पुनः स्थापित करता है। वृद्ध होने से किसी व्यक्ति की स्वाभाविक गरिमा और मूलभूत अधिकार कम नहीं होते हैं।

 

  • यह दिवस उन लोगों को समर्पित है, जिन्होंने अपना जीवन संपूर्ण जीवन मानव अधिकारों की जागरूकता को समर्पित कर दिया था, उनके लिए इस दिवस को मनाने का और बेहतर तरीका क्या हो सकता है। 

 

अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस का उद्देश्य इस प्रकार है:

 

  • घोषणा में समाहित अधिकारों को बढ़ावा देना तथा वृद्ध व्यक्तियों के दैनिक जीवन में इसका क्या महत्व है;
  • वृद्धों की सहभागिता बढ़ाना, जिन्होंने जीवन के कई क्षेत्रों में उनके मानव अधिकारों की अनुपालना में सहयोग किया हो, उनके लिए प्रतिबद्ध है तथा यह केवल उनके लिए नहीं है जो कि इससे तुरंत प्रभावित होते हैं;
  • वृद्धजनों द्वारा मानव अधिकार और मूलभूत स्वतंत्रता की संपूर्ण और समान अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए प्रगति और चुनौतियों पर विचार करना; तथा
  • विश्व में मानव अधिकारों के लिए जीवन के सभी स्तरों पर अधिक से अधिक लोगों को संगठित करना।
 
  • विश्व जनसंख्या की आयु तेज़ी से बढ़ रही है। वर्ष 2017 से वर्ष 2050 के बीच साठ वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोगों की संख्या 962 मिलियन से बढ़कर दो अरब हो जाएगी। वर्ष 2030 तक, यह संख्या पंद्रह से चौबीस वर्ष की आयु के लोगों से अधिक होगी। एशियाई क्षेत्रों के अंतर्गत वृद्धजनों की संख्या में बढ़ोतरी के साथ विकासशील देशों में वृद्धजनों की संख्या में वृद्धि अधिकतम और तीव्र हो जाएगी। यह जनसांख्यिकीय परिवर्तनकाल समाज के लगभग सभी पक्षों पर प्रभाव डालेगा।
 
  • जनसंख्या जनगणना वर्ष 2011 के अनुसार भारत में लगभग 104 मिलियन वृद्धजन (साठ वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग) हैं। भारत की जनसंख्या में वृद्ध व्यक्तियों का प्रतिशत वर्ष 1961 में 5.6 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2011 में 8.6 प्रतिशत हो गया है।
 
  • यद्यपि सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज सतत विकास लक्ष्यों के स्वास्थ्य उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए आधार है। यह वृद्ध व्यक्तियों की बढ़ती जनसंख्या के स्वास्थ्य और सामाजिक देखभाल आवश्यकताओं पर विचार और प्राप्ति के लिए अनिवार्य है।
 
  • भारत में  सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण मंत्रालय (वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए नोडल मंत्रालय) समाज में वरिष्ठ नागरिकों के योगदान को स्वीकार करने तथा जनता को उनकी समस्याओं और जरूरतों के बारे में बड़े पैमाने पर संवेदनशील बनाने एवं समाज को वृद्धजनों के अधिक अनुकूल बनाने के लिए प्रतिवर्ष आईडीओपी का आयोजन करता है। वृद्ध व्यक्तियों के लिए एकीकृत कार्यक्रम (01.04.2016 को संशोधित)*, केंद्रीय योजना वृद्धजनों के जीवन की गुणवत्ता में सुधाऱ लाने के लिए कार्य कर रही है।

 

राष्ट्रीय बुजुर्ग स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम (एनपीएचसीई)

  • स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार (जीओआई) ने राष्ट्रीय बुजुर्ग स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम (एनपीएचसीई) का शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य पहुँच से परे, जिला अस्पताल में प्रतिदिन के आधार पर जराचिकित्सा क्लिनिक (ओपीडी) और दस बिस्तर वाले जराचिकित्सार वार्ड; सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में द्वि-साप्ताहिक जराचिकित्साल क्लिनिक; प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में साप्ताहिक जराचिकित्साप क्लिनिक; वृद्धजनों की स्वाभस्य्हि  देखभाल करने के लिए उप-केंद्रों में तैनात एएनएम/पुरुष स्वास्थ्य कर्मचारियों को प्रशिक्षित करना; बुजुर्गों के लिए कुछ विशेष उपकरण एवं सहायता प्रदान करना; क्षेत्रीय जराचिकित्सा केंद्र में तीस बिस्त्रों वाले जराचिकित्सा् विभाग की स्थाषपना सहित राज्य स्वास्थ्य देखभाल वितरण प्रणाली के विभिन्न स्तरों के माध्यम से वृद्धों को निःशुल्क व्यापक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करना है।

 

  • भारत सरकार वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा योजना, कर छूट, तथा रेल और हवाई किराए में रियायतों (छूट) जैसे लाभ भी प्रदान करती है।

 


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