संयुक्त पूँजी कम्पनी के गुण | संयुक्त स्टॉक कंपनी विशेषताएँ |Properties of Joint Capital Company

संयुक्त पूँजी कम्पनी के गुण, संयुक्त स्टॉक कंपनी के लाभ 
Properties of Joint Capital Company
संयुक्त पूँजी कम्पनी के गुण | संयुक्त स्टॉक कंपनी विशेषताएँ |Properties of Joint Capital Company


 

संयुक्त पूँजी कम्पनी के गुण/ विशेषताएँ


व्यावसायिक संगठन के रूप में एक कम्पनी बड़े स्तर पर व्यवसाय करने के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इसके निम्नलिखित गुण हैं:

 

(क) विस्तृत संसाधन 

  • एक संयुक्त पूँजी कम्पनी अपने सदस्यों की बड़ी संख्या होने से बड़े पैमाने पर वित्तीय संसाधनों का प्रबन्ध कर सकती है और बिना किसी कठिनाई के ऋण-पत्रोंसार्वजनिक जमाओंवित्तीय संस्थानों से ऋण लेकर अपने कोषों को एकत्र कर सकती है।

 

(ख) सीमित उत्तरदायित्व

  • संयुक्त पूँजी कम्पनी में इसके सदस्यों का दायित्व उनके द्वारा रखे गए अंशों के मूल्य तक ही सीमित होता है। यही कारण है कि बड़ी संख्या में छोटे निवेशक कम्पनी में निवेश करने के लिए आकर्षित होते हैं। इससे कम्पनी को बड़ी मात्रा में पूँजी एकत्र करने में मदद मिलती है । अंशधारकों का सीमित दायित्व होने के कारणकम्पनी बड़ी जोखिमें उठाने में भी सक्षम होती है । यह निवेश करने के निर्णय को सरल बनाने में सहायक है। ।

 

(ग) निरन्तर अस्तित्व 

  • कम्पनी कानून द्वारा निर्मित एक कृत्रिम व्यक्ति है और जिसका स्वतन्त्र वैधानिक अस्तित्व होता है। इसका जीवन अपने सदस्यों की मृत्युदिवालियापन आदि से भी प्रभावित नहीं होता। इसीलिए इसका अस्तित्व निरंतर बना रहता

 

(घ) बड़े पैमाने पर व्यवसाय के लाभ : 

  • संयुक्त पूँजी कम्पनी व्यावसायिक संगठन का एकमात्र ऐसा रूप है जो बड़े पैमाने पर व्यवसाय के लिए पूँजी एकत्रित कर सकती है। बड़े पैमाने पर उत्पादन के परिणामस्वरूप कार्य कुशलता में वृद्धि और व्यावसायिक लागत में कमी आती है। यह विस्तार के रास्ते भी खोलती है ।

 

(ङ) तरलता : 

  • अंशों का हस्तांतरण निवेशकों को अधिक निवेश के लिए प्रोत्साहित करता है। क्योंकि सार्वजनिक कम्पनी के अंशों का पूँजी बाजार में सरलता से हस्तांतरण हो सकता है । जब लोगों के पास निवेश करने के लिए धन होता है तो वे अंश खरीदकर व धन की आवश्यकता होने पर अंशों का विक्रय कर उन्हें रोकड़ में परिवर्तित कर सकते हैं ।

 

(च) पेशेवर प्रबन्धन : 

  • जटिल गतिविधियों एवं व्यापार की बड़ी एवं विस्तृत प्रकृति के कारण कम्पनी में संगठन के प्रत्येक स्तर के लिए पेशेवर प्रबन्धकों की आवश्यकता रहती है । व्यवसाय के बड़े आकार व वित्तीय सुदृढ़ता के कारण कम्पनी इन प्रबन्धकों का भार वहन कर सकती है । इस प्रकार के प्रबन्धन से कम्पनी की कार्यकुशलता में वृद्धि होती है ।

 

(छ) अनुसंधान और विकास 

  • सामान्यतया कम्पनी उत्पादन प्रक्रियाओं में सुधारनये कर्मचारियों को उत्पादों का डिजाइन और प्रवर्तन एवं उत्पादों की गुणवता में सुधारप्रशिक्षण के नये तरीके इत्यादि में अनुसंधान एवं विकास के लिए बड़ी मात्रा में धन खर्च करती है ।
 

(ज) कर-लाभ : 

  • हालांकि कम्पनियों को ऊँची दर पर कर चुकाना पड़ता है तथापि उन्हें आयकर अधिनियम के अन्तर्गत कई करों में छूट प्राप्त होने से उनका यह बोझ कुछ कम हो जाता है।










No comments:

Post a Comment

Powered by Blogger.