संगठन के उद्देश्य को समझाइये | संगठन के उद्देश्य का वर्णन |Purpose of the Organization in Hindi

संगठन के उद्देश्य को समझाइये
संगठन के उद्देश्य का वर्णन
संगठन के उद्देश्य को समझाइये | संगठन के उद्देश्य का वर्णन |Purpose of the Organization in Hindi



संगठन के उद्देश्य

 

संगठन एक ऐसी क्रिया हैजिसके द्वारा व्यवसाय से सम्बन्धित समस्त क्रियाओं में समन्वय स्थापित करने का प्रयास किया जाता है। प्रशासनिक संगठन के सामान्यतः निम्नलिखित उद्देश्य होते हैं। इन्हें क्रमबद्ध कर समझने का प्रयास करें

 

प्रशासनिक संगठन के सामान्यतः निम्नलिखित उद्देश्य होते हैं-


1. संगठन प्रशासन का एक महत्वपूर्ण कार्य हैजिसका उद्देश्य संस्था के लक्ष्यों की प्राप्ति में सहयोग करना हैंइसीलिए यह कहा भी जाता है कि संगठन प्रशासन के उद्देश्यों एवं लक्ष्यों को प्राप्त करने का एक उपकरण है । 

 

2. संगठन का प्रमुख उद्देश्य कर्मचारी एवं प्रशासन के मध्य मधुर सम्बन्ध स्थापित करना है। एक अच्छे संगठन में सदैव यह प्रयास किया जाता है कि कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान शीघ्रातिशीघ्र किया जाये। जिससे कि कर्मचारी एवं प्रशासनिक अधिकारियों के मध्य मधुर सम्बन्ध स्थापित हो ।

 

3. संगठन का एक प्रमुख उद्देश्य योग्य एवं अनुभवी कर्मचारियों का चयन एवं प्रशिक्षण भी है। इसके साथ साथ उन्हें संस्था में बनाये रखना भी एक प्रमुख उद्देश्य हैं।

 

4. संगठन का एक प्रमुख उद्देश्य बदलती हुई तकनीकी वातावरण को ध्यान में रखते हुये अपनी संगठन सरंचना में इस प्रकार सुधार करना हैजिससे उसकी प्रभावशीलता एवं कुशलता में अधिकतम वृद्धि की में जा सके।

 

5. न्यूनतम प्रयास पर अधिकतम कार्य निष्पादन प्राप्त करना ही संगठन का प्राथामिक उद्देश्य है। इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिये प्रभावशाली संगठन प्रणाली की सरंचना की जाती है।

 

6. एक अच्छे संगठन का प्रमुख उद्देश्य कर्मचारियों में मनोबल का विकास करना होता हैक्योंकि कर्मचारियों के मनोबल का सीधा सम्बन्ध कार्य निस्पादन से होता है। कर्मचारियों के मनोबल ऊँचा होने से कार्य निस्पादन की मात्रा एवं गुणवत्ता में वृद्धि होती है।

 

7. आधुनिक युग में प्रत्येक संगठन का उद्देश्य अपने सामाजिक उत्तर दायित्वों का निर्वाह करना होता है। यह कार्य संगठन द्वारा अपने कर्मचारियों में सेवा भावना की जागृति द्वारा ही सम्भव बनाया जा सकता है।

 

8. संगठन सदैव यह प्रयास करता है कि अधिकारियों व अधीनस्थों के मध्य अधिकार और दायित्व सम्बन्धों की अनुकूल स्थापना की जायेजिससे सम्प्रेषण व्यवस्था को प्रभावी बनाया जा सके तथा आदेश-निर्देशों में एकता स्थापित कर कर्मचारी प्रशासक तथा जनता के मध्य सहयोग और सद्-भाव की स्थापना की जा सके।


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