मध्यप्रदेश में यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर स्थल | UNESCO World Heritage Site in Madhya Pradesh

 मध्यप्रदेश में यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर स्थल 

मध्यप्रदेश में यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर स्थल  MP UNESCO Site


MP UNESCO Site 

भीमबेटका

  • भीमबेटका की गुफाएँ रायसेन जिले में स्थित हैं, जो आदिमानव द्वारा बनाये गये शैलचित्रों और शैलाश्रयों के लिये प्रसिद्ध हैं। 
  • इनकी खोज स्व. डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर ने वर्ष 1957-58 में की थी। 
  • इन्हें वर्ष 2003 में यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है ।

 

साँची स्तूप

  • साँची स्तूप रायसेन जिले में स्थित बौद्ध धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल है, जिसका निर्माण ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी में सम्राट अशोक ने करवाया था। 
  • साँची स्तूप की खोज 1818 ई. में जनरल टेलर ने की थी।
  • यूनेस्को द्वारा वर्ष 1989 में साँची स्तूप को विश्व धरोहर घोषित किया गया है। 

 

खजुराहो के मंदिर

  • छतरपुर जिले में स्थित खजुराहो के मंदिरों का निर्माण 10वीं और 11वीं शताब्दी के मध्य चंदेल शासकों द्वारा करवाया गया था
  • वर्ष 1986 में खजुराहो मंदिरों को विश्व धरोहर घोषित किया गया है।


ग्वालियर और ओरछा यूनेस्को की वर्ल्ड हैरिटेज सूची में शामिल

  • प्रदेश के ऐतिहासिक शहर ग्वालियर और ओरछा यूनेस्को ने अर्बन लैंडस्केप सिटी प्रोग्राम के तहत वर्ल्ड हेरिटेज सिटी की सूची में शामिल कर लिया है।
  • साल 2021 में यूनेस्को की टीम मध्यप्रदेश आएगी और यहां की हेरिटेज संपदा को देखकर मास्टर प्लान तैयार करेगी।
  • यह परियोजना भारत और दक्षिण एशिया के लिए एक मिसाल कायम करेगा। इस परियोजना के तहत यूनेस्को ऐतिहासिक शहरों के लिए एचयूएल की सिफारिश पर आधारित शहरी विकास के लिए सबसे बेहतर तरीके और साधनों का पता लगाएगा। 


ओरछा के बारे में 

  •  बुंदेलखंड में स्थित खूबसूरत ओरछा का इतिहास बेहद खास है।
  • ओरछा अपने मंदिरों और महलों के लिए पूरी दुनिया में मशहूर है।
  • ओरछा पूर्ववर्ती बुंदेला राजवंश की 16 वीं शताब्दी की राजधानी है। जिसे राजपूत और मुगल स्थापत्य प्रभावों के एक अनोखे संगम द्वारा परिभाषित किया गया है।
  • ओरछा राज महलजहांगीर महलरामराजा  मंदिरराय प्रवीन महललक्ष्मीनारायण मंदिर एवं कई अन्य प्रसिद्ध मंदिरों और महलों के लिए विख्यात है। 

ऐतिहासिक शहर ग्वालियर 

  • वीं शताब्दी में स्थापित ग्वालियर विशिष्ट रूप से अपनी निर्मित सांस्कृतिक विरासत और स्थानीय समुदायों के इंटरफेस पर स्थित है।
  • यह शहर गुर्जर प्रतिहार राजवंशतोमरबघेल कछवाहों तथा सिंधिया की राजधानी रहा है।
  • इनके द्वारा छोड़े गए प्राचीन चिन्ह स्मारकोंकिलोंमहलों के रूप में मिल जाएंगे। सहेज कर रखे गए अतीत के भव्य स्मृति चिन्ह इस शहर को पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाते हैं।
  • ओरछा और ग्वालियर दोनों की नगरीय आकार और बनावट व्यावहारिक नगर नियोजन का प्रतिनिधित्व करती है।

 


Also Read...

मध्यप्रदेश की गुफाओं की सूची

मध्य प्रदेश के धार्मिक एवं तीर्थ स्थल

मध्य प्रदेश के दर्शनीय स्थल

मध्य प्रदेश के प्राकृतिक पर्यटन स्थल


No comments:

Post a Comment

Powered by Blogger.